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ओणम का पर्व दस दिनों तक मनाया जाता है, जानिए इसका महत्व

केरल के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला ओणम राज्य के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है. यह हर साल अगस्त और सितंबर के बीच मनाया जाता है. इसे थिरु-ओणम या थिरुवोनम के रूप में भी जाना जाता है. इस साल यह पर्व 21 अगस्त को पड़ रहा है. ये त्योहार 12 अगस्त से शुरू हो चुका है और 23 अगस्‍त तक चलेगा. 

क्यों मनाया जाता हैं ओणम:-  विष्णु भगवान के दूसरे अवतार की कथा इस त्योहार में बताई गयी है. एसा माना जाता है कि साल में एक बार पाताल लोक से राजा बलि अपनी प्रजा से मिलने धरती लोक पर आते हैं. इस दिन वामन अवतार और राजा बलि की पूजा के साथ उनका स्वागत किया जाता है, जिसकी खुशी में यह त्योहार बहुत ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है. वहीं इस पर्व का खेती से भी गहरा संबंध रहा है. इस दिन किसान नई फसल उगने की खुशी में भी मनाते हैं.

आपको बता दें, ओणम त्योहार में भगवान की 10 दिन दस अलग अलग रुपों की पूजा की जाती है और त्योहार को मनाया जाता है, लेकिन सबसे ज्यादा खास होता है दसवें दिन का महोत्सव भगवान विष्णु को समर्पित इस पूजा को इन 10 प्रकार से मनाया जाता है- 1. एथम 2. चिथिरा 3. चोधी 4. विसाकम 5. अनिजाम 6. थ्रिकेता 7. मूलम 8. पूरादम 9. उथिरादम 10. थिरुवोणम. ओणम के प्रत्येक दिन का अपना नाम, महत्व और गतिविधियां होती हैं, जो लोग इस त्योहार का आनंद लेने के लिए करते हैं. ओणम के बाद के कुछ उत्सव भी होते हैं जो दस दिनों के बाद भी जारी रहते हैं.

 

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