गजानन संकष्टी और सावन सोमवार का शुभ संयोग
14-Jul-2025 3:28:33 pm
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- शिव और गणेश की पूजा से मिलेगा शुभ फल
सावन का महीना भोलेनाथ की आराधना के लिए सबसे शुभ माना जाता है. सावन माह की चतुर्थी तिथि पर आज सालन सोमवार और गजानन संकष्टी का अद्भुत संयोग बन रहा है. हर माह की चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी तिथि पड़ती है. लेकिन साल 2025 में सावन माह में यह तिथि सावन के प्पथम सोमवार के दिन पड़ी है. इस संयोग से आज के दिन का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है. इस खास दिन पर आप पिता और पुत्र यानि भगवान शिव के साथ गणेश जी की भी आराधाना कर सकते हैं|
श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को गजानन संकष्टी के रूप में मनाया जाता है. गजानन संकष्टी के पावन अवसर पर भगवान गणेश के गजानन स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है|
भगवान गजानन, धर्मग्रन्थों में वर्णित भगवान गणेश के अष्टविनायक स्वरूपों में से एक हैं. गज का अर्थ होता है हाथी. इस दिन गणेश जी की आराधना करने से समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है|
सावन सोमवार और गजानन संकष्टमी 2025:
आज सावन का पहला सोमवार बहुत खास है इस दिन आप देवों के देव महादेव की आराधना के साथ उनके पुत्र भगवान गणेश की भी आराधना कर सकते हैं. इस दिन दोनों की आराधना से अत्यंत फलदायी पुण्य की प्राप्ति होगी और पिता-पुत्र का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा|
गजनान संकष्टी 2025 पूजा विधि:
इस दिन सुबह स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें.
पूजाघर में दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें.
इसके बाद भगवान गणेश की पूजा करें.
उन्हें तिलक लगाकर मोदक का भोग चढ़ाएं, दूर्वा घास अर्पित करें.
गजानन संकष्टी व्रत की कथा पढ़ें.
इसके बाद शिवलिंग पर जल अर्पित कर बेलपत्र, फूल, भांग, धतूरा आदि चढ़ाएं और दीप जलाएं.
भगवान शिव और गणेश जी दोनों का आशीर्वाद लें|