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पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर संकट, सरकार ने बनाया बड़ा प्लान

  • जानिए...किस साल किस देश में होंगी गाड़ियां बंद
इलेक्ट्रिक वाहन पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं. पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण लोग अब सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं. आने वाले समय में भारत सरकार की योजना इथेनॉल और फ्लेक्स फ्यूल से कारें चलाने की है, जिससे लोगों के लिए कारों की रनिंग कॉस्ट कम होगी और प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी.
जानकारी के मुताबिक भारत समेत दुनियाभर की सरकारों ने अपने-अपने देशों में पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री बंद करने की योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसे देखते हुए उत्तरी यूरोप के नॉर्वे में 2025 तक पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री बंद हो जाएगी.
बेल्जियम में 2029 और जर्मनी में 2030 में बिक्री बंद हो जाएगी.
आपको बता दें कि भारत ने साल 2040 तक पेट्रोल और डीजल कारों की बिक्री बंद करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा पड़ोसी देश चीन ने 2035 में ही पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री बंद करने की योजना बनाई है. इसके अलावा बेल्जियम में 2029 और जर्मनी, ग्रीस, स्वीडन में 2030 में इन वाहनों की बिक्री बंद हो जाएगी.
किस देश में डीजल और पेट्रोल वाहनों की बिक्री कब बंद होगी?-
साल 2025-
नॉर्वे
साल 2030-
आइसलैंड
इजराइल
नीदरलैंड
डेनमार्क
साल 2035-
कनाडा
चिली
चीन
इटली
जापान
दक्षिण कोरिया
पुर्तगाल
थाईलैंड
यूके
यूएसए
साल 2040-
भारत
पाकिस्तान
ऑस्ट्रिया
क्रोएशिया
मिस्र
अल साल्वाडोर
आयरलैंड
मेक्सिको
न्यूजीलैंड
पाकिस्तान
पोलैंड
स्पेन
तुर्की
डीजल वाहनों से ज्यादा प्रदूषण-
सुप्रीम कोर्ट में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक डीजल वाहन पेट्रोल से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड पैदा करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि डीजल वाहन पेट्रोल से ज्यादा NOx और PM कण बढ़ाते हैं. रिसर्च में कहा गया है कि एक डीजल वाहन 24 पेट्रोल वाहनों और 40 CNG वाहनों के बराबर प्रदूषण फैलाता है.

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