दुनिया-जगत

SCO काउंसिल की 23वीं बैठक में पाकिस्तान को विदेश मंत्री ने लगाई फटकार

  • कहा- आतंकवाद के साथ-साथ व्यापार की संभावना नहीं है
इस्लामाबाद। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को एससीओ काउंसिल की 23वीं बैठक में इशारों-इशारों में पाकिस्तान को फटकार लगाई और कहा कि आतंकवाद के साथ-साथ व्यापार की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद 'तीन बुराइयां' है, जिनका समाधान नहीं किया गया तो सहयोग और एकीकरण का फायदा हासिल नहीं हो सकेगा।
जयशंकर ने कहा, "यदि सीमा पार से आतंकवाद, चरमपंथ और अलगाववाद जैसी गतिविधियां होती हैं, तो इनसे व्यापार, ऊर्जा प्रवाह, संपर्क और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलने की संभावना नहीं है।" जयशंकर ने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को 'अच्छे पड़ोसी' होने का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, "यदि विश्वास की कमी है या सहयोग नाकाफी है, अगर दोस्ती में कमी आई है और अच्छे पड़ोसी होने की भावना कहीं गायब है, तो निश्चित रूप से आत्मनिरीक्षण करने और इन समस्याओं का समाधान खोजने की जरुरत है।"
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के समक्ष चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए विदेश मंत्री ने कहा, "इसका मकसद आपसी विश्वास, मित्रता और अच्छे पड़ोसी संबंधों को मजबूत करना, बहुआयामी सहयोग, विशेष रूप से क्षेत्रीय प्रकृति के सहयोग को विकसित करना है।" जयशंकर ने कहा कि संगठन का लक्ष्य संतुलित विकास, एकीकरण और संघर्ष की रोकथाम के मामले में एक सकारात्मक शक्ति बनना है। उन्होंने कहा, "चार्टर में यह भी स्पष्ट है कि मुख्य चुनौतियां क्या हैं। ये मुख्य रूप से तीन हैं, जिनका मुकाबला करने के लिए एससीओ प्रतिबद्ध है, ये हैं - आतंकवाद; अलगाववाद; चरमपंथ।"
इससे पहले जयशंकर ने पाकिस्तान स्थित इंडियन हाई कमीशन कैंपस में सुबह की सैर की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को बढ़ावा देते हुए एक पौधा लगाया। विदेश मंत्री ने एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग की टीम के सहकर्मियों के साथ हमारे हाई कमीशन कैंपस में सुबह की सैर।"
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'कैंपस में अर्जुन का पौधा #प्लांट फॉर मदर के प्रति एक और प्रतिबद्धता। #एक_पेड़_मां_के_नाम '
विदेश मंत्री एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद में हैं। आयोजन की शुरुआत मंगलवार शाम को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से दिए गए वेलकम डिनर के साथ हुई। यह 9 साल में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान पर एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए 2015 में इस्लामाबाद का दौरा किया था। मंगलवार दोपहर को विदेश मंत्री जयशंकर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर पहुंचा।
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एससीओ बैठक : शहबाज शरीफ ने किया एस जयशंकर का स्वागत

  • विदेश मंत्री ने भारतीय उच्चायोग में लगाया पौधा
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का स्वागत किया। इससे पहले जयशंकर ने पाकिस्तान स्थित इंडियन हाई कमीशन कैंपस में सुबह की सैर की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को बढ़ावा देते हुए एक पौधा लगाया।
विदेश मंत्री ने एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग की टीम के सहकर्मियों के साथ हमारे हाई कमीशन कैंपस में सुबह की सैर।" एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'कैंपस में अर्जुन का पौधा #प्लांट फॉर मदर के प्रति एक और प्रतिबद्धता। #एक_पेड़_मां_के_नाम '
विदेश मंत्री एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की 23वीं बैठक में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद में हैं। आयोजन की शुरुआत मंगलवार शाम को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से दिए गए वेलकम डिनर के साथ हुई। यह 9 साल में किसी भारतीय विदेश मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा है। पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान पर एक सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने के लिए 2015 में इस्लामाबाद का दौरा किया था।
मंगलवार दोपहर को विदेश मंत्री जयशंकर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर पहुंचा। मंगलवार को जयशंकर के रवाना होने से पहले विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "एससीओ सीएचजी बैठक प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है और संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर केंद्रित होती है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत एससीओ फ्रेमवर्क में सक्रिय रूप से शामिल है।"
एससीओ के अन्य सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति करेंगे। मंगोलिया के प्रधानमंत्री (पर्यवेक्षक राज्य) और मंत्रिपरिषद के उपाध्यक्ष, तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री (विशेष अतिथि) भी बैठक में भाग ले रहे हैं।
हालांकि विदेश मंत्री जयशंकर के इस्लामाबाद में केवल 24 घंटे रहने की उम्मीद है और बैठक के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक निर्धारित नहीं है लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान में सत्तारूढ़ सरकार के कई मंत्रियों और विपक्षी नेताओं ने घरेलू राजनीतिक लाभ के लिए उनके आगमन पर ध्यान केंद्रित कर रखा है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद और खैबर-पख्तूनख्वा (केपी) के सूचना सलाहकार बैरिस्टर मुहम्मद अली सैफ ने जयशंकर को पीटीआई कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए आमंत्रित किया, जो देश की राजधानी में विरोध रैली कर रहे हैं।
सैफ ने कहा, "एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए इस्लामाबाद आने वाले सभी विदेशी प्रतिनिधिमंडल हमारे विरोध को देखकर खुश होंगे और हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रथाओं और ताकत की सराहना करेंगे... हम जयशंकर को हमारे सरकार विरोधी प्रदर्शन को संबोधित करने के लिए भी आमंत्रित करेंगे और वह खुद देखेंगे कि पाकिस्तान का लोकतंत्र कितना मजबूत है।"
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भारत और कनाडा के बीच गहराया राजनयिक संकट

  • भारत-कनाडा विवाद में अब अमेरिका भी कूदा
नई दिल्ली। खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. अब इसमें अमेरिका की एंट्री भी हो गई है. अमेरिका का कहना है कि कनाडा के आरोप गंभीर हैं और भारत को उसकी जांच में सहयोग करना चाहिए. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हमने साफ कर दिया है कि कनाडा के आरोप बेहद गंभीर हैं और उन्हें गंभीरता से लेने की जरूरत है. हम चाहते थे कि भारत सरकार कनाडा और उसकी जांच में सहयोग करे. लेकिन भारत ने एक वैकल्पिक रास्ता चुना.
ये पहली बार नहीं है जब भारत और कनाडा के बीच तनाव पर अमेरिका ने कोई टिप्पणी की हो. पिछले साल जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में निज्जर की हत्या में भारत के शामिल होने का आरोप लगाया था तो इस पर भारत की प्रतिक्रिया पर अमेरिका ने चिंता जताई थी. उस समय भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों को वापस जाने को कह दिया था. तब भी मैथ्यू मिलर ने कहा था कि अमेरिका का मानना है कि भारत को कनाडा की जांच में सहयोग करना चाहिए.
भारत और कनाडा के बीच गहराया राजनयिक संकट: निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संकट एक बार फिर गहरा गया है. कनाडाई विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने कनाडा सरकार ने भारत से छह राजनयिकों की डिप्लोमैटिक इम्युनिटी हटाने का अनुरोध किया था, ताकि जांच एजेंसियां उनसे पूछताछ कर सके. लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया, इसलिए राजनयिकों को निष्कासित करना पड़ा.जॉली ने कहा कि हम चुप नहीं बैठेंगे, क्योंकि किसी भी देश के एजेंट कनाडाई नागरिकों को धमकाने, परेशान करने और यहां तक कि हत्या करने की कोशिश कर रहे हैं.
कनाडा के इस कार्रवाई पर भारत ने भी प्रतिक्रिया देते हुए उसके छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक भारत छोड़ने को कहा है.
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से जुड़ा है. निज्जर को भारत ने आतंकवादी घोषित कर रखा है, जबकि वो कनाडा का नागरिक था. पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे में गुरुद्वारे के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी.पिछले साल 18 सितंबर को कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था.
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भारत में विरोध के बीच UK के नीलामी घर ने "नागा मानव खोपड़ी" की बिक्री वापस ली

लंदन। भारत में इस मुद्दे पर विरोध के बाद ब्रिटेन के एक नीलामी घर ने बुधवार को लाइव ऑनलाइन बिक्री के लिए अपने लॉट से ‘नागा मानव खोपड़ी’ वापस ले ली है।ऑक्सफोर्डशायर के टेट्सवर्थ में स्वान नीलामी घर में ‘द क्यूरियस कलेक्टर सेल, एंटीक्वेरियन बुक्स, मैनुस्क्रिप्ट्स एंड पेंटिंग्स’ के हिस्से के रूप में दुनिया भर से खोपड़ी और अन्य अवशेषों की एक श्रृंखला थी। ‘19वीं सदी की सींग वाली नागा मानव खोपड़ी, नागा जनजाति’ को लॉट नंबर 64 के रूप में रखा गया था और इसके परिणामस्वरूप नागालैंड में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने किया, जिन्होंने इस दर्दनाक बिक्री को रोकने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप करने की मांग की।
नीलामी घर के मालिक टॉम कीन ने कहा कि इसमें शामिल सभी लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के लिए नागा खोपड़ी को वापस ले लिया गया। टेट्सवर्थ में स्वान के मालिक कीन ने कहा, “हमने व्यक्त किए गए विचारों को सुना और भले ही बिक्री के साथ आगे बढ़ना कानूनी था, हमने लॉट को वापस लेने का फैसला किया क्योंकि हम किसी को भी परेशान नहीं करना चाहते थे।”
रियो ने अपने पत्र में कहा, "ब्रिटेन में नगा मानव अवशेषों की प्रस्तावित नीलामी की खबर को सभी वर्गों ने नकारात्मक रूप से लिया है, क्योंकि यह हमारे लोगों के लिए एक अत्यधिक भावनात्मक और पवित्र मुद्दा है। हमारे लोगों की पारंपरिक परंपरा रही है कि वे मृतकों के अवशेषों को सर्वोच्च सम्मान और आदर देते हैं।" उन्होंने विदेश मंत्री से लंदन में भारतीय उच्चायोग के समक्ष इस मामले को उठाने का आग्रह किया, ताकि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जा सकें कि नगा सुलह मंच (एफएनआर) द्वारा इस मामले पर चिंता जताए जाने के बाद खोपड़ी की नीलामी को रोका जा सके।
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डोनाल्ड ट्रंप ने अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी को बताया सबसे अच्छा इंसान

नई दिल्ली। अभिनेत्री से राजनेता बनीं कंगना रनौत ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक पॉडकास्ट को अपने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर शेयर किया। इस पॉडकास्ट में ट्रंप ने पीएम मोदी को सबसे अच्छा इंसान बताते हुए उन्हें 'टोटल किलर' करार दिया।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर पॉडकास्ट को शेयर करते हुए कंगना रनौत ने कैप्शन में लिखा, "पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लैग्रेंट पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री मोदी को सबसे अच्छा इंसान बताया, लेकिन साथ ही उन्हें 'टोटल किलर' (ऐसे शख्स जो सफल हैं, आक्रामक हैं और किसी भी स्थिति से निपटने में पारंगत) बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक जवाबी कार्रवाई की धमकी देकर उन्हें आश्चर्यचकित कर दिया, जब उन्होंने कहा कि हम उनसे निपट लेंगे, भारत ने सैकड़ों वर्षों से उन्हें हराया है। इसकी तुलना मुंबई में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की बेरुखी से करें।
भारत का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा कि नरेंद्र मोदी के आने से पहले भारत में हर साल पीएम बदला जाता था। वहां बहुत ज्यादा अस्थिरता थी। इसके बाद वह आए। वह महान हैं। वह मेरे मित्र हैं। बाहर से वह ऐसे दिखते हैं, जैसे वह आपके पिता हैं। वह सबसे अच्छे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने कॉमेडियन एंड्रयू शुल्ट्ज और आकाश सिंह के साथ 'फ्लैग्रैंट' नामक पॉडकास्ट में ये बातें कही। 88 मिनट लंबे साक्षात्कार के लगभग 37 मिनट तक उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने संबंधों का जिक्र किया।
ट्रंप ने आगे कहा कि 'हाउडी मोदी' 2019 में टेक्सास के ह्यूस्टन में भारतीय समुदाय का एक कार्यक्रम था। एनआरजी स्टेडियम में आयोजित इस कार्यक्रम में भारी भीड़ उमड़ी और दोनों देशों के बीच संबंधों को दर्शाया गया। उन्होंने कहा कि स्टेडियम में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोग पागल हो रहे थे और हम घूम रहे थे..हम उनके बीच में थे, हर किसी को हाथ हिला रहे थे। आपको बताते चलें, ट्रंप इससे पहले भी कई मौके पर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'शानदार व्यक्ति' बता चुके हैं।
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माउंट धौलागिरी पर फिसलने से पांच रूसी पर्वतारोहियों की मौत

  • बेस कैंप से टूट गया था संपर्क
काठमांडू। नेपाल की 7,000 मीटर की अधिक ऊंचाई वाले माउंट धौलागिरी में फिसलने से पांच रूसी पर्वतारोहियों की मौत हो गई। हेली एवरेस्ट के उपाध्यक्ष मिंगमा शेरपा के मुताबिक, इन पर्वतारोहियों ने शरद ऋतु के दौरान दुनिया की इस सातवीं सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ाई शुरू थी। मिंगमा खुद भी पर्वतारोही हैं और वह लापता पर्वतारोहियों के लिए शुरू किए गए खोज अभियान का हिस्सा थे।
मृतकों की पहचान अलेक्जेंडर दुशेयको, ओलेग क्रुग्लोव, व्लादिमीर चिस्तिकोव, मिखाइल नोसेंको और दिमित्री शापिलेवोई के रूप में हुई है। चोटी पर चढ़ते समय इन पर्वतारोहियों का सुबह छह बजे बेस कैंप से संपर्क टूट गया था।
शेरपा ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि ये सभी पर्वतारोही एक ही रस्सी की मदद से 8,167 मीटर ऊंची चोटी की ओर जा रहे थे, तभी वे लापता हो गए। इसके बाद हेलिकॉप्टर ने उन्हें 7,700 मीटर की ऊंचाई पर मृत पाया।
नेपाल के पर्यटन विभाग के निदेशक राकेश गुरुंग ने बताया कि खराब मौसम के चलते सोमवार को बचाव कार्य नहीं किया जा सका। उन्होंने बताया कि एक अन्य रूसी पर्वतारोही को हेलिकॉप्टर के जरिए बेस कैंप से बचाया गया। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उंचाई वाले इलाके से इन मृतक पर्वतारोहियों को कब और कैसे नीचे लाया जाएगा।
इस बीच, उत्तरी नेपाल के रसुवा और नुवाकोट जिलों की सीमा सूर्यकुंड इलाके में पोलैंड के एक यात्री सोंविंस्का अग्निज्का (23 वर्षीय) की भी सोमवार की रात ट्रैकिंग के दौरान मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि उसकी मौत ऊंचाई पर होने वाली बीमारी के कारण हुई।
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यूक्रेन, स्लोवाकिया पूर्वी यूरोपीय ऊर्जा केंद्र स्थापित करने हुए सहमत

कीव (आईएएनएस)। यूक्रेनी प्रधानमंत्री डेनिस श्म्यहाल और उनके स्लोवाक समकक्ष रॉबर्ट फिको ने पूर्वी यूरोपीय ऊर्जा केंद्र स्थापित करने पर सहमति जताई है, मीडिया ने बताया।श्म्यहाल ने यूक्रेन के पश्चिमी शहर उज़होरोड के पास फिको के साथ बैठक के बाद सोमवार को कहा, "इससे हमारे दोनों राज्यों और पूरे यूरोपीय क्षेत्र की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।"
उन्होंने कहा कि ऊर्जा केंद्र का उद्देश्य यूक्रेन की गैस भंडारण सुविधाओं का उपयोग करना, दोनों देशों के बीच मुकाचेवो-वेल्के कपुसनी बिजली इंटरकनेक्टर विकसित करना और परमाणु ऊर्जा सहयोग को बढ़ाना है, सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन रूस के साथ अपने प्राकृतिक गैस पारगमन अनुबंध को आगे बढ़ाने की योजना नहीं बना रहा है, जो इस साल समाप्त हो रहा है। हालांकि, शम्याल ने कहा कि कीव यूरोपीय संघ के साथ एसोसिएशन समझौते और ऊर्जा चार्टर संधि के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
"मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि स्लोवाकिया आपातकालीन और वाणिज्यिक संचरण दोनों के मामले में दूसरा सबसे बड़ा बिजली आपूर्तिकर्ता है। यह हमें युद्ध के समय की ऊर्जा चुनौतियों का जवाब देने की अनुमति देता है," यूक्रेनी सरकार के प्रमुख ने कहा।
जैसा कि यूक्रिनफॉर्म समाचार एजेंसी ने पहले बताया था, सोमवार को, शम्याल ने पश्चिमी यूक्रेन में उज़होरोड के ठीक बाहर फ़िको से मुलाकात की। सरकार के प्रमुखों ने ऊर्जा सुरक्षा और बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की।
यूक्रेन की सरकारी ऊर्जा कंपनी नैफ्टोगाज़ और रूस की गैस दिग्गज गज़प्रोम ने दिसंबर 2019 में गैस परिवहन समझौते पर हस्ताक्षर किए। पिछले साल, रूस ने यूक्रेन के माध्यम से 14.646 मिलियन क्यूबिक मीटर गैस का परिवहन किया। (आईएएनएस)
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इजरायल army ने हिजबुल्लाह मुख्यालय कमांडर की हत्या की घोषणा की

यरूशलम (आईएएनएस)। इजरायल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने मंगलवार को लेबनानी आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह मुख्यालय के कमांडर सुहैल हुसैन हुसैनी की हत्या की घोषणा की। आईडीएफ द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, इजरायली वायु सेना ने बेरूत के क्षेत्र में एक "सटीक, खुफिया-आधारित हमला" किया, जिसमें हुसैनी की मौत हो गई।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यालय हिजबुल्लाह के भीतर रसद की देखरेख करता है और संगठन में विभिन्न इकाइयों के बजट और प्रबंधन का प्रभारी है। हुसैनी ने ईरान और हिजबुल्लाह के बीच हथियारों के हस्तांतरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हिजबुल्लाह की इकाइयों के बीच उन्नत हथियारों को वितरित करने के लिए जिम्मेदार था, इन हथियारों के परिवहन और आवंटन दोनों की देखरेख करता था। बयान में कहा गया है कि वह जिहाद परिषद, हिजबुल्लाह की वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व परिषद का सदस्य भी था। इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि मुख्यालय में हिजबुल्लाह की अनुसंधान और विकास इकाई शामिल है, जो सटीक-निर्देशित मिसाइलों के निर्माण और लेबनान में हथियारों के भंडारण और परिवहन के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। बयान में कहा गया है कि अपनी भूमिका में, हुसैनी हिजबुल्लाह की सबसे संवेदनशील परियोजनाओं के बजट और रसद प्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे, जिसमें संगठन की युद्ध योजनाएं और अन्य विशेष अभियान शामिल हैं, जैसे लेबनान और सीरिया से इजरायल के खिलाफ हमलों का समन्वय करना।
हिजबुल्लाह ने हमले पर तुरंत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, हालांकि, स्थानीय मीडिया के अनुसार, उसने इजरायल की विदेशी खुफिया एजेंसी, मोसाद के मुख्यालय के पास रात में एक सैन्य अड्डे पर रॉकेट फायर की जिम्मेदारी ली।
यह हमला तब हुआ है जब इजरायली सेना बार-बार लेबनान को निशाना बना रही है, जिसमें समूह के नेता हसन नसरल्लाह सहित कई उच्च-रैंकिंग कमांडर मारे गए हैं।हिजबुल्लाह ने जोर देकर कहा है कि उन्होंने अपने मारे गए कमांडरों को बदल दिया है और गाजा में युद्ध विराम होने तक इजरायल के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की कसम खाई है।
पिछले हफ्ते, इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में एक सीमित जमीनी घुसपैठ की, जिसके बारे में अधिकारियों को डर है कि यह इजरायल और हिजबुल्लाह के सहयोगी हमास के बीच एक साल से चल रहे युद्ध को और बढ़ा सकता है।
7 अक्टूबर की पहली वर्षगांठ के दिन, जिस दिन इजरायल और हमास के बीच युद्ध छिड़ा था, फिलिस्तीनी आतंकवादियों ने इजरायल में रॉकेटों की बौछार की। हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों द्वारा इजरायल में एक आतंकी हमला करने के बाद युद्ध शुरू हुआ, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 250 अन्य का अपहरण कर लिया गया।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, इजरायल ने गाजा पट्टी में हमास को नष्ट करने की कसम खाकर जवाबी कार्रवाई की है, जिसमें लगभग 42,000 लोग मारे गए हैं और इस प्रक्रिया में लगभग 90 प्रतिशत आबादी विस्थापित हो गई है।
संघर्ष इस क्षेत्र में फैल गया है, अब इज़राइल लेबनान में हिज़्बुल्लाह पर हमला कर रहा है और ईरान के साथ संघर्ष कर रहा है - जिसने पिछले सप्ताह इज़राइल में मिसाइलों की बौछार की थी। अमेरिका द्वारा समर्थित युद्ध विराम समझौता बार-बार विफल हो गया है, क्योंकि इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में पीछे हटने से इनकार कर दिया है और हमास ने शत्रुता समाप्त करने पर जोर दिया है।
"जब तक हमारे बंधक गाजा में हैं, हम लड़ते रहेंगे। हम उनमें से किसी को भी नहीं छोड़ेंगे। मैं हार नहीं मानूंगा," नेतन्याहू ने 7 अक्टूबर के हमलों को चिह्नित करने वाली एक सरकारी स्मारक सेवा में सोमवार देर रात एक रिकॉर्ड किए गए संदेश में कहा। (आईएएनएस)
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अंतरिम सरकार ने किया नौ सदस्यों वाले संविधान सुधार आयोग का गठन

  • 90 दिनों में सौंपनी होगी रिपोर्ट
ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने नौ सदस्यों  का एक संविधान सुधार आयोग बनाया है। इस आयोग का अध्यक्ष बांग्लादेशी-अमेरिकी प्रोफेसर अली रियाज को बनाया गया है। यह संविधान सुधार आयोग 90 दिनों में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगा। बांग्लादेश की सरकारी बीएसएस समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी है।
बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोगों को सशक्त बनाते हुए एक प्रतिनिधि और प्रभावी लोकतंत्र स्थापित करने के लिए मौजूदा संविधान की समीक्षा और मूल्यांकन जरूरी है। इसके लिए इस आयोग का गठन किया गया था। अब यह सभी की राय पर विचार करते हुए संवैधानिक सुधार की सिफारिशों पर एक रिपोर्ट तैयार करेगा।
नौ सदस्यीय इस आयोग में छात्र प्रतिनिधि महफूज आलम भी शामिल हैं। वे अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के विशेष सहायक भी हैं। वहीं, आयोग के अन्य सदस्यों में ढाका विश्वविद्यालय (डीयू) कानून विभाग की प्रोफेसर सुमैया खैर और मुहम्मद इकरामुल हक, बैरिस्टर इमरान सिद्दीकी और सुप्रीम कोर्ट के वकील एडवोकेट डॉ शरीफ भुइयां शामिल हैं। इनके अलावा, बैरिस्टर एम मोइन आलम फिरोजी, लेखक फिरोज अहमद और लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता एमडी मुस्तैन बिल्लाह भी आयोग का हिस्सा हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले बीते माह मुख्य सलाहकार यूनुस ने न्यायपालिका, चुनाव प्रणाली, प्रशासन, पुलिस, भ्रष्टाचार विरोधी आयोग और संविधान में सुधार के लिए छह आयोगों के गठन की घोषणा की थी। उस मौके पर यूनुस ने कहा था, उम्मीद है कि ये आयोग तीन महीनों के भीतर अपना काम पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि सुधारों का मुख्य उद्देश्य सभी के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करना है। अंतरिम सरकार के प्रमुख ने कहा, हमारे सामने बहुत सारा काम है। हम एक साथ मिलकर समान लक्ष्य की ओर आगे बढ़ना चाहते हैं। हम एक ऐसा ढांचा बनाना चाहते हैं, जो हमारी नई पीढ़ी की प्रतिभाओं को राज्य औऱ समाज के समर्थन से बिना किसी बाधा के सामने ला सके।
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जर्मनी में भारत के राजदूत नियुक्त अजीत विनायक गुप्ते

नई दिल्ली। (एएनआई)। अजीत विनायक गुप्ते को जर्मनी के संघीय गणराज्य में भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है , विदेश मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा। बयान में कहा गया है कि 1991 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी वर्तमान में मिस्र में भारत के राजदूत हैं । गुप्ते के जल्द ही कार्यभार संभालने की उम्मीद है। गुप्ते डेनमार्क साम्राज्य में भारत के पूर्व राजदूत थे, जहाँ उन्होंने नवंबर 2017 से मार्च 2021 तक सेवा की।
इससे पहले दिन में, संजीव कुमार सिंगला को फ्रांस में भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया ।1997 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी वर्तमान में इजरायल में भारत के राजदूत हैं।सिंगला जल्द ही कार्यभार संभालेंगे।इससे पहले 19 जुलाई, 2019 को सिंगला को इजरायल में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया था। विदेश मंत्रालय के अनुसार, वे 1990 कैडर के IFS अधिकारी पवन कपूर का स्थान लेंगे।
इससे पहले, सिंगला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निजी सचिव (PS) के रूप में कार्यरत थे। 1997-कैडर के अधिकारी पहले तेल अवीव में भारतीय दूतावास में तैनात थे। उम्मीद है कि वे जल्द ही अपना नया कार्यभार संभालेंगे। (एएनआई)
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चीन से तनाव के बीच द्विपक्षीय वार्ता के लिए US सांसद ताइवान पहुंचे

ताइपे (एएनआई)। अमेरिकी प्रतिनिधि डेबी लेस्को साथी प्रतिनिधियों एंडी बिग्स और कैरोल मिलर के साथ सरकारी अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए रविवार को ताइवान पहुंचे, ताइवान समाचार ने बताया। ताइवान समाचार के अनुसार, ताइवान के विदेश मंत्रालय ने प्रतिनिधिमंडल के आगमन का स्वागत किया, जो ताइवान के लिए अमेरिकी कांग्रेस के दृढ़ समर्थन और ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को प्रदर्शित करता है । ताइवान समाचार के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब ताइवान और अमेरिका चीनी खतरे का मुकाबला करने के लिए रक्षा सहयोग को गहरा करना चाहते हैं।
यात्रा के दौरान, वह राष्ट्रपति लाइ चिंग-ते और विदेश मंत्री लिन चिया-लुंग से मुलाकात कर अमेरिका-ताइवान संबंधों, ताइवान जलडमरूमध्य में सुरक्षा स्थिति और आर्थिक और ऊर्जा नीतियों पर चर्चा करेंगे । ताइवान समाचार ने बताया कि अमेरिकी प्रतिनिधि ताइवान में राष्ट्रीय दिवस समारोह में भी शामिल हुए OFA के अनुसार, लेस्को की ताइवान की पिछली यात्रा वर्ष 2016 में अमेरिकी दक्षिण-पश्चिम राज्य विधायी प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में हुई थी, जबकि अन्य सदस्य पहली बार यात्रा कर रहे थे। तीनों सांसद लंबे समय से इंडो-पैसिफिक स्थिरता और ताइवान स्ट्रेट सुरक्षा के पैरोकार रहे हैं।
विदेश मंत्रालय ने कहा, "ताइवान साझा मूल्यों के आधार पर द्विपक्षीय साझेदारी को गहरा करने और क्षेत्रीय शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका में अपने दोस्तों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।" ताइवान समाचार के अनुसार, अमेरिका अगले साल ताइवान में एक टीम भेजने की योजना बना रहा है, जो ताइवान के नेशनल चुंग शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (NCSIST) को पहले से ऑर्डर किए गए 1,985 स्टिंगर मिसाइलों को इकट्ठा करने और उत्पादन करने की अनुमति देने की व्यवहार्यता का मूल्यांकन करेगी।
टीम NCSIST की तकनीकी क्षमता, उत्पादन क्षमताओं और साइबर सुरक्षा उपायों का आकलन करेगी। ताइवान समाचार ने बताया कि पिछले महीने ताइवान-अमेरिका रक्षा उद्योग सम्मेलन के दौरान, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि ताइवान अमेरिकी रक्षा उद्योग के लिए एक मूल्यवान भागीदार बन सकता है, जिससे पारस्परिक रूप से लाभकारी विकास हो सकता है। सम्मेलन में ताइवान के अधिकारियों को अमेरिकी रक्षा ठेकेदारों के साथ मुद्दों पर चर्चा करने, द्विपक्षीय सहयोग तंत्र और संचार मंच को मजबूत करने का अवसर मिला। (एएनआई)
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7 अक्टूबर की वर्षगांठ पर मध्य-पश्चिम भारत में इजरायल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशनी ने कही ये बात

मुंबई। (एएनआई)। जैसा कि इज़राइल 7 अक्टूबर को हमास आतंकी हमलों की सालगिरह मना रहा है, मुंबई में इज़राइल के महावाणिज्यदूत कोब्बी शोशनी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के लिए कुछ कठोर शब्द कहे हैं। शोशनी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस संयुक्त राष्ट्र के महासचिव होने के लायक नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने ईरान से एंटी-बैलिस्टिक मिसाइलों की निंदा नहीं की।
शोशनी ने कहा कि ऐसी स्थितियों में, कोई पहचान सकता है कि कौन हमारा दोस्तहै और कौन नहीं। "ऐसी स्थितियों में, यह पहचाना जा सकता है कि कौन हमारा दोस्त है और कौन नहीं... संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस संयुक्त राष्ट्र के महासचिव होने के लायक नहीं हैं क्योंकि उनमें ईरान से एंटी-बैलिस्टिक मिसाइलों की निंदा करने का साहस नहीं है... कुछ यूरोपीय नेता इज़राइली सेना के काम को कम करने की कोशिश कर रहे हैं । यह पाखंड है। अगर मिसाइलें पेरिस या ओस्लो या आयरलैंड या स्पेन भेजी जातीं तो यह विनाशकारी होता," उन्होंने कहा।
शोशानी ने कहा कि इजरायल सरकार अपने बंधकों को वापस लाना चाहती है और हमास को नष्ट करना चाहती है।
"हमास पहले ही नष्ट हो चुका है। हमने ईरान के छद्म हिजबुल्लाह के सैन्य नेताओं के खिलाफ सैन्य अभियान चलाया है ... हर उस देश के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी जो इजरायल की ओर रॉकेट भेजने की कोशिश करेगा। हम इस बारे में बहुत स्पष्ट हैं... सरकार का लक्ष्य इजरायल के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों से शरणार्थियों को वापस लाना है । विचार उन्हें सुरक्षित वापस घर लाना है।" महावाणिज्यदूत ने यह भी कहा कि भारत और इजरायल दोनों जानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई क्या होती है। "मैं न केवल भारत सरकार बल्कि भारत के लोगों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि भारत में हमें जो प्यार और समर्थन मिलता है वह बहुत महत्वपूर्ण है... मैं 26/11 के बाद यहां आया था। मुझे कोलाबा में बारूद की गंध, ताज होटल की दीवारों में गोलियों के निशान, लोगों की आंखों में डर याद है... भारत समझता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई क्या होती है... हम भाई-भाई हैं," उन्होंने कहा। 7 अक्टूबर 2023 को, हमास ने इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमला किया , जिसमें रॉकेट फायर और जमीनी हमले शामिल थे। हमास के आतंकवादी गुटों ने इज़रायली सीमा का उल्लंघन करते हुए नागरिकों पर हमला किया। सैकड़ों इज़रायली नागरिक और सैनिक मारे गए और कई को हमास ने पकड़ लिया। (एएनआई)
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अक्टूबर में हाइड्रोजन से चलने वाले जहाज का परीक्षण करेगा रूस

मॉस्को (आईएएनएस)। स्थानीय मीडिया ने सोमवार को बताया कि रूस का पहला हाइड्रोजन से चलने वाला जहाज इकोबाल्ट इस महीने समुद्री परीक्षणों से गुजरने वाला है। क्रायलोव स्टेट रिसर्च सेंटर (केएसआरसी) के महानिदेशक ओलेग सावचेंको ने कहा कि 12 यात्रियों वाली मनोरंजक नाव के रूप में डिजाइन किया गया यह जहाज हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाले इलेक्ट्रोकेमिकल जनरेटर से लैस है, सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने राज्य मीडिया के हवाले से बताया।
आरआईए नोवोस्ती ने सावचेंको के हवाले से कहा, "यह रूस का पहला जहाज होगा जिसमें घरेलू स्तर पर निर्मित इलेक्ट्रोकेमिकल हाइड्रोजन जनरेटर होगा, जो पूरी तरह से आयात-प्रतिस्थापित तकनीक का प्रतिनिधित्व करता है।"
रूसी नौसेना के लिए जहाज के डिजाइन, सामग्री और प्रौद्योगिकियों के अग्रणी डेवलपर केएसआरसी इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं। इस पोत का निर्माण गोर्की ज़ेलेनोडोल्स्क शिपयार्ड में अक बार्स द्वारा किया गया था, जो केएसआरसी के बाल्टसुडोप्रोक्ट सेंट्रल डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन के आधार पर बनाया गया था।
अक बार्स के महानिदेशक रेनाट मिस्ताखोव ने कहा है कि यह पोत हाइड्रोजन-आधारित प्रौद्योगिकी को परिष्कृत करने और ईंधन कोशिकाओं का उपयोग करके एक सार्वभौमिक पावर मॉड्यूल विकसित करने के लिए एक प्रोटोटाइप है। (आईएएनएस)
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खजूर मेले का 2024 संस्करण एक्सपो अल दाएद में शुरू

दुबई। यूएई के प्रमुख कृषि और विरासत कार्यक्रमों में से एक अल दाएद खजूर मेले का 2024 संस्करण एक्सपो अल दाएद में शुरू हो गया है। शारजाह चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एससीसीआई) द्वारा आयोजित इस महोत्सव में पूरे यूएई से खजूर उत्पादकों, खुदरा विक्रेताओं, किसानों और खजूर के खेत मालिकों की व्यापक भागीदारी है। खजूर की खेती और संबंधित उद्योगों में शामिल सरकारी और निजी संस्थान भी इसमें शामिल हैं। एससीसीआई के अध्यक्ष अब्दुल्ला सुल्तान अल उवैस ने शारजाह चैंबर के कई बोर्ड सदस्यों के साथ महोत्सव का उद्घाटन किया। शारजाह चैंबर के महानिदेशक मोहम्मद अहमद अमीन अल अवदी और एससीसीआई में संचार और व्यापार क्षेत्र के सहायक महानिदेशक अब्दुल अजीज अल शम्सी उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।
अल दाएद खजूर महोत्सव के जनरल कोऑर्डिनेटर मोहम्मद मुसाबा अल तुनैजी और अल दाएद शहर के विभिन्न सरकारी संस्थानों के कई अधिकारी मौजूद थे। अल उवैस ने कहा कि अल दाएद खजूर महोत्सव कृषि क्षेत्र को समर्थन और आगे बढ़ाने की शारजाह चैंबर की नीति का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने यह भी कहा कि इस उत्सव की प्राथमिकता खाद्य आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के समग्र दृष्टिकोण के अनुरूप शारजाह और यूएई में खजूर की खेती के विकास में योगदान देना है।
आयोजकों ने उल्लेख किया कि अल दाईद खजूर उत्सव में स्थानीय किसानों की भागीदारी बढ़ रही है, जो शारजाह चैंबर द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में भाग लेने और अपने बेहतरीन खजूर उत्पादों का प्रदर्शन करने में रुचि रखते हैं। यह उत्सव केवल महिलाओं के लिए "बेस्ट स्टफ्ड डेट्स डिश" प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है। प्रतियोगिता में बहुमूल्य पुरस्कार दिए जाते हैं, जिसमें नट्स, फलों और अन्य खाद्य उत्पादों से भरे खजूर के व्यंजन शामिल हैं। प्रदर्शनी हर दिन सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक चलती है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने ईरान की तेल सुविधाओं पर इजरायल द्वारा हमला करने का विरोध किया

वाशिंगटन (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने संवाददाताओं से कहा कि अगर वे निर्णय लेने वाले होते तो ऐसा नहीं करते। "देखिए, इजरायल ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वे किस तरह से हमला करने जा रहे हैं। इस पर चर्चा चल रही है। मुझे लगता है कि अगर मैं उनकी जगह होता, तो मैं तेल क्षेत्रों पर हमला करने के अलावा अन्य विकल्पों के बारे में सोचता," बिडेन ने शुक्रवार को व्हाइट हाउस प्रेस ब्रीफिंग में अपने कार्यकाल के दौरान पहली बार उपस्थित होने पर कहा।
बिडेन की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका अभी भी इजरायल के साथ इस बारे में चर्चा कर रहा है कि इजरायल मंगलवार को ईरान के मिसाइल हमलों का कैसे जवाब देगा। राष्ट्रपति ने कहा कि उनके प्रशासन के अधिकारी अपने इजरायली समकक्षों के साथ "दिन में 12 घंटे" संपर्क में हैं, जिसमें दोनों देशों के सैन्य नेताओं और राजनयिकों के बीच "इंटरफ़ेस" भी शामिल है, सिन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया।
"वे तुरंत कोई निर्णय नहीं लेने जा रहे हैं," बिडेन ने इस तथ्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि यहूदी वर्तमान में उच्च छुट्टियां मना रहे हैं। "और इसलिए, हम यह देखने के लिए प्रतीक्षा करने जा रहे हैं कि वे क्या बात करना चाहते हैं- कब।"
बिडेन के भाषण के बाद मंच पर आए राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक लेल ब्रेनार्ड ने कहा कि मध्य पूर्व में उच्च तनाव के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका वैश्विक तेल बाजारों पर बारीकी से नज़र रख रहा है।
"हमारे पास उन भू-राजनीतिक अस्थिरताओं में से कुछ को संबोधित करने के वास्तव में प्रभावी तरीके हैं," ब्रेनार्ड ने कहा, "अभी, बाजारों में बहुत अच्छी आपूर्ति है, और हम उम्मीद करते हैं कि वे ऐसे ही बने रहेंगे।" (आईएएनएस)
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भारत ने नेपाल के प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में योगदान दिया

  • बाढ़ और भूस्खलन के पीड़ितों की सहायता
काठमांडू (एएनआई)। नेपाल के प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में शनिवार को और अधिक योगदान मिला, जब भारत की ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, एलआईसी नेपाल लिमिटेड और नेपाल एसबीआई बैंक लिमिटेड ने देश में बाढ़ और भूस्खलन के पीड़ितों की सहायता के लिए और अधिक सहायता भेजी।
काठमांडू में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, "एलआईसी नेपाल लिमिटेड, नेपाल एसबीआई बैंक लिमिटेड और ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड इंडिया ने नेपाल में हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन के पीड़ितों की सहायता के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष में योगदान दिया।"
नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव ने पिछले सप्ताह भारी बाढ़ और भूस्खलन से तबाह हुए हिमालयी राष्ट्र के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की और राहत और पुनर्निर्माण प्रयासों में सहायता प्रदान करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
एकजुटता के संकेत में श्रीवास्तव ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश दिया और आश्वासन दिया कि 'भारत इस कठिन समय में नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता में खड़ा है।'
राजदूत ने कहा, "मैं अपनी और भारत सरकार की ओर से हाल ही में आई बाढ़ के लिए हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।"
"जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी (शर्मा) ओली को लिखे पत्र में लिखा है; भारत इस कठिन समय में नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। हम नेपाल सरकार द्वारा राहत और पुनर्निर्माण प्रयासों के लिए आवश्यक हर संभव सहायता देने के लिए भी तैयार हैं। हम अतीत की तरह अपने लोगों के लिए इन प्रयासों में आगे भी सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।" सितंबर के आखिरी सप्ताह से भारी बारिश के बाद, राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण ने हाल ही में बागमती और कोशी के विभिन्न स्थानों पर संभावित भारी वर्षा की चेतावनी जारी की, जिसमें लोगों से यात्रा करते समय सावधानी बरतने का आग्रह किया गया। सशस्त्र पुलिस बल (APF) के अनुसार, पिछले शनिवार से शुरू हुई बारिश से प्रेरित आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 241 हो गई है, जबकि 29 अभी भी लापता हैं। (एएनआई)
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शरणार्थी शिविर पर इजरायली हमला, हमास अधिकारी की मौत

जेरूसलम। उत्तरी लेबनान में एक शरणार्थी शिविर पर इजरायली हमले में हमास के अधिकारी सईद अताल्लाह अली और उनके परिवार की मौत हो गई, आतंकवादी समूह ने शनिवार को यह जानकारी दी। सुबह-सुबह यह हमला एक और इजरायली हवाई हमले के एक दिन बाद हुआ, जिसमें लेबनान को सीरिया से जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग को काट दिया गया था, जिससे सड़क के दोनों ओर दो बड़े गड्ढे हो गए थे।
इजरायल ने मंगलवार को हिजबुल्लाह आतंकवादी समूह के खिलाफ लेबनान में जमीनी घुसपैठ शुरू की। इजरायली सेना ने कहा कि दक्षिणी लेबनान में संघर्ष में नौ सैनिक मारे गए हैं।7 अक्टूबर, 2023 को हमास के सीमा पार हमले के बाद से इजरायल और हिजबुल्लाह ने लेबनान सीमा पर लगभग रोजाना गोलीबारी की है, जिसमें 1,200 इजरायली मारे गए और 250 अन्य बंधक बनाए गए। जवाब में इजरायल ने गाजा पट्टी में हमास आतंकवादी समूह पर युद्ध की घोषणा की। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, जैसे-जैसे इजरायल-हमास युद्ध एक साल के निशान पर पहुंचता है, इस क्षेत्र में 41,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं और मृतकों में आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं।
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, तब से अब तक लेबनान में लगभग 2,000 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें से अधिकांश 23 सितंबर के बाद मारे गए हैं।बेरूत - उत्तरी लेबनान में एक शरणार्थी शिविर पर इजरायली हमले में हमास के एक अधिकारी और उसके परिवार की मौत हो गई, आतंकवादी समूह ने शनिवार को यह जानकारी दी।
हमास ने एक बयान में कहा कि शनिवार की सुबह बेदावी शरणार्थी शिविर पर किए गए हमले में हमास की सैन्य शाखा, क़स्साम ब्रिगेड के एक अधिकारी सईद अताल्लाह अली का घर मारा गया। हमले में अली की पत्नी शायमा आज़म और उनकी दो बेटियाँ, ज़ैनब और फ़ातिमा- जिन्हें बयान में बच्चे बताया गया है- भी मारे गए। बेदावी शिविर त्रिपोली के उत्तरी शहर के पास है। हाल के हफ़्तों में शिविर पर यह पहला ऐसा हमला था, जिसमें इज़राइल और हमास के बीच तीखी झड़पें देखी गईं।
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रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा- उसने डोनेट्स्क क्षेत्र में रणनीतिक शहर पर कब्ज़ा कर लिया

मॉस्को (आईएएनएस)। रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रूस के सशस्त्र बलों ने यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र में उगलेदार (या वुहलदार) शहर पर नियंत्रण कर लिया है। मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा, "वोस्तोक (पूर्व) सैन्य समूह द्वारा निर्णायक कार्रवाई के परिणामस्वरूप, उगलेदार की बस्ती को मुक्त कर दिया गया।"
शिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, शहर को रूसी और यूक्रेनी दोनों सेनाओं के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह पूर्वी और दक्षिणी मोर्चों के चौराहे पर अपनी ऊँची स्थिति और स्थान पर स्थित है, जो इसे दोनों पक्षों की आपूर्ति लाइनों के लिए महत्वपूर्ण बनाता है। पिछले महीने, रूसी सेना ने डोनेट्स्क क्षेत्र में आठ बस्तियों पर नियंत्रण करने का दावा किया था। (आईएएनएस)
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