धर्म समाज

प्रदोष व्रत के दिन इन चीजों से करें शिवलिंग का अभिषेक

  • हर काम में मिलेगी सफलता
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। इस व्रत के दिन संध्या के समय भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का विधान है। भक्तगण इस दिन व्रत रखते हैं। इस व्रत को करने से जीवन में सुख, शांति और सफलता का आगमन होता है। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग का अभिषेक विशेष विधियों से करने पर महादेव प्रसन्न होते हैं और साधक को आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि किस तरह से शिवलिंह का अभिषेक करना चाहिए।
प्रदोष व्रत तिथि-
वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 25 अप्रैल को सुबह 11: 44 बजे होगी और इसका समापन 26 अप्रैल के दिन सुबह 8:27 बजे होता। उदया तिथि के अनुसार 25 अप्रैल 2025 को वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन शुक्रवार होने के कारण इसे शुक्र प्रदोष कहा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त प्रदोष काल होता है, जो शाम 06:53 बजे से राल 09:03 बजे तक रहेगा।
विशेष मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:19 से 5:02 तक
गोधूलि बेला: शाम 6:52 से 7:13 तक
निशीथ काल: रात 11:57 से 12:41 तक
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:53 से दोपहर 12:45 तक
शिवलिंग पर अर्पण करने के लिए सामग्री-
प्रदोष व्रत की पावन तिथि पर शिवलिंग पर जल और घी अर्पित करना विशेष फलदायक माना गया है। इस दौरान मन में शांतिपूर्वक भगवान शिव का ध्यान करें और अपने जीवन की बाधाओं से मुक्ति हेतु प्रार्थना करें।
इस दिन शिवलिंग पर दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाना भी अत्यंत शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इन वस्तुओं से अभिषेक करने से व्यापार में उन्नति होती है, रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
इन वस्तुओं से न करें शिवलिंग पर अभिषेक-
शिव पूजा के दौरान कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं, जिन्हें अर्पित करना वर्जित माना गया है। विशेष रूप से तुलसी के पत्ते, हल्दी और सिंदूर शिवलिंग पर चढ़ाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन में बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।

Leave Your Comment

Click to reload image