धर्म समाज

षटतिला एकादशी पर विष्णु की पूजा कर पाए धन ,धान्य और सौभाग्य का वरदान

षटतिला एकादशी व्रत विधि 
सुबह स्‍नान कर स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें.
इसके बाद गंध, फूल, धूप दीप, पान सहित विष्णु भगवान की षोड्षोपचार (सोलह सामग्रियों) से पूजा करें.
उड़द और तिल वाली  खिचड़ी बनाकर भगवान विष्‍णु को भोग लगाएं. रात में हवन करें. 
108 बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय स्वाहा के मंत्र का जाप करते हुए  तिल से हवन करें. 
सुब्रह्मण्य नमस्तेस्तु महापुरुषपूर्वज।
गृहाणाध्र्यं मया दत्तं लक्ष्म्या सह जगत्पते।।
का जाप करते हुए अर्घ्‍य दें. 
 
भगवान विष्‍णु की आरती करें और उसके बाद तिल युक्त भोजन करें. 

आज षटतिला एकादशी है और आज के दिन भगवान विष्‍णु की विधिवत पूजा करने तथा व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं. इसके महत्‍व को आप इस बात से समझ सकते हैं | भगवान विष्णु ने स्‍वयं इस व्रत की कथा और उसका महत्‍व, नारद जी को सुनाई थी. ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन जो व्‍यक्‍त‍ि तिल या तिल से बनी चीजों का दान करता है, तिल से बनी चीजों का सेवन करता है और तिल के पानी से स्‍नान करता है, उसके जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती. उसके शत्रुओं की पराजय होती है और उसे जीवन में सफलता प्राप्‍त होती है |
 

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