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पहला अर्घ्य आज, जानें अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मूहुर्त

 

लोक आस्था के कई रंगों से सजा छठ पर्व की छठा हर ओर बिखरी हुई है. नहाय-खाय और खरना के बाद अब तीसरे दिन शाम के अर्घ्य की तैयारी है. अस्ताचल गामी सूर्य जब पश्चिम दिशा में अपने लोक की ओर जा रहे होंगे तो व्रती महिलाएं और पुरुष उन्हें अर्घ्य देंगे.

आज दिया जाएगा सूर्य को अर्घ्य
आज बुधवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. गुरुवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद महापर्व छठ संपन्न होगा. ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का समय शाम में 4:30 से 5:30 बजे के बीच और उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने का समय सुबह 6:41 बजे से है. शाम में अर्घ्य गंगा जल से दिया जाता है. जबकि उदयगामी सूर्य को अर्घ्य कच्चे दूध से देना चाहिए.

डूबते सूर्य को दिया जाता है अर्ध्य
श्रद्धालु घाट पर जाने से पहले बांस की टोकरी में पूजा की सामग्री, मौसमी फल, ठेकुआ, कसर, गन्ना आदि सामान सजाते हैं और इसके बाद घर से नंगे पैर घाट पर पहुंचते हैं. इसके बाद स्नान कर डूबते सूर्य को अर्ध्य देते हैं. छठ  पहला ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूर्य की पूजा की जाती है और उन्‍हें अर्घ्य दिया जाता है. बिहार झारखंड और यूपी के कुछ हिस्‍सों में मनाए जाने वाले इस पावन पर्व को बहुत ही शालीनता, सादगी और आस्‍था से मनाये जाने की परंपरा है.

ये है मान्यता
ऐसी मान्यता है कि शाम के समय सूर्य देवता अपनी अर्धांगिनी देवी प्रत्युषा के साथ समय बिताते हैं. यही कारण है कि छठ पूजा में शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है.

सूर्यास्त का समय
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 30 मिनट पर है और छठ पूजा के चौथे दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 41 मिनट पर है | 

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