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घाना के विकास में अहम भूमिका निभा रहे भारतीय : PM नरेंद्र मोदी

  • प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति महामा को दिया भारत आने का निमंत्रण
अकरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना दौरे पर राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के साथ संयुक्त बयान जारी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना दौरे को गर्व का अवसर बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि घाना में जिस आत्मीयता, गर्मजोशी और सम्मान से हमारा स्वागत हुआ है, उसके लिए मैं हार्दिक आभारी हूं।
पीएम मोदी ने साझा बयान में कहा, "तीन दशकों के लंबे अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की घाना यात्रा हो रही है। मेरे लिए यह अत्यंत गर्व की बात है कि मुझे यह अवसर मिला है। घाना में जिस आत्मीयता, गर्मजोशी और सम्मान से हमारा स्वागत हुआ है, उसके लिए मैं हार्दिक आभारी हूं। राष्ट्रपति खुद एयरपोर्ट आए, यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात है। दिसंबर 2024 के आम चुनावों में राष्ट्रपति महामा दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए। उनकी शानदार जीत के लिए मैं, एक बार फिर उनको बधाई देता हूं। यह घाना के लोगों का उनके नेतृत्व और विजन के प्रति गहरे विश्वास का प्रतीक है।"
प्रधानमंत्री ने भारत-घाना संबंधों पर भी बात की। उन्होंने कहा, "भारत-घाना मित्रता के केंद्र में हमारे साझे मूल्य, संघर्ष और समावेशी भविष्य को लेकर साझे सपने हैं। हमारे देशों के स्वतंत्रता संग्राम ने बहुत से अन्य देशों को प्रेरित किया। आज भी, पश्चिम अफ्रीका में घाना एक जीवंत लोकतंत्र के रूप में अन्य देशों के लिए ‘आशा की किरण’ है। आज राष्ट्रपति और मैंने हमारी द्विपक्षीय साझेदारी को व्यापक भागीदारी का रूप देने का निर्णय लिया है। घाना के राष्ट्र-निर्माण की इस यात्रा में भारत केवल एक सहयोगी नहीं, बल्कि एक सह-यात्री है।"
पीएम मोदी ने कहा, "यह भव्य जुबिली हाउस, विदेश सेवा संस्थान, कोमैंडा शुगर फैक्ट्री, इंडिया-घाना कोफी अन्नान आईसीटी सेंटर, और ‘तेमा पकदन रेलवे लाइन’- ये सिर्फ ईंट-पत्थर नहीं, ये हमारी साझेदारी के प्रतीक हैं। हमारा द्विपक्षीय व्यापार 3 बिलियन डॉलर पार कर चुका है। भारतीय कंपनियों ने लगभग 900 प्रोजेक्ट्स में लगभग दो बिलियन डॉलर का निवेश किया है। आज हमने आपसी व्यापार को अगले पांच वर्षों में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। फिनटेक के क्षेत्र में भारत यूपीआई डिजिटल पेमेंट का अनुभव घाना के साथ साझा करने के लिए तैयार है।"
प्रधानमंत्री मोदी ने डेवलपमेंट को भारत-घाना की साझेदारी का मूल स्तंभ बताया। उन्होंने अपने बयान में कहा, "विकास पार्टनरशिप हमारी साझेदारी का एक मूल स्तंभ है। राष्ट्रपति महामा के ‘आर्थिक पुनर्गठन’ के प्रयासों में भारत के पूर्ण समर्थन और सहयोग का हम आश्वासन देते हैं। आज हमने घाना के लिए आईटेक और आईसीसीआर स्कॉलरशिप को दोगुना करने का निर्णय लिया है। युवाओं के व्यवसायिक एजुकेशन के लिए एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के लिए काम किया जाएगा। कृषि क्षेत्र में राष्ट्रपति महामा के ‘फीड घाना’ प्रोग्राम में सहयोग करने में हमें खुशी होगी। जन औषधि केंद्र के माध्यम से भारत घाना के नागरिकों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा, विश्वसनीय देखभाल देने का प्रस्ताव रखता है। वैक्सीन प्रोडक्शन में सहयोग के लिए हमने विचार-विमर्श किया। रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में हम एकजुटता के माध्यम से सुरक्षा के मंत्र को लेकर आगे बढ़ेंगे। सशस्त्र बलों की ट्रेनिंग, मैरीटाइम सिक्युरिटी, डिफेन्स सप्लाइ और साइबर सिक्युरिटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण और माइनिंग में भारतीय कंपनियां सहयोग देंगी। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन जैसे मंचों पर भारत और घाना पहले से सहयोग कर रहे हैं। घाना के नवीकरणीय ऊर्जा, विशेषकर क्लीन कुकिंग गैस को बढ़ाने के प्रयासों में सहयोग के लिए हमने उन्हें वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन से जुडने के लिए आमंत्रित किया।"
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, "हम दोनों ग्लोबल साउथ के सदस्य हैं और उसकी प्राथमिकताओं के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में उनकी सकारात्मक भागीदारी के लिए हम घाना का धन्यवाद करते हैं। भारत के लिए यह गर्व की बात है कि हमारी जी20 अध्यक्षता में अफ्रीकन यूनियन को जी20 की स्थायी सदस्यता मिली। हमने सहेल रिजन सहित, अन्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर भी विचार विमर्श किया।"
पीएम मोदी ने आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा, "हम एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग के लिए हम घाना का आभार प्रकट करते हैं। इस संदर्भ में, हमने काउंटर टेररिज्म में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। यूएन रिफॉर्म्स को लेकर हमारा दृष्टिकोण एक जैसा है। पश्चिम एशिया और यूरोप में चल रहे संघर्ष को लेकर हम दोनों ने गहरी चिंता व्यक्त की है। हमारा मानना है कि यह युद्ध का युग नहीं है। डायलॉग और डिप्लोमसी से ही समस्या का समाधान होना चाहिए।"
उन्होंने घाना में रह रहे भारतीयों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, "घाना में भारतीय समुदाय हमारे पीपल-टू-पीपल संबंधों की विशेष कड़ी है। लंबे समय से भारतीय शिक्षक, डॉक्टर और इंजीनियर घाना में सेवाएं दे रहे हैं। यहां की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में भी भारतीय समुदाय सकारात्मक योगदान दे रहा है। भारतीय समुदाय के साथ कल अपनी मुलाकात के लिए मैं उत्साहित हूं। राष्ट्रपति आप भारत के घनिष्ठ मित्र हैं। भारत से भली-भांति परिचित हैं। मैं आपको भारत यात्रा का निमंत्रण देता हूं। मुझे विश्वास है कि आप हमें भारत में अपना स्वागत करने का अवसर प्रदान करेंगे।"

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