Friday 25, Apr 2025

धर्म समाज

अक्षय तृतीया पर करें इन चीजों का दान, दूर होंगे सभी पारिवारिक कलह

यह वह दिन है जब पुण्य की गंगा बहती है और जो भी इसमें डुबकी लगाता है, उसे मिलता है अक्षय फल यानी की कभी न समाप्त होने वाला पुण्य। विशेष रूप से, यह दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपके पूर्वजों की आत्मा तृप्त हो और उनका आशीर्वाद आपके जीवन को प्रकाशित करे, तो आज की इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं कि अक्षय तृतीया के दिन किस चीज का दान करने से शुभ फल मिलता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह तिथि 30 अप्रैल को है। इसे बहुत ही शुभ दिन माना जाता है। इसे अबूझ मुहूर्त भी कहा जाता है, यानी इस दिन कोई भी अच्छा काम बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। शास्त्रों में बताया गया है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए अच्छे कामों का फल कभी खत्म नहीं होता। इसलिए यह दिन बहुत खास माना जाता है। आइए जानें कि अक्षय तृतीया की शुरुआत कब हुई और क्यों यह दिन इतना पुण्यदायी माना जाता है।
जल का कलश-
अक्षय तृतीया के दिन आप जल का कलश दान कर सकते हैं। तांबे, पीतल या मिट्टी के कलश में ठंडा जल भरें। उसमें तुलसी, गुड़ या चंदन की कुछ बूंदें डालें और किसी जरूरतमंद को सौंप दें। यह केवल पानी नहीं है। कहते हैं कि यह तपती आत्माओं के लिए राहत, श्रद्धा और शांति का संदेश भी देती है।
चप्पल और छाता का दान करना-
अक्षय तृतीया पर आप चप्पल और छाता भी दान कर सकते हैं। जब कोई तपती जमीन पर नंगे पांव चलता है या धूप में जाता है, उसके पैर जलते हैं, तो उसके लिए एक जोड़ी चप्पल या एक छाता बहुत मायने रखता है। इसलिए चप्पल और छाता वह चीज है, जो लोगों के लिए काफी जरूरी है और इसे दान करने से ही शुभ फल मिलता है।
सात अनाजों का कर सकते हैं दान-
आप अक्षय तृतीया के दिन सात अनाजों का भी दान कर सकते हैं। आप सत्तू, चना, गेहूं, चावल, जौ, मक्का और मूंग आदि का दान कर सकते हैं। किसी भी जरूरतमंद को अनाज का दान करना सबसे बड़े दानों में से एक माना जाता है। सात अनाजों का दान करने से पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि भी बढ़ती है।
सफेद वस्तुओं का करें दान-
आप अक्षय तृतीया के दिन सफेद वस्तुओं का भी दान कर सकते हैं। आप दही, चीनी, चावल या सफेद कपड़े दान कर सकते हैं। ये सभी शांति, पवित्रता और सौम्यता के प्रतीक हैं। जब इन्हें श्रद्धा से दान किया जाता है, तो पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
फल, गुड़ और शक्कर का दान-
मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर शक्कर, गुड़ और ताजे फल दान करना आपकी भावनाओं को और पितरों के आशीर्वाद को और गहरा बना देता है। ऐसे में कोशिश करें कि किसी ऐसी चीज का दान करें तो स्वाद में मीठी हो।

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