हिंदुस्तान

तीन बड़े संगठनों ने हुर्रियत का साथ छोड़ा

  • अमित शाह बोले- यह भारत के संविधान में लोगों का विश्वास
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठन हुर्रियत को मंगलवार को झटका लगा है। तीन बड़े संगठनों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ लिया है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी। उन्होंने कहा कि यह कदम भारत के संविधान में लोगों के विश्वास को दर्शाता है।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हो गया है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''जम्मू कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट जैसे तीन और संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है। यह घाटी के लोगों में भारत के संविधान के प्रति विश्वास का एक प्रमुख प्रदर्शन है।''
उन्होंने आगे पीएम मोदी की तारीफ करते हुए लिखा, ''मोदी जी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हो गया है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है और इसके लिए अटूट समर्थन की घोषणा की है।'' इससे पहले हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो संगठनों, जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की थी।
इस वक्त गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। उन्होंने शहीद डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट के पिता से मुलाकात की। अमित शाह ने इस मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ''जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट ने 2023 में जम्मू-कश्मीर के कोकरनाग में आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान देकर वीरता और देशभक्ति की अमर मिसाल कायम की। आज श्रीनगर में शहीद के परिवार से मुलाकात की और अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की।''

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