रवि पुष्य नक्षत्र में मनेगा प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव
17-Mar-2025 3:40:54 pm
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- नोट कर लीजिए सुख, शांति व समृद्धि के उपाय
रामनवमी पर छह अप्रैल को रवि पुष्य नक्षत्र के महासंयोग में दशरथ नंदन श्री राम का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। खास बात यह है कि इस दिन पुष्य नक्षत्र सुबह से लेकर रात तक विद्यमान रहेगा।
रवि पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना गया है। इसकी साक्षी में चैत्र नवरात्र की पूर्णाहुति व श्रीराम की आराधना शुभफलदायी मानी गई है। विशेष यह भी है कि इस दिन पंचग्रही युति योग भी रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि किसी भी महापर्व के दिन योग, संयोग व विशिष्ट नक्षत्र की मौजूदगी इसकी शुभता को और बढ़ा देती है। इस बार छह अप्रैल को रामनवमी के दिन सुबह से रात्रि पर्यंत पुष्य नक्षत्र की साक्षी रहेगी।
रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र धर्म आराधना व पूजन के लिए विशेष माना गया है। इसकी मौजूदगी में नवरात्र की पूर्णाहुति तथा प्रभु श्रीराम का जन्मोत्सव मनाना विशेष शुभ है।
पीड़ा व व्याधि निवारण के लिए यह करें-
वाल्मीकि रामायण एवं रामचरितमानस में चौपाइयों के माध्यम से संकट, पीड़ा, अपमृत्यु आदि के दोष का निराकरण बताया गया है। रामायण में बहुत से छंद दोहे व चौपाइयां इस प्रकार से हैं जो मानसिक तनाव, चिंता और व्याधियों से मुक्ति का मार्ग बताते हैं। राम जन्म के समय इनका पाठ विशेष लाभ प्रदान करता है।
परिवार में सुख शांति के लिए यह करें-
राम नवमी पर परिवार में सुख, शांति व समृद्धि के लिए राम स्तुति अथवा रामाष्टक का यथा श्रद्धा पाठ करना चाहिए।
नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए राम मंगला शासनम् का पाठ भी किया जा सकता है।
परिवार में बच्चों की सुरक्षा और संतान की प्राप्ति के लिए बालकांड का नित्य पाठ करना चाहिए।
संयुक्त परिवार की एकता के लिए अयोध्या कांड का पाठ करना श्रेष्ठ बताया गया है।
रामनवमी से मनोवांछित फल की प्राप्ति के अनुसार पाठ करना शुरू करें तथा वर्षभर नियम पालन करने से संपूर्ण लाभ की प्राप्ति होती है।