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देश के पावर प्लांट्स में हुई कोयले की कमी के लिए जिम्मेदार कौन ?

झूठा सच @ रायपुर/नई दिल्ली:- देश में कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स में से 72 प्लांट्स में कोयले का भंडार खत्म होने वाला है. इन प्लांट्स से देश की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 386.88 गीगावाट का 52.4 फीसदी उत्पादन होता है, यानी कुल बिजली उत्पादन का आधे से ज्यादा. यही नहीं, मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक बाकी 50 प्लांट्स में सिर्फ 4 से 10 दिन का कोयला मौजूद है. वहीं 13 प्रोजेक्ट के पास 10 दिन के लिए बिजली उत्पादन भर मौजूद है. देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक सरकारी कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड ने कहा है कि वह इस संकट को टालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. ऐसे में सवाल ये है कि आखिर दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश में कोयले की सप्लाई में समस्या कैसे आ गई?
देश के बिजली संयंत्रों में कोयला संकट के लिए कई कारण हैं. जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोयले की कीमतों का बढ़ने सहित स्थानीय कोयले की मांग में इजाफा होना है। जिसके परिणाम स्वरूप बिजली की मांग बढ़ने से भी कोयले की मांग बढ़ी है, पिछले कुछ महीनों में कोयले की मांग बढ़ने से तथा अप्रैल-मई में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के चलते आए व्यवधान के बाद बढ़ी मांग के चलते ऐसा हुआ है।

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