माघ गुप्त नवरात्रि की अष्टमी आज
05-Feb-2025 3:41:42 pm
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- जानिए...शुभ समय और पूजा विधि
गुप्त नवरात्रि का आठवा दिन मां बंगलामुखी को समर्पित है. मां बगलामुखी को पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है. मां के मुख से सदैव पीली रंग की आभा निकलती रहती है. इनकी पूजा में पीले रंग का विशेष महत्व होता है. मां बगलामुखी को स्तम्भन शक्ति की देवी माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, सौराष्ट्र में आये महातूफ़ान को शान्त करने के लिए भगवान विष्णु ने मां बगलामुखी की तपस्या की थी. जिसके बाद मां बगलामुखी प्रकट हुई थीं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां बग्लामुखी की पूजा करने से व्यक्ति को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है|
माघ गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त-
माघ गुप्त नवरात्रि का पूजन निशा काल में किया जाता है. ऐसे में माघ माह की अष्टमी तिथि के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त आज रात्रि 12 जबकर 9 मिनट से लेकर रात्रि 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा. ऐसे में गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि का पूजन करना शुभ फलदायी होगा|
मां बगलामुखी की पूजा विधि-
गुप्त नवरात्रि में मां बगलामुखी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें. जिस स्थान पर पूजा करनी है वहां गंगाजल छिड़क कर उसे शुद्ध करें. इसके बाद एक चौकी रखकर मां बगलामुखी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. हाथ में पीले चावल, हल्दी, पीले फूल और दक्षिणा लेकर माता बगलामुखी व्रत का संकल्प करें. साथ ही देवी को खड़ी हल्दी की माला पहनाएं. पीले फल और पीले फूल चढ़ाएं. पीले रंग की चुनरी अर्पित करें. इसके बाद धूप, दीप और अगरबत्ती लगाएं. फिर पीली मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं. वहीं अगले दिन पूजा करने के बाद ही भोजन करें|
मां बगलामुखी के मंत्र जाप-
ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय, जिह्ववां कीलय, बुद्धि विनाशय, ह्रीं ॐ स्वाहा
इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करने से माना जाता है कि मां बगलामुखी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को सभी दुख और बाधाओं से मुक्त करती हैं|
श्री हृीं ऐं भगवती बगले मे श्रियं देहि-देहि स्वाहा।।
जीवन में धन की कमी दूर करने के लिए मां बगलामुखी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए|