गंगा दशहरा पर्व 5 जून को, इस शुभ मुहूर्त में करें स्नान और दान
28-May-2025 3:30:14 pm
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- मिलेगा पितरों का आशीर्वाद
गंगा दशहरा हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे गंगा नदी के पवित्रता और महत्व के कारण मनाया जाता है। यह पर्व ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, और इस साल गंगा दशहरा 2025 का पर्व 5 जून को मनाया जाएगा। गंगा नदी को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से गंगा नदी में स्नान करने की परंपरा है। शास्त्रों के अनुसार, गंगा में स्नान करने से सभी प्रकार के पाप, दोष, रोग और विपत्तियों से मुक्ति मिलती है। खासकर, गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के दस मुख्य पापों से मुक्ति मिलती है, जो उसे पुण्य प्राप्ति में बाधक होते हैं।
गंगा दशहरा की तिथि और शुभ मुहूर्त:
गंगा दशहरा दशमी तिथि आरंभ : 4 जून, रात्रि 11:54 मिनट पर
गंगा दशहरा दशमी तिथि समाप्त: 6 जून, रात 2 बजकर 15 मिनट पर होगा।
दया तिथि के अनुसार इस बार गंगा दशहरा का पर्व 5 जून, 2025 को मनाया जाएगा
गंगा दशहरा के स्नान का शुभ मुहूर्त:
सिद्धि योग: प्रातः 9:14 मिनट तक
रवि योग और हस्त नक्षत्र का संयोग भी रहेगा, जो इस दिन की महिमा और शुभता को बढ़ाता है।
तैतिल करण: दोपहर 01: 02 मिनट तक
गर करण: देर रात 02:15 मिनट तक रहेगा।
इस दौरान स्नान और दान करने से विशेष लाभ होता है।
गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व:
गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने की परंपरा के पीछे एक धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यता जुड़ी हुई है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा भगीरथ ने गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर माँ गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुईं। गंगा के धरती पर आने के बाद, राजा भगीरथ ने गंगा में स्नान करके अपने पितरों को मोक्ष दिलवाया। तभी से गंगा को पवित्र और पुण्यदायिनी नदी माना जाने लगा।
शास्त्रों के अनुसार, गंगा में स्नान करने से सभी प्रकार के पाप, दोष, रोग और विपत्तियों से मुक्ति मिलती है। खासकर, गंगा दशहरा पर गंगा नदी में स्नान करने से व्यक्ति के दस मुख्य पापों से मुक्ति मिलती है, जो उसे पुण्य प्राप्ति में बाधक होते हैं। इन दस पापों में अहंकार, क्रोध, चोरी, व्यभिचार, झूठ, द्वेष, ब्रह्म हत्या, गो हत्या, मदिरापान और श्वान हत्या शामिल हैं। इस दिन गंगा स्नान करने से इन पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है।
गंगा दशहरा पर क्या करें:
गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के अलावा पूजा, जप, तप और दान का विशेष महत्व है। गंगा स्नान के बाद मां गंगा की पूजा करनी चाहिए। साथ ही भगवान शिव की पूजा भी विशेष रूप से करनी चाहिए क्योंकि गंगा नदी उनके आशीर्वाद से धरती पर आई थीं। इसके बाद दान-पुण्य करना भी बहुत शुभ होता है। गंगा दशहरा के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
गंगा दशहरा पर दान के प्रकार:
इस दिन नए वस्त्रों का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
जरूरतमंदों को अनाज का दान करने से घर में बरकत आती है।
जल से संबंधित वस्तुएं जैसे घड़ा, लोटा आदि का दान करना पुण्य का कारण बनता है।
फल और मिठाई का दान करने से जीवन में खुशियां आती हैं।
रिश्तों में मिठास बढ़ाने और धन की प्राप्ति के लिए गुड़ और चांदी का दान करें।
पितरों के निमित्त दान:
गंगा दशहरा पर पितरों के लिए दान का विशेष महत्व है। इस दिन पितरों के नाम से दान करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। पितरों के निमित्त वस्त्र, अन्न या किसी अन्य वस्तु का दान किया जा सकता है।