बकरीद या ईद-उल-जुहा के त्योहार का इंतजार सारी दुनिया के मुसलमान बड़ी बेसब्री से करते हैं।इस्लाम में ईद-उल-फितर या बड़ी ईद के बाद दूसरा सबसे बड़ा त्योहार बकरीद को माना जाता है।बकरीद को इस्लाम में कुर्बानी के त्योहार के तौर पर जाना जाता है। इस दिन मुसलमान अपने पाले हुए प्यारे जानवर की कुरर्बानी देते हैं। बकरीद का त्योहार इस्लामी कैलेण्डर के आख़िरी महीने जुल-हिज्जा में मनाया जाता है। इस साल बकरीद की तारीख का ऐलान दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कर दिया है। उनके मुताबिक इस साल भारत में ईद 21 जुलाई को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं बकरीद के त्योहर की सही तारीख और रस्मों-रिवाज़...
इस्लामी परंपरा के मुताबिक बकरीद इस्लामी कलेण्डर के आखिरी महीने जुल-हिज्जा में पड़ती है। बकरी बड़ी ईद के तकरीबन 70 दिनों बाद मनाई जाती है। लेकिन इसकी सही तारीख का एलान चांद के आधार पर होता है। दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कल रविवार को एलान कर दिया है कि इस साल भारत में बकरीद 21 जुलाई दिन बुधवार को मनाई जाएगी। जबकि चांद के मुताबिक अरब देशों में एक दिन पहले यानी 20 जुलाई को बकरीद मनाई जाएगी।
बकरीद को इस्लाम में कुर्बानी के त्योहार के तौर पर मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन हज़रत इब्राहिम अल्लाह के कहने पर अपने बेटे की भी कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। उस दिन से दुनिया भर के मुसलमान बकरीद के दिन अपने पाले हुए जानवर की कुर्बानी देते हैं। कुर्बानी के गोश्त को रिश्तेदारों और जरूरतमंदों में बांटा जाता हैं। इस दिन लोग बकरे के अलावा ऊंट या भेड़ की भी कुर्बानी देते हैं। लेकिन बीमार, अपाहिज या कमजोर जानवर की कुर्बानी नहीं करते हैं।बकरीद के दिन मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज़ होती है जिसमें सारी दुनिया की सलामती की दुआ की जाती है।