खाटू श्याम के बदलते रंगों की कथा, आस्था और रहस्य का अद्भुत संगम
24-May-2025 3:44:37 pm
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खाटू श्याम जी का मंदिर भारत के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है। इस मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त बाबा श्याम के दरबार में आते हैं और उनके दर्शन करते हैं। कलयुग के अवतार बाबा श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है। कहा जाता है कि अगर कोई हारे हुए व्यक्ति बाबा श्याम के दरबार में आकर अपना सिर झुका ले तो उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यही वजह है कि बाबा श्याम के दरबार में भक्तों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
आज लोकल 18 की खास सीरीज में हम आपको खाटूश्याम जी के एक ऐसे रोचक तथ्य के बारे में बताएंगे जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आपने खाटूश्याम जी मंदिर जाकर बाबा श्याम के दर्शन किए होंगे या फिर सोशल मीडिया पर बाबा श्याम की तस्वीर तैरती हुई देखी होगी। इस दौरान आपने पाया होगा कि बाबा श्याम के सिर का रूप कभी काला तो कभी पीला होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि खाटूश्याम जी की मूर्ति का रंग कैसे बदलता है। आज की खास स्टोरी में हम आपको इसी रोचक और रहस्यमयी तथ्य के बारे में बताने जा रहे हैं।
दो रूपों में होते हैं बाबा श्याम के दर्शन-
बाबा श्याम एक माह में दो रूपों में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं। कृष्ण पक्ष में वे श्याम वर्ण (पीला रंग) और शुक्ल पक्ष में पूर्ण शालिग्राम (काला रंग) के रूप में दर्शन देते हैं। श्री श्याम मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि कृष्ण और शुक्ल पक्ष के अनुसार बाबा का अलग-अलग श्रृंगार किया जाता है। कृष्ण पक्ष में बाबा को माथे से गालों तक तिलक के रूप में चंदन लगाया जाता है। इसे श्याम वर्ण रूप कहते हैं।
अमावस्या के दिन होता है बाबा का अभिषेक-
बाबा श्याम एक माह में 23 दिन इसी रूप में रहते हैं। अमावस्या के दिन बाबा का अलग-अलग प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। इससे मूर्ति अपने मूल रूप में प्रकट होती है। इसे शालिग्राम रूप कहते हैं। बाबा श्याम शुक्ल पक्ष के सात दिनों तक इसी रूप में रहते हैं। यानी खाटू बाबा की यह मूर्ति 23 दिन श्याम वर्ण और सात दिन शालिग्राम रूप में दर्शन देती है। श्रृंगार के साथ यह रूप बदलता है।