धर्म समाज

माघ पूर्णि‍मा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

माघ पूर्णिमा मुख्य दिनों में से एक है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माघ मास के दौरान पवित्र स्नान और तपस्या दोनों ही विशेष महत्व रखते हैं. बता दें कि माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा  के नाम से भी जाना जाता है. यह माघ महीने का सबसे अंतिम और महत्वपूर्ण दिन है. आज के दिन लोग गंगा, यमुना, सरस्वती नदी के संगम स्थल प्रयाग में स्नान पूजा करके गाय, तिल, काले तिल अन्य जरूरी चीजें दान में देते हैं. आज के दिन सत्यनारायण की कथा सुनना बेहद लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष होता है वे आज के दिन चंद्र देव की पूजा करके अपने इस दोष को दूर कर सकते हैं. वहीं जिन लोगों के घर में आर्थिक तंगी है वे लक्ष्मी की कृपा से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य तीनों को प्राप्त कर सकते हैं

 

पूजा करने की विधि
1  व्यक्ति को माघ पूर्णिमा के दिन सूर्योदय होने से पहले नित्यक्रम आदि से निवृत्त होकर स्नान आदि करना होगा.
2 उसके बाद सूर्यदेव को जल में लाल चंदन को मिलाकर जल को अर्पण करके व्रत का संकल्प करना होगा.
3 व्यक्ति अच्छे विचारों के साथ आज के दिन विष्णु भगवान की पूजा, पितरों का श्राद्ध और दान आदि करता है तो उसे अपने जीवन में सुख और समृद्धि दोनों प्राप्त होती है.
4 व्यक्ति को मुख्यतौर पर तिल और काले तिल विशेष जरूर दान के रूप में देने चाहिए.
 
दान और स्नान का महत्व
 
मान्यताओं के अनुसार, इस माह में प्रयागराज के तट पर कई कल्पवासी मौजूद है. आज कल्पवास का आखिरी दिन भी है. ऐसे में व्यक्ति गंगा में स्नान कर, भक्ति भजन कर, भगवान विष्णु की आराधना कर, अपनी सभी मनोकामना को पूरा और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करता है |

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