उच्च न्यायालय द्वारा आदेश होने पर भी रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग के अधिकारियों की मनमानी
रायपुर:- उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा बीई एवं डिप्लोमाधारी कुल 50 प्रशिक्षकों के पदोन्नति हेतु कमलेश्वर पटेल एवं अन्य के प्रकरण डब्ल्यू.पी. एस. 241/2021 आदेश दिनांक 03.02.2021, योगेश कुमार सिंह क्षत्रिय एवं अन्य के प्रकरण डब्ल्यू.पी. एस. 214/2021 आदेश दिनांक 03.02.2021, हेमा जगत एवं अन्य के प्रकरण डब्ल्यू पी. एस. 1580/2021 आदेश दिनांक 16.03.2021, भूपेंद्र कुमार साहू एवं अन्य के प्रकरण डब्ल्यू.पी.एस. 239/2021 आदेश दिनांक 19.01.2021, राजेन्द्र कुमार सिंह एवं अन्य के प्रकरण डब्ल्यू.पी. एस. 5043/2020 आदेश दिनांक 08.01.2021 एवं शिवकुमारी देवांगन एवं अन्य के प्रकरण डब्ल्यू.पी. एस. 3429/2021 आदेश दिनांक 09.07.2021, में सुनवाई करते हुए वर्तमान प्रचलित भर्ती नियमानुसार तथा छत्तीसगढ़ लोक सेवा पदोन्नति नियम-2003 का नियम 6(4) को ध्यान में रखते हुए पदोन्नति करने के निर्देश दिए है, किंतु विभाग पिछले तीन वर्ष से रिक्त पद होते हुए भी उच्च न्यायालय के द्वारा पारित आदेशों में प्रदाय समय-सीमा पर भी पदोन्नति न करके उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर रहा है और 9 वर्ष पश्चात विभाग इनके मौलिक अधिकारों का हनन करते हुए भर्ती शुन्य करके इन 50 प्रशिक्षकों के साथ साथ अन्य प्रशिक्षक को बेरोजगार और बेघर करने में लगा है जबकि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 16 शासकीय कर्मचारियों को पदोन्नति का अवसर देता है एवं अनुच्छेद 21 जीवन जीने का अधिकार के साथ साथ रोजगार का अधिकार देता है |