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मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से किस प्रकार की मोक्ष की प्राप्ति होती

मोक्षदा एकादशी : सनातन धर्म में मोक्षदा एकादशी का व्रत हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। इसलिए मोक्षदा एकादशी के अवसर पर गीता जयंती भी मनाई जाती है। द्रिक पंचांग के अनुसार इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर को मनाई जाएगी. मोक्षदा एकादशी का व्रत जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और खुशहाली लाने वाला माना जाता है। साधक को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। बताओ क्या मोक्षदा एकादशी व्रत करने से मोक्ष प्राप्त होता है?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मोक्षदा एकादशी के दिन, कई योद्धाओं ने कुरुक्षेत्र के युद्ध में वीरगति प्राप्त की और मोक्ष प्राप्त किया। इस व्रत को करने से व्यक्ति को मोक्ष नहीं मिलता बल्कि पुण्य फल की प्राप्ति होती है। ऐसा माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से आत्मा और मन शुद्ध रहता है। व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-शांति का उदय होता है। कहा जाता है कि इस दिन गीता का पाठ करने और उसकी शिक्षाओं का पालन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष का अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति या सुख और दुख से मुक्त जीवन। भगवान श्रीकृष्ण से हजारों लोगों को ज्ञान प्राप्त हुआ है। ज्ञान प्राप्त करने का अर्थ है मोक्ष का मार्ग देखना और उस पर चलना। ऐसे बहुत से लोग थे जो भगवान कृष्ण से कुछ भी हासिल नहीं कर सके क्योंकि उनके और भगवान कृष्ण के बीच अहंकार या आत्म-ज्ञान की दीवार थी।

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