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कार्तिक मास के जरूरी नियम, भूलकर भी न करें ये काम

  • जानिए...कार्तिक महीने में क्या करें क्या न करें
कार्तिक मास का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। दरअसल, इस महीने भगवान विष्णु लंबे समय की निंद के बाद जागते हैं। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि आती है। साथ ही इस महीने में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। बता दें कि कार्तिक मास का आरंभ 17 अक्टूबर शाम में 4 बजकर 56 मिनट पर कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा तिथि लग जाने से आरंभ हो गया है। जबकि उदया तिथि के अनुसार, 18 अक्टूबर से कार्तिक मास का आरंभ माना जाएगा। कार्तिक मास का समापन कार्तिक पूर्णिमा के साथ 15 नवंबर को होगा। कार्तिक मास के नियम का पालन साथ ही कार्तिक मास में जप तप और पूजा पाठ करने से व्यक्ति को धन धान्य की प्राप्ति भी होती है। इसके अलावा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा भी मिलता है लेकिन, इस महीने में कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए। आइए जानते हैं कार्तिक मास में क्या करें क्या न करें।
कार्तिक मास के जरूरी नियम-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह में भगवान विष्णु जल में वास करते हैं ऐसे में यह पूरा महीना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उत्तम है इस महीने रोजाना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा तुलसी पूजा भी इस महीने जरूर करें। सुबह जल अर्पित कर शाम को देसी घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इस महीने गरीबों और जरूरतमंदों को गर्म वस्त्र, अन्न और धन का दान करना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा रोजाना विधिपूर्वक गीता का पाठ जरूर करें और मंदिर, नदी व तीर्थ स्थान पर दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है। कार्तिक माह में भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस पूरे महीने भूलकर भी गलत शब्दों का प्रयोग न करें। तन और मन से शुद्ध रहे। इसके अलावा किसी भी पशु पक्षी को हानि न पहुंचाएं।
कार्तिक मास में क्या करें क्या न करें, कार्तिक मास के नियम-
1) कार्तिक मास में गरीबों को चावल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से चंद्र दोष दूर होता है साथ ही चंद्रमा ग्रह शुभ फल देता है।
2) कार्तिक मास में दीप दान करने का भी विशेष महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक मास में किसी पवित्र नदी, पोखर, तालाब आदि के पास जाकर घी का दीपदान करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को पुण्य मिलता है।
3) कार्तिक मास में तुलसी पूजन का भी विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, इस महीने में रोजाना सुबह शाम तुलसी में घी का दीपक जलाना चाहिए। साथ ही इस महीने में तुलसी का सेवन करना भी शुभ माना जाता है।
4) कार्तिक मास में शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए। कार्तिक मास में आप सिर्फ नरक चतुर्दशी कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर ही आप तेल अपने शरीर पर लगा सकते हैं। बाकी दिन भूलकर भी शरीर पर तेल न लगाएं।
5) कार्तिक मास में भूमि पर सोना चाहिए। दरअसल, भूमि पर सोने से व्यक्ति के मन में सात्विकता आती है।
6) कार्तिक मास में भूलकर भी उड़द,, मूंग की दाल, मसूर की दाल, चना दाल, मटर आदि नहीं खाना चाहिए। साथ ही इस महीने भूलकर भी मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
7) कार्तिक मास को शास्त्रों में बहुत ही पवित्र माना गया है। कार्तिक मास में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। यदि पति पत्नी ऐसा नहीं करते हैं तो दोष लगता है। साथ ही व्यक्ति को अशुभ फल प्राप्त होता है।
8) कार्तिक मास में रोजाना गुड़ का सेवन करना चाहिए। साथ ही इस महीने गुड़ का दान करना भी बहुत उत्तम माना जाता है। इसके अलावा कार्तिक में बैंगन और करेला खाना मना बताया गया है।
 
 

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