धान का कटोरा

मंत्रालय से 3 अधिकारियों का निलंबन आदेश जारी

बिलासपुर। रतनपुर नगरपालिका नवीन भवन बनाने के टेंडर में अनियमितता के मामले में पूर्व सीएमओ, उप अभियंता, क्लर्क को निलंबित कर दिया गया है। नगरपालिका कार्यालय द्वारा नवीन भवन हेतु जारी टेंडर को नियमानुसार कार्रवाई ना करने व निविदा खोले जाने की कार्यवाही में अनियमितता बरते जाने के कारण निकाय में तीनों को निलंबित किया गया है।
गौरतलब है कि शासन से प्राप्त आदेश के अनुसार रतनपुर नगरपालिका के नवीन भवन बनाने बाबत बीते छह फरवरी 2024 को165,77 लाख रु का आन लाइन टेंडर जारी किया गया था,जिसमे नवीन कार्यालय भवन निर्माण हेतु आमंत्रित निविदा को खोले जाने की कार्यवाही में अनावश्यक विलम्ब करने,निविदा समिति से अनुशंसा प्राप्त नही करने, पुनर्निविदा की कार्यवाही में अनियमितता तथा सम्भावित आर्थिक क्षति के लिए उत्तरदायी पाए जाने के कारण राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पालिका कर्मचारी (भर्ती तथा सेवा शर्ते)नियम 1968 के नियम 53 के तहत उप अभियंता वैभव अग्रवाल को तत्काल प्रभाव से अपर सचिव छत्तीसगढ़ शासन निलंबित कर दिया गया।
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BSP में बड़ा हादसा, स्टॉपर टूटने से मजदूर की मौत

दुर्ग। भिलाई शहर स्थित इस्पात संयंत्र में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया। स्टील मेल्टिंग शॉप 3 में मजदूर पर 150 किलो वजनी स्टॉपर गिर गया। हादसे में ठेका श्रमिक बसंत कुमार कुर्रे की मौके पर मौत हो गई। घटना के बाद से प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। मौके पर संयंत्र के कई अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार एसएमएस 3 के क्रेन क्रमांक 31 ने क्रेन क्रमांक 29 को ठोकर मार दी। जिससे स्टॉपर टूट गया। स्टॉपर टूटने के बाद नीचे खड़े मजदूर बसंत के ऊपर गिर गया। इसका वजन करीब 150 किलो का बताया जा रहा है। इसके नीचे दबने से मौके पर ही मजदूर ने दम तोड़ दिया। शरीर की हड्डियां तक टूट चुकी हैं।
घटना की जानकारी विभागीय अधिकारियों को मिलने के बाद पुलिस को इसकी सूचना दी गई। इस हादसे से बीएसपी प्रबंधन में हड़कंप मचा हुआ है। वही भट्टी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर तबादला

  • बदले गए कई जिलों के आबकारी अधिकारी
रायपुर। राजधानी में ओवर रेटिंग और मिलावटी शराब की लगातार मिल रही शिकायतों के बीच आबकारी विभाग ने राजधानी में पदस्थ आबकारी उपायुक्त विकास कुमार गोस्वामी को हटा दिया है. उनकी जगह अब रामकृष्ण मिश्रा को रायपुर का मुख्य उपायुक्त आबकारी नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही आबकारी विभाग ने बड़े पैमाने पर तबादला किया है.
आबकारी विभाग के इस ट्रांसफर लिस्ट में 34 उपायुक्त, सहायक आयुक्त आबकारी और जिला आबकारी अधिकारियों के नाम शामिल हैं, जिसमें 16 उपायुक्त और सहायक आयुक्त आबकारी के अलावा 13 जिला आबकारी अधिकारियों को इधर से उधर किया गया है.
 
 
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'भारत ने "अनमोल रत्न" खो दिया' : अरुण साव

  • उप मुख्यमंत्री ने प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया
रायपुर। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने सुप्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने आज यहां जारी अपने शोक संदेश में कहा है कि भारत ने रतन टाटा जी के रूप में एक महान सपूत खो दिया। उनके निधन का दु:खद समाचार मन को झकझोर देने वाला है। देश ने अपना एक "अनमोल रत्न" खो दिया है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने श्री रतन टाटा को  श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। अपने परोपकारी और नवाचारी नजरिए से उन्होंने उद्योग जगत में खास मुकाम हासिल किया था। उन्होंने टाटा ट्रस्ट के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास के अपने कार्यों से औद्योगिक क्षेत्र से इतर समाज के सभी वर्गों के बीच प्रतिष्ठा अर्जित की थी।
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उपमुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 421 अभियंताओं को मिला वर्षों बाद समयमान वेतनमान

रायपुर। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आज 421 अभियंताओं को उनके दीर्घकालीन सेवा योगदान का सम्मान करते हुए समयमान वेतन का लाभ प्रदान करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के अंतर्गत 25 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 32 अभियंता, 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 388 अभियंता, और 08 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले 01 अभियंता शामिल हैं। इन अभियंताओं में उप अभियंता, सहायक अभियंता, कार्यपालन अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि यह प्रकरण पिछले 4-5 वर्षों से लंबित था और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के निर्देशों के परिणामस्वरूप अब जाकर इन अभियंताओं को समयमान वेतन का लाभ मिल रहा है। ज्ञात हो कि अभियंताओं द्वारा उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया गया था उपमुख्यमंत्री ने अभियंताओं को आस्वाशन दिया था कि उनकी समस्याओं का तत्काल निराकरण किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा के निर्देशानुसार अभियंताओं को समयमान वेतन का लाभ दिया है जो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में वर्षों से सेवा करते आ रहे हैं और प्रदेश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
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पक्के आवास मिलने से टपकती छत से मिली मुक्ति

  • पीएम जनमन योजना से बदली पहाड़ी कोरवा रामनिधि की जिंदगी
रायपुर। श्री रामनिधि ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्का आवास मिलने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताते हुए कहा कि अब उन्हें बारिश में टपकती छत से मुक्ति मिल गई है। उन्होंने बताया कि पक्के आवास निर्माण के लिए राशि के अलावा अन्य कार्यक्रमों शौचालय, मनरेगा की मजदूरी, उज्जवला गैस, शासकीय राशन, पेंशन अन्य शासकीय सुविधाओं का भी लाभ मिल रहा है।
जशपुर जिले के ग्राम पंचायत मूढ़ी में निवास करने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा श्री रामनिधि का आवास वर्ष 2023-24 में पीएम जनमन के तहत स्वीकृत हुआ। उन्होंने बताया कि जनमन योजना में उन्हें आवास निर्माण के लिए 2 लाख रूपए की सहायता राशि मिली और मनरेगा योजना के तहत 12 हजार रूपए का शौचालय बनवाया गया। साथ ही उन्हें मनरेगा से 95 दिवस रोजगार की राशि भी मिली है।
श्री रामनिधि ने बताया कि पहले उनका घर कच्चा था, जिसके कारण बरसात में बहुत परेशान होना पड़ता था। बरसात के समय छत से पानी टपकता था। पॉलीथीन बांध कर घर पर रहना पड़ता था। घर कच्चा होने के कारण कई बार सांप-बिच्छू घर में घुस जाते थे। उन्होंने बताया कि उन्हें हर साल बरसात के पहले घर की मरम्मत भी करनी पड़ती थी जिसमें राशि बहुत खर्च होता था। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण पक्का घर बनाने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही थी।
जशपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवाओं को प्राथमिकता से प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा दी गई गारंटी के अनुरूप राज्य में विशेष पिछड़ी जनजाति सहित गरीब और जरूरतमंद परिवारों को तेजी से नए आवास स्वीकृत किए जा रहे हैं।
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जल जीवन मिशन से दूरस्थ ग्राम राजादेवरी की बदली तस्वीर

  • घर में ही लोगों को मिलने लगा है स्वच्छ जल
रायपुर। दूरस्थ वनांचल ग्रामों में जल जीवन मिशन पूरा होने से गांव की तस्वीर बदल रही है। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के कसडोल के दूरस्थ ग्राम राजादेवरी में अब लोगों को पीने के लिए घर में ही स्वच्छ जल मिलने लगा है।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेय जल की उपलब्धता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस मिशन का उद्देश्य हर घर तक नल द्वारा स्वच्छ और सुरक्षित पानी पहुँचाना है, जिससे ग्रामीण जीवन में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। गांव वालों से चर्चा करते हुए जल जीवन मिशन के राजकुमार कोशले ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत, सिंगल विलेज योजना अन्तर्गत गांवों में नल-जल योजनाएं स्थापित की गई हैं, जिससे गांव के लोगों को स्वच्छ पानी प्राप्त हुआ है। स्वच्छ पानी की उपलब्धता से जल जनित बीमारियों में कमी आई है, जिससे ग्रामीणजनों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। पानी लाने में लगने वाला समय बचाने के कारण महिलाओं को अन्य कार्यों में भाग लेने का अवसर मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार हुआ है।
मिशन के अंतर्गत जल संरक्षण और कुशल उपयोग के लिए जागरूकता कार्यक्रम सतत चलाए जा रहे हैं, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बताया कि जल जीवन मिशन ने न केवल पेयजल की समस्या का समाधान किया है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और आर्थिक समृद्धि का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गया है। हमारा लक्ष्य है कि सभी गांवों में पर्याप्त और स्वच्छ पेयजल उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाए, ताकि हर नागरिक का जीवन बेहतर हो सके।
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प्रमिला और लीना के जीवन में महतारी वंदन योजना आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बना

रायपुर। श्रीमती लीना चक्रधारीकुम्हार समाज से जुड़े बलौदाबाजार जिला के ग्राम अर्जुनी में निवासरत श्रीमती प्रमिला चक्रधारी और उनकी बहू श्रीमती लीना चक्रधारी के लिए महतारी वंदन योजना किसी वरदान से कम नही है। प्रमिला ने इस योजना से मिली राशि का उपयोग मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए ज़रूरी समान खरीदने में करती है वहीं लीना ने इस राशि का उपयोग अपने घर को बेहतर ढंग से चलाने में करती है, जिससे घर की छोटी-छोटी ज़रूरतें पूरी हो रही है। यह योजना अब सिर्फ आर्थिक सहायता ही नहीं बल्कि सास-बहू दोनों के जीवन में आत्मसम्मान और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई।
बलौदाबाजार जिला के ग्राम अर्जुनी के प्रमिला के पति श्री मालिक राम परंपरागत कुम्हार का काम करते हैं। समय के अनुसार मिट्टी के बर्तन व अन्य सामान बनाते हैं। प्रमिला भी अपने पति के साथ मिलकर मिट्टी से जिंदगी संवारने का काम करती है। बर्तन बनाने का यह हुनर, उनके जीवन का आधार है। लेकिन कभी-कभी यह हुनर भी आर्थिक तंगी के सामने छोटा पड़ जाता है। उनके बेटे उमेश चक्रधारी रोजी- मजदूरी करके परिवार की गाड़ी चलाता है, जबकि उनकी पत्नी लीना जो गृहणी हैं, घर के कामकाज में लगी रहती हैं। लीना और उमेश की शादी को अभी दो साल ही हुए हैं लेकिन यह छोटा सा परिवार पहले से ही चुनौतियों के बीच अपनी राह बना रहा है। इन चुनौतियों से निजात दिलाने का काम मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की महतारी वंदन योजना ने किया।
महतारी वंदन योजना के तहत प्रमिला और लीना दोनों को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिल रही है। इस योजना की मदद से उनके जीवन में नई उम्मीद की किरण आई है। प्रमिला कहती है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की महिलाओं के हित में शुरू की गई महतारी वंदन योजना ने हमें वह सहारा दिया है, जो हमें कभी नहीं मिला था। हम मेहनत तो करते थे, लेकिन आर्थिक मजबूरी ने हमें हमेशा विवश कर रखा था। इस योजना से मिली राशि से अब हम अपनी मेहनत को और आगे बढ़ा सकते हैं। वहीं लीना की आँखों में भी एक नई चमक है। वह कहती है कि हमारा छोटा परिवार अब और मजबूती से खड़ा है। इस मदद ने हमें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है। दोनों सास-बहू मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते है कि इस योजना ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से बल्कि पूरे सम्मान के साथ जीवन यापन करने के लिए सशक्त बनाया है। आज प्रमिला और लीना परिवार अपने पैरों पर खड़ा होकर अपने भविष्य की नींव और भी मजबूत कर रही हैं।
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छत्तीसगढ़ के धमतरी में बूटीगढ़ की स्थापना, आयुर्वेदिक रसशाला बन रही आकर्षण का केंद्र

  • प्रदेश में अपनी तरह का पहला नवाचार, बूटीगढ़ में जल संरक्षण और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का समन्वय
  • वनसंपदा को सहेजने और आमजन को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करने मुख्यमंत्री ने किया प्रेरित
रायपुर। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में जल संरक्षण और आयुर्वेद को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। यहां आयुर्वेदिक चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष प्रयास किया गया है। यह प्रदेश में अपनी तरह का पहला नवाचार है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आयुष विभाग और धमतरी जिला प्रशासन के इस नवाचार की सराहना की है और ज्यादा से ज्यादा वन संपदा को सहजने और लोगों को आयुर्वेद के बारे में जागरूक करने के लिए कहा है।इस पहल के अंतर्गत जिला प्रशासन ने आयुर्वेद को स्थानीय लोगों के जीवन में सम्मिलित करने के लिए विशेष रूप से जिले के वंनाचल ग्राम सिंगपुर (बूटीगढ़) में आयुष रसशाला (औषधीय पेय केंद्र) की स्थापना की गई है।
बूटीगढ़ क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से औषधिगुणयुक्त पौधे पाये जाते हैं, इसलिए यहां हर्बेरियम का निर्माण किया जा रहा है। औषधिगुणयुक्त पौधों के संवर्धन, प्रचार-प्रसार और उपयोगिता के लिए रसशाला निर्मित किया जा रहा है। इस रसशाला के माध्यम से स्थानीय लोगों, छात्रों और पर्यटकों को रसपान का लाभ मिल सकेगा।
आयुर्वेद में पानी का महत्व अनमोल है, क्योंकि यह शरीर के सभी प्रमुख तत्वों को संतुलित रखता है। धमतरी जिले में ’जल जगार’ कार्यक्रम के माध्यम से जल संरक्षण के साथ-साथ आयुर्वेदिक पेय पदार्थों और औषधियों की उपयोगिता को भी प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी में उपस्थित आयुर्वेदिक चिकित्सकों ने बूटीगढ़ और रसशाला के महत्व को बताते हुए यह जानकारी दी कि कैसे एक परिवार और समाज शुद्ध पानी और आयुर्वेदिक खानपान को अपनाकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
बेहतर मानसिक और शारिरिक स्वास्थ्य के लिए दिया जा रहा काढ़ा
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध पचौरी ने बताया कि 160 प्रकार की जड़ी-बूटियों को चिन्हित किया गया है, जिनमें से पहले चरण में बूटीगढ़ में 25,000 पौधे लगाए गए हैं। इनमें से कुछ ऐसी जड़ी-बूटियाँ हैं जिन्हें आयुर्वेदिक उपचार के लिए चूर्ण या टैबलेट बनाकर इस्तेमाल भी किया जा रहा है। समय के साथ जब बूटीगढ़ विकसित होने लगेगा तो रसशाला के जरिए लोगों को आयुर्वेद के प्रति और भी जागरूक किया जा सकता है। इसके साथ ही बूटीगढ़ में विलुप्त होने वाली जड़ी-बूटियों को भी सहजा जा रहा है, ताकि भविष्य में इन पर शोध हो सके। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभिन्न आयुष केंद्रों में योग करने आये लोगों, मरीजों, गर्भवती महिलाओं, किशोर-किशोरियों व बच्चों को विभिन्न जड़ी-बुटियों से बना काढ़ा, औषधी स्वरूप दिया जा रहा है, जिससे लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सकारात्मक परिर्वतन देखने को मिल रहा है।
हृदय रोगियों के लिए रामबाण है ‘अर्जुन क्षीरपाक’
डॉ. अवध पचौरी के मुताबिक कोविड काल के बाद से ही लगातार ये देखा जा रहा है कि अचानक हार्ट अटैक से किसी भी उम्र वर्ग के व्यक्ति की ऑन-द-स्पॉट मृत्यु हो रही है, जान बचाने के लिए समय भी नहीं मिल पा रहा है, जो एक चिंता का विषय बन चुका है। आयुर्वेद में अर्जुन पेड़ की छाल से बनें ‘अर्जुन क्षीरपाक’ के नियमित सेवन इंस्टेंट हार्ट अटैक के मामलों में कमी लाई जा सकती है। अर्जुन की छाल में विशेष औषधीय गुण होते हैं, जो हृदय की धमनियों को मजबूती प्रदान करते हैं और हृदय की मांसपेशियों को शक्ति देते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी है, जिन्हें हृदय संबंधी समस्याएं हैं या जिनमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है।
सामान्य जीवन में बेहद लाभकारी है आयुर्वेदिक औषधियाँ
जिला आयुष अधिकारी डॉ. गुरूदयाल साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में जिले में हुए जल जगार महोत्सव में आयुष विभाग की प्रदर्शनी में बूटीगढ़ और रसशाला की प्रदर्शनी में  मुनगा (सहजन) जैसे पौधों के औषधीय गुणों को भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें मुनगा का सूप बनाने की विधि बताई गई। साथ ही, विभिन्न जड़ी-बूटियों का अर्क डिस्टिलेशन प्रक्रिया के माध्यम से निकाला गया, जिससे रोज़मर्रा के जीवन में उपयोगी औषधियाँ तैयार की जा सकती हैं। बूटीगढ़ और रससाला का उद्देश्य ही यही है कि आमजनों को ज्यादा से ज्यादा औषधीय गुणों से भरे पेड़-पौधों को लेकर जागरूक किया जाए। हमारे घरों में ही कितनी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ उपलब्ध होती हैं, जिसके सेवन से मौसमी बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। डॉ. गुरूदयाल आगे बताते हैं कि राशि रत्न पौधों को लगाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा औषधीय पौधरोपण से प्रकृति को भी सहजा जा रहा है और जल सरंक्षण में भी यह कदम सराहनीय है। साथ ही औषधीय पेड़-पौधों से जीवन में सकारात्मकता भी बढ़ती है।
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथ रसशास्त्र से मिली रसशाला की प्रेरणा
आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों में से एक रसशास्त्र में औषधियों को बनाने की कई विधियों का वर्णन मिलता है। इन प्रक्रियाओं में अलग-अलग यंत्रों का उपयोग किया जाता था, जिनसे औषधियों को शुद्ध और तैयार किया जाता था। महर्षि नागार्जुन को इन विधियों का जनक माना जाता है। इन औषधियों का उपयोग विशेष रूप से बीमारियों के इलाज में किया जाता है। पुराने समय में आयुर्वेदाचार्य कई प्रकार के यंत्रों का इस्तेमाल करते थे। जैसे दोला यंत्र, उलूखल यंत्र, कच्छप यंत्र, और स्वेदनी यंत्र। इन यंत्रों से औषधियाँ बनती थीं, जो आज भी कई बीमारियों में कारगर होती हैं। आयुष रसशाला के जरिए ताजा जड़ी-बूटियों से औषधीय रस, अर्क, क्वाथ और पेय बनाए जाते हैं। ये औषधियाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं और कई बीमारियों में फायदेमंद साबित होती हैं।
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सफलता के लिए संघर्ष, त्याग और समर्पण की भावना जरूरत: मंत्री टंकराम वर्मा

  • रायपुर संभाग को ओवरऑल चैम्पियनशिप का मिला खिताब
  • राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता का हुआ समापन
  • राज्य के 5 संभाग के लगभग 1790 खिलाड़ी और 300 कोच हुए शामिल
रायपुर। मंत्री श्री वर्मा ने खिलाडियों को प्रेरित करते हुए कहा कि बिना किसी कठिन परिश्रम के ऊंचाईयों तक नहीं पहुंचा जा सकता, यदि हम इतिहास के महान लोगों के जीवन को देखे, तो उनके जीवन में संघर्ष, त्याग और समर्पण जुड़ा हुआ है। खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा बुधवार को राजधानी रायपुर के जे.आर. दानी स्कूल में आयोजित 24वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीडा प्रतियोगिता के समापन समारोह में पहुंचे। विगत चार दिनों से आयोजित इस प्रतियोगिता मंें राज्य के सभी संभागों के स्कूल के 1790 खिलाड़ी और 300 कोच शामिल हुए। इस प्रतियोगिता में रायपुर संभाग को ओवरऑल चैम्पियनशिप का खिताब दिया गया।
मंत्री श्री वर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए प्रतियोगिता एक बेहतरीन मंच है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की सरकार में खेल प्रतिभा को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। अलंकरण दिवस समारोह में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के ऐसे खिलाड़ी जो ओलंपिक में गोल्ड मैडल विजेता होंगे, उन्हें 3 करोड़ रूपए से पुरस्कृत करने की घोषणा की।
मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने कहा कि आज यहां उपस्थित खिलाड़ी राज्य स्तरीय खेल में शामिल होने आए हैं, सरकार की मंशा है कि खिलाड़ी न केवल राज्य स्तर अपितु राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम गौरवान्वित करें। प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा प्रदर्शन करने का अवसर मिले, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि खेल से शारीरिक और मानसिक विकास के साथ टीम भावना का विकास होता है। खेल में हार-जीत लगा रहता है, हार कर बैठना बुरी बात है।
ज्ञात हो कि राज्य स्तरीय शालेय कीड़ा प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ राज्य के 05 संभाग से लगभग 1790 प्रतिभागी खिलाड़ी एवं 300 कोच सम्मिलित हुए। विगत 04 दिनों से चलने वाली इस प्रतियोगिता में 10 खेलों बास्केटबाल, हॉकी, फुटबॉल, रोलर स्केटिंग, स्क्वैश, सॉफ्ट टेनिस, बॉक्सिंग, ताईक्वाण्डो, साइकिलिंग एवं तीरंदाजी के खिलाड़ी प्रतियोगिता में सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर विधायकगण श्री मोती लाल साहू और श्री पुरंदर मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री विजय खंडेलवाल, जिला क्रीडा अधिकारी श्री आई.पी. वर्मा सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, खिलाड़ी और कोच सहित स्कूली छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 3.50 करोड़ रूपये के ऋण स्वीकृति का चेक वितरित

रायपुर। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयाल दास बघेल बुधवार को छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक द्वारा नगर पंचायत नांदघाट में आयोजित स्व-सहायता समूह के ऋण स्वीकृति कैंप में शामिल होने। उन्होंने इस मौके पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन( बिहान) के तहत गठित स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 3.50 करोड़ रूपए के ऋण स्वीकृति का चेक वितरण किया।
मंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए तत्पर है। महिलाओं के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाएं संचालित कर लाभान्वित कर रही है। प्रदेश के 70 लाख से अधिक महिलाओं को प्रत्येक माह एक-एक हजार रूपए की राशि  महतारी वंदन योजना से प्रदान की जा रही है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक के द्वारा महिलाओं को दिए गए लोन की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं को आजीविका संवर्धन को बढ़ाने में मदद मिलेगी और महिलाएं स्वयं की व्यासायिक गतिविधियों से आर्थिक रूप से सशक्त होंगे।
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सहकारिता मंत्री "सहकार से समृद्धि" एक दिवसीय कार्यशाला में हुए शामिल

  • छत्तीसगढ़ में 4 नवीन जिला सहकारी बैंक के गठन की प्रक्रिया प्रारंम्भ
  • राज्य के 8.36 लाख से अधिक किसानों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड जारी
रायपुर। वन एवं जलवायु परिवर्तन, जलसंसाधन, कौशल विकास और  सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप बुधवार को सिविल लाईन रायपुर स्थित न्यू-सर्किट हाउस, मिनी कॉन्फ्रेंस हॉल में ‘सहकार से समृद्धि’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल हुए। कार्यशाला में केंद्र सरकार, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘सहकार से समृद्धि’ विषय पर की गई पहल के अंतर्गत राज्य में किए जा रहे विभिन्न कार्यों के विषयों पर आयोजित की गई। गौरतलब है कि सहकारी बैंक द्वारा 8 लाख 36 हजार 597 किसानों को रूपे किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। इस अवसर पर सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने 5 किसानों को प्रतिकात्मक रूप से रूपे किसान क्रेडिट कार्ड और श्रीमती नीलम चौहान को अनुकम्पा नियुक्ति पत्र प्रदान किया।
विभागीय समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि आगामी 6 माह में 2000 पैक्स, मछुआ समिति, लघुवनोपज समिति तथा दुग्ध समितियों का गठन किया जाना है। इसके लिए मल्टी फंक्शनल सोसाइटियों के मॉडल बायलॉज तथा समयबद्व कार्ययोजना बनाई जाए। अधिकारियों ने बताया कि विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा आरआईडीएफ के तहत 200 मीट्रिक टन क्षमता के 725 पैक्स गोदामांे में से 587 गोदाम निर्माण पूर्ण हो चुका है। शेष गोदामों का निर्माण नवंबर माह तक पूर्ण करा लिया जाएगा, इससे छत्तीसगढ़ में 1.45 लाख मीट्रिक टन भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी। सहकारिता मंत्री ने मछुआ सहकारी समितियों की नीतियों में सुधार के लिए निर्देशित किया कि छत्तीसगढ़ के मछुवारों को मछली विक्रय का लाभ सीधे मिल सके एवं उनका हित सुरक्षित रहे। छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के अधीन 42 प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र अक्टूबर माह के अंत तक खोलने के निर्देश दिए, जिससे लोगों को सस्ती जेनेरिक दवाई मिल सकेगी। बैठक में अम्बिकापुर तथा जगदलपुर के सभी पैक्स में माइक्रो एटीएम को एक्टिव रखने कहा गया। जिससे आगामी धान खरीदी में किसानों को राशि आहरण में सुविधा हो। डेयरी समितियों तथा मछुआ समितियों को माइक्रो एटीएम दिया जाए।
सहकारिता मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि पैक्स कंप्यूटराईजेशन मॉड्यूल किसानों के लिए उपयोगी होना चाहिए। मनेन्द्रगढ़, कोरिया, कोंडागांव, सरगुजा, सारगढ़ तथा बलौदाबाजार जिले के पैक्स कंप्यूटराईजेशन की प्रक्रिया में तेजी लाने कहा गया। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि रिजर्व बैंक तथा नाबार्ड के मापदंडों का अनुपालन करते हुए छत्तीसगढ़ में चार नवीन जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के गठन की प्रक्रिया आरम्भ कर दी गई है। महासमुंद तथा गरियाबन्द को मिलाकर नवीन बैंक, जांजगीर-चाम्पा, कोरबा तथा शक्ति को मिलाकर एक नवीन बैंक, कांकेर तथा नारायणपुर को मिलाकर नवीन सहकारी बैंक एवं रायगढ़, जशपुर व सारंगढ़ मिलाकर नवीन जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खोली जाएगी।
सचिव सहकारिता डॉ. सी. आर. प्रसन्ना ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2058 पैक्स में 1738 कॉमन सर्विस सेंटर एक्टिवेट किया गया है। इन कॉमन सर्विस सेंटरों से सहकारी समितियों के 16 लाख ऋणी सदस्यों को जोड़ा जाएगा। डेयरी तथा मछुआ समितियों का खाता को-आपरेटिव्ह बैंकों में खोला जाए। बैठक में भारतीय बीज सहकारी समिति की सदस्यता की स्थिति, राष्ट्रीय सहकारी निर्यात समिति की सदस्यता, राष्ट्रीय सहकारी जैविक समिति की सदस्यता तथा प्रधानमंत्री उज्जवला योजना अंतर्गत एलपीजी वितरण पैक्स की गहन समीक्षा की गई।
इस अवसर पर सचिव सहकारिता डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री कुलदीप शर्मा, प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ वनोपज संघ श्री अनिल कुमार साहू, कार्यकारी संचालक वनोपज श्री मणिवासगन, प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक श्री के.एन. काण्डे, अपर संचालक पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री एच.के. दोशी, महाप्रबंधक नाबार्ड श्री शतांषु शेखर, अपर पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री एच.के. नागदेव सहित मत्स्य, पशुपालन और सहकारिता विभाग, लघु वनोपज, नाबार्ड, एनसीडीसी तथा जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
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CM विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय डाक दिवस की दी बधाई

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भारत की सबसे पुरानी सरकारी डाक प्रणाली "भारतीय डाक" के सभी कर्मियों को राष्ट्रीय डाक दिवस की हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संदेश में कहा कि हर साल 10 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय डाक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय डाक विभाग द्वारा निभाई गई भूमिका और उसकी सराहनीय सेवाओं का स्मरण दिलाता है। भारतीय डाक सेवा दुनिया में सबसे बड़े डाक नेटवर्क के रूप में स्थापित है। आज के डिजिटल युग में भी यह ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में संचार का सुलभ साधन बनी हुई है। इसके साथ यह ई-कॉमर्स, बैंकिंग सुविधा और डिजिटल इंडिया जैसी अनेक सरकारी योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाकर देश के विकास में अपना योगदान दे रही है।
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पीडब्ल्यूडी विभाग में 102 अभियंताओं की भर्ती को वित्त से मंजूरी

  • CM विष्णुदेव साय के नेतृत्व में युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के लिए खुले अवसरों के द्वार
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग में सब इंजीनियरों के 102 पदों पर भर्ती को वित्त विभाग ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसमें 86 सिविल और 16 विद्युत-यांत्रिकी के उप अभियंता के पद शामिल हैं। इससे पहले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में 128 अभियंताओं के पद निकाले गए थे।
मुख्यमंत्री ने तेजी से विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती के निर्देश दिए हैं और रिक्त पदों पर भर्ती की त्वरित रूप से स्वीकृति दी जा रही है। मुख्यमंत्री की विशेष पहल से अब शासकीय सेवा के 6 हजार से अधिक पदों में नियुक्तियों की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।
छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए सरकारी नौकरियों में अवसर लगातार खुल रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में लगातार पहल की जा रही है। अब तक 8 से अधिक विभागों में विभिन्न पदों पर भर्ती की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। स्वास्थ्य विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, कृषि विभाग, ग्रामीण आजीविका मिशन, गृह विभाग, विधि विभाग, आदिम जाति कल्याण, वन एवं पर्यावरण विभाग में भर्ती प्रक्रिया चल रही है। निर्माण एजेंसियों में तेजी से चल रही भर्ती प्रक्रिया से प्रदेश में बड़े पैमाने पर चल रही अधोसंरचना परियोजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
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CM विष्णुदेव साय ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से दूरभाष पर चर्चा कर दी जीत की बधाई

  • हरियाणा की जनता ने केन्द्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों और विकास योजनाओं पर लगाई अपनी मुहर : श्री साय
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बुधवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी से दूरभाष पर चर्चा कर विधानसभा के चुनाव में शानदार जीत के लिए छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से बधाई एवं शुभकामनाएं दी। 
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने में हरियाणा राज्य अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने केन्द्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में जनकल्याणकारी योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री सैनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा की जनता ने केन्द्र व राज्य सरकार की उपलब्धियों और विकास योजनाओं पर अपनी मुहर लगा दी है।
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डिजिटल युग में छत्तीसगढ़ : मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन

रायपुर। आज जब पूरी दुनिया डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ रही है, भारत भी इस बदलाव की अगुवाई कर रहा है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य भी ’’डिजिटल युग’’ में कदम से कदम मिलाते हुए अपने विकास की कहानी लिख रहा है। बीते कुछ महीनों में, छत्तीसगढ़ ने डिजिटल प्रगति और सुशासन की दिशा में जो उल्लेखनीय कदम उठाए हैं, वे न सिर्फ राज्य को विकास की ओर ले जा रहे हैं, बल्कि प्रदेश के नागरिकों के जीवन को भी सरल और सुविधाजनक बना रहे हैं। यह विकास प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व का प्रमाण है।
डिजिटल क्रांति की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़-
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ’’ई-ऑफिस’’ प्रणाली लागू की है, जिसके माध्यम से सरकारी दस्तावेजों का प्रबंधन, सुरक्षा और फाइलों का निपटारा तेजी से किया जा रहा है। इस कदम से न केवल सरकारी प्रक्रिया की गति बढ़ी है, बल्कि कामकाज में पारदर्शिता भी आई है। इसी तरह मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ मुख्यमंत्री कार्यालय छत्तीसगढ़ शासन) में भी डिजिटल रूपांतरण की दिशा में कदम उठाए गए हैं। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को मुख्यमंत्री के रोजमर्रा के कार्यक्रम, राज्य की योजनाओं और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ विभिन्न जिलों की जानकारी उपलब्ध होने से आम लोगों को भी सहूलियत होगी। यह डिजिटल पहल न केवल सरकारी कार्यप्रणाली को सरल बना रही है, बल्कि नागरिकों को भी राज्य के विकास में भागीदार बना रही है।
’स्वागतम’ पोर्टल: समय और सुविधा का संगम-
छत्तीसगढ़ सरकार ने आम नागरिकों के लिए मंत्रालय में प्रवेश को सुगम बनाने के लिए ’स्वागतम’ पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल के माध्यम से बड़े शहर हो या सुदूर क्षेत्र के लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और उन्हें एसएमएस और ई-मेल के जरिए प्रवेश पास प्राप्त होगा। इससे समय की बचत होगी और कतारों में लगने की आवश्यकता नहीं होगी। यह पहल न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बना रही है, बल्कि आम जनता के लिए सरकार के द्वार खोल रही है।
दस महीनों में सुशासन की ओर कदम-
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने करीब दस महीनों में ’’सुशासन’’ की एक नई परिभाषा गढ़ी है। सरकार ने विकास के साथ-साथ आम जनता का विश्वास वापस पाने में भी सफलता हासिल की है। ’मोदी की गारंटी’ को पूरा करने के लिए विष्णु सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इन दस महीनों में सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे जनता को सीधे लाभ मिल रहा है।
डिजिटल छत्तीसगढ़ : भविष्य की ओर बढ़ता राज्य-
छत्तीसगढ़ का डिजिटल सफर न केवल राज्य को प्रगति के पथ पर ले जाएगा, बल्कि यह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए भी राज्य को तैयार कर रहा है। डिजिटल माध्यमों का प्रभावी उपयोग जहां सरकारी प्रक्रियाओं को तेज और पारदर्शी बना रहा है, वहीं यह नागरिकों के लिए भी एक आसान और त्वरित सेवा का माध्यम बन रहा है। ’’मोदी की गारंटी’’ और ’’विष्णु के सुशासन’’ में छत्तीसगढ़ जिस तेजी से डिजिटल युग की ओर कदम बढ़ा रहा है, वह न केवल राज्य के वर्तमान को समृद्ध बना रहा है, बल्कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करेगा। यह डिजिटल क्रांति प्रदेश के विकास की कहानी का नया अध्याय लिख रही है और छत्तीसगढ़ को एक नई दिशा में ले जा रही है। -एल.डी. मानिकपुरी, सहायक जनसंपर्क अधिकारी
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CM विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का हो रहा चंहुमुखी विकास : अरुण साव

  • छत्तीसगढ़ में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का मिल रहा है लगातार सहयोग
  • भारत सरकार द्वारा राज्य में 8 सड़क खंडों के लिए 892 करोड़ रुपए स्वीकृत
  • 6 जिलों में 324 किमी सड़क के विकास के लिए मंजूर की गई राशि
रायपुर। छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने भारत सरकार द्वारा आठ सड़क खंडों के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए स्वीकृत करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी के प्रति आभार व्यक्त किया है। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ का चहुंमुखी विकास हो रहा है। राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितम्बर को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी।
राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने सोमवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर भारत सरकार द्वारा इन प्रस्तावों को मंजूर किए जाने की जानकारी साझा की है। उन्होंने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिलों में आठ राज्य सड़क खंडों के विकास के लिए सीआरआईएफ से वित्तीय वर्ष 2024-25 में 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बताया कि भारत सरकार द्वारा सीआरआईएफ से मंजूर की गई इस राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड, लुड़ेंग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड और जशपुर-आस्टा-कुसमी सड़क खंड के मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा।
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नारी सशक्तिकरण में टसर धागाकरण निभा रहा महत्वपूर्ण भूमिका

  • प्रीति अतिरिक्त आय अर्जित कर अपने सपने को कर रही है साकार
रायपुर। नारी सशक्तिकरण के माध्यम से एक सशक्त समाज की परिकल्पना को साकार करने में ग्रामोद्योग संचालनालय की टसर धागाकरण योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। जशपुर जिले में इस योजना के अंतर्गत कुमारी प्रीति चौहान जैसी महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। कलेक्टर के मार्गदर्शन में प्रीति ने टसर धागाकरण का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब वह इस कार्य में अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। गरीब परिवार से आने वाली प्रीति आज अपने परिवार की आर्थिक मदद कर रही हैं और अपनी बचत से खेती में भी योगदान दे रही हैं। उनके खाते में अब तक 1 लाख 2 हजार रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुकी है, जिससे उनका जीवनस्तर बेहतर हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार जशपुर जिले में धागाकरण प्रशिक्षण देकर समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें स्व-रोजगार के अवसर प्रदान करना है, जिससे उन्हें अपने गाँव में ही रोजगार मिल सके और उन्हें अन्य राज्यों की ओर रोजगार के लिए देखना न पड़े। टसर धागाकरण से जुड़ी अन्य महिलाएं भी अब गरीबी से उबरकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। इस योजना से उन्हें न केवल धागाकरण का कार्य मिला है, बल्कि वे अपनी कृषि भूमि पर खेती कर उन्नत किस्म का धान और अन्य फसलें भी उगा रही हैं। कई महिलाएं जो कभी साइकिल खरीदने का सपना देखती थीं, अब इस योजना से मिली आय से दोपहिया वाहन भी खरीद रही हैं और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही हैं।
रेशम विभाग द्वारा महिलाओं को कोकून बैंक के माध्यम से कोसा उपलब्ध कराया जाता है और उनके द्वारा उत्पादित धागे को विपणन कर उनकी आय को सीधे उनके खाते में जमा किया जाता है। इस प्रकार टसर धागाकरण योजना महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है, जिससे न केवल उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रही हैं, बल्कि उनका समाज में एक अलग पहचान भी बन रही है। नारी सशक्तिकरण के इस प्रयास से महिलाएं अब आत्मनिर्भर हो रही हैं और अपने परिवार और समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
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