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अमरनाथ गुफा में कबूतरों के जोड़े का क्या है रहस्य...जानिए

हिंदू धर्म में अमरनाथ गुफा मंदिर को एक पवित्र तीर्थ माना गया है, जिसके दर्शन से कई गुना पुण्य प्राप्त होता है. साल 2025 में 3 जुलाई, गुरुवार से अमरनाथ यात्रा की शुरूआत हो रही है. इस दिन पहला जत्था रवाना हो चुका है. अमरनाथ गुफा मंदिर हिंदू धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है मान्यता है इसी जगह पर भगवान शिव ने माता पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था|
कब से कब तक होती है अमरनाथ यात्रा-
हर साल भोलेनाथ बाबा की पवित्र गुफा में अपने आप प्राकृतिक शिवलिंग बनता है. इस हिम यानि बर्फ से बने शिवलिंग को बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है. हर वर्ष जुलाई के पहले सप्ताह या आषाढ़ पूर्णिमा से इस यात्रा का आगाज होता है और सावन के पूरे महीने यह यात्रा चलती है और रक्षाबंधन के दिन समाप्त होती है. मान्यता है श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि के दिन शिवलिंग अपने पूरे आकार में आ जाता है|
कबूतर के जोड़े का रहस्य-
बाबा बर्फानी की गुफा में कबूतरों का एक जोड़ा दिखाई देता है. मान्यता है जब भोलेनाथ इसी गुफा में माता पार्वती को अमरत्व की कथा सुना रहे थे तो इस जोड़े ने भी अमरकथा सुन ली और अमर हुए. इन्हें अमर पक्षी माना जाता है. मान्यता है जिन श्रद्धालुओं को यह जोड़ा दिखाई देता है उन्हें भगवान शिव और माता पार्वती के दर्शन के सामान माना गया है. जिन लोगों को इनके दर्शन हो जाते हैं भोलेनाथ उन्हें मुक्ति प्रदान करते हैं|
यह भी माना जाता है कि भगवान शिव ने अद्र्धागिनी पार्वती को इस गुफा में एक ऐसी कथा सुनाई थी, जिसमें अमरनाथ की यात्रा और उसके मार्ग में आने वाले अनेक स्थलों का वर्णन भी किया था. इस कथा को अमरकथा नाम से जाना जाता है|

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