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कार्तिक मास पर इन कार्यों को करने से दूर होती है तकलीफें

सनातन धर्म में वैसे तो हर महीने को महत्वपूर्ण बताया गया है लेकिन कार्तिक मास सबसे अधिक खास होता है। इस माह में कई बड़े पर्व त्योहार मनाए जाते हैं। पंचांग के अनुसार कार्तिक मास हिंदू वर्ष का आठवां महीना होता है इस महीने में भगवान विष्णु लंबे समय के विश्राम के बाद जागते हैं यही वजह है कि कार्तिक मास को धार्मिक नजरिएं से महत्वपूर्ण माना जाता है।
मान्यता है कि इस माह में भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की उपासना आराधना करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं साथ ही सुख समृद्धि बढ़ती है। कार्तिक मास में ही दिवाली, धनतेरस, भाई दूज आदि पर्व मनाए जाते हैं। इस साल कार्तिक मास का आरंभ 18 अक्टूबर यानी आज से आरंभ हो चुका है और इसका समापन 15 नवंबर को हो जाएगा। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इस माह से जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
कार्तिक मास के जरूरी नियम-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक माह में भगवान विष्णु जल में वास करते हैं ऐसे में यह पूरा महीना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उत्तम है इस महीने रोजाना भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा तुलसी पूजा भी इस महीने जरूर करें। सुबह जल अर्पित कर शाम को देसी घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है और देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
इस महीने गरीबों और जरूरतमंदों को गर्म वस्त्र, अन्न और धन का दान करना अच्छा माना जाता है। इसके अलावा रोजाना विधिपूर्वक गीता का पाठ जरूर करें और मंदिर, नदी व तीर्थ स्थान पर दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है। कार्तिक माह में भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस पूरे महीने भूलकर भी गलत शब्दों का प्रयोग न करें। तन और मन से शुद्ध रहे। इसके अलावा किसी भी पशु पक्षी को हानि न पहुंचाएं।

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