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होलिका दहन आज, जानिए होलिका का शुभ मुहूर्त, नियम, पूजा विधि
होलिका दहन आज 17 मार्च 2022 को किया जाएगा. इस बार होलिका दहन की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त केवल 09:20 बजे से 10:31 बजे तक रहेगा. इस 1 घंटे 10 मिनट के समय में ही विधि-विधान से होलिका दहन करना शुभ रहेगा. साथ ही यह भी सावधानी बरतनी होगी कि इस दौरान कोई गलती न करें. यदि होलिका दहन करते समय कुछ सावधानियां न बरतीं जाएं तो यह पूरी जिंदगी का दुख दे सकती हैं.
- होलिका दहन सही मुहूर्त पर ही करें. अशुभ मुहूर्त में होलिका दहन करना अशुभ फल देता है. होलिका दहन हमेशा भद्रा रहित समय में करना चाहिए.
- होलिका दहन के स्थान को पहले गंगाजल से शुद्ध करें और फिर डंडा बीच में रखकर उसके चारों ओर सूखे उपले, सूखी लकड़ी, सूखी घास रखें. होलिका की मूर्ति रखें.
- विधि-विधान से पूजा करें. पूजा में दीपक, धूप, एक माला, गन्ना, चावल, काले तिल, कच्चा सूत, जल और पापड़ चढ़ाएं. इसके अलावा चावल, चने की झाड़ और गेंहू की बालियां भी डालें
- पूजा में हनुमान जी और शीतला माता को प्रणाम करें. इसके बाद अग्नि जलाएं और होलिका दहन करें.
- होलिका दहन की अगली सुबह यानी होली खेलने वाले दिन होलिका दहन के स्थान पर एक लोटा ठंडा पानी जरूर डालें.
बच्चों की बेहतरी के लिए कर लें ये उपाय
- बच्चों की बेहतरी के लिए उनको बुरी नजर से बचाने के लिहाज से भी होलिका दहन बहुत खास है. इस दिन होलिका दहन में नारियल गोला, सुपारी और सिक्के डालने बच्चों का दिमाग तेज होता है. उनके मन में गलत विचार नहीं आते हैं. साथ ही वे बुरी आदतों से दूर रहते हैं. यह उपाय बच्चे को जीवन में खूब सफलता दिलाता है और धनवान बनाता है |
होलिका दहन पर जरूर करें ये उपाय, बदल जाएगी किस्मत
होलिका दहन पर जरूर करें ये आसान उपाय
- आपके घर, दूकान, प्रतिष्ठान को नजर लग गई हो या प्रतिद्वंदी ने कुछ करा दिया हो तो, होलिका दहन की सायं मुख्य द्वार की दहलीज पर लाल गुलाल छिड़कें, उस पर आटे का दोमुखी दिया थोड़ा सा सरसों का तेल डाल कर जलाएं। समस्याओं के निराकरण की प्रार्थना करें और दीपक ठंडा होने पर होलिका में डाल आएं। लाभ होगा।
- कमल गटटे् की माला से ओम् महालक्ष्म्यै नमः का जाप करें। यही माला धारण कर के होलिका के निकट देसी घी का दीपक जला कर आर्थिक संपन्नता की प्रार्थना करें, शीघ्र लाभ होता है।
- यदि कोई बहुत बीमार है या दवा नहीं लग रही तो एक मुट्ठी पीली सरसों, एक लौंग, काले तिल, एक छोटा टुकड़ा फिटकड़ी, एक सूखा नारियल लेकर उस पर 7 बार उल्टा घुमा के होलिका में दहन कर दें।
- यदि कोई आत्मीय आपका कहना नहीं मानता या आपका शत्रु ही बन गया हो तो उसका नाम लेते हुए होलिका की रात, लाल चंदन की माला से इस मंत्र का जाप करें- ओम् कामदेवाय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि तन्नो अनंग प्रचोदयात!!
- व्यापार वृद्धि तथा नजर उतारने के लिए, दूकान, आफिस या कार्यालय में सायंकाल एक सफेद कपड़े पर गेहूं और सरसों की 7-7 ढेरियां रखें। इन पर एक एक काली मिर्च रखें। 7 निम्बू के 2-2 टुकड़े कर के इन ढेरियों पर रखें। निम्न मंत्र का 7 बार पाठ करें- ओम् कपालिनी स्वाहा! पाठ समाप्ति पर इस सारी सामग्री की पोटली बनाकर लाल मौली से गांठ लगाकर बांध लें और दूकान या घर में एक सिरे से आरंभ कर के चारों कोनों पर घुमा कर बाहर ले आएं। इस पोटली को होलिका में डाल दें।
- दूकान, आफिस, फैक्ट्री या मकान में अक्सर होने वाली या अचानक चोरी या नुक्सान, के बचाव हेतु- सूखा नारियल और तांबे का पैसा घर या दूकान में सात बार चारों कोनों में घुमा कर होलिका में डालें
- धनवृद्धि हेतु होलिका में यह मंत्र 'ओम् श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्मय नमः' 108 बार पढ़ते जाएं और शक्कर की आहुति देते जाएं।
- कार्यसिद्धि के लिए, खोपे के दो आधे-आधे कटोरे की शक्ल में टुकड़े कर लें। इस में कपूर, काले तिल, बर्फी, सिंदूर, हरी इलायची, लौंग रख के इस मंत्र की एक माला करें- ओम् हृीं क्लीं फट् स्वाहा! सामग्री को काले कपड़े में बांध कर होलिका में 7 परिक्रमा करके अर्पित कर दें।
- दांपत्य जीवन में मिठास लाने के लिए रुई की 108 बत्तियां देसी घी में भिगो के होलिका में संबंध सुधार की अनुनय सहित परिक्रमा करते हुए एक-एक करके डालें। यह उपाय माता-पिता अपने बच्चों बर-वधु की फोटो पर घुमा कर भी कर सकते हैं।
- यदि आपको लगता है कि किसी ने आपके उपर तांत्रिक अभिचार किया हुआ है जिसके कारण आपकी प्रगति ठप्प हो गई है तो देसी घी में भीगे दो लौंग ,एक बताशा,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख लेकर शरीर पर मलें और नहा लें। तांत्रिक अभिचार दूर हो जाएगा।
- यदि आपको लगता है कि बच्चे को किसी की नजर लग गई है तो देसी घी में भीगे पांच लौंग, एक बताशा,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख ला के ताबीज में भर के बच्चे को पहनाएं।
- यदि आपके घर को बुरी नजर लग गई है उसे उतारने का यह स्वर्णिम अवसर है। देसी घी में भीगे दो लौंग, एक बताशा, मिश्री ,एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दूसरे दिन वहां की राख लेकर लाल कपड़े में बांध के घर में रखें।
- यदि कोई आपकी धन वापसी में बेईमानी कर रहा है और आप मुकदमे में नहीं पड़ना चाहते हैं तो होलिका दहन स्थल पर धन न लौटाने वाले का नाम जमीन पर अनार की लकड़ी से त्रिकोण के अन्दर लिखें और उस पर हरा गुलाल छिड़क दें। होलिका माता से धन वापसी की प्रार्थना करें। अगले दिन वहां से राख उठा के जल में उस व्यक्ति का नाम लेते हुए प्रवाहित कर दें।
- यदि सरकार या व्यक्ति विशेष से बाधा है तो होलिका में उल्टे चक्कर लगाते हुए आक की जड़ के 7 टुकड़े, विरोधी का नाम लेते हुए डालें।
- यदि व्यापार में लगातार घाटा या आर्थिक हानि हो रही है तो होलिका दहन की सायं दूकान या मकान के मुख्य द्वार की चौखट पर गुलाल छिड़कें, उस पर आटे का बना चार मुखी दीपक जलाएं। उस दीपक को जलती होलिका में डाल आएं।
- गंभीर रोग यदि मेडिकल उपचार से भी ठीक नहीं हो रहा तो देसी घी में भीगे दो लौंग, एक बताशा, मिश्री, एक पान का पत्ता होलिका दहन में अर्पित करें। दाएं हाथ में 4 गोमती चक्र लेके रोग मुक्ति की प्रार्थना करें। गोमती चक्र रोगी की पलंग के चारों पायों में चांदी की तार से बांध दें। या फिर गोमती चक्र पीड़ित के उपर से 21 बार विपरीत दिशा में घुमाएं और होलिका में फेंक दें।या दक्षिण दिशा में फेंकें। या दो लौंग, काले तिल, सरसों, नारियल 21 बार उसार के अग्नि में डालें।
- यदि पति या पत्नि किसी के चंगुल मे हैं तो होली की 7 परिक्रमा करते हुए औरत या उस पुरुष का नाम लें 7 गोमती चक्र डालते जाएं।
- यदि राज्यप्रकोप हो तो तेजफल और गेहूं की एक मुट्ठी होलिका में डालें ।
- किसी प्रकार का विवाद, दोस्तों से मनमुटाव हो तो एक मुट्ठी चावल और 7 फूटी कौड़ियां होलिका में भस्मित करें
- किसी प्रकार का भाइयों से मनमुटाव या भूमि विवाद हो तो 11 नीम की पत्तियां और लाल चंदन, होलिका दहन में अर्पित करें।
- गले या वाणी या त्वचा संबंधी रोगों के लिए हरी मूंग की एक मुट्ठी डालें।
- पिता या किसी बुजुर्ग से विवाद समाप्ति हेतु, हल्दी की 7 गांठें और एक मुटठी चने की दाल डालें
- खांसी, अस्थ्मा से पीड़ित व्यक्ति के उपर से सात बार उल्टा घुमा के 48 बादाम होलिका में समर्पित करें।
- पु़त्र या पुत्री से परेशानी हो या वह कहने में न हो तो सूखे प्याज लहसुन और हरा नींबू डालें।
- धन न टिकता हो तो होली के दिन 5 कौड़ियां, लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी, केश बॉक्स में रखें।
आमलकी एकादशी आज, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
हिंदी कैलेंडर के अनुसार साल भर में 24 एकादशी व्रत होते हैं। यानी हर माह में दो एकादशी तिथि पड़ती है। वहीं फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो हिंदू धर्म के अनुसार सभी एकादशियों का काफी महत्व माना गया है, लेकिन इन सब में आमलकी एकादशी को सर्वोत्तम स्थान पर रखा गया है। अमालकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। आमलकी एकादशी को रंगभरी एकदशी भी कहते हैं। यह अकेली ऐसी एकादशी है जिसका भगवान विष्णु के अलावा भगवान शंकर से भी संबंध है। रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विशेष पूजा बाबा विश्वानाथ की नगरी वाराणसी में होती है। रंगभरी एकादशी के पावन पर्व पर भगवान शिव के गण उनपर और जनता पर जमकर अबीर-गुलाल उड़ाते हैं। आंवले के पूजन के कारण इस एकादशी को आंवला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा का भी विधान है। इस बार अमालकी एकादशी आज यानी 14 मार्च, सोमवार के दिन पड़ रही है। यदि आप आमलकी एकादशी व्रत रखते हैं, तो आपको कुछ नियमों का पालन करना होगा क्योंकि यह अन्य एकादशी व्रतों से थोड़ा सा भिन्न है।
आमलकी एकादशी व्रत के महत्वपूर्ण नियमों के बारे में।
- आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी की पूजा करनी चाहिए।
- आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के अवतार परशुराम जी की पूजा करनी चाहिए, यदि संभव न हों तो श्री विष्णु की पूजा कर सकते हैं।
- आमलकी एकादशी की पूजा के समय आंवले का भी भोग विष्णु जी को अवश्य लगाएं।
- मान्यता है कि भगवान विष्णु को आंवला अतिप्रिय है इसलिए आमलकी एकादशी की पूजा के समय आंवले का भी भोग विष्णु जी को अवश्य लगाएं।
- पूजा के समय आमलकी एकादशी व्रत कथा का पाठ या श्रवण जरुर करना चाहिए। ऐसा करने से साधक की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।
- आमलकी एकादशी के दिन मन, वचन और कर्म से व्रत रखें।
आज है रंगभरी एकादशी
- एकादशी तिथि आरंभ- 13 मार्च, रविवार प्रातः 10: 21 मिनट पर
- एकादशी तिथि समाप्त- 14 मार्च, सोमवार दोपहर 12:05 मिनट पर
- रंगभरी एकादशी का शुभ मुहूर्त आरंभ- 14 मार्च, दोपहर 12: 07 मिनट से
- रंगभरी एकादशी का शुभ मुहूर्त समाप्त-14 मार्च, दोपहर 12: 54 मिनट तक
शनिवार को न करें ये काम,बनी रहेगी शनिदेव की कृपा
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शुक्रवार को करें ये आसान उपाय
होलाष्टक आज से शुरू, इन 8 दिनों में भूलकर भी न करें ये काम
- होलाष्टक के 8 दिन तक कोई भी मांगलिक कार्य न करें. इस दौरान 16 संस्कार जैसे नामकरण संस्कार, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश, विवाह संस्कार आदि गलती से भी नहीं करने चाहिए. ऐसा करने से वे बुरा फल देते हैं.
- होलाष्टक के दौरान हवन, यज्ञ कर्म आदि भी नहीं करनी चाहिए.
- होलाष्टक के दौरान नवविवाहित लड़कियों को अपने मायके में ही रहना चाहिए. इसीलिए आमतौर पर होलाष्टक से पहले ही नवविवाहित लड़कियों को मायके से बुलावा आ जाता है.
महाशिवरात्रि आज जानें, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
आज महाशिवरात्रि पर करें ये आसान उपाय होंगे भगवान शिव प्रसन्न
शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन मनुष्य को अपनी मनोकामना के अनुसार शिव की पूजा करनी चाहिए। अपनी पूजा से शिव को यह बताएं कि आप शिव से क्या चाहते हैं। जो व्यक्ति सांसारिक मोह माया से मुक्त होना चाहते हैं। शिव की चरणों में स्थान पाने की कामना रखते हैं। उनके लिए शास्त्रों में कहा गया है कि महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल और दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। ऐसे व्यक्तियों को महाशिवरात्रि की रात में जागरण करके शिव पुराण का पाठ करना या सुनना चाहिए। शिव भजन से भी लाभ मिलता है।
आज है महाशिवरात्रि व्रत
महाशिवरात्रि पर शिव जी को ऐसे करे प्रसन्न
महाशिवरात्रि पर पूजा करने के लिए सबसे पहले भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान कराएं। साथ ही केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं और पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। इसके अलावा चंदन का तिलक लगाएं। बेलपत्र, भांग, धतूरा भोलेनाथ का सबसे पसंदीदा चढ़ावा है। इसलिए तीन बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं और सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर सबको प्रसाद बांटें।
सूर्य व गुरु की युति 12 साल बाद इस राशि मे... राशिफल जानिए
इस राशि में पहले से ही देवगुरु बृहस्पति विराजमान थे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंभ राशि में सूर्य व गुरु की 15 मार्च 2022 तक युति रहेगी। गुरु व सूर्य के बीच मित्रता का भाव है। ऐसे में ग्रहों की युति कुंभ राशि वालों के लिए बेहद लाभकारी रहेगी। हालांकि इस दौरान तीन राशियों के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है।
मेष - इस अवधि में आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। आपका भाग्य साथ देगा। आर्थिक पक्ष को मजबूती मिलेगी। इस अवधि में शुरू किए गए कार्य सफल होंगे।
आज मनाई जा रही है गुरु रविदास जयंती
झूठा सच @ रायपुर :- इस साल गुरु रविदास जयंती 16 फरवरी 2022 को मनाई जा रही है. संत रविदास का जन्म हिन्दू कैलेंडर के आधार पर माघ माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ था, इसलिए हर साल माघ पूर्णिमा को रविदास जयंती मनाते हैं. रविदास जयंती और माघी पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है. यह संत गुरु रविदास की 645वीं जयंती होगी |
माघ पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
माघ पूर्णिमा मुख्य दिनों में से एक है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, माघ मास के दौरान पवित्र स्नान और तपस्या दोनों ही विशेष महत्व रखते हैं. बता दें कि माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. यह माघ महीने का सबसे अंतिम और महत्वपूर्ण दिन है. आज के दिन लोग गंगा, यमुना, सरस्वती नदी के संगम स्थल प्रयाग में स्नान पूजा करके गाय, तिल, काले तिल अन्य जरूरी चीजें दान में देते हैं. आज के दिन सत्यनारायण की कथा सुनना बेहद लाभकारी माना जाता है. इसके अलावा लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है. जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष होता है वे आज के दिन चंद्र देव की पूजा करके अपने इस दोष को दूर कर सकते हैं. वहीं जिन लोगों के घर में आर्थिक तंगी है वे लक्ष्मी की कृपा से अपने जीवन में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य तीनों को प्राप्त कर सकते हैं