धान का कटोरा

जल जीवन मिशन से बदली चिलकापल्ली की तस्वीर

  • हर घर पहुंचा नल से शुद्ध जल
रायपुर। कभी पेयजल संकट से जूझने वाला बीजापुर जिले का ग्राम चिलकापल्ली, आज जल जीवन मिशन के माध्यम से एक आदर्श ग्राम के रूप में उभर रहा है। फुतकेल ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले इस छोटे से गांव में अब 132 परिवारों को नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उनके घरों में ही उपलब्ध हो रहा है।
पहले इस गांव के लोगों की जल आवश्यकता हैंडपंपों से पूरी होती थी, जो गर्मी के दिनों में अक्सर जवाब दे जाते थे। महिलाओं और बच्चों को दूर-दूर तक पानी की तलाश में भटकना पड़ता था। लेकिन अब, छत्तीसगढ़ सरकार की नियद नेल्लानार योजना और जल जीवन मिशन ने इस गांव के हालात पूरी तरह बदल दिए हैं। जल जीवन मिशन के तहत ग्राम चिलकापल्ली में 37.89 लाख रुपये की लागत से 7138 मीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई। इसके साथ ही 5 सौर ऊर्जा आधारित जल आपूर्ति प्रणाली की स्थापना की गई, जिससे हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंच सुनिश्चित हो सकी है।
ग्राम पंचायत के पंच श्री नुप्पो देवा बताते हैं कि पहले महिलाओं और बच्चों को घंटों लाइन में लगकर या दूर-दूर से पानी लाना पड़ता था। अब घर में ही नल से पानी मिल रहा है, जिससे समय की भी बचत हो रही है और जीवन की गुणवत्ता भी सुधरी है। वहीं ग्रामवासी श्रीमती नुप्पो पोज्जी भी कहती हैं, अब हमें घर में ही पानी मिल जाता है। पहले बहुत दिक्कत होती थी, अब जीवन आसान हो गया है। 23 जून 2025 को ग्रामसभा में चिलकापल्ली को ‘हर घर जल’ प्रमाणीकरण भी प्राप्त हुआ। इस अवसर पर सरपंच श्री मनीष कुमार मुसक्की, पंचगण लेकम गुज्जा एवं मड़कम हेमंत, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और समस्त ग्रामवासी उपस्थित रहे। 
अब गांव में जल जीवन मिशन के अंतर्गत बनी जल आपूर्ति प्रणाली के संचालन, रख-रखाव और सतत निगरानी की जिम्मेदारी खुद ग्रामवासियों को सौंपी गई है। ग्रामवासी जल संरक्षण और उसके महत्व को समझते हुए जागरूकता फैलाने में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। जल जीवन मिशन के कारण न केवल चिलकापल्ली में पेयजल संकट समाप्त हुआ है, बल्कि यह योजना स्वास्थ्य सुधार, समय की बचत, महिला सशक्तिकरण और सामुदायिक विकास का भी आधार बन गई है। चिलकापल्ली अब एक ऐसा उदाहरण बन चुका है, जो बताता है कि यदि योजना का क्रियान्वयन सही दिशा में हो, तो गांव की तस्वीर और तकदीर दोनों बदली जा सकती हैं। जल जीवन मिशन वास्तव में ग्रामीण भारत के उज्जवल भविष्य की ओर एक सशक्त कदम है, और चिलकापल्ली इसकी सशक्त मिसाल।
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कोण्डागांव मंडी समिति की बड़ी कार्रवाई

  • मक्का के अवैध परिवहन पर दो वाहन जब्त, 92,805 रूपए की वसूली
रायपुर। कृषि उपज मंडी समिति कोण्डागांव के निरीक्षण दल ने मंडी अधिनियम के उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए मक्का के अवैध परिवहन में लगे दो वाहनों को जब्त किया है। मंडी सचिव श्री सुरेश कुमार सिंह के नेतृत्व में 13 एवं 14 जून को यह कार्रवाई माकड़ी क्षेत्र में की गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 13 जून को ग्राम भारसोण्डी (ओडिशा) निवासी श्री नेपाल घरामी को माकड़ी तहसील में 500 बोरी मक्का का परिवहन करते हुए पकड़ा गया। इसी तरह, 14 जून को ग्राम अम्पानी (ओडिशा) निवासी श्री उपेन्द्र मांझी 387 बोरी मक्का के साथ पकड़े गए। दोनों ही मामलों में मंडी कागजातों का अभाव पाया गया। मंडी अधिनियम 1972 की धारा 23 के तहत इन दोनों मामलों में मक्का और वाहन को जब्त कर पुलिस थाना माकड़ी की अभिरक्षा में सौंपा गया। साथ ही अधिनियम की धारा 19(4) के तहत संबंधित व्यापारियों से देय शुल्कों का पांच गुना शुल्क, कृषक कल्याण शुल्क, निराश्रित शुल्क तथा धारा 53 के तहत कुल 92,805 रूपए की राशि की वसूली की गई। मंडी समिति द्वारा यह कार्रवाई किसानों के हित और पारदर्शी कृषि व्यापार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024-25 में मक्का के अवैध व्यापार के कुल 16 प्रकरण दर्ज किए गए थे, जिनमें 3.20 लाख रूपए की वसूली की गई थी। मंडी समिति ने कहा है कि कृषि उपज के अवैध व्यापार पर सख्ती से निगरानी की जा रही है और नियमों के उल्लंघन पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई जारी रहेगी।
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अचानकमार के 12 गांवों के सोलर पैनलों में लगाई जा रही नई बैटरियां

  • सुशासन की रोशनी वनांचल तक : 13 बसाहटों के 322 घर और गलियां होंगी रोशन
  • उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन के संकल्प के अनुरूप सुदूर और वनवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने लगातार नई पहल की जा रही हैं। मुंगेली जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) के दुर्गम वनांचल गांवों में भी रात्रिकालीन सौर प्रकाश व्यवस्था को सुदृढ़ करने राज्य शासन ठोस कदम उठा रही है। इन गांवों में पूर्व में लगाए गए सोलर पैनलों की बैटरियां पुरानी हो गई हैं और उनकी क्षमता भी क्षीण हो गई हैं, जिसकी वजह से घरों और गलियों में लगी सोलर लाइट्स से पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पा रही हैं।
अचानकमार टाइगर रिजर्व के रहवासियों की समस्या को देखते हुए राज्य शासन के क्रेडा (CREDA) द्वारा 12 गांवों महामाई, डंगनिया, तिलईडबरा, लमनी, छपरवा, अचानकमार, मंजूरहा, कटामी, अतरिया, बम्हनी, राजक और सुरही में सोलर पैनलों की बैटरियां बदली जा रही हैं। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने शनिवार को लोरमी में इन गांवों की 13 बसाहटों के लिए बैटरी लेकर जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सोलर पैनलों में लगी बैटरियों के पुराने व क्षमताहीन हो जाने के कारण इन बसाहटों में रात्रिकालीन जन-जीवन प्रभावित हो रहा था। घने जंगलों के बीच अपर्याप्त रोशनी में ग्रामीण स्वयं को असुरक्षित भी महसूस कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में विगत 19 मई को अचानकमार क्षेत्र के वनग्राम बिजराकछार में सुशासन तिहार के तहत आयोजित समाधान शिविर में ग्रामीणों ने प्रकाश की व्यवस्था की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। उप मुख्यमंत्री तथा क्षेत्रीय विधायक श्री अरुण साव ने इस पर तत्परता से संज्ञान लेते हुए पुरानी बैटरियों को बदलने के निर्देश दिए थे।
अचानकमार टाइगर रिजर्व के 25 गांवों के घर और गलियां सौर ऊर्जा से रोशन हैं। इन्हें रोशन करने के लिए अलग-अलग समय में 112 सोलर पॉवर यूनिट्स स्थापित की गई हैं। इनमें से 12 गांवों की 13 बसाहटों में अभी नई बैटरियां लगाई जा रही हैं। इससे इन बसाहटों में रहने वाले 322 परिवारों को रात में पर्याप्त रोशनी मिलेगी। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने बैटरी ले जा रहे वाहन को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि अब अचानकमार वनांचल में बरसात के दिनों में अंधियारा नहीं होगा। रात में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था हो जाने से वहां के रहवासी जंगली जीव-जंतुओं के खतरे से सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार गांवों के विकास के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। दूरस्थ गांवों में भी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण काम है।
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मुख्यमंत्री साय से छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के पदाधिकारियों ने की मुलाकात

  • ओलम्पिक दिवस आयोजन हेतु किया आमंत्रित
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के पदाधिकारियों ने सौजन्य मुलाकात की और श्री साय को 23 जून को ओलम्पिक दिवस के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर  छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के महासचिव श्री विक्रम सिसोदिया, प्रदेश वालीबॉल संघ अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री श्री महेश गागड़ा, छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ उपाध्यक्ष श्री सुनील रामदास एवं संयुक्त सचिव श्री प्रशांत रघुवंशी उपस्थित थे। इस दौरान छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ ओलम्पिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष है।
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मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सोमवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ को बधाई देते हुए टेलीफोन डायरेक्टरी को आमजनों के लिए बेहद उपयोगी बताया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ अध्यक्ष श्री अरविंद अवस्थी, प्रदेश संयोजक राजेश मिश्रा, प्रदेश सचिव श्री मनोज मिश्रा, जिला अध्यक्ष महासमुन्द श्री स्वप्निल तिवारी, जांजगीर से श्री देवेन्द्र ठाकुर, भिलाई से श्री छगन साहू सहित छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के अन्य सदस्यगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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कैम्पा मद का नियमानुसार हो समुचित उपयोग : CM विष्णुदेव साय

  • मुख्यमंत्री अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय महानदी भवन में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने निर्देश दिए कि कैम्पा मद का समुचित उपयोग नियमानुसार किया जाए। उन्होंने बैठक में कैम्पा के अंतर्गत संचालित कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। हमारे प्रदेश में भरपूर वन संपदा उपलब्ध है। देश में भौगोलिक क्षेत्रफल के अनुसार छत्तीसगढ़ का स्थान दसवां है, जबकि वन क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य तीसरे पायदान पर है। वनों के संरक्षण एवं संवर्धन में कैम्पा मद की राशि की महत्वपूर्ण भूमिका है, अतः इसका उपयोग आवश्यकतानुरूप प्राथमिकताओं के आधार पर किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कैम्पा मद के अंतर्गत विगत वर्षों में किए गए वन विकास, वन सुरक्षा, वन्यप्राणी संरक्षण तथा अधोसंरचना विकास से संबंधित कार्यों की जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी (कैम्पा) द्वारा गवर्निंग बॉडी के समक्ष अब तक की प्रगति तथा कैम्पा मद से संपादित महत्वपूर्ण कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
बैठक में बताया गया कि कैम्पा मद के अंतर्गत वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण, वनग्रामों का पुनर्स्थापन, भू-जल संरक्षण, देवगुड़ियों का संरक्षण, वन मार्गों का उन्नयन, पुलिया एवं रपटा निर्माण, चारागाह विकास, नर्सरियों की स्थापना, हाईटेक बेरियरों का निर्माण, नदी तट वृक्षारोपण, फ्रंटलाइन स्टाफ हेतु आवासीय भवन, अग्नि सुरक्षा तथा वन्यप्राणी प्रबंधन जैसे कार्यों का क्रियान्वयन किया गया है।
छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी को अवगत कराया गया कि वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक राज्य के ब्याज धारित लोक खाता ‘छत्तीसगढ़ प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि’ में भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली से कुल 7297.55 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई है, जिसमें से विगत छह वर्षों में 4010.43 करोड़ रुपए का उपयोग किया गया है।
कैम्पा मद की वार्षिक कार्य योजना (एपीओ) 2025-26 के लिए राज्य कैम्पा द्वारा भारत सरकार के राष्ट्रीय कैम्पा को 694.18 करोड़ रुपए की योजना प्रस्तावित की गई है, जिसके विरुद्ध अब तक 433.69 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। 
बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती निहारिका बारीक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस., सचिव आवास एवं पर्यावरण विभाग श्री अंकित आनंद, सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग श्री अमरनाथ प्रसाद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री वी. श्रीनिवास राव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
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केबिनेट बैठक 18 जून को मुख्यमंत्री निवास में

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बुधवार 18 जून 2025 को सवेरे 10.00 बजे राज्य मंत्रिपरिषद (केबिनेट) की बैठक मुख्यमंत्री के निवास  कार्यालय सिविल लाइन रायपुर में आयोजित होगी।
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उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया शाला प्रवेशोत्सव

  • शाला प्रवेशोत्सव में शामिल हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री अरुण साव
  • उप मुख्यमंत्री श्री साव ने स्कूल में विभिन्न कार्यो के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की
  • बच्चे बने बाल अतिथि, तिलक लगाकर और मुंह मीठा कर किया गया स्वागत
  • बच्चों को साइकिल, किताब व बैग वितरित
रायपुर। केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव आज बिलासपुर के सरकण्डा स्थित पीएमश्री सेजेस कन्या शाला में आयोजित जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव में शामिल हुए। शाला प्रवेशोत्सव उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। उप मुख्यमंत्री तथा बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव ने स्कूल में विभिन्न कार्यों के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की। 
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने शाला प्रवेशोत्सव में बाल अतिथियों प्रियांशु, साहिल, प्राची और धनमती का तिलक लगाकर, माला पहनाकर और मुंह मीठा कर स्वागत किया। कार्यक्रम में बच्चों को बैग, किताब, ड्रांइग किट तथा सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल वितरण भी किया गया। विधायकगण सर्वश्री धरम लाल कौशिक, दिलीप लहरिया और सुशांत शुक्ला भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
केन्द्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने शाला प्रवेशोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि गुरूओं की कृपा से ही उन्नति मिलती है। आज का यह दिन बेहद खास है, इसे हम एक वृहद उत्सव के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने बच्चों से कहा कि ये आपके सुनहरे दिन हैं। आने वाले भविष्य की नींव विद्यार्थी काल में ही रखी जाती है। केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री साहू ने बच्चों से कहा कि तनाव लेने की कतई आवश्यकता नहीं है। खूब मन लगाकर पढ़ें। विद्यार्थी जीवन ही पूरे जीवन की बुनियाद होती है। 
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम में कहा कि शाला प्रवेशोत्सव का मूल उद्देश्य है कि एक भी बच्चा स्कूल आने से न छूटे। हमारी सरकार शिक्षा के जरिए पूरे समाज को एक साथ जोड़कर विकास का मार्ग प्रशस्त करना चाहती है। शिक्षा केवल डिग्री लेने के लिए नहीं है। शिक्षा और संस्कार दोनों जरूरी है। हमारे राज्य में छात्र और शिक्षक का अनुपात अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि शिक्षा हर एक का अधिकार है। युक्तियुक्तकरण के जरिए अब हर बच्चे को शिक्षा का उसका अधिकार मिल पाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में सभी के लिए शिक्षा सुलभ हो पा रही है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि आज स्कूल का पहला और खास दिन है। आज हम सब संकल्प लें कि पूरे राज्य में अव्वल आकर बिलासपुर का परचम लहराएंगे। उन्होंने शाला प्रबंधन की मांग पर स्कूल में विभिन्न कार्यो के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की। 
विधायक श्री सुशांत शुक्ला ने शाला प्रवेशोत्सव में कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन में हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिला है। बच्चियां पल्लवित और पुष्पित होंगी तो समाज भी पल्लवित और पुष्पित होगा। जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी, उपाध्यक्ष श्रीमती ललिता संतोष कश्यप, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, नगर निगम के आयुक्त श्री अमित कुमार तथा जिला पंचायत के सीईओ श्री संदीप अग्रवाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में शाला प्रवेशोत्सव में मौजूद थे।  
‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत रोपे गए पौधे
जिला स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव में शामिल होने पहुंचे अतिथियों ने स्कूल परिसर में ‘एक पेड़ मां के नाम अभियान 2.0’ के तहत बड़ी संख्या में नीम के पौधे लगाए। शाला प्रवेशोत्सव के दौरान स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सबका मन मोहा। बिल्हा की विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्रीमती सुनीता ध्रुव और समग्र शिक्षा की एपीसी श्रीमती सुनीता पाण्डेय ने बच्चों के लिए न्योता भोज का आयोजन किया।
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CM साय ने दी बधाई, साइप्रस सरकार से पीएम मोदी मिला सर्वोच्च नागरिक सम्मान

रायपुर। साइप्रस सरकार से पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है, सीएम साय ने बधाई देते हुए कहा, विश्व मंच पर भारत का परचम बुलंद, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को साइप्रस सरकार द्वारा उनके सर्वोच्च नागरिक सम्मान “Grand Cross of the Order of Makarios III” से सम्मानित किया जाना 140 करोड़ देशवासियों के लिए गर्व और आत्मगौरव का क्षण है। यह सम्मान प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी नेतृत्व एवं कुशल विदेश नीति का प्रतीक है। समस्त छत्तीसगढ़ वासियों की ओर से माननीय प्रधानमंत्री जी का सहृदय अभिनंदन।
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कोंडागांव की प्यास बुझाएगा कोसारटेडा बांध का पानी

  • मिशन अमृत 2.0 से मिलेगी हर घर शुद्ध पेयजल की सुविधा
रायपुर। कोंडागांव नगर के नागरिकों को जल्द ही कोसारटेडा बांध से मिलने वाला शुद्ध और सुरक्षित पेयजल नल के माध्यम से सीधे उनके घरों तक पहुंचेगा। भारत सरकार की मिशन अमृत 2.0 योजना के तहत कोंडागांव में 102 करोड़ रुपये की लागत से जल प्रदाय योजना तेज़ी से आकार ले रही है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का 33 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है और आगामी डेढ़ से दो वर्षों के भीतर इसे पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस योजना के तहत कोसारटेडा बांध, जो कि नगर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है, से जल लाकर उसे 9 एमएलडी क्षमता के आधुनिक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध किया जाएगा। इसके पश्चात यह जल नगर में मौजूद पांच मौजूदा पानी टंकियों और निर्माणाधीन दो नई ओवरहेड टंकियों के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाया जाएगा।
बांधापारा और फॉरेस्ट कॉलोनी में बन रही हैं नई टंकियां
शहर में दो नई पानी टंकियों का निर्माण भी जोरों पर है। इनमें से एक बांधापारा में 555 किलोलीटर और दूसरी फॉरेस्ट कॉलोनी के पास 810 किलोलीटर की क्षमता वाली है। इन टंकियों के माध्यम से कोंडागांव की लगभग 40 हजार की जनसंख्या में से 9 हजार घरों को प्रत्यक्ष रूप से पेयजल आपूर्ति से जोड़ा जाएगा।
व्यापक नेटवर्क से हर घर पहुंचेगा जल
पेयजल की निर्बाध आपूर्ति के लिए 24 किलोमीटर लंबी रॉ-वॉटर पाइपलाइन और लगभग 11 किलोमीटर की क्लियर-वॉटर पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इसके साथ ही 143 किलोमीटर लंबी वितरण पाइपलाइन (डिस्ट्रिब्यूशन लाइन) से प्रत्येक घर को नल कनेक्शन से जोड़ा जाएगा।
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि निर्माण एजेंसी योजना के निर्माण के बाद पांच वर्षों तक संचालन और संधारण (ओएंडएम) की भी जिम्मेदारी निभाएगी, जिससे नागरिकों को सतत और गुणवत्ता युक्त जल सेवा उपलब्ध रहेगी।
बेहतर जीवन की दिशा में एक कदम
कोंडागांव में मिशन अमृत 2.0 के तहत संचालित यह परियोजना केवल बुनियादी ढांचे के विकास का ही नहीं, बल्कि नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का भी प्रतीक है। स्वच्छ पेयजल स्वास्थ्य, स्वच्छता और समग्र जीवन गुणवत्ता के लिए अत्यंत आवश्यक है, और यह परियोजना इन सभी पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।
यह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है कि किस तरह दूरस्थ और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी बुनियादी नागरिक सुविधाएं सुलभ कराई जा रही हैं। मिशन अमृत 2.0 के माध्यम से राज्य में शहरी विकास की नई इबारत लिखी जा रही है।
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रायपुर जिले के स्कूलों में मनाया गया शाला प्रवेश उत्सव

रायपुर। जिले के सभी स्कूलों में शाला प्रवेश उत्सव मनाया गया। जिसमें सुबह बच्चों स्कूल में का तिलक लगाकर स्वागत किया, मिठाई खिलाई गई। उन्हें जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में नए गणवेश दिए गए और पुस्तकों का भी वितरण किया गया। बच्चों में उमंग था और चेहरें में मुस्कुराहट थी। जहां जनप्रतिनिधियों-शिक्षकों ने लक्ष्य प्राप्त करने का आव्हान किया। वहीं विद्यार्थियों ने अच्छा परिणाम लाने और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करने का संकल्प लिया। राजधानी के आत्मानंद शासकीय शहीद स्मारक उत्कृष्ट विद्यालय में विधायक पुरंदर मिश्रा और दानी स्कूल में विधायक श्री सुनील सोनी ने विद्यार्थियों का स्वागत किया।
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CM विष्णुदेव साय ने बच्चों से मन लगाकर पढ़ने की अपील की

रायपुर। प्रदेश के सभी स्कूलों में आज से नए शैक्षणिक सत्र का आगाज़ हो गया है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बच्चों से मन लगाकर पढ़ने की अपील की है। उन्होंने इस बारे में सोशल मीडिया पर बच्चों के लिए एक संदेश भी लिखा है।
उन्होंने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा कि प्यारे बच्चों, आज से स्कूल की घंटी फिर से गूंजने लगी है. नई किताबों की खुशबू, नई कक्षा का उत्साह और नए सपनों के साथ फिर से एक नई शुरुआत हो रही है। आज का यह दिन हम सबके लिए विशेष है। मैं आप सभी से कहना चाहता हूँ कि खूब मन लगाकर पढ़िये, जिज्ञासा के साथ प्रश्न पूछिए, उत्तर खोजिए और आगे बढ़िए।
CM साय ने आगे लिखा कि आपकी शिक्षा, आपका उज्ज्वल भविष्य हमारी प्राथमिकता है। हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अब कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन न रहे। हम हर वह प्रयास कर रहे हैं, जिससे शिक्षा का बेहतर वातावरण बने।
हमने यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की नई शिक्षा शिक्षा नीति के संकल्पों के अनुरूप बदलाव कर पूरे प्रदेश के भविष्य को संवारने का प्रयास किया है। आप केवल मन लगाकर पढ़िये, बाकी की चिंता मुझ पर छोड़ दीजिये। खूब पढ़ो, आगे बढ़ो और छत्तीसगढ़ के गौरव बनो। आप सभी बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को नए शैक्षणिक सत्र के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।
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हम सब मिलकर बुजुर्गों के साथ होने वाली दुर्व्यवहार को रोक सकते है : डॉ. एकता लंगेह

महासमुंद। विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर समाजसेवी डॉ. एकता लंगेह के मार्गदर्शन में आशियाना वृद्धाश्रम में वृद्धजनों संग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान डा. एकता ने कहा कि बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार एकल या बार-बार होने वाली घटना या उचित कार्रवाई की कमी के कारण किसी भी रिश्ते में घटित हो सकती है। कई परिवारों में बुजुर्गों पर बेतहाशा अत्याचार भी होता है और वक्त के साथ सब कुछ ठीक हो जाने की उम्मीद के साथ बुजुर्ग चुप रहते हैं। बहुत बार ऐसा होता है कि किसी बात का विरोध आदि करने पर उन्हें घर से निकाल दिया जाता है। बहुत से बुजुर्गों के साथ मारपीट तक की घटना होती है और आंखों में आंसू लेकर बुजुर्ग आसरा ढूंढते हैं। ऐसे में आशियाना की तरह का कोई आसरा मिल जाता है तो बुजुर्ग कुछ दिन और जी लेते हैं। यह हमारे संस्कार के खिलाफ है। होना तो यह चाहिए कि वृद्धाश्रम की जरूरत न पडे़। लेकिन वर्तमान में परिवार विभाजन की स्थिति को देते हुए वृद्धाश्रम बहुत जरूरी हो चुका है। यहां आकर आप सभी शांति से जीवन यापन कीजिये। यहां आपकी देखरेख में कोई कमी होती है, तो शासन प्रशासन उस कमी को पूरा करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि यह एक वैश्विक सामाजिक मुद्दा है जो बुजुर्गों के स्वास्थ्य और मानव अधिकारों को प्रभावित करता है। इसके लिए ध्यान देने की आवश्यकता है साथ ही शोधकर्ताओं और कानूनी नियमों के अनुसार बुजुर्गों के साथ हो रहे पांच प्रकार के दुर्व्यवहारों मसलन शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, भौतिक, शोषण, अपेक्षा और यौन हमले जैसे दुर्व्यवहारों को पहचान करने, समझने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हम सबको एक जुट होना पडेगा।
 कार्यक्रम में श्री विपिन मोहंती ने इसके महत्व को बताते हुए कहा कि जीवन प्रत्याशा में वृद्धि संयुक्त परिवार संरचना में गिरावट और सामाजिक विघटन के संयोजन ने वृद्ध व्यक्तियों को अकेलेपन और सावधानी का अनुभव कराया है। यह अनुशंसा की जाती है कि वृद्ध लोग शारीरिक गतिविधियों में शामिल होकर पौष्टिक आहार का सेवन करने और तंबाकू शराब और अन्य हानिकारक पदार्थों से परहेज करने स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखें।
 इस अवसर पर अतिथियां ने कहा कि बुजुर्ग आबादी किसी भी समाज के लिए एक मूल्यवान संपत्ति है। उम्र बढ़ना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो अवसर और चुनौतियां दोनों लेकर आती है। 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के 10.4 करोड़ लोग रहते हैं जो कुल जनसंख्या का 8.6 प्रतिशत है। इस जनसंख्या में महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है। जिसे सुरक्षित व संरक्षित रखना है। इस जागरूकता अभियान का ध्यान वृद्ध लोगों के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने और उम्र के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया को चुनौती देने पर केंद्रित होगा। सामाजिक दृष्टिकोण को बदलकर और उम्र के महत्व पर जोर देकर हम वृद्ध लोगों के लिए एक सुरक्षित और अधिक समावेशी समाज की दिशा में काम कर सकते हैं। हम वृद्धों के साथ दुर्व्यवहार को रोकने के लिए एक दिशा निर्धारित  कर सकते हैं।
इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग द्वारा बुजुर्गों को मिलने वाली शासन की  विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया। कार्यक्रम के पश्चात अतिथियों ने बुजुर्गों  को कपड़े और आवश्यक सामग्री  भेंट किया।  सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद सभी ने बुजुर्गो संग भोजन किया। कार्यक्रम में स्वयंसेवी संस्था के सदस्य, आशियाना वृद्धा आश्रम व घरौंदा संस्था के समस्त सदस्य  देखरेख में जुटी महिलाएं उपस्थित थीं।
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मांग अनुसार समितियों में प्राथमिकता से कराएं खाद-बीज का भण्डारण : कलेक्टर

बलौदाबाजार। कलेक्टर दीपक सोनी ने सोमवार क़ो क़ृषि, सहकारिता एवं अन्य सम्बंधित विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर जिले में खाद -बीज़ की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने मांग के अनुसार सहकारी समितियों में प्राथमिकता के आधार पर खाद व बीज़ का भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
कलेक्टर ने कहा कि जिन समितियो मे अधिक मांग है वहां प्राथमिकता के आधार पर खाद -बीज़ क़ा भण्डारण पहले कराएं और किसानों क़ो जरूरत के अनुसार वितरण करें। उन्होंने कहा कि डीएपी व एनपीके उर्वरक के वैकल्पिक उपयोग के बारे में किसानों क़ो जागरूक करें। इसके लिए ग्रामीण क़ृषि विस्तार अधिकारी गांव एवं समितियों में किसानों की बैठक लेकिन जानकारी दें। उन्होंने जिले के लिए करीब 300 मेट्रिक टन डीएपी उर्वरक की रेक लगने की जानकारी पर ज्यादा मांग वाले समितियों में भण्डारण कराने तथा सभी समितियों में अलग -अलग उर्वरक भण्डारण हेतु लक्ष्य निर्धारण करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने बीज भण्डारण व वितरण की समीक्षा करते हुए स्वर्णा व महामाया धान की पर्याप्त भण्डारण कराने के निर्देश दिये।
बताया गया कि जिले में खरीफ सीजन 2025 के लिए सहकारी समितियों में रासायनिक उर्वरकों का लक्ष्य 58136 मेट्रिक टन है जिसके विरूद्ध अब तक 32724 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों का भण्डारण किया गया है। अब तक सहकारी समितियों द्वारा 22690 मेट्रिक टन उर्वरक का वितरण किसानों को किया गया है।इसी तरह कुल बीज मांग 37760 क्विंटल के विरुद्ध कुल भण्डारण 27540 क्विंटल एवं 23900 क्विंटल बीज का वितरण किया गया है।जिले में खाद एवं बीज का भण्डारण एवं उठाव की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.
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राज्यपाल से छत्तीसगढ़ अग्रवाल संगठन के पदाधिकारियों ने की भेंट

रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में छत्तीसगढ़ अग्रवाल संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक अग्रवाल एवं अन्य पदाधिकारियों ने भेंट कर अपनी मांग के संबंध में अनुरोध पत्र सौंपा। इस अवसर पर श्री सियाराम अग्रवाल, श्री महेंद्र सक्सेरिया, श्री जयदेव सिंद्यल, श्री संजय अग्रवाल, श्री श्लोक अग्रवाल एवं श्री नंद किशोर उपस्थित थे।
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राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात निरीक्षक के उप पुलिस अधीक्षक पदोन्नत होने पर स्टार सेरेमनी का आयोजन

रायपुर। राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात निरीक्षक श्री नीलकिशोर अवस्थी के उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पदोन्नत होने पर आज राजभवन में स्टार सेरेमनी का आयोजन किया गया। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने उनके कंधे पर उप पुलिस अधीक्षक का रैंक लगाया। श्री डेका ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव डॉ. सी. आर. प्रसन्ना, परिसहाय स्क्वा. लीडर श्री निशांत कुमार, मुख्य सुरक्षा अधिकारी श्री प्रशांत कतलम एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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डेढ़ सौ हाथियों ने रायगढ़ जंगल में डाला डेरा, ग्रामीणों को अलर्ट रहने के निर्देश

रायगढ़। जिले में एक बार फिर से हाथियों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में अलग-अलग जंगल में 152 हाथी विचरण कर रहे हैं। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों के बीच डर का माहौल है, तो वन विभाग मुनादी कराकर लोगों को अकेले जंगल जाने से मना कर रहा है।
पिछले दिनों धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की संख्या 90 से ज्यादा थी, लेकिन अब अलग-अलग हाथियों का दल रायगढ़ के जंगल में आ पहुंचा है। रविवार की रिपोर्ट के अनुसार रायगढ़ वन मंडल में 97 हाथी विचरण कर रहे हैं और इसमें सबसे ज्यादा हाथी घरघोड़ा रेंज के कुडुमकेला क्षेत्र में 42 और देहरीडीह क्षेत्र में 23 हाथी मौजूद हैं। इसके अलावा धरमजयगढ़ वन मंडल के छाल रेंज में 10 हाथी हैं। बाकी जंगल में अलग-अलग झुंड में विचरण कर रहे हैं। रविवार की शाम को भी क्रोंधा से सेमीपाली रोड पर 2 हाथियों पार होते देखा गया। जिसके बाद हाथी मित्र दल द्वारा आसपास के गांव में सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
बताया जा रहा है कि 2 वन मंडल में 152 हाथी हैं और इसमें मादा हाथियों की संख्या ज्यादा है। इसमें रायगढ़ वन मंडल नर 20, मादा 51 और 26 शावक हैं। धरमजयगढ़ वन मंडल में नर 14, मादा 22 और शावक 19 हैं। कुल नर हाथी की संख्या 34, शावक 45 और मादा हाथी 73 हैं।
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छत्तीसगढ़ में रेत के उत्खनन और परिवहन पर लगा प्रतिबंध

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नदी-नालों में रेत खदानों से रेत के उत्खनन और परिवहन पर अब प्रतिबंध लग गया है. रेत खदानें अब 15 अक्टूबर के बाद ही चालू हो पाएंगी. अगले चार महीने तक रेत कारोबारियों की मनमानी चलेगी और आम उपभोक्ताओं को मकान या अन्य निर्माण कार्यों के लिए महंगे दाम पर रेत मिलेगी.
मानूसन को देखते हुए कुछ अनुज्ञप्तिधारियों ने लाइसेंस लेकर कई स्थानों पर रेत का भंडारण कर लिया है. वहीं, कई स्थानों पर रेत के अवैध भंडारण की शिकायतें भी मिल रही हैं. खनिज साधन विभाग के अनुसार वर्षाकाल में नदी-नालों में रेत उत्खनन 10 जून से 15 अक्टूबर तक पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा.
केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में वर्षाकाल में नदियों में खनन संक्रियाओं को प्रतिबंधित किया गया है. इसके मद्देनजर प्रदेश में भौमिकी व खनिकर्म संचालनालय द्वारा सभी कलेक्टरों व खनिज अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. पर्यावरण स्वीकृत रेत खदानों में भी रेत उत्खनन व परिवहन का कार्य 15 अक्टूबर के बाद ही चालू हो सकेगा. कुछ रेत खदानें पर्यावरण स्वीकृति नहीं मिलने के कारण पहले से ही बंद हैं. इसके बाजवूद नदी-नालों से रेत के अवैध खनन व परिवहन की शिकायतें लगातार मिल रही हैं.
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