धान का कटोरा

7 सेंटीमीटर तक चेहरे में घुसा औजार, घायल बालक को जान के जोखिम से बाहर लाया, ईएनटी विभाग के डॉक्टरों ने रचा कीर्तिमान

  • चेहरे के अंदर लार ग्रंथि में घुसे लोहे के तीरनुमा औजार को निकाला बिना नस को क्षति पहुँचाए, ईएनटी के डॉक्टरों ने किया जटिल ऑपरेशन
रायपुर। पंडित नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय, रायपुर के ईएनटी विभाग के डॉक्टरों की टीम ने एक बार फ़िर अत्यंत जटिल और दुर्लभ सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। कोरबा जिले के ग्राम मधुनारा से आए 14 वर्षीय बालक के चेहरे की दाईं ओर एक लोहे का तीरनुमा औजार दुर्घटनावश घुस गया, जो मांसपेशियों को चीरता हुआ मुख्य लार ग्रंथि (Parotid Gland) के भीतर तक जा पहुँचा। यह औजार करीब 17.5 से.मी. लंबा था, जिसमें से लगभग 7 से.मी. हिस्सा चेहरे और गले के भीतर फंसा था, और वह गले की मुख्य रक्त वाहिनियों के बीच से होता हुआ पैरास्पाइनल स्पेस (Spinal cord के पास) तक जा पहुँचा था। इस अत्यंत संवेदनशील सर्जरी का नेतृत्व ईएनटी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. हंसा बंजारा ने किया।
आईये जानते हैं इस केस की विस्तृत कहानी, डॉ. हंसा बंजारा की जुबानी
ई.एन.टी. विभाग में एक बालक की बिल्कुल ही अलग और विशेष प्रकार की सर्जरी की गई जिसमें ग्राम मधुनारा जिला कोरबा से आए एक 14 वर्षीय बालक के चेहरे के दाईं तरफ लोहे का तीरनुमा औजार दुर्घटनावश घुस गया जो चेहरे की मांसपेशी को चीरते हुए कान के नीचे मुख्य लारग्रंथि (पैरोटिड ग्लैंड) के अंतः भाग के पार तक जा कर करीब 7.00 से.मी. चेहरे एवं गले में फंस गया था, जिसकी कुल लम्बाई 17.5 से.मी. थी। गले में यह औजार मुख्य खून की नलियों के बीच से होता हुआ स्पाईनल कार्ड (पैरास्पाइनल स्पेस) के बहुत ही करीब जाकर धंसा था।
बतौर ई.एन.टी. विभागाध्यक्ष मेरे नेतृत्व में डॉ. दुर्गेश गजेन्द्र, डॉ. अंकुर कुमार चन्द्राकर, डॉ. प्रियंका साहू (पी.जी. छात्र) एवं एनीस्थिसिया विभाग से डॉ. प्रतिभा जैन शाह, डॉ. अमृता एवं डॉ. नीरज (पी.जी. छात्र) द्वारा यह जटिल सर्जरी की गई। इस विशेष प्रकार की सर्जरी में लार ग्रंथि (पैरोटिड टिश्यू) को अपनी जगह से हटाकर और ग्रंथि के अंदर से होकर जाने वाली चेहरे की नस (फेशियल नर्व) के बीच से जाकर औजार को बड़ी बारीकी से निकाला गया। औजार का किनारा गले की मुख्य खून की नलियों के बिल्कुल नजदीक होने के कारण यह सर्जरी अत्यंत जटिल थी। अंततः सारी सावधानियों को ध्यान में रखते हुए औजार के आखिरी हिस्से को जो कि स्पाइनल कार्ड और स्पाइनल नसों के पास था, बड़ी बारीकी से बचाते हुए निकाल लिया गया। थोड़ी सी भी चूक की स्थिति में खून की नली में चोट लगने से, फेशियल और अन्य नसों में चोट लगने से, मरीज के शरीर या चेहरे के लकवाग्रस्त होने की संभावना थी और ज्यादा खून बहने से जान का खतरा भी हो सकता था परंतु इन सभी कॉप्लीकेशन (जटिलताओं) से बचते हुए सर्जरी को संपन्न किया गया। मरीज उपचार के बाद ठीक हो गया है। इस जटिल सर्जरी के सफल होने पर मरीज के परिजन भी बहुत खुश हैं। 
...और विश्वास बढ़ता गया
मरीज के परिजनों ने सर्जरी करने वाली टीम के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि टीम ने अत्यंत दक्षता और संयम से यह सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की जिससे हमारा विश्वास इस संस्थान के प्रति और भी बढ़ गया। हम अस्पताल प्रबंधन की पूरी टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हैं।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा : भूपेश बघेल समेत सभी विपक्षी विधायक सस्पेंड

रायपुर। पूर्व सीएम भूपेश बघेल बुधवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में बिजली की दरों में वृद्धि के मसले पर सीएम के जवाब से अपने कांग्रेस सदस्यों के संतुष्ट होने से नाखुश हैं। वो खुद सदन में मौजूद नहीं थे। लेकिन उन्होंने इशारों-इशारों में अपनी असहमति का इजहार कर दिया। उन्होंने हल्के फुल्के अंदाज में कहा कि हम उस ‘ट्रंप’को खोज रहे हैं जिसने सीजफायर किया था।
गुरुवार को विधानसभा की कार्यवाही हल्के फुल्के अंदाज में शुरू तो हुए लेकिन आधे घंटे बाद ही तल्खी में बदल गई और समूचे कांग्रेस विधायकों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया। पूर्वाह्न 11 बजे प्रश्न काल शुरू होते ही भाजपा के अजय चंद्राकर ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत के सदन बहिष्कार का मामला उठाया। अजय ने कहा कि कल नेताजी ने सक्ती में स्थापित होने वाले निजी विश्वविद्यालय विधेयक का विरोध में बहिष्कार किया था आखिर क्यों? इस पर महंत ने कहा कि उन्होंने इसका नहीं, कृषि संशोधन विधेयक के विरोध में बहिष्कार किया था। इस पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि कल सीजफायर हो गया था। अब हम उस ट्रंप को खोज रहें हैं जिसने सीजफायर किया था। जबकि आपरेशन सिंदूर बढिय़ा था। इसके बाद सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू हुआ।
खाद की प्रदेशव्यापी कमी पर आज के दूसरे प्रश्न पर चर्चा में जमकर विपक्ष ने हंगामा किया। आसंदी के सामने नारेबाजी पर सभी विधायक स्वयंमेव निलंबित होने के बाद अध्यक्ष ने दिनभर के लिए निलंबित रखने की घोषणा की। इसके बाद सदन से बाहर निकले बघेल और महंत ने मीडिया से चर्चा की। उनका कहना था कि हम लोग किसानों की दिक्कतों पर चर्चा कर रहे थे लेकिन सरकार नहीं चाहती थी। महंत ने कहा कि आसंदी के सामने जाने का निर्णय हम सबका था। जब पत्रकारों ने कहा कि आपका (बघेल) का नाम लिया जा रहा है। तो बघेल ने कहा यह निर्णय सबका था एक का नहीं। लेकिन सरकार की ओर से जो प्रस्ताव लाया गया वह निंदनीय है। यह पूछने पर कि आप टार्गेटेड हैं क्या? बघेल ने कहा कि हमेशा से टारगेट में रहा हूं। सारी एजेंसी के टारगेट में हूं, सरकार के टारगेट में हूं। नई बात क्या है। विपक्षी विधायकों के व्यवहार पर अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने काफी कड़ी व्यवस्था दी। उन्होंने प्रतिपक्ष के सदस्यों पर असंसदीय व्यवहार करने और छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपराओं मापदंडों की धज्जियां उड़ाने वाला बताया।
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रायपुर शहर बना छत्तीसगढ़ की पहली 7 स्टार सिटी

रायपुर। राष्ट्रीय स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में रायपुर को 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों मिलियन प्लस सिटीस श्रेणी में नेशनल रैकिंग में रायपुर शहर को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। इसमें रायपुर शहर को 11996 अंक निर्धारित मानको के अनुरूप प्राप्त हुए है। रायपुर शहर छत्तीसगढ़ राज्य का पहला 7 स्टार शहर बन गया है।
रायपुर शहर की इस उपलब्धि पर राजधानी शहर की प्रथम नागरिक नगर पालिक निगम रायपुर की महापौर मीनल चौबे, सभापति सूर्यकांत राठौड, स्वास्थ्य विभाग अध्यक्ष गायत्री सुनील चंद्राकर, आयुक्त विश्वदीप ने समस्त नगरवासियों को हार्दिक बधाई दी है। उन्होने नगर निगम रायपुर की ओर से प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग अरूण साव को हार्दिक धन्यवाद दिया है। साथ ही नगर निगम रायपुर के सभी जनप्रतिनिधि पार्षदों, सामाजिक, स्वयंसेवी संगठनो के पदाधिकारियों, रायपुर नगर निगम के स्वच्छता एम्बेसडकर सहित नगर निगम रायपुर के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वच्छता दीदियों, सफाई मित्रो को उनके प्रयासो हेतु सराहा है।
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हाउसिंग बोर्ड को लेकर मंत्री ओपी चौधरी का बड़ा ऐलान

रायपुर। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में बताया कि हाउसिंग बोर्ड भविष्य में उन्हीं प्रोजेक्ट्स को करेगा, जिसमें 60% की प्री बुकिंग हो, उन्हीं प्रोजेक्ट में टेंडर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह निर्णय राज्य संपत्ति का अनावश्यक नुकसान न होने के लिए इसके लिए किया गया है.
मंत्री ओपी चौधरी ने हाउसिंग बोर्ड की ओटीएस पॉलिसी का जिक्र करते हुए कहा कि 80 हजार भवन-आवासों का निर्माण छग हाउसिंग बोर्ड ने किया है. 80 हजार में 78 हजार भवन बिक चुके हैं, अन्य की बिक्री के लिए ओटीएस पॉलिसी लाए हैं. नियम बनाकर बेस रेट दिया गया, पॉलिसी का अच्छा प्रतिसाद मिला है.
मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि 2021 में ओटीएस लाया गया था. 3 सालों में 506 मकानों का आवंटन हुआ था. मार्च 2025 में फिर से ओटीएस पॉलिसी को लॉन्च किया गया. मार्च माह में 147 करोड़ के 1000 मकान आवंटित किए गए हैं.
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हाउसिंग बोर्ड की वन टाइम सेटलमेंट स्कीम को मिला अच्छा प्रतिसाद

  • मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में दी जानकारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को हाउसिंग बोर्ड की वन टाइम सेटलमेंट (OTS) स्कीम को लेकर चर्चा हुई। आवास एवं पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने प्रश्नकाल में जानकारी दी कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में डिमांड न होने के बावजूद मकान बनाए गए, जिनकी बिक्री नहीं हो पाने के चलते सरकार ने OTS स्कीम लागू की थी। मंत्री ने बताया कि इस योजना को अच्छा प्रतिसाद मिला है। मंत्री चौधरी ने कहा कि सरकार ने अब स्पष्ट नीति बना ली है कि किसी भी परियोजना की 60 फीसदी प्री-बुकिंग होने के बाद ही टेंडर जारी किए जाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि 30 फीसदी प्री-बुकिंग होने पर ही प्रोजेक्ट को लॉन्च किया जाएगा।
पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर के सवाल के लिखित उत्तर में चौधरी ने बताया कि प्रदेश में दीनदयाल आवास, अटल आवास, अटल विहार और सामान्य आवास योजना के तहत 80,870 मकान बनाए गए, जिनमें से 78,503 मकानों की बिक्री हो चुकी है। अब केवल 2,367 मकान शेष हैं। उन्होंने बताया कि 5 से 10 साल पुराने अविकसित मकानों की बिक्री के लिए लाई गई OTS स्कीम के तहत पहले चरण में 2,506 मकानों का आबंटन किया गया, जिससे 511 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। OTS-2 स्कीम के तहत 995 मकानों का आबंटन हुआ और इससे 147 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। पूर्व मंत्री चंद्राकर द्वारा यह सवाल उठाए जाने पर कि जब मांग नहीं थी, तब मकान क्यों बनाए गए, मंत्री ने स्वीकार किया कि डिमांड नहीं होने के बावजूद मकान बनाए गए, जिससे बोर्ड को नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि इस नुकसान का ब्योरा अलग से उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार अब नई नीति के तहत बिना मांग के आवास परियोजनाएं शुरू नहीं करेगी और प्री-बुकिंग के आधार पर योजनाएं संचालित की जाएंगी।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा में भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025 पारित

रायपुर। राज्य विधानसभा में बुधवार को भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इस विधेयक के लागू होने से राज्य में जमीन संबंधी विवादों में कमी आने की संभावना है और साथ ही अवैध प्लाटिंग पर प्रभावी रोकथाम लगाई जा सकेगी। राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत करते हुए कहा कि इसके प्रावधानों से नक्शों के बटांकन की प्रक्रिया सरल हो जाएगी। इसके अलावा, जमीन मालिक की मृत्यु के उपरांत नामांतरण की प्रक्रिया भी उनके आश्रितों के लिए सहज होगी।
इसके साथ ही सदन ने छत्तीसगढ़ बकाया कर, व्याज और शास्ति निपटान संशोधन विधेयक तथा जांजगीर-चांपा जिले में नए विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक को भी पारित कर दिया। हालांकि, जब मंडी संशोधन विधेयक पेश किया गया, तो विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध करते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन किसान विरोधी कानूनों को ही राज्य सरकार ने लागू करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसानों के शोषण को बढ़ावा देगा और इससे कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचेगा।
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प्रधानमंत्री आवास योजना से खुद का पक्का मकान मिलने से खुश है लोग

रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का लाभ अब समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना से दूरस्थ अंचलों के लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है और हितग्राही अब अपने खुद के मकान में सुकुन से जीवन व्यतीत कर रहे हैं।  प्राप्त जानकारी के अनुसार जशपुर जिले में करीब 74 हजार 346 मकान पूर्ण हो चुके हैं।
जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के ग्राम खटंगा के एक साधारण परिवार की कहानी इसका जीवंत उदाहरण हैए जहाँ शासन की तीन योजनाओं ने एक साथ उनकी ज़िंदगी को नई दिशा दी है।
श्री सुरेशराम की पत्नी श्रीमती सुमित्रा बाई बताती हैं, पहले हम कच्चे घर में रहते थे। बरसात हो या गर्मी हमेशा डर बना रहता था। पानी टपकता थाए दीवारें गिरने का डर और रात-बिरात साँप, बिच्छू का डर अलग से। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना से मिला पक्का घर अब हमारे लिए एक नई दुनिया जैसा है। अब न डर हैं न परेशानीं घर भी साफ-सुथरा है और बच्चों को पढ़ने-लिखने का भी अच्छा माहौल मिल गया है।
उनकी बेटी कुमारी संगीता बताती है, जब कच्चा घर था तब हम पढ़ाई भी ठीक से नहीं कर पाते थे। बरसात के दिन बहुत दिक्कत होती थी। अब जब पक्का घर मिला हैं तो मन लगता है। हम अब बहुत खुश हैं।
सुमित्रा बाई आगे बताती हैं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से गैस सिलेंडर और चूल्हा मिलने से अब हम धुँआरहित खाना बना पाते हैं। पहले जंगल से लकड़ी लाना पड़ता था आग जलाना  सब बहुत मुश्किल था। आँख में जलन खाँसी और समय भी ज्यादा लगता था। अब रसोई में आसानी से खाना  बनाते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि मुझे मुख्यमंत्री महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने एक हजार रुपये मिलते हैं। उसी से हम तेल, नमक, साबुन जैसे ज़रूरी सामान खरीद लेते हैं। कभी बेटी को स्कूल के लिए कॉपी-किताब भी लेना हो तो उसी से काम चल जाता है। परिवार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताया।
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बलौदाबाजार को मिला विकास का तोहफ़ा

  • रामसागर तालाब संवर्धन एवं सेंट्रल लाइटिंग कार्यों के लिए 641 लाख रुपए स्वीकृत
  • राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने स्वीकृत कार्यों के लिए उपमुख्यमंत्री अरुण साव का आभार व्यक्त किया
रायपुर। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि एवं विधायी कार्य, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रभारी श्री अरुण साव ने बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र को विकास की एक नई दिशा देने के उद्देश्य से बड़ी सौगात दी है। उप मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के महत्वपूर्ण विकास कार्यों के लिए कुल 641.49 लाख रुपए की राशि स्वीकृति दी है।
राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने बलौदाबाजार के रामसागर तालाब के संवर्धन कार्य हेतु 200 लाख रुपए तथा नगर में सेंट्रल लाइटिंग सहित हाईमास्ट लाइट एवं 250 पोल लगाए जाने हेतु 441.49 लाख रुपए की स्वीकृति के लिए उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव का आभार व्यक्त किया है। मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि इससे नगरवासियों को न केवल बेहतर नागरिक सुविधाएँ प्राप्त होंगी, बल्कि नगर की सुंदरता और सुरक्षा व्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि रामसागर तालाब नगर की धरोहर है। इसके संरक्षण एवं संवर्धन से न केवल जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र के पर्यटन को भी नई दिशा मिलेगी। वहीं, नगर में सेंट्रल लाइटिंग व्यवस्था विकसित होने से रात में आवागमन सुगम होगा और नागरिकों को बेहतर सुरक्षा भी मिलेगी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने निर्देश दिए हैं कि स्वीकृत कार्यों को समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए ताकि स्थानीय नागरिकों को शीघ्र लाभ मिल सके। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को यह भी स्पष्ट किया है कि निर्माण एवं विकास कार्यों में पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।
बलौदाबाजार विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मानना है कि इन कार्यों के पूर्ण होने से नगर का समग्र विकास सुनिश्चित होगा और जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। नगर विकास की दिशा में यह स्वीकृति बलौदाबाजार के लिए मील का पत्थर साबित होगी। नगरवासियों को बेहतर सुविधाएँ मिले, इसके लिए शासन स्तर पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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CM विष्णुदेव साय ने मैदानी स्वास्थ्य अमले के लिए 151 नए वाहनों को दिखाई हरी झंडी

  • स्वस्थ छत्तीसगढ़ की दिशा में सशक्त कदम
रायपुर। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त, सुलभ और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास परिसर से मैदानी स्वास्थ्य अमले के लिए 151 नए वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वाहन विभिन्न जिलों, विशेषकर बस्तर और सरगुजा के सुदूर अंचलों तक समय पर इलाज पहुंचाने में मदद करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल ‘स्वस्थ छत्तीसगढ़’ की दिशा में एक ऐतिहासिक अध्याय है। पुराने और अनुपयोगी वाहनों को स्क्रैप कर अत्याधुनिक नए वाहन शामिल किए गए हैं, जिससे राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन, निरीक्षण और निगरानी को नई गति मिलेगी।
उन्होंने बताया कि जिला और विकासखंड स्तर पर कार्यरत अधिकारियों और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए ये वाहन स्वास्थ्य शिविरों की निगरानी, आपातकालीन हस्तक्षेप और त्वरित सेवाएं प्रदान करने में कारगर होंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे बताया कि पहले चरण में बस्तर और सरगुजा संभाग के 12 जिलों को ये वाहन भेजे जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि जल्द ही प्रदेश में 851 नवीन एंबुलेंस सेवाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें 108 आपातकालीन सेवाओं के लिए 375 एंबुलेंस, 30 ग्रामीण चलित चिकित्सा इकाइयों के लिए, और 163 'मुक्तांजली' शव वाहन शामिल होंगे।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन मन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 30 विशेष एंबुलेंस भी शीघ्र उपलब्ध कराई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब वर्षा ऋतु जैसे कठिन समय में भी घर-घर स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने का संकल्प और अधिक मजबूती से पूरा किया जा सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना को बेहतर करने और ग्रामीण क्षेत्रों तक चिकित्सा सुविधाएं सुलभ कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है।कार्यक्रम में सीजीएमएससी अध्यक्ष दीपक म्हस्के, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सलीम राज, स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला सहित बड़ी संख्या में अधिकारी और गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में छत्तीसगढ़ को 7 राष्ट्रीय पुरस्कार

  • रायपुर नगर निगम को मिला मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड
नई दिल्ली/रायपुर। स्वच्छता के क्षेत्र में एक बार फिर छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 के परिणामों में राज्य के कुल 7 शहरों को विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। इनमें से 3 शहरों को प्रेसीडेंशियल अवॉर्ड (Presidential Award) और रायपुर नगर निगम को मिनिस्ट्रियल अवॉर्ड (Ministerial Award) प्रदान किया गया, जो नीतिगत क्रियान्वयन और नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
इस अवसर पर आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विजेता शहरों को सम्मानित किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने की, जबकि राज्य मंत्री तोखन साहू मंच पर विशेष रूप से उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ की ओर से सभी पुरस्कार राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने ग्रहण किए।यह उपलब्धि दर्शाती है कि राज्य स्वच्छता को लेकर नीति, भागीदारी और तकनीकी नवाचार के स्तर पर लगातार आगे बढ़ रहा है।
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बंधुआ मजदूरी का खुलासा : रायपुर की मशरूम फैक्ट्री में 97 मजदूरों का रेस्क्यू

  • ठेकेदारों पर FIR दर्ज
रायपुर। राजधानी रायपुर के आउटर इलाके में संचालित मोजो मशरूम फैक्ट्री (मारुति फ्रेश) में बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी और अमानवीय उत्पीड़न का सनसनीखेज मामला सामने आया है। महिला एवं बाल विकास विभाग और अन्य विभागों की संयुक्त कार्रवाई में 11 जुलाई को फैक्ट्री से 97 मजदूरों को रेस्क्यू कराया गया। इनमें महिलाएं, पुरुष, नाबालिग बच्चे और महज 10 दिन का एक शिशु भी शामिल था। सभी मजदूर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से लाए गए थे।
FIR में चार ठेकेदार नामजद, मालिक अब तक सुरक्षित
खरोरा थाना पुलिस ने इस मामले में मजदूरों के बयान और महिला एवं बाल विकास विभाग की रिपोर्ट के आधार पर चार ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों में भोला, विपिन तिवारी, विकास तिवारी और नितेश तिवारी का नाम शामिल है। वहीं, फैक्ट्री के मालिक के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
काम के नाम पर छल, फिर बंधक बनाकर मजदूरी
पीड़ित मजदूरों ने बताया कि उन्हें काम के बहाने गांवों से रायपुर लाया गया था। जौनपुर (उ.प्र.) से आए वीरेंद्र नामक मजदूर ने बताया कि उसे “बैठे-बैठे मशरूम पैकिंग” के नाम पर बुलाया गया था। हर महीने 10 हजार रुपए देने का वादा किया गया, लेकिन यहां आकर 18 घंटे तक मशरूम काटने, ढोने और सफाई का काम कराया गया। नींद पूरी नहीं होती थी, और विरोध करने पर मारपीट की जाती थी।
नाबालिगों से जबरन काम, अमानवीय व्यवहार
बाल श्रम निषेध कानून के उल्लंघन की पुष्टि भी जांच में हुई है। नाबालिगों ने बयान में बताया कि उन्हें फैक्ट्री में रात 2 बजे से उठाकर लगातार 18 घंटे काम कराया जाता था। उन्हें सोने के लिए सिर्फ 3 से 4 घंटे मिलते थे। खाना भी कच्चा और अधपका मिलता था। विरोध करने पर धमकाकर चुप करा दिया जाता था। फैक्ट्री का दरवाजा हमेशा बंद रखा जाता था ताकि कोई भाग न सके।
ऐसे हुआ खुलासा
मजदूरों पर लगातार हो रहे अत्याचार से तंग आकर कुछ मजदूर 2 जुलाई की रात अंधेरे में फैक्ट्री से चुपचाप भाग निकले। 15-20 किलोमीटर पैदल चलकर वे रायपुर के भाठागांव बस स्टैंड पहुंचे। वहां स्थानीय लोगों ने उनकी हालत देखकर मदद की और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुआ और बड़ी कार्रवाई की गई।
कानूनी धाराएं दर्ज
इस मामले में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के अलावा बाल श्रम निषेध एवं विनियमन अधिनियम, बंधुआ मजदूरी, जोखिम भरे कार्य के लिए बच्चों को मजबूर करना, अवैध रूप से बंधक बनाकर रखना जैसी गंभीर धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन अब मांग कर रहे हैं कि फैक्ट्री के मालिक को भी आरोपी बनाया जाए, क्योंकि बिना उसकी जानकारी और अनुमति के इतने बड़े पैमाने पर बंधुआ मजदूरी संभव नहीं थी।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंत्री ने की बड़ी घोषणा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के चौथे दिन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। प्रश्नकाल में डीएपी खाद की कमी का मुद्दा विपक्ष की तरफ से उठाया गया। इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि, अब 100 फ़ीसदी डीएपी सीधे सहकारी समिति से आबंटित होगी, सप्लाई का कोई हिस्सा निजी व्यापारी को नहीं मिलेगा।
बता दें कि, राज्य में डीएपी खाद की कमी का मुद्दा पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने उठाया था। उन्होंने कहा कि, जितनी जरूरत उसका आधा ही भंडारण हुआ है। उमेश पटेल ने पूछा कि, आपूर्ति के लिए सरकार क्या उपाय कर रही है?
इसके जवाब में मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि, उन की सरकार केंद्र और सप्लायर के संपर्क में है। किसानों को डीएपी नैनो और दूसरे विकल्प भी दिए गए है। एक-दो दिन के भीतर 14 रैक, प्वाइंट पर सप्लाई आने वाला है। 20 जुलाई तक 18, 885 हजार मीट्रिक टन डीएपी आ जायेगा। इसमें खरसिया तक 718 मिट्रिक टन डीएपी जायेगा।
इस जवाब के बाद उमेश पटेल ने पूछा कि, कितने प्रतिशत सोसाइटी को और कितने व्यापारी को दिए गये? इस पर मंत्री नेताम ने बताया कि, 60 प्रतिशत सहकारी समिति को जबकि 40 प्रतिशत निजी क्षेत्र को दिया जाता रहा है। वही पिछली कमेटी में तय हुआ कि, निजी को छोड़, अब सीधे सहकारी क्षेत्र को ही आवंटित कर रहे है। आने वाले समय में 100 फ़ीसदी डीएपी सहकारी समितियों को ही दी जाएगी। एक सप्ताह में बाकी कमियों को भी दूर किया जायेगा। 14 जुलाई तक 148 लाख मीट्रिक टन का भंडारण हुआ है। सत्तादल के इस जवाब के बाद विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा और नारेबाजी की।
गौरतलब है कि, आज विधानसभा के कार्यवाही के चौथे दिन के प्रश्नकाल में सदन में हाउसिंग बोर्ड से जुड़े सवाल भी प्रमुखता से उठाए जाएंगे। भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर और सुशांत शुक्ला अपने ही मंत्री को घेरते हुए नजर आएंगे।
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प्रदेश में अब तक 410.0 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 1 जून से अब तक 410.0 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा स्थापित राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बलरामपुर जिले में सर्वाधिक 705.9 मि.मी. वर्षा रिकार्ड की गई है। बेमेतरा जिले में सबसे कम 215.5 मि.मी. वर्षा दर्ज हुई है।
राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सरगुजा में 320.5 मि.मी., सूरजपुर में 553.2 मि.मी., जशपुर में 522.4 मि.मी., कोरिया में 520.0 मि.मी. और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 462.8 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। रायपुर जिले में 394.7 मि.मी., बलौदाबाजार में 412.8 मि.मी., गरियाबंद में 331.3 मि.मी., महासमुंद में 372.8 मि.मी. और धमतरी में 330.3 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज हुई है। बिलासपुर में 437.3 मि.मी., मुंगेली में 446.5 मि.मी., रायगढ़ मंे 548.1 सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 400.2 मि.मी., जांजगीर-चांपा में 539.6 मि.मी., सक्ती में 467.6 मि.मी., कोरबा में 495.8 मि.मी. और गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही 422.3 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। दुर्ग जिले में 330.2 मि.मी., कबीरधाम में 295.4 मि.मी., राजनांदगांव में 332.1 मि.मी., मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 495.7 मि.मी., खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 275.6 मि.मी., बालोद में 389.4 मि.मी. और बस्तर जिले में 448.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड हुई है। कोंडागांव में 274.4 मि.मी., कांकेर में 373.8 मि.मी., नारायणपुर में 320.5 मि.मी., दंतेवाड़ा में 403.8 मि.मी., सुकमा में 235.9 मि.मी. और बीजापुर में 457.2 मि.मी. औसत वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।
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नियद नेल्लानार योजना : माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास की दस्तक

  • ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं से जोड़ने सालातोंग में सुविधा शिविर जारी
  • 31 जुलाई तक चिन्हांकित ग्रामों में लगेगा सुविधा शिविर
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार माओवाद प्रभावित दूरस्थ क्षेत्रों में ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ पहुंचाने के लिए विशेष सुविधा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत यह शिविर शासन की योजनाओं को आमजनता तक पहुंचाने के साथ ही सरकार और समाज के बीच विश्वास का सेतु भी बन रहा है, जिससे विकास की किरण सबसे अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही है।
सालातोंग शिविर में शासन की योजनाओं का मिल रहा लाभ
कोंटा विकासखंड के दूरस्थ ग्राम पंचायत सालातोंग में 15 से 17 जुलाई तक आयोजित शिविर में पोटकपल्ली, पालाचलमा और पेंटापाड़ के ग्रामीणों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। शिविर में विभिन्न विभागों के द्वारा आधार कार्ड, जनधन बैंक खाता खोलना, वोटर आईडी कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, केसीसी, प्रधानमंत्री आवास योजना सहित स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड और वय वंदन योजना के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा रहे हैं। शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचकर योजनाओं का लाभ ले रहे हैं। शिविर में पात्र हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं से लाभान्वित करने के साथ ही शिविरों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य जरूरी जानकारी और लाभ भी ग्रामीणों को सीधे तौर पर मुहैया कराए जा रही है।
स्वास्थ्य सेवा से लेकर सामाजिक सुरक्षा तक
शिविर में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और शहीद वीर नारायण सिंह स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत पात्र ग्रामीणों का पंजीकरण कर आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं, जिससे वे 5 लाख रुपये तक की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें। साथ ही वयोवृद्ध नागरिकों के लिए वय वंदन कार्ड बनाकर उन्हें विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
आगामी सुविधा शिविर
नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत लगातार शिविर लगाई जा रही है, जिसके अंतर्गत माओवाद प्रभावित गांवों में 31 जुलाई तक जिले के विभिन्न चिन्हांकित ग्रामों में शिविर लगाए जा रहे हैं। 23 से 27 जुलाई तक दुलेड़ में आयोजित किया जाएगा जिसमें दुलेड़, बुरकापाल और एल्मागुंडा के ग्रामीण शामिल होंगे और 29 से 31 जुलाई तक गोलापल्ली में आयोजित शिविर में सिंगाराम, क्रिस्टाराम, गंगलेर और मेहता के ग्रामीणों को लाभान्वित किया जाएगा।
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दलहन, तिलहन, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी एवं कपास की फसल लेने वालों को भी मिलेगा कृषक उन्नति योजना का लाभ

  • प्रति एकड़ दस हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि मिलेगी
  • कृषि विभाग ने जारी किए विस्तृत दिशा-निर्देश
रायपुर। राज्य सरकार की कृषक उन्नति योजना का फायदा धान के अलावा दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य फसल, कोदो, कुटकी, रागी एवं कपास की फसल लेने वाले किसानों को भी मिलेगा। उन्हें प्रति एकड़ दस हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। राज्य शासन के कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग ने योजना के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
कृषि विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है। इनके कारण किसान फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं काश्त लागत में राहत देने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई गई है। राज्य शासन ने फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन व तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ चिन्हित अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि देने का निर्णय लिया है। 
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्ही कृषकों को मिलेगा जिन्होने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया है। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान की फसल ली है तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया है, ऐसे किसानों द्वारा धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल के लिए किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि के उपरांत मान्य रकबे पर 11 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का, लघु धान्य फसल, कोदो, कुटकी, रागी एवं कपास उगाने वाले किसानों को एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरान्त मान्य रकबे पर दस हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता  प्रदान की जाएगी। 
कृषक उन्नति योजना के नवीन दिशा-निर्देशों के अनुसार विधिक व्यक्तियों जैसे ट्रस्ट, मण्डल, प्राइवेट लिमिटेड, समिति, केन्द्र एवं राज्य शासन की संस्था, महाविद्यालय आदि संस्थाओं को योजना से लाभ लेने की पात्रता नहीं होगी। जो कृषक प्रमाणित धान बीज उत्पादन कार्यक्रम लेते हैं, और सामान्य धान भी सहकारी समितियों में विक्रय करते है, उनके द्वारा कुल विक्रय की जाने वाली धान की मात्रा, उनके कुल धारित रकबे की सीमा से अधिक नहीं होना चाहिए। इसे छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड द्वारा आपसी समन्वय से सुनिश्चित किया जाएगा। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सीलिंग कानून के प्रावधानों के अध्याधीन किया जाएगा। कृषकों को आदान सहायता राशि उनके बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से की जाएगी। खरीफ सीजन-2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर धान (कॉमन) पर 731 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 15 हजार 351 रुपए प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर 711 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 14 हजार 931 रुपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। 
बीज उत्पादक किसानों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को विक्रय किए गए धान बीज पर निर्धारित आदान सहायता राशि की कृषकवार मांग का विवरण बीज निगम द्वारा संचालक कृषि को प्रेषित किया जाएगा। संचालक कृषि द्वारा मांग अनुसार राशि छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को उपलब्ध कराई जाएगी। योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या कृषि विभाग के विकासखण्ड मुख्यालयों में स्थित कार्यालयों से जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
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छत्तीसगढ़ में मलेरिया के खिलाफ निर्णायक बढ़त- 61.8% बिना लक्षण वाले मरीज समय पर पहचाने गए

  • बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा-सुकमा में शासन की रणनीति सफल- दूरस्थ अंचलों में भी पहुँच रही स्वास्थ्य सेवा
  • सक्रिय निगरानी, घर-घर स्क्रीनिंग और सामुदायिक भागीदारी से गढ़ा नया स्वास्थ्य मॉडल
रायपुर। त्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान (12वां चरण) की अब तक की प्रगति से स्पष्ट है कि राज्य शासन की घर-घर स्क्रीनिंग रणनीति और सक्रिय जनसंपर्क के माध्यम से मलेरिया की जड़ पर प्रहार किया जा रहा है। 25 जून से 14 जुलाई 2025 तक हुए सर्वेक्षण में 1884 मलेरिया पॉजिटिव मरीजों की पहचान की गई, जिनमें से 1165 मरीज (61.8%) बिना लक्षण (Asymptomatic) वाले थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार की नीति स्पष्ट है—बीमारी की प्रतीक्षा मत करो, बीमारी से पहले पहुँचो। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और कहा कि यह अभियान राज्य को मलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होगा।
कुल 1,39,638 लोगों की मलेरिया जांच की गई। 1884 लोग पॉजिटिव पाए गए, जिनमें से 1165 (61.8%) बिना किसी लक्षण के थे — यानी यदि ये स्क्रीनिंग नहीं होती, तो संक्रमण आगे बढ़ता। कुल मामलों में से 75% से अधिक बच्चे हैं, जो विशेष रूप से संवेदनशील वर्ग हैं। 92% से अधिक मलेरिया केस Plasmodium falciparum (Pf) प्रकार के हैं — जिसकी त्वरित पहचान से गंभीर जटिलताओं को टाला गया।
दंतेवाड़ा जैसे दूरस्थ और भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण जिले में 12.06% लक्ष्य प्राप्ति दर और 706 मलेरिया पॉजिटिव मामलों की पहचान एक बड़ी सफलता है। खास बात यह है कि इनमें से 574 मरीज बिना लक्षण वाले (Asymptomatic) थे, जिन्हें शासन की सक्रिय रणनीति के कारण समय रहते उपचार उपलब्ध कराया गया। यह दिखाता है कि जंगल क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य तंत्र की पहुँच, निगरानी, और सेवा वितरण प्रभावशाली तरीके से हो रहा है।
सुकमा में 15,249 व्यक्तियों की जांच के दौरान 372 मलेरिया पॉजिटिव केस मिले, जिनमें से 276 मरीज बिना लक्षण वाले थे। यह आँकड़ा स्पष्ट रूप से बताता है कि शासन की प्रो-एक्टिव स्क्रीनिंग के चलते साइलेंट संक्रमण के चक्र को तोड़ा जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में भी मेडिकल एक्सेस और सामुदायिक भागीदारी के चलते संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा रहा है — यह प्रशासन की रणनीतिक सफलता है।
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के 12वें चरण अंतर्गत 27266 घरों में स्क्रीनिंग टीमों की पहुँच हुई। 1247 गर्भवती महिलाओं की जाँच की गई, जिनमें से मात्र 10 पॉजिटिव पाई गईं – यानी केवल 0.08%। LLIN (लार्ज लास्टिंग मच्छरदानी) का उपयोग 92% घरों में सुनिश्चित हुआ। Indoor Residual Spray कवरेज 68.73% तक पहुँचा। 614 घरों में मच्छर लार्वा मिलने पर त्वरित कार्रवाई की गई।
यह अभियान दर्शाता है कि स्वास्थ्य सेवा सिर्फ इलाज नहीं, बल्कि जागरूकता, समयबद्धता और पहुँच का नाम है। शासन द्वारा वैज्ञानिक पद्धति से स्क्रीनिंग, मच्छर नियंत्रण, जागरूकता और फॉलोअप व्यवस्था के संयुक्त प्रयास से ही संभव हो सका है कि 61.8% बिना लक्षण वाले मरीजों को इलाज मिला और संक्रमण की कड़ी टूट सकी। छत्तीसगढ़ सरकार आने वाले समय में इस मॉडल को और विस्तार देने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि राज्य को मलेरिया मुक्त बनाना सिर्फ लक्ष्य नहीं, बल्कि वास्तविकता बने।
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आंगनबाड़ी केंद्रों में बचपन खिल उठा- प्ले स्कूल की तर्ज पर संवर रहा भविष्य

  • नवाचार से शिक्षा, पोषण और संस्कार का मिल रहा समग्र वातावरण
रायपुर। ‘‘मुस्कुराइए कि आप आंगनबाड़ी केंद्र में हैं...’’- यह नारा अब वास्तविकता का रूप ले चुका है। राजनांदगांव जिले के सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों ने नन्हे बच्चों की शिक्षा और विकास को नया आयाम दिया है। यहां का वातावरण अब पारंपरिक आंगनबाड़ी केंद्र से आगे बढ़कर प्ले स्कूल और प्री-नर्सरी जैसा बन गया है, जहां बच्चे खेल-खेल में सीख रहे हैं और मुस्कुरा रहे हैं।
सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 1 भोथीपार खुर्द, क्रमांक 3 सिंघोला और क्रमांक 3 भोथीपार खुर्द में बच्चों को बाल सुलभ तरीके से अक्षर ज्ञान, कविता, गीत और विविध जानकारी दी जा रही है। दीवारों पर आकर्षक चित्रकारी, शैक्षणिक सामग्री और बाल केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह देखा जा रहा है। ‘आलू कचालू बेटा कहां गए थे...’ जैसी कविताएं बच्चे बड़े आनंद से याद कर रहे हैं।
राज्य सरकार की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के ये आंगनबाड़ी केंद्र जागरूकता, पोषण और शिक्षा के संगम स्थल बन गए हैं। लड़का-लड़की एक समान, अच्छी वजन की रेखा - अच्छा बच्चा देखा जैसे संदेशों से सामाजिक सोच में बदलाव आ रहा है। गर्भवती महिलाओं को गरम पौष्टिक भोजन, किशोरी बालिकाओं को स्वास्थ्य शिक्षा और बच्चों को नियमित पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि राज्य में आंगनबाड़ी केंद्रों को सशक्त बनाकर प्ले स्कूल की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है, ताकि बच्चों को प्रारंभिक अवस्था से ही समग्र विकास का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार बच्चों, माताओं और किशोरियों की देखभाल को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती गुरूप्रीत कौर ने बताया कि जिले में मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, महतारी वंदन योजना, नोनी सुरक्षा योजना और सुकन्या समृद्धि योजना का प्रभावी संचालन किया जा रहा है। 
सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 3 भोथीपार खुर्द में ‘मोर जन्म दिन’ नामक विशेष कैलेंडर के माध्यम से बच्चों का जन्मदिन उत्सवपूर्वक मनाया जा रहा है। यहां बच्चों के लिए खेल सामग्री, पढ़ाई की सामग्रियां और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध है।
इस प्रयास में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती गोदावरी साहू, श्रीमती पूनम यादव और सहायिका की सक्रिय भूमिका उल्लेखनीय रही। बच्चों की मुस्कान और उनकी सक्रियता इस बात का प्रमाण है कि आंगनबाड़ी केंद्र अब केवल पोषण का ही नहीं, बल्कि शिक्षा, संस्कार और संवेदनशीलता का केंद्र बन गए हैं।
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शहर के विभिन्न विकास कार्यों को 47.46 करोड़ की स्वीकृति

  • बनेंगे 4 बड़े नाले, शहर को मिलेगी जल भराव समस्या से निजात
  • सीएसईबी चौक से कोसाबाडी चौक तक मार्ग बनेगा गौरव पथ
रायपुर। नगर विधायक, वाणिज्य उद्योग और श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन की प्रयासों से कोरबा शहर के विभिन्न विकास कार्यों के लिए 47 करोड़ 46 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है। उक्त कार्यों में शहर के विभिन्न वार्ड़ाे में आरसीसी नाली, आर सीसी नाला, कलवर्ट के साथ-साथ शहर में गौरव पथ का निर्माण शामिल है। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और कोरबा जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव ने उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन के विभिन्न विकास कार्यों के प्रस्तावों पर मंगलवार को स्वीकृति आदेश जारी किया है।
सीएसईबी चौक से कोसाबाड़ी चौक तक गौरव पथ का होगा निर्माण, 37.46 करोड़ आएगी लागत उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने सीएसईबी चौक से वीआईपी मार्ग होते हुए तानसेन चौक होते हुए कोसाबाडी चौक तक गौरव पथ निर्माण के लिए स्वीकृति हेतु प्रस्ताव दिया गया था। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने नगरोत्थान योजना के तहत उक्त गौरव मार्ग के निर्माण हेतु 37 करोड़ 46 लाख रुपए की स्वीकृति दी है।
पोड़ीबहार चर्च से हनुमान मंदिर तक आरसीसी नाली निर्माण कार्य लागत 2 करोड़, एसपी ऑफिस से रजगामार बीटी रोड निर्माण कार्य 2 करोड़, दादर रोड कलवर्ट से मानिकपुर मुक्तिधाम तक कलवर्ट एवं नाला निर्माण कार्य 2 करोड़, मेनन शॉप से रेलवे घाट तक 100 बेड अस्पताल के सामने आर सीसी नाला निर्माण कार्य लागत 2 करोड़, दर्री जोन पीएमवाय साइट से लाटा तालाब आर सीसी नाला निर्माण कार्य 2 करोड़ की स्वीकृति मिली है।
इस महत्वपूर्ण स्वीकृति के लिए उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय व उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव का आभार जताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव के नेतृत्व और मार्गदर्शन में पूरे प्रदेश में विकास आज नए आयाम छू रहा है। कोरबा शहर में भी बीते डेढ़ वर्षों में 500 करोड़ से ज्यादा की स्वीकृति मिल चुकी है। जिन कार्यों की स्वीकृति आज मिली है, निश्चित तौर पर कोरबा शहर के अधोसंरचना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम है।
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