हिंदुस्तान

'पुलिस कैंटीन में अतिरिक्त श्रमबल करें तैनात'

  • अमित शाह के एलान के बाद सरकार का CAPF को आदेश
इंफाल। मणिपुर में एक साल से अधिक समय से हिंसा और तनाव का माहौल बना हुआ है। केंद्र और राज्य सरकार सब संभव कोशिश कर रही है कि वह कैसे भी राज्य में शांति स्थापित कर सके। इसी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को एलान किया था कि राज्य में 16 नए केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार खोलने जा रहा है। वहीं, अब इस घोषणा के बाद सरकार ने भी मंगलवार को सीएपीएफ को निर्देश दिया कि वे राज्य में पुलिस कैंटीनों में अतिरिक्त श्रमबल उपलब्ध कराए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने यह भी निर्देश दिया है कि इन दुकानों में स्टॉक को लगातार भरने की व्यवस्था की जानी चाहिए क्योंकि ये मंगलवार से काम करना शुरू कर देंगी। इस बीच, इंफाल हवाई अड्डे पर मंगलवार को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा संचालित कैंटीन का उद्घाटन किया गया
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की पुलिस कैंटीन केंद्रीय पुलिस कल्याण बोर्ड के बैनर तले काम करती हैं और किराने का सामान, उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं और दैनिक जरूरत की वस्तुएं बेचती हैं, जैसे सुपरमार्केट या किराने की दुकान पर बेची जाती हैं।
इन लोगों को मिलेगा लाभ-
बता दें, गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी, एनएसजी, असम राइफल्स और कुछ अन्य संबद्ध संगठनों के कर्मी इन कैंटीनों से 50 प्रतिशत जीएसटी रियायत पर सामान खरीदने के पात्र हैं, जो इन बलों के आंतरिक बजट से प्रदान किया जाता है।
गृह मंत्रालय ने पिछले साल से राज्य में चल रहे जातीय संघर्ष के कारण दैनिक उपयोग की वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित होने के मद्देनजर इन कैंटीनों को जनता के लिए खोलने का आदेश दिया है। सीएपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'स्थानीय जनता को इन कैंटीनों से उचित मूल्य पर सामान मिलेगा।'
तीन सीएपीएफ - सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ - मणिपुर पुलिस के अलावा, हिंसा प्रभावित राज्य के विभिन्न हिस्सों में मास्टर और सहायक कैंटीनों का एक नेटवर्क है।
गौरतलब है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को बताया था कि उनका मंत्रालय मणिपुर में 16 नए केंद्रीय पुलिस कल्याण भंडार खोलने जा रहा है। इन भंडारों का मकसद आम लोगों जरूरी वस्तुएं सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना है। इनमें से आठ भंडार घाटी के इलाकों और आठ पहाड़ी इलाकों में खोले जाएंगे।
आज से खोले जाएंगे भंडार-
शाह ने कहा था कि ये भंडार मंगलवार से आम जनता के लिए खोले जाएंगे। वहां पहले से ही 21 भंडारों में यह संख्या भी जुड़ जाएगी। गृह मंत्री ने एक्स पर कहा था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता के मुताबिक गृह मंत्रालय यह पहल शुरू कर रहा है, ताकि मणिपुर के लोगों को उचित दामों पर सामान उपलब्ध कराया जा सके। अब 17 सितंबर 2024 से 21 मौजूदा भंडारों के अलावा 16 नए भंडार खोले जाएंगे। इनमें से आठ घाटी में और आठ पहाड़ी क्षेत्रों में होंगे।
पिछले साल तीन मई को भड़की थी हिंसा-
मणिपुर के घाटी जिलों में खासतौर पर मैतेई समुदाय के लोग निवास करते हैं। जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में आदिवासी कुकी समुदाय निवास करता है। राज्य में तीन मई 2023 से जातीय हिंसा जारी है। यह हिंसा तब शुरू हुई जब पहाड़ी जिलों में एक आदिवासी एकता मार्च के दौरान मैतेई समुदाय ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग की। इस हिंसा में अब तक 220 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। जिनके कुकी और मैतेई समुदाय के सदस्य व सुरक्षा कर्मी शामिल हैं।

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