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हनुमान पूजा कैसे करें, जानिए जरूरी नियम

सनातन परंपरा में हनुमान जी की पूजा कष्टों को दूर करके सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाली मानी गई है. चिरंजीवी माने जाने वाले हनुमान जी के बारे में मान्यता है कि वे प्रत्येक युग में पृथ्वी पर मौजूद रहते हैं और सच्चे मन से सुमिरन करते ही मदद के लिए दौड़े चले आते हैं. मान्यता यह भी है कि सच्चे मन से हनुमान जी के नाम का जप कीर्तन करने पर बजरंगी के भक्त को किसी भी प्रकार की भय या बाधा नहीं सताती है. आइए हनुमान जी की पूजा से जुड़े उन सभी नियमों को विस्तार से जानते हैं, जिनका पालन किए बगैर हनुमत साधना अधूरी रह जाती है.


कब और कैसे करें हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी की पूजा वैसे तो कभी भी की जा सकती है लेकिन विशेष फल को पाने के लिए प्रत्येक दिन सुबह या शाम को या फिर किसी एक निश्चिम समय पर करें. इसी प्रकार हनुमान जी की पूजा की पूजा लाल रंग के आसन पर बैठकर लाल रंग के पुष्प, फल, मिठाई आदि अर्पित करके करना चाहिए. हनुमान जी की पूजा में जलाए जाने वाले दिए को जलाने के लिए भी लाल रंग के सूत की बाती और शुद्ध देशी घी का प्रयोग करना चाहिए. भगवान श्री राम की पूजा के बगैर हनुमान जी की पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में हनुमान जी के साथ उनके प्रभु श्री राम की पूजा जरूर करें.

हनुमान जी की पूजा में चढ़ाएं इन चीजों का प्रसाद
किसी भी देवी-देवता की पूजा प्रसाद के बगैर अधूरी मानी जाती है. ऐसे में हनुमान जी की पूजा करते समय हमेशा उनकी प्रिय चीजों का प्रसाद जैसे बूंदी, बूंदी से बने लड्डू, चूरमा आदि का भोग लगाएं. हनुमान जी की पूजा में पंचामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

इस अवस्था में भूलकर न करें हनुमान जी की पूजा
हनुमान जी की पूजा में पवित्रता का बहुत ख्याल रखना होता है. कई बार इसकी अनदेखी करने के कारण लोग पुण्य की बजाय पाप के भागीदार बन जाते हैं. ऐसे में हनुमान जी की पूजा हमेशा तन-मन से पवित्र होकर स्वच्छ कपड़े पहनकर ही करनी चाहिए. हनुमान जी के मंदिर और उसमें प्रयोग लाई जाने सभी चीजों को साफ करके रखना चाहिए. इसी प्रकार यदि घर में सूतक चल रहा हो तो हनुमान जी की पूजा नहीं करना चाहिए. हनुमान जी की साधना करने वाले व्यक्ति को ब्रह्मचर्य विशेष रूप से पालन करना चाहिए और पूरे साधना के दौरान भूलकर भी मन में कामुक विचार नहीं लाना चाहिए.

महिलाओं के लिए हनुमान जी की पूजा का नियम
हनुमान जी की पूजा में महिलाओं को कुछेक नियमों का विशेष रूप से पालन करना चाहिए. चूंकि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं इसलिए उन्हें भूलकर भी हनुमान जी की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए और पूजन कार्य पुजारी या फिर किसी अन्य पुरुष के माध्यम से करवाना चाहिए. रजस्वला होने पर महिलाओं को इस नियम का विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए |

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