धर्म समाज
जानिए कौन हैं 10 महाविद्या और क्या हैं इनके मंत्र
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गुप्त नवरात्रि में की जाती है 10 देवियों की पूजा , जानिए महत्व
आज से शुरू हो रही हैं गुप्त नवरात्रि जानिए पूजा की विधि एवं महत्व
झूठा सच @ रायपुर :- साल में 4 नवरात्रि होती हैं, इनमें से दो गुप्त नवरात्रि होती हैं. पहली गुप्त नवरात्रि माघ के महीने में पड़ती है और दूसरी आषाढ़ माह में होती हैं. गुप्त नवरात्रि पर मां दुर्गा के दस महाविद्या स्वरूपों की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि में माता रानी की गुप्त रूप से साधना की जाती है. इस बार गुप्त नवरात्रि आज 2 फरवरी से शुरू हो रही है. गुप्त नवरात्रि पर दो शुभ योग रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहे हैं, इस कारण गुप्त नवरात्रि की महत्ता कहीं ज्यादा बढ़ गई है. जानिए गुप्त नवरात्रि से जुड़ी खास बातें.
कल से शुरू हो रही हैं गुप्त नवरात्रि, इस दौरान कर लें ये काम, माँ दुर्गा होगी प्रसन
गुप्त नवरात्रि के दौरान लाल आसन पर बैठकर माता की उपासना करें. लाल कपड़े में 9 लौंग रखकर पूरे नौ दिन माता को चढ़ाएं. रोजाना कपूर से माता की आरती करें. नवरात्रि समाप्त होने के बाद सारे लौंग लाल कपड़े में बांधकर सुरक्षित रखें. इससे धन की समस्या दूर होगी.
2 फरवरी से मनाई जाएगी गुप्त नवरात्रि, जानें तिथि, पूजा विधि और महत्व
शक्ति आराधना का पावन पर्व गुप्त नवरात्रि माघ माह शुक्लपक्ष प्रतिपदा 02 फरवरी से मनाया जाएगा। आदिकाल से ही नवरात्रि को सनातन धर्म का सबसे पवित्र और शक्ति दायक पर्व माना गया है। एक वर्ष में चार नवरात्रि दो गुप्त और दो सामन्य कहे गए हैं। गुप्त नवरात्रि माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा और आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा को आरंभ होता है। यह नवरात्रि गुप्त साधनाओं के लिए परम श्रेष्ठ कहा गया है। इस समय की गई साधना जन्मकुंडली के समस्त दोषों को दूर करने वाली तथा चारों पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम और कोक्ष को देने वाली होती है। इसका सबसे महत्वपूर्ण समय मध्यरात्रि 12 बजे से सूर्योदय तक अधिक प्रभावशाली बताया गया है।
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संकष्टी चतुर्थी पर करें इन मंत्रों से गणेश जी को प्रसन्न
हिंदी पंचांग के अनुसार, वर्ष के प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की चतुर्थी को क्रमशः संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस प्रकार 21 जनवरी को माघ महीने के कृष्ण पक्ष की संकष्टी चतुर्थी है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता, लंबोदर, गजानन, गणपति, बप्पा, गणेश आदि भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्चे मन से गणपति बप्पा की पूजा करता है। उसके जीवन से सभी दुःख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में मंगल का आगमन होता है। अगर आप भी भगवान गणेश जी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो संकष्टी चतुर्थी पर इन मंत्रों का जाप अवश्य करें-
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जानिए कब है पौष अमावस्या
नए साल 2022 का प्रारंभ कुछ दिनों में ही होने वाला है. हिन्दू कैलेंडर के पौष माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है. इस माह की 15वीं तिथि यानी अमावस्या का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व होता है. पौष अमावस्या के दिन स्नान, दान का महत्व है. इस दिन पितरों को भी याद किया जाता है और उनकी तृप्ति के लिए पिंडदान, तर्पण या श्राद्ध कर्म किया जाता है. जिन लोगों को पितृ दोष होता है, वे लोग भी अमावस्या के दिन ही उपाय करते हैं. आइए जानते हैं कि पौष अमावस्या कब है और नए साल 2022 में कब कब अमावस्या है?