9 फरवरी को प्रदोष व्रत, जानिए...शुभ मुहूर्त एवं महत्व
04-Feb-2025 12:59:17 pm
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फरवरी में माघ माह का पखवाड़ा चल रहा है। इस माह शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 फरवरी की रात 7.25 बजे शुरू हो रही है, जो अगले दिन यानी 10 फरवरी की शाम 6:57 बजे खत्म हो जाएगी। चूंकि प्रदोष काल की पूजा रात में होती है, इसलिए 9 फरवरी को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा। बता दें कि जब-जब प्रदोष रविवार के दिन पड़ता है तो उसका नाम रवि प्रदोष हो जाता है। इस बार भी प्रदोष व्रत रविवार को पड़ रहा है, ऐसे में रवि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है।
कौन से बन रहे योग और क्या है शुभ मुहूर्त?
जानकारी के लिए बता दें कि 9 फरवरी की रात 7.25 से 8.49 बजे तक प्रदोष पूजा मुहूर्त है, ऐसे में जातक को इसी समय पर पूजा करने से लाभ मिलेगा।
इस तिथि पर इस बार दो शुभ योग बन रहे हैं। पहला प्रीति योग और दूसरा त्रिपुष्कर योग, जो बेहद शुभ माना गया है। इस दौरान विष्कुम्भ योग का भी निर्माण हो रहा जो दोपहर 12:06 मिनट तक है। ऐसे में इस बार का प्रदोष व्रत बेहद फलदायी साबित हो सकता है।
पूजा विधि-
प्रदोष व्रत कर रहे जातक को पहले एक चौकी लेकर उस पर शिव-पार्वती की तस्वीर और मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। फिर मूर्ति या शिवलिंग पर शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए और शिव जी को बेलपत्र और भांग चढ़ाएं। वहीं, मां पार्वती को फूल अर्पित करें। अब मूर्ति के पास दिया जलाएं और महादेव के मंत्रों का जप करें। अंत में पूजा के बाद प्रसाद आदि वितरित करें।
प्रदोष व्रत का महत्व-
धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन निराहार रहकर भगवान शिव की भक्ति-भाव से पूजा करनी चाहिए और इस दिन क्रोध, लोभ और मोह से बचना चाहिए. प्रदोष व्रत आध्यात्मिक उत्थान और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए भी मनाया जाता है कहेत हैं भक्ति भाव से इस व्रत का पालन करने से जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर रहते हैं. इसके अलावा घर में सुख-शांति बनी रहती है.