धर्म समाज

गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी ना देखें चांद,जानें क्या हैं वजह

पौराण‍िक कथा के अनुसार, एक बार गणेशजी कई सारे लड्डुओं को लेकर चंद्रलोक से आ रहे थे, रास्ते में उनको चंद्रदेव मिले. गणेशजी के हाथों में ढेर सारे लड्डू और उनके बड़े उदर को देखकर चंद्र देव हंसने लगे. इससे गणपत‍िजी को क्रोध आ गया और उन्होंने चंद्रमा को श्राप देते हुए कहा कि तुम्हें अपने रूप पर बहुत घमंड है न जो मेरा उपहास उड़ाने चले हो, मैं तुमको क्षय होने का श्राप देता हूं. 


गणेश चतुर्थी की एक और कथा म‍िलती है इसके अनुसार एक बार गणेशजी अपने वाहन मूषक पर सवार थे. मूषकराज को अचानक एक सांप दिखाई दिया जिसे देखकर वे डर के मारे उछल पड़े जिसकी वजह से उनकी पीठ पर सवार गणेश जी भी भूमि पर जा गिरे. गणेशजी तुरंत उठे और उन्होंने इधर-उधर देखा कि कोई उन्हें देख तो नहीं रहा. तभी उन्हें किसी के हंसने की आवाज सुनाई दी. यह चंद्रदेव थे. गणेश जी अपने गिरने पर चंद्रदेव को हंसता देख रूष्ट हो गए और चंद्रमा को श्राप दिया क‍ि तुम्हारा क्षय होगा | 

 
 

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