झूठा सच @ रायपुर :- भारतीय किसानों के बीच में परंपरागत खेती का चलन ज्यादा है. लेकिन पिछले कुछ सालों में किसान पहले से ज्यादा जागरूक हो रहे हैं. यही वजह है कि उन्होंने मुनाफे वाली फसलों की खेती की तरफ अपना रूख किया है. रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर नगरी प्रखंड का देवरी गांव एलोवेरा विलेज के नाम से मशहूर हो रहा है. यहां किसान बड़े पैमाने पर एलोवेरा की खेती में हाथ आजमा रहे हैं. किसानों से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस गांव का जिक्र अपने 'मन की बात' कार्यक्रम में कर चुके हैं.
40 परिवार अपना चुके हैं एलोवेरा की खेती
गांव की मुखिया मंजू कश्यप बताती हैं कि साल 2018 में कई ग्रामीणों ने एलोवेरा खेती की ट्रेनिंग लेकर इसकी खेती शुरू की. हर्बल बाजार मे एलोवेरा की मांग बढ़ने से कई और किसान इसकी खेती से जुड़ गए. फिलहाल, गांव के लगभग 40 परिवार इसे व्यवसाय के रूप मे अपना चुके हैं एलोवेरा की खास बात ये है कि उसके एक पौधे से कई बार पत्तियां निकाली जा सकती है. इन पत्तियों की अच्छी-खासी कीमत मिल जाती है. यही कारण है दूसरे गांवों के किसान भी अब एलोवेरा की खेती की ओर रूख कर रहे हैं.
मुखिया मंजू कश्यप के पति बताते हैं कि कोरोना के दौरान बाजार में सैनिटाइजर और कॉस्मेटिक्स की मांग बढ़ गई थी. इस दौरान हमने बड़े पैमाने पर एलोवेरा की खेती शुरू की. हर्बल कंपनियों ने हमसे संपर्क कर एलोवेरा की पत्तियों को अच्छे दाम पर खरीद लिया. वे आगे बताते हैं कि किसानों ने अब प्रायोगिक तौर पर एलोवेरा के साथ-साथ तुलसी, बिच्छू बूटी, गिलोय और चिरैता जैसे अन्य औषधीय पौधों की खेती में हाथ आजमाना शुरू कर दिया है |