धर्म समाज

भौतिक समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक धनतेरस

धनतेरस एक ऐसा और इकलौता महापर्व है, जिसमें भौतिक समृद्धि के साथ स्वास्थ्य को भी महत्व दिया गया। लक्ष्मी और कुबेर के साथ इस दिन म का पूजन हमें जीने का सलीका सिखाता हैं। सनद रहे कि धन और वैभव का भोग बिना बेहतर सेहत के संभव नहीं है, लिहाजा ऐश्वर्य के भोग के लिए कालांतर में धन्वंतरि की जो अवधारणा प्रकट हुई, वह नितांत वैज्ञानिक प्रतीत होती है।
इस दिन चांदी खरीदने की परंपरा है। चांदी यानी चंद्रमा, जो धन व मन दोनों का स्वामी है। चंद्रमा शीतलता का प्रतीक भी है और संतुष्टि का भी। दरअसल, संतुष्टि का अनुभव ही सबसे बड़ा धन है। जो संतुष्ट है, वही धनी भी है और सुखी भी। धन का भोग करने के लिए लक्ष्मी की कृपा के साथ ही उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु की भी दरकार है। यही अवधारणा धन्वंतरि के वजूद की बुनियाद है।

 

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