21 फरवरी को रखा जाएगा प्रदोष व्रत
19-Feb-2024 2:55:29 pm
553
- इन मंत्रों का करें जाप, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता
हिंदू धर्म में हर महीने के कृष्ण और शुक्ल त्रयोदशी को प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार माघ महीने में प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा। इस खास अवसर पर शाम के समय भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान महादेव की विधि-विधान से पूजा करने से साधक सभी प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान कुछ खास मंत्रों का जाप करने से किस्मत चमक जाती है। हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
प्रदोष व्रत 2024 शुभ मुहूर्त-
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, फरवरी महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 21 फरवरी 2024, बुधवार को मनाया जाएगा। माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 21 फरवरी को सुबह 11:27 बजे शुरू होगी। यह 22 फरवरी 2024 को दोपहर 1 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी।
महामृत्युंजय मंत्र-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव स्तुति मंत्र-
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
शिव नामावली मंत्र-
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नमः।।
।। ॐ पार्वतीपतये नमः।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नमः।।
शिव प्रार्थना मंत्र-
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं ।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
शिव गायत्री मंत्र-
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र-
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'