धर्म समाज

शारदीय नवरात्रि के पांचवें दिन करें स्कंदमाता की पूजा

  • जानिए...स्कंदमाता की पूजा विधि, मंत्र और आरती
  • नवरात्रि में करें इन नियमों का पालन...
हिंदुओं का प्रमुख पर्व नवरात्रि चल रहा है जिसका आरंभ इस बार 3 अक्टूबर से हो चुका है और समापन 11 अक्टूबर को हो जाएगा। इसके अलगे दिन दशहरा पर्व मनाया जाएगा। आज यानी 7 अक्टूबर दिन सोमवार को शारदीय नवरात्रि का पांचवा दिन है जो कि मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप देवी स्कंदमाता को समर्पित है इस दिन भक्त माता रानी के इस रूप की विधिवत पूजा करते हैं माना जाता है कि स्कंदमाता की पूजा-अर्चना जीवन का कल्याण करती है और दुख परेशानियों को दूर कर देती है। 
स्कंदमाता की पूजा विधि-
नवरात्रि के पांचवे दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद देवी की प्रतिमा को स्थापित करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद पूरे परिवार के साथ माता के जयकारे लगाएं। माता को पीली चीजें प्रिय हैं। इसलिए पीले पुष्प, फल, पीले वस्त्र आदि देवी को अर्पित करें
साथ ही अगर आप अग्यारी करते हैं तो रोज की तरह लौंग, बताशा आदि चीजें अर्पित करें इसके बाद माता को रोली, अक्षत, चंदन अर्पित करें फिर केले का भोग लगाएं इसके बाद घी का दीपक या कपूर से माता की आरती करें और जयकारे लगाएं। फिर दुर्गा सप्तशती और चालीसा का पाठ भक्ति भाव से करें। साथ ही देवी के मंत्रों का भी जाप करें शाम के समय माता की आरती करें
स्कंद माता का मंत्र-
सिंहासनगता नित्यं,पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी,स्कंदमाता यशस्विनी।।
अर्थात् सिंह पर सवार रहने वाली मां और अपने दो हाथों में कमल का फूल धारण करने वाली यशस्विनी स्कंदमाता हमारे लिए शुभदायी हो।
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां स्कंदमाता की आरती-
जय तेरी हो स्कंद माता। पांचवा नाम तुम्हारा आता।।
सब के मन की जानन हारी। जग जननी सब की महतारी।।
तेरी ज्योत जलाता रहूं मैं। हरदम तुम्हें ध्याता रहूं मैं।।
कई नामों से तुझे पुकारा। मुझे एक है तेरा सहारा।।
कही पहाड़ो पर हैं डेरा। कई शहरों में तेरा बसेरा।।
हर मंदिर में तेरे नजारे। गुण गाये तेरे भगत प्यारे।।
भगति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो।।
इंद्र आदी देवता मिल सारे। करे पुकार तुम्हारे द्वारे।।
दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आएं। तुम ही खंडा हाथ उठाएं।।
दासो को सदा बचाने आई। ‘चमन’ की आस पुजाने आई।।
पूजा के अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर पढ़े
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि॥1॥
नवरात्रि में करें इन नियमों का पालन-
ज्योतिष अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों के अनुष्ठानों में कड़े नियमों का पालन करना होता है इनकी अनदेखी समस्याओं को पैदा कर सकती है ऐसे में अगर आप नवरात्रि के नौ दिनों के अनुष्ठान का संकल्प करते हैं तो इस दौरान भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन न करें इन्हें घर में लाने की भूल भी नहीं करनी चाहिए।
नवरात्रि में मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज का सेवन करने से बचना चाहिए। शाम के समय माता की आरती जरूर करें। नवरात्रि के नौ दिनों की अवधि में ब्रह्मचर्य का पालन जरूर करें साथ ही मन में किसी तरह का बुरा विचार उत्पन्न न होने दें। इसके अलावा क्रोध करने से बचनें। वाद विवाद या फिर झगड़ा भी न करें वरना देवी नाराज़ हो सकती हैं।

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