दुनिया-जगत

संघीय डिजिटल मुद्रा का नहीं होने देंगे निर्माण : डोनाल्ड ट्रंप

  • पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का संकल्प
वॉशिंगटन। आयोवा कॉकस के मतदान में जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थक उत्साहित हैं। अब उनकी निगाहें न्यू हैंपशायर में होने वाले कॉकस चुनाव पर लगी हैं। यहां एक रैली में डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय डिजिटल मुद्रा के निर्माण को रोकने का संकल्प लिया है। उन्होंने इसे स्वतंत्रता के लिए खतरनाक खतरा बताया।
आपके राष्ट्रपति के रूप में...
न्यू हैंपशायर के पोर्ट्समाउथ में एक रैली में ट्रंप ने कहा, 'आज रात, मैं अमेरिकियों को सरकारी अत्याचार से बचाने का एक और वादा कर रहा हूं। आपके राष्ट्रपति के रूप में, मैं कभी भी केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की अनुमति नहीं दूंगा।'
पैसे पर सरकार का नियंत्रण होगा
उन्होंने आगे कहा, 'इस तरह की मुद्रा से आपके पैसे पर सरकार का नियंत्रण होगा। वे आपके पैसे ले सकती हैं। आपको इसका पता भी नहीं चलेगा कि पैसे निकल गए। यह स्वतंत्रता के लिए एक बड़ा खतरा होगा।'
नियमित डॉलर की तरह किया जा सकता है इस्तेमाल
एक केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी मुद्रा का एक डिजिटल संस्करण है। रिपोर्ट के अनुसार, इस निर्णय के तहत अमेरिका का फेडरल रिजर्व एक डिजिटल डॉलर जारी करेगा, जिसका उपयोग नियमित डॉलर की तरह ही किया जा सकता है।
न्यू हैंपशायर में ट्रंप पर भारी पड़ सकती हैं हेली
गौरतलब है, न्यू हैंपशायर में 23 जनवरी को मतदान होना है। एक ताजा पोल में दावा किया जा रहा है कि न्यू हैंपशायर में डोनाल्ड ट्रंप और निक्की हेली के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है क्योंकि पोल के अनुसार, दोनों को राज्य में 40-40 फीसदी वोट मिल सकते हैं। न्यू हैंपशायर के गवर्नर क्रिस सुनुनु निक्की हेली का समर्थन कर रहे हैं, ऐसे में राज्य में ट्रंप को जीत के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। डोनाल्ड  ट्रंप ने 15 जनवरी को हुए आयोवा कॉकस के चुनाव में जीत दर्ज की थी और उन्हें 51 प्रतिशत वोट मिले थे।
रोन देसांतिस को 21 प्रतिशत और निक्की हेली को 19 प्रतिशत लोगों ने वोट किया था। विवेक रामास्वामी, जो अब राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर हो चुके हैं, उन्हें 7 फीसदी मतों से संतोष करना पड़ा था। हाल के दिनों में निक्की हेली की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। न्यू हैंपशायर में जहां वह ट्रंप पर भारी पड़ सकती हैं, वहीं साउथ कैरोलिना उनका अपना राज्य है, जहां से वह दो बार गवर्नर रह चुकी हैं। यही वजह है कि ट्रंप को रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से दावेदारी हासिल करने के लिए निक्की हेली की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। रोन देसांतिस को लेकर कहा जा रहा है कि उनके पास फंड की कमी है और न्यू हैंपशायर में उनके बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद भी बहुत कम है। ऐसे में वह साउथ कैरोलिना पर फोकस कर रहे हैं।
भारतीय मछुआरों का एक जत्था सुरक्षित भारत पहुंचने के लिए तैयार
श्रीलंका में भारत के उच्चायोग ने बताया कि भारतीय मछुआरों का एक जत्था सुरक्षित भारत पहुंचने के लिए तैयार है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 32 भारतीय मछुआरों का एक समूह कोलंबो से भारत वापस आने के लिए विमान में सवार हो गया है।
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मालदीव से विवाद के बीच विदेश मंत्री मूसा जमीर से मिले जयशंकर

  • पोस्ट में लिखा- खुलकर बातचीत हुई
नई दिल्ली। भारत और मालदीव के रिश्तों में बीते दिनों काफी तनाव देखने को मिला था। अब इस विवाद के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात की। यह मुलाकात गुरुवार को यूगांडा के कंपाला में हुई। दोनों नेता कंपाला में गुट निरपेक्ष सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हुए थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर लिखा कि दोनों के बीच 'खुलकर बातचीत' हुई। भारतीय विदेश मंत्री ने पोस्ट में लिखा कि 'कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मिला। दोनों देशों के रिश्तों पर खुलकर बातचीत हुई। साथ ही गुट निरपेक्ष सम्मेलन से संबंधित मुद्दों पर भी बात हुई।'
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भी इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा 'गुट निरपेक्ष सम्मेलन से इतर यूगांडा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमने मालदीव से भारतीय सेना की वापसी के मुद्दे पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर अपने विचार रखे। साथ ही मालदीव में चल रहीं विकास परियोजनाओं को जल्द पूरा करने और सार्क और गुट निरपेक्ष सदस्य के तौर पर सहयोग बढ़ाने पर भी बात हुई।'
मालदीव की सरकार ने हाल ही में भारत को उनके देश से अपने सैनिकों को निकालने को कहा था। मालदीव के राष्ट्रपति ने 15 मार्च तक सभी भारतीय सैनिकों की वापसी की डेडलाइन तय की थी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के प्रमुख सचिव अब्दुल्ला नाजिम इब्राहिम ने कहा था कि भारतीय सैनिक मालदीव में नहीं रुक सकते। यह मोहम्मद मोइज्जू सरकार की नीति नहीं है। भारत की तरफ से अभी तक मालदीव की सरकार द्वारा सैनिकों को निकालने की डेडलाइन पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि इस पर चर्चा चल रही है। मालदीव में अभी भारतीय सेना के करीब 70 सैनिक, डॉर्नियर 228 मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और दो ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ तैनात हैं। 
भारत और मालदीव के बीच इस मुद्दे पर हुआ था विवाद-
बीते दिनों पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ करते हुए भारतीयों को लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई। इस  बीच मालदीव सरकार के तीन नेताओं ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई। इस पर मालदीव ने अपने उन तीनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था। इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन का दौरा  किया और चीन ने मालदीव का समर्थन किया। इसके बाद ही मालदीव के राष्ट्रपति ने भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने की डेडलाइन तय कर दी थी। 
गुट निरपेक्ष आंदोलन सम्मेलन में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात की। इन मुलाकातों की तस्वीरें विदेश मंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की हैं। इन तस्वीरों में एस जयशंकर नेपाल के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करते दिखाई दिए। 
 
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अबु धाबी में जल्द पूरा होने वाला है हिंदू मंदिर का निर्माण

  • अयोध्या के बाद इसका उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
दुबई। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने अबु धाबी में बन रहे BAPS हिंदू मंदिर का दौरा किया। इस दौरान राजदूत ने मंदिर के निर्माण कार्य की प्रगति देखी। साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मंदिर के निर्माण का एलान किया था। अब इसका निर्माण कार्य पूरा होने के करीब है। भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि 'एक महीने से भी कम समय बचा है। अबु धाबी में बन रहे हिंदू मंदिर का निर्माण कार्य अब पूरा होने वाला है, जिसका एलान पीएम मोदी ने साल 2015 में किया था। भारतीय राजदूत ने इसकी प्रगति देखी।' 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके बाद 14 फरवरी को प्रधानमंत्री अबु धाबी में बन रहे इस हिंदू मंदिर की उद्घाटन करेंगे। BAPS हिंदू मंदिर संस्था ने प्रधानमंत्री मोदी को अबु धाबी में स्वामीनारायण मंदिर का उद्घाटन करने के लिए बीते साल दिसंबर में निमंत्रण दिया था, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार कर लिया है। स्वामीनारायण संस्था ने बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है। 
बयान में बताया गया कि स्वामी ईश्वरचरणदास, प्रधानमंत्री मोदी को माला पहनाकर और भगवा शॉल ओढाकर उनका स्वागत करेंगे। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में तीर्थ स्थानों के विकास और पुनर्निर्माण में अभूतपूर्व काम किया है। मंदिर का उद्घाटन कार्यक्रम एक भव्य कार्यक्रम होगा, जिसे आने वाले कई सालों तक याद रखा जाएगा। अबु धाबी में बन रहे हिंदू मंदिर को देखने फिल्म अभिनेता विवेक ओबेरॉय भी पहुंचे। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर इस मंदिर के निर्माण पर खुशी जताई और इसे अभूतपूर्व आध्यात्मिक पल बताया। विवेक ओबेरॉय को अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का भी निमंत्रण मिला है। 
BAPS (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था) एक सामाजिक-आध्यात्मिक संस्था है, जिसकी जड़ें वेदों में हैं। स्वामीनारायण संस्था ने नई दिल्ली, गुजरात में अक्षरधाम मंदिर के अलावा उत्तरी अमेरिका, अटलांटा, ऑकलैंड, शिकागो, ह्यूस्टन, लंदन, लॉस एंजिल्स, नैरोबी, रॉबिंसविले, सिडनी, टोरंटो में भव्य मंदिरों का निर्माण कराया है। 
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ईरान में ‘आतंकवादी ठिकानों’ पर हमले में 4 बच्चों सहित 7 की मौत

इस्लामाबाद। दो दिन पहले तेहरान के हमले के जवाब में पाकिस्तान ने गुरुवार को ईरान के सिस्तान-ओ-बलूचिस्तान प्रांत में “आतंकवादी ठिकानों” पर हमला किया, जिसमें तीन महिलाओं और चार बच्चों सहित कम से कम सात लोग मारे गए।
एक बयान में, इस्लामाबाद में विदेश मंत्रालय ने कहा कि बलों ने “अत्यधिक समन्वित और विशेष रूप से लक्षित सटीक सैन्य हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया और ‘मार्ग बार सरमाचर’ नाम के खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान कई आतंकवादियों को मार गिराया।” की सूचना दी।
एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया, ”सभी लक्ष्यों पर सटीक निशाना साधा गया.” “हमने पुष्टि किए गए आतंकवादियों पर हमला किया। हमारे विचार में नस्ल, जातीयता, धर्म या संप्रदाय से परे सभी आतंकवादी हमारे निशाने पर हैं।”
मंगलवार को बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर पंजगुर में ईरानी हमलों में दो बच्चों की कथित मौत हो गई।
तेहरान ने दावा किया कि हमले शहर में स्थित जैश अल-अदल आतंकवादी समूह को निशाना बनाकर किए गए थे और इस बात से इनकार किया कि पाकिस्तानी नागरिक मारे गए थे।
जवाब में, इस्लामाबाद ने तेहरान को “अवैध” कार्रवाई के लिए “गंभीर परिणाम” की चेतावनी दी, ईरान के राजदूत को देश में लौटने पर प्रतिबंध लगा दिया और पाकिस्तान से अपने स्वयं के दूत को भी वापस ले लिया।
इस बीच, मंत्रालय के बयान में यह भी कहा गया है कि “पिछले कई वर्षों में, ईरान के साथ हमारी बातचीत में, पाकिस्तान ने लगातार ईरान के अंदर अनियंत्रित स्थानों पर खुद को सरमाचर्स कहने वाले पाकिस्तानी मूल के आतंकवादियों द्वारा प्राप्त सुरक्षित पनाहगाहों और अभयारण्यों के बारे में अपनी गंभीर चिंताओं को साझा किया है”।
“पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों की मौजूदगी और गतिविधियों के ठोस सबूत के साथ कई डोजियर भी साझा किए। हालाँकि, हमारी गंभीर चिंताओं पर कार्रवाई की कमी के कारण, ये तथाकथित सरमाचर बेखौफ होकर निर्दोष पाकिस्तानियों का खून बहाते रहे।
“आज सुबह की कार्रवाई इन तथाकथित सरमाचरों द्वारा आसन्न बड़े पैमाने पर आतंकवादी गतिविधियों की विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आलोक में की गई थी। यह कार्रवाई सभी खतरों के खिलाफ अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने के पाकिस्तान के दृढ़ संकल्प की अभिव्यक्ति है।
“इस बेहद जटिल ऑपरेशन का सफल क्रियान्वयन पाकिस्तान सशस्त्र बलों की व्यावसायिकता का भी प्रमाण है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान अपने लोगों की सुरक्षा और संरक्षा को बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना जारी रखेगा, जो पवित्र, अनुल्लंघनीय और पवित्र है।
 
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भारतीय-अमेरिकी ने कैलिफोर्निया प्रांतीय असेम्बली के लिए चुनाव लड़ने की घोषणा की

न्यूयॉर्क। भारतीय-अमेरिकी समुदाय की नेता तारा श्रीकृष्णन ने घोषणा की है कि वह डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जिला 26 से कैलिफोर्निया प्रांतीय असेम्बली के लिए चुनाव लड़ेंगी। यह जिला सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र के दक्षिणी में सैंटा क्लारा काउंटी (सनीवेल, क्यूपर्टिनो और सैंटा क्लारा शहरों समेत) और उत्तर तथा पश्चिम सैन जोस शामिल है।
तारा (30) 2021 से सैंटा क्लारा काउंटी शिक्षा बोर्ड में कार्यरत हैं जिसके अधिकार क्षेत्र में काउंटी के 31 स्कूल जिले हैं जिनमें कुल 2,70,000 छात्र पढ़ते हैं और जिसका बजट 30 करोड़ डॉलर का है। क्यूपर्टिनो संगीत अकादमी में पूर्व पियानो शिक्षिका तारा ने अपने अभियान वक्तव्य में कहा कि वह जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, किफायती आवास और सुरक्षित समुदायों जैसे मुद्दों के समाधान करना चाहती हैं।
बयान में कहा गया है, “हमारे निवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है: आवास सामर्थ्य, जलवायु परिवर्तन, यातायात की भीड़, और एक शिक्षा प्रणाली जिसे मजबूत करने की आवश्यकता है। इन चुनौतियों को संबोधित करना – और कर (से प्राप्त) डॉलर को कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से खर्च करना – यही कारण है कि मैं प्रांतीय असेम्बली के लिए रेस में हूं।
उन्होंने कहा, “मैं समझती हूं कि कैलिफोर्निया को वित्तीय रूप से जिम्मेदार बनाने, हमारी शिक्षा प्रणाली में सुधार करने के लिए क्या करना होगा ताकि हमारे बच्चों को भविष्य में करियर के अवसर मिलें, और यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे समुदाय सुरक्षित, स्वच्छ और किफायती हों। तारा के अनुसार, वह जिला 26 के लिए सही चयन है, जिसके पास स्थानीय सरकार के सभी स्तरों – स्कूल जिला, शहर, काउंटी और राज्य में पेशेवर अनुभव है।
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नेपाल का हिंदू समुदाय उत्साहित, प्राण-प्रतिष्ठा के लिए श्रद्धालुओं ने की खास तैयारी

काठमांडू। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। देश के साथ सरहदों के दूसरी तरफ भी भगवान राम के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर उल्लास का माहौल देखा जा रहा है। नेपाल में रहने वाले श्रद्धालुओं के बीच राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विशेष उत्साह का माहौल है। नेपाल का जिक्र इसलिए भी अहम है क्योंकि इस देश को भगवान राम की ससुराल के तौर पर जाना जाता है। पौराणिक कालखंड में यह देश माता सीता / जानकी का मायका जनकपुर था। आज भी मां सीता के मंदिर का विशेष महत्व है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खास स्थान पर दर्शन-पूजन कर चुके हैं।
विराटनगर मेट्रोपॉलिटन सिटी में भजन, प्रसाद और बाइक रैली-
ताजा घटनाक्रम में नेपाल का जिक्र इसलिए क्योंकि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा से पहले नेपाल के हिंदू समुदाय और श्रद्धालु खास तैयारियां कर रहे हैं। काठमांडू से 300 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में विराटनगर मेट्रोपॉलिटन सिटी है। यहां अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक अवसर पर कई धार्मिक कार्यक्रम होंगे। भजन-गीत के कार्यक्रम, शोभा-यात्रा, पारंपरिक पूजा पद्धति की तरह दीपक जलाने, प्रसाद वितरण और मोटरसाइकिल रैली जैसी योजनाएं बनाई गई हैं।
नेपाल के जनकपुर और भारत का रिश्ता-
नेपाल में मुख्य रूप से मधेश प्रांत में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह को अविस्मरणीय बनाने की तैयारियां हो रह हैं। जनकपुर में जानकी मंदिर को सीता का जन्मस्थान माना जाता है। यहां भी कई सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सवों की तैयारियां धूमधाम से हो रही हैं। जनकपुर नेपाल की राजधानी काठमांडू से 220 किमी दक्षिण-पूर्व में है। भारत में अयोध्या से लगभग 500 किमी पूर्व में स्थित जनकपुर, दोनों देशों के सैकड़ों साल पुराने रिश्तों का मजबूत आधार और प्रतीक रहा है।
नेपाल के रास्तों को सजाने के लिए खास तैयारियां-
स्थानीय लोगों ने बताया कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन पूरे जनकपुर उपमहानगर में सफाई अभियान चलाया जाएगा। जनकपुर के घरों और सड़कों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जा रहा है। झंडे और बैनर के साथ-साथ सौंदर्यीकरण के लिए फूल मालाओं का भी भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। खास आयोजनों से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि 22 जनवरी के दिन गंगा आरती, रामकथा के साथ-साथ शोभा यात्रा जैसी योजनाएं भी बनाई गई हैं।
भगवान राम के लिए जनकपुर से 3000 थालियों में उपहार भेजे गए-
मधेस प्रांत में होटल एसोसिएशन ऑफ नेपाल (एचएएन) की अध्यक्ष विजया झुनझुनवाला ने कहा, 'यह बहुत गर्व और खुशी का क्षण है। हम सभी काफी उत्साह के साथ इस आयोजन का इंतजार कर रहे हैं।' लगभग तीन सप्ताह पहले जनकपुर से 3,000 भार (बांस से बनी प्लेटें) के साथ शोभा यात्रा जनकपुर से अयोध्या रवाना हुई है। इनमें उपहार के रूप में सोने और चांदी के आभूषण, पारंपरिक मिठाइयां, फल और पारंपरिक पोशाक सजाकर भेजे गए हैं। इसके अलावा 21 लोगों का एक समूह 'प्राण प्रतिष्ठा' में भाग लेने के लिए अयोध्या रवाना होंगे।
प्राण प्रतिष्ठा के भव्य अवसर का बेसब्री से इंतजार-
तैयारियों के बारे में न्यूरो बगलामुखी सोसायटी के निदेशक बीरेंद्र बिस्ता ने कहा, 'हम काफी उत्साह के साथ 22 जनवरी की प्राण प्रतिष्ठा के भव्य अवसर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।' उन्होंने सभी क्षेत्रों के लोगों से 22 जनवरी के दिन समारोह में भाग लेने की अपील भी की है।
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ईरान की एयरस्ट्राइक से बौखलाया पाकिस्तान

  • कहा- इस कार्रवाई का अंजाम बुरा भी हो सकता है
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में ईरान की एयरस्ट्राइक में दो बच्चों की मौत हो गई। इस हमले के बाद पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तानी सरकार ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारी संप्रभुता का उल्लंघन करना अस्वीकार्य है। इस कार्रवाई का अंजाम बुरा भी हो सकता है। दरअसल, ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान में घुसकर बलोच उग्रवादी संगठन जैश अल-अदल के ठिकानों को निशाना बनाया था।
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ईरान ने हमारे हवाईक्षेत्र का उल्लंघन किया है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। पाकिस्तान में हमले के कारण दो मासूमों की मौत हो गई। जबकि, तीन लड़कियां घायल हो गईं। पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन अस्वीकार्य है। ईरान को मालूम होना चाहिए कि इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। पाकिस्तान हमेशा कहता है कि आतंकवाद सभी देशों के लिए एक साझा खतरा है। इसके लिए मिलकर कार्रवाई की जा सकती है। एकतरफा कार्रवाई अच्छे पड़ोसी के लक्षण नहीं है। यह कार्रवाई द्विपक्षीय विश्वास को गंभीर रूप से कमजोर बनाता है। 
पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि ईरान ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगभग 50 किलोमीटर अंदर घुसकर कार्रवाई की है। उन्होंने बलूचिस्तान के पंजगुर जिले की एक मस्जिद को भी नष्ट कर दिया। 
अरिपोर्ट के अनुसार, जैश अल-अदल का गठन 2012 में हुआ था, जिसे ईरान आतंकवादी संगठन मानता है। ईरान के दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में स्थित यह एक सुन्नी आतंकवादी समूह है। पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। दिसंबर में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस चौकी पर हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें 11 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।
एक दिन पहले, ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने इराक के उत्तरी शहर एरिबल के पास स्थित इस्राइल की मोसाद एजेंसी पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया। साथ ही गार्ड्स ने सीरिया में भी इस्लामिक स्टेट आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की थी।  आंतकी समूहों आईएस की सभाओं को तबाह करने के लिए भी ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया था। हमले के कारण चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए, जिन्हें पास के ही अस्पताल में ले जाया गया है। 
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इराक के एरिबल शहर स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के नजदीक भी कई विस्फोट हुए थे। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड ने ही हमलों की जिम्मेदारी ली थी। सूत्रों के मुताबिक, बमबारी बेहद हिंसक थी, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास आठ स्थानों को निशाना बनाया गया था। कुछ सूत्रों की मानें तो एरिबल हवाई अड्डे के पास भी इराक ने तीन ड्रोन मार गिराए गए थे। हवाईयात्रियों को एरिबल हवाईअड्डे पर ही रोक दिया गया था।
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संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रेसिडेंट भारत दौरे पर आएंगे

संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रेसिडेंट डेनिस फ्रांसिस युगांडा में गुटनिरपेक्ष और जी77 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद इसी महीने के अंत में भारत का दौरा करेंगे। उनकी प्रवक्ता मोनिका ग्रेली ने ये बात कही है।
उन्होंने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि शिखर सम्मेलन के लिए 17 से 21 जनवरी तक कंपाला दौरे के बाद उनका भारत और चीन जाने का कार्यक्रम है। भारत में अधिकारियों के साथ उनकी बातचीत में सुरक्षा परिषद सुधार, साउथ-साउथ सहयोग और संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों पर चर्चा होने की संभावना है।
ग्रेली ने कहा, त्रिनिदाद के एक करियर राजनयिक फ्रांसिस, जो पिछले साल महासभा प्रेसिडेंट चुने गए, कंपाला में शिखर सम्मेलन में इस बात पर रोशनी डालेंगे कि “अभूतपूर्व संकट के समय, ग्लोबल साउथ की संयुक्त आवाज की बहुत अधिक जरूरत है”।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर दो शिखर सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
फ्रांसिस ने सुरक्षा परिषद सुधार को आगे बढ़ाने की आवश्यकता जताई है, जो भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, हमारा मकसद गतिरोध से आगे बढ़ने के रास्ते ढूंढना और/या बनाना होना चाहिए। समय की मांग है कि “एक ऐसी सुरक्षा परिषद हो जो अधिक संतुलित, प्रतिनिधित्वपूर्ण, उत्तरदायी, लोकतांत्रिक और अधिक पारदर्शी हो”।
फ्रांसिस ने ग्लोबल साउथ में भारत के विकास प्रयासों की भी सराहना की।
पिछले साल नवंबर में एक बैठक में उन्होंने कहा था कि भारत संयुक्त राष्ट्र विकास कोष का योगदान “कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, विशेष रूप से सिकुड़ते वित्तीय अवसरों के इस युग में, जो हाल के वर्षों में महामारी और अन्य वैश्विक झटकों के प्रभाव से बढ़ गया है”।
 
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मानहानि के मुकदमे में ट्रम्प, जीन कैरोल का आमना-सामना

वाशिंगटन। आयोवा कॉकस में अपनी जीत से ताज़ा होकर, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यौन शोषण और उनके खिलाफ अपमानजनक बयान देने के लिए स्तंभकार ई. जीन कैरोल द्वारा दायर 10 मिलियन डॉलर के मानहानि मुकदमे के पहले दिन भाग लिया। जीन कैरोल (79) ने ट्रंप पर 1990 के दशक के मध्य में मैनहट्टन डिपार्टमेंट स्टोर के ड्रेसिंग रूम में उनके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था और फिर अक्टूबर 2022 में अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में इस घटना को अफवाह करार दिया था।
रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को शुरू हुई सुनवाई यह निर्धारित करने के लिए है कि क्या ट्रम्प ने मानहानिकारक बयानों से उन्हें नुकसान पहुंचाया है और यदि हां, तो उन्हें मुआवजे के रूप में उन्हें कितनी धनराशि देनी होगी।पिछले मई में, एक अलग जूरी परीक्षण में पाया गया कि ट्रम्प ने कैरोल का यौन उत्पीड़न किया और उसे बदनाम किया।उस मामले के निष्कर्षों को नए मुकदमे में प्रासंगिक माना जाता है।मंगलवार की सुनवाई में, ट्रम्प, जो जीन कैरोल के पीछे कुछ पंक्तियों में बैठे थे, ने स्तंभकार को घूर कर देखा, जिनके बारे में उनकदावा है कि वह “कभी नहीं मिले, देखा या छुआ नहीं… और उनके बारे में कुछ भी नहीं जानते”। अपनी ओर से, कैरोल ने उनकी ओर नहीं देखा और लगभग पूरी कार्यवाही के दौरान बेंच की ओर मुंह करके बैठी रहीं, जिससे ट्रम्प को केवल उनकी पीठ का दृश्य देखने को मिला।
कैरोल के वकीलों में से एक, शॉन क्रॉली ने कहा कि जूरी को इस बात पर विचार करना होगा कि “डोनाल्ड ट्रम्प को अपने किए के लिए कितना पैसा देना होगा”।जीन कैरोल के हवाले से कहा, “उसे रोकने में कितना पैसा लगेगा।”क्रॉले ने अदालत को यह भी बताया कि पूर्व राष्ट्रपति ने “कैरोल की जान को खतरा पहुंचाने के लिए” अपने अनुयायियों को उसके पीछे जाने के लिए उकसाया था।जैसा कि ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर जीन कैरोल पर हमला करना जारी रखा है, उनके आधिकारिक अकाउंट ने मंगलवार को दो दर्जन से अधिक पोस्ट डाले, जब वह अदालत में बैठे थे, और मामले को “शुद्ध कल्पना” कहा।कैरोल के बुधवार को गवाही देने की उम्मीद है और मामला गुरुवार को समाप्त होने वाला है।लेकिन न्यायाधीश लुईस कपलान ने फैसला सुनाया कि ट्रम्प को 22 जनवरी को गवाही देने की अनुमति दी जाएगी।
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रूस के खिलाफ यूक्रेन को समर्थन देते रहेंगे : जैक सुलिवन

  • वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम में बोले अमेरिका के एनएसए
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा है कि अमेरिका आगे भी यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेगा। जैक सुलिवन का यह बयान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के उस बयान के बाद सामने आया है, जिसमें जेलेंस्की ने कहा था कि रूस के खिलाफ लड़ाई में उन्हें अमेरिका और यूरोप के समर्थन की जरूरत होगी। मंगलवार को वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम के एक सत्र को संबोधित करते हुए जैक सुलिवन ने यह बात कही। 
जैक सुलिवन ने उम्मीद जताई कि जल्द शांति होगी। उन्होंने कहा 'हम सभी के लिए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं अगर हम सभी मिलकर समझदारी भरे और बड़े फैसले करें। अमेरिका और हमारे सहयोगी देश आगे भी उनकी (यूक्रेन) मदद करते रहेंगे।' अमेरिका यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों को भी निशाना बना रहा है, ऐसे में पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने की आशंका पैदा हो गई है। इस पर सुलिवन ने कहा कि 'सैन्य कार्रवाई और कूटनीति के जरिए हम तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि ऐसे हालात बनें, जिससे युद्धविराम हो और तनाव को बढ़ने से रोका जाए।'
जेलेंस्की ने अमेरिकी विदेश मंत्री से की थी मुलाकात-
गौरतलब है कि मंगलवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम की वार्षिक बैठक से इतर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और एनएसए जैक सुलिवन से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में जेलेंस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, अमेरिकी कांग्रेस और अमेरिका के लोगों को यूक्रेन का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। जेलेंस्की ने ये भी उम्मीद जताई कि अमेरिका आगे भी रूस के खिलाफ लड़ाई में उनके देश की मदद करता रहेगा। 
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन, रूस के खिलाफ लड़ाई तब भी जारी रखेगा, जब कोई भी उसका समर्थन ना करे, लेकिन यह एक बुरा अनुभव होगा। इससे ना सिर्फ यूक्रेन के लोगों को परेशानी होगी बल्कि उन्हें भी समस्या का सामना करना पड़ेगा, जो ये सोचते हैं कि यह सिर्फ यूक्रेन की लड़ाई है। 
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विवेक रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद के लिए प्रचार अभियान स्थगित

  • व्हाइट हाउस के लिए ट्रंप का किया समर्थन
वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी उद्यमी से नेता बने विवेक रामास्वामी ने आयोवा कॉकस में अपने खराब प्रदर्शन के बाद सोमवार को अपने राष्ट्रपति अभियान को निलंबित कर दिया और इसके विजेता डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थन की घोषणा की क्योंकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने नवंबर में व्हाइट हाउस को फिर से हासिल करने की मांग की थी।
“मैंने हर तरह से देखा, और मुझे लगता है कि यह सच है कि हम वह आश्चर्य हासिल नहीं कर पाए जो हम आज रात देना चाहते थे… फिलहाल, हम इस राष्ट्रपति अभियान को निलंबित करने जा रहे हैं। मेरे लिए अगला राष्ट्रपति बनने का कोई रास्ता नहीं है,” 38 वर्षीय रामास्वामी ने रिपब्लिकन प्रेसिडेंशियल कॉकस के नतीजे आने पर आयोवा में अपने निराश समर्थकों से कहा।
आयोवा कॉकस ने औपचारिक रूप से व्हाइट हाउस के लिए 2024 की दौड़ की शुरुआत की। पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने आयोवा कॉकस में जीत हासिल की और मौजूदा राष्ट्रपति जो बिडेन को चुनौती देने के लिए नवंबर के राष्ट्रपति चुनावों के लिए पार्टी का नामांकन हासिल करने के लिए अपनी जगह मजबूत कर ली।
फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस 21.2 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे, जबकि ट्रम्प को 51 प्रतिशत वोट मिले। भारतीय-अमेरिकी पूर्व साउथ कैरोलिना गवर्नर निक्की हेली 19.1 प्रतिशत वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
 
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अमेरिकी एम्बेसी के पास दागी गई कई मिसाइलें, 4 की मौत

इराक। अर्बिल में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास कई विस्फोट हुए हैं। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीएस) ने विस्फोटों की जिम्मेदारी ली है। आईआरजीएस ने कहा कि वह बैलिस्टिक मिसाइलों से क्षेत्र के कुछ हिस्सों में जासूसी मुख्यालयों और ईरानी विरोधी आतंकवादी समूहों को निशाना बना रहा है। उन्होंने कहा कि आईआरजीएस द्वारा किए गए बम विस्फोटों में चार लोग मारे गए। एक इराकी सुरक्षा सूत्र ने कहा कि एरबिल में बमबारी में कोई गठबंधन या अमेरिकी सेना नहीं मारी गई।
सूत्रों के मुताबिक गठबंधन सेना ने इराक के एरबिल हवाईअड्डे के पास तीन ड्रोन मार गिराए. एयरबिल में हवाई यात्रा निलंबित कर दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक बम धमाका बेहद हिंसक था. अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास आठ स्थानों को निशाना बनाया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलों से अमेरिकी सुविधाओं पर कोई असर नहीं पड़ा। इज़राइल और फिलिस्तीनी इस्लामी समूह हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से पूरे मध्य पूर्व में फैल गया है। जिसमें ईरान के सहयोगी देश लेबनान, सीरिया, इराक और यमन भी युद्ध में उतर रहे हैं।
ईरान इज़रायल के साथ युद्ध में हमास का समर्थन करता है और अमेरिका पर गाजा में इज़रायल का समर्थन करने का भी आरोप लगाता है। वहीं, अमेरिका ने मारे गए फिलिस्तीनी नागरिकों की संख्या पर चिंता व्यक्त की है। कुर्दिस्तान सरकार की सुरक्षा परिषद ने एक बयान में हमले को अपराध बताया और कहा कि आर्बिल पर हमले में कम से कम चार नागरिक मारे गए और छह घायल हो गए ।
 
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पूर्व राष्ट्रपति त्साई ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद पार्टी को शुभकामनाएं देने के लिए दलाई लामा को धन्यवाद दिया

ताइपे। ताइवान के पूर्व राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के प्रति आभार व्यक्त किया, जब उन्होंने अपने सहयोगी लाई चिंग-ते को ताइवानी भाषा में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के लिए लगातार तीसरी बार जीत के लिए बधाई दी। राष्ट्रपति का चुनाव।
उन्होंने ताइवान के अस्तित्व और लोकतंत्र के अभ्यास के महत्व को पहचानने वाले प्रेरक संदेश के लिए दलाई लामा को धन्यवाद दिया।
त्साई ने दलाई लामा की इच्छा के जवाब में एक्स पर पोस्ट किया, “दुनिया भर में स्वतंत्रता और सम्मान के लिए #ताइवान में लोकतंत्र के हमारे अभ्यास के महत्व को पहचानने के लिए @दलाईलामा की ओर से बधाई और प्रेरक संदेश के लिए आभारी हूं।”
2016 में त्साई के लगातार दो कार्यकाल पूरे करने के बावजूद ताइवान के मतदाताओं ने डीपीपी को फिर से सत्ता में लाने की चीनी धमकियों को खारिज कर दिया, जिसके बाद दलाई लामा ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग-ते को हार्दिक बधाई देने के लिए पत्र लिखा।
“वास्तव में,” उन्होंने लिखा, “लोकतंत्र के अभ्यास का अवलोकन करना, जैसा कि अभी ताइवान में हुआ है, हम सभी के लिए प्रोत्साहन का एक स्रोत है जो स्वतंत्रता और सम्मान में जीने की आकांक्षा रखते हैं”।
उन्होंने ताइवान की अपनी यात्रा को याद करते हुए वहां मिले आतिथ्य और देश में लोकतंत्र की सराहना की। उन्होंने ताइवानी बौद्धों की बौद्ध धर्म के प्रति गहरी भक्ति की भी प्रशंसा की।
“मेरी वहां की यात्राओं के दौरान ताइवान के लोगों द्वारा किए गए आतिथ्य की यादें मेरे मन में हैं, जब मैं यह भी देख सका कि लोकतंत्र की जड़ें कितनी मजबूत हो गई हैं। ताइवान के लोगों ने न केवल एक समृद्ध, मजबूत लोकतंत्र विकसित किया है, बल्कि उपलब्धि भी हासिल की है।” उन्होंने अर्थशास्त्र और शिक्षा के मामले में बहुत कुछ किया, साथ ही अपनी समृद्ध पारंपरिक संस्कृति को भी संरक्षित किया।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं ताइवान के बौद्धों की बुद्ध धर्म के प्रति गहरी भक्ति की प्रशंसा करता हूं। एक बौद्ध भिक्षु के रूप में, मैं समय-समय पर शिक्षाओं और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए उनके अनुरोधों को पूरा करने की पूरी कोशिश करता हूं।”
दलाई लामा ने ताइवान और चीन के बीच “अच्छे संबंधों” पर भी जोर दिया और आग्रह किया कि ‘बातचीत’ में शामिल होना मुद्दों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है।
उन्होंने संदेश में कहा, “ताइवान और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच अच्छे संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। यह मेरा दीर्घकालिक विश्वास है कि बातचीत में शामिल होना कठिन मुद्दों को हल करने का सबसे अच्छा तरीका है, चाहे वह स्थानीय, राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो।” .
उन्होंने लाई को “ताइवान के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में आने वाली चुनौतियों का सामना करने” में हर सफलता की कामना की।
ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में हुए ताइवान के राष्ट्रपति चुनावों में, लाई, जो पहले ताइनान मेयर के रूप में कार्यरत थे, को 5 मिलियन से अधिक वोट और 40 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर प्राप्त हुए।
पहले अनिर्णीत मतदाताओं ने उम्मीदवारों के बीच तीन तरह से विभाजन किया, जिससे लाई को कुओमितांग उम्मीदवार होउ यू-इह पर सात अंकों की बढ़त मिल गई, जिन्हें कुल वोटों का 33 प्रतिशत प्राप्त हुआ। ताइवान न्यूज के अनुसार, तीसरे स्थान पर ताइवान पीपुल्स पार्टी के उम्मीदवार को वेन-जे ने उम्मीद से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय वोट का 26 प्रतिशत हासिल किया।
ताइवान के नए सर्वोच्च नेता चुने जाने के बाद अपनी प्राथमिकताओं को सूचीबद्ध करते हुए, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने शनिवार को कहा कि वह अपने देश को चीन से लगातार मिल रही धमकियों और धमकी से बचाने के लिए काम करेंगे, सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ‘चीन अब स्थिति को पहचान सकता है’। .
नवनिर्वाचित नवनिर्वाचित नवनिर्वाचित नवनिर्वाचित नवनिर्वाचित ने कहा, “मैं अपनी लोकतांत्रिक और स्वतंत्र संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार संतुलित तरीके से कार्य करूंगा और क्रॉस-स्ट्रेट यथास्थिति बनाए रखूंगा। साथ ही, हम ताइवान को चीन से लगातार मिल रही धमकियों और धमकियों से बचाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।” राष्ट्रपति ने कहा.
उन्होंने कहा, “यह एक ऐसी रात है जो ताइवान की है। हम ताइवान को दुनिया के मानचित्र पर बनाए रखने में कामयाब रहे।” उन्होंने कहा, “चुनाव ने दुनिया को ताइवान के लोगों की लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई है, मुझे उम्मीद है कि चीन समझ सकता है।” ।” (एएनआई)
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इजरायली सेना ने गाजा में 100 रॉकेट लॉन्चर नष्ट किए

तेल अवीव। आईडीएफ (इज़राइल रक्षा बल) गाजा में हमास के आतंकवादी ठिकानों पर अपना हमला जारी रख रहा है। पिछले दिन में, आईडीएफ ने लगभग 100 रॉकेट लॉन्च सुविधाओं को नष्ट कर दिया और कई आतंकवादियों को मार गिराया।
रॉकेट सुविधाएं गाजा के बेत लाहिया क्षेत्र में आईडीएफ की 401वीं बख्तरबंद ब्रिगेड की लड़ाकू टीम के लड़ाकों को मिलीं। इनमें से करीब 60 रॉकेट इजरायल में नागरिक ठिकानों पर लॉन्च के लिए तैयार हैं।
लड़ाई के दौरान लड़ाकों ने दर्जनों आतंकवादियों को भी मार गिराया।
उत्तरी शाटी में, आईडीएफ के रिजर्व 5वीं इन्फैंट्री ब्रिगेड के लड़ाकों ने नौ आतंकवादियों को खत्म करने के लिए एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर का निर्देशन किया।
खान यूनिस क्षेत्र में, 7वीं बख्तरबंद ब्रिगेड की सेनाओं ने वहां पहचाने गए आतंकवादियों को खत्म करने के लिए कई विमानों को निर्देशित किया, साथ ही एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने एक अवलोकन चौकी को नष्ट कर दिया जिसने इजरायली बलों को खतरे में डाल दिया था। (एएनआई/टीपीएस)
 
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"चुनाव 'आप और मैं' बनाम 'कट्टर एमएजीए रिपब्लिकन' होगा"

  • डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर बोले राष्ट्रपति जो बाइडन
वॉशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की पहली रेस जीत गए हैं। इस जीत ने उन अनुमानों को और मजबूत कर दिया है, जिनमें कहा जा रहा था कि मौजूदा राष्ट्रपति को एक बार फिर ट्रंप की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति को दूसरे पक्ष का फ्रंट रनर बताया। उन्होंने कहा कि इस साल होने वाला चुनाव 'आप और मैं' बनाम 'कट्टर एमएजीए रिपब्लिकन' होगा।
बता दें, ‘अमेरिका को फिर से महान बनाओ' यानी एमएजीए अभियान एक राजनीतिक नारा है, जिसे ट्रंप ने 2016 में अपने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान लोकप्रिय बनाया। अब आयोवा में मिली जीत के बाद ट्रंप ने 2024 के रिपब्लिकन नामांकन के लिए सबसे आगे के खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर दिया है।
बाइडन ने कहा कि ऐसा लगता है कि डोनाल्ड ट्रंप ने अभी-अभी आयोवा जीता है। साफ है कि वह सामने वाले पक्ष में सबसे मजबूत खिलाड़ी हैं। लेकिन एक बात है कि यह चुनाव हमेशा से 'आप और मैं' बनाम कट्टर एमएजीए रिपब्लिकन' होने वाला है। यह कल भी सच था और आने वाले समय में भी सच होगा। 
दरअसल 15 जनवरी को आयोवा प्रांत में रिपब्लिकन पार्टी की पहली कॉकस का आयोजन किया गया। इस कॉकस के नतीजों में डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली है। इसी जीत के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन की यह टिप्पणी सामने आई है। 
1600 से ज्यादा जगहों पर मतदान हुआ-
आयोवा में 1600 से ज्यादा जगहों पर मतदान हुआ, जिनमें डोनाल्ड ट्रंप को विजेता घोषित किया गया। हालांकि अभी तक इस बात का पता नहीं चला है कि डोनाल्ड ट्रंप का करीबी प्रतिद्वंदी कौन है। दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली या फ्लोरिडा के गवर्नर रोन देसांतिस के दूसरे स्थान पर होने का अनुमान जताया जा रहा है। आयोवा के बाद न्यू हैंपशायर, नेवादा और दक्षिण कैरोलिना में भी कॉकस का आयोजन किया जाएगा। हालांकि पहली कॉकस होने की वजह से आयोवा पर सभी की निगाहें थी, क्योंकि यहां से मिली जीत आगे की चुनौतियों के लिए उत्साह बढ़ाएगी। साथ ही इस जीत से यह भी साफ हो गया है कि रिपब्लिकन पार्टी के मतदाता अभी भी मजबूती से ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं।
क्या है आयोवा कॉकस-
अमेरिका में दो मुख्य पार्टियां डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन हैं। दोनों पार्टियां राष्ट्रपति चुनाव से पहले देश के हर राज्य में पार्टी के उम्मीदवार के चयन के लिए पार्टी के भीतर मतदान कराती हैं। जिसे कॉकस कहा जाता है। सभी राज्यों के मतदान के बाद दोनों पार्टियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में मतदान में विजयी उम्मीदवार को पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जाता है।
रिपब्लिकन पार्टी के लिए पहली कॉकस आयोवा प्रांत में आयोजित कराई गई। इस कॉकस में लाइब्रेरी, स्कूल या खेल के मैदानों जैसी 1600 से ज्यादा जगहों पर रिपब्लकिन पार्टी के पंजीकृत समर्थक इकट्ठा हुए और उन्होंने एक गुप्त मतदान के लिए पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में से किसी एक का चयन किया। इसे ही आयोवा कॉरल कहा जा रहा है और इसमें डोनाल्ड ट्रंप ने अन्य उम्मीदवारों निक्की हेली, रोन देसांतिस और विवेक रामास्वामी की पीछे छोड़ते हुए जीत दर्ज की है। अब अलग-अलग तारीखों पर अन्य राज्यों में भी ऐसे ही कॉकस का आयोजन किया जाएगा, जिसके बाद जुलाई में आधिकारिक तौर पर रिपब्लिकन पार्टी के सम्मेलन में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का एलान किया जाएगा।
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"मालदीव की संप्रभुता को चीन का पूरा समर्थन"

  • राष्ट्रपति जिनपिंग से मिलकर लौटे मुइज्जू ने जताया भरोसा
बीजिंग। मालदीव में दो महीने पहले नई सरकार बनने के बाद चीन के साथ इसकी करीबी बढ़ रही है। चीनी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक कर लौटे राष्ट्रपति मुइज्जू ने भरोसा जताया है कि आने वाले समय में दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि चीन मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है। दोनों देश एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। मुइज्जू का बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि राजनयिक विवाद के कारण मालदीव और भारत के रिश्ते कड़वे हो चुके हैं।
राष्ट्रपति बनने के बाद पहली राजकीय यात्रा पर चीन पहुंचे मुइज्जू ने चीनी समकक्ष जिनपिंग के अलावा वहां के प्रधानमंत्री समेत कई शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की थी। यात्रा के दौरान डेढ़ दर्जन से अधिक समझौतों पर साइन करने के बाद बाद शनिवार को मालदीव लौटे मुइज्जू ने कहा, चीन ने 1972 में राजनयिक संबंध स्थापित करने के बाद से मालदीव के विकास में निरंतर सहायता की है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) द्विपक्षीय संबंधों को एक नए स्तर पर ले गई है।
उन्होंने कहा कि चीन ऐसा देश नहीं है जो मालदीव के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करेगा, यही कारण है कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध हैं। चीन के सरकारी चैनल- सीजीटीएन के साथ एक साक्षात्कार में मुइज्जू ने कहा, मालदीव और चीन एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। चीन मालदीव की संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है। राष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि चीन-मालदीव संबंध भविष्य में भी मजबूत होते रहेंगे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग नागरिकों के हित को पहले रखते हैं और उनके नेतृत्व में चीन की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों पर पहुंची है।
राष्ट्रपति मुइज्जू के मुताबिक राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें आश्वासन दिया है कि चीनी सरकार मालदीव को उसके लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि जिनपिंग के साथ-साथ खुद उनके दृष्टिकोण में मालदीव की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप प्रगति लाना शामिल है। बकौल मुइज्जू, वह मालदीव को एक ऐसे देश में बदलना चाहते हैं जो उनके दृष्टिकोण के ढांचे के भीतर अन्य विकसित देशों के साथ सद्भाव बरकरार रखते हुए रिश्ते कायम करे।
गौरतलब है कि मुइज्जू ने चीन दौरे से लौटने के बाद भी भारत का नाम लिए बिना तीखी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि भले ही मालदीव काफी छोटा देश है, लेकिन केवल इस आधार पर किसी देश को उसे धमकाने या उस पर धौंस दिखाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता। इस बयान को चीन से उनकी करीबी और भारत के खिलाफ उग्र तेवरों के तौर पर देखा गया।
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अमेरिका व ब्रिटेन ने यमन के होदेइदाह पर नया हमला किया शुरू

सना। हौथी द्वारा संचालित अल-मसीरा टीवी ने बताया है कि अमेरिका और ब्रिटेन ने यमन के लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह पर एक नया हमला किया है। समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि रविवार शाम को किए गए हमले में शहर के उत्तरी हिस्से में अल्लुहेया जिले में जादा पर्वत को निशाना बनाया गया।
यह हमला तीन दिनों में अमेरिकी और ब्रिटिश युद्धक विमानों द्वारा किए गए इसी तरह के हवाई हमलों की श्रृंखला में नवीनतम था। अमेरिका और ब्रिटेन ने कहा है कि ये हमले यमनी हौथी समूह को वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण जलमार्ग, लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग पर आगे हमले शुरू करने से रोकने के प्रयास में किए गए थे।
हौथिस ने कहा कि लाल सागर में उनके अभियानों का उद्देश्य “इजरायल से जुड़े जहाजों” को लाल सागर से गुजरने से रोकना था, जब तक कि इजरायल गाजा पट्टी के फिलिस्तीनी क्षेत्र पर अपना हमला और घेराबंदी समाप्त नहीं कर देता। शनिवार को, हौथिस ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा उनके ठिकानों पर किए गए हालिया हवाई हमले उन्हें इजरायली ठिकानों पर लगातार हमले करने से नहीं रोकेंगे, उन्होंने जल्द ही और हमले शुरू करने की कसम खाई।
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ब्राज़ीलियाई नौसेना ने दूसरी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी हुमैता का किया जलावतरण

रियो डी जनेरियो। ब्राजीलियाई नौसेना ने प्रोसब कार्यक्रम की चार स्कॉर्पीन पनडुब्बियों में से दूसरी, हुमैता को रियो डी जनेरियो में इटागुई नौसेना बेस पर तैनात किया। नौसेना समूह की एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि हुमैता को विशेष रूप से इटागुआई कॉन्स्ट्रुकोएस नवाइस (आईसीएन) द्वारा पूरी तरह से ब्राजील में बनाया गया है।
स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी को 12 जनवरी को ब्राजील के रक्षा मंत्री जोस म्यूसियो मोंटेइरो और फ्रांसीसी जनरल डेलिगेट फॉर आर्मामेंट्स इमैनुएल चिवा की उपस्थिति में कमीशन किया गया था।
हुमैता का समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद, इसे ब्राज़ीलियाई नौसेना द्वारा ले जाया गया और उपयोग में लाया गया। सितंबर 2022 में, ब्राज़ीलियाई नौसेना ने कार्यक्रम की पहली पनडुब्बी रियाचुएलो को सेवा में शामिल किया। टोनलेरो और एंगोस्टुरा, श्रृंखला की अंतिम दो पनडुब्बियां, क्रमशः 2024 और 2025 में लॉन्च होने वाली हैं।
“आज, फ्रांस के डीजीए के साथ, हम आईसीएन के साथ अपने सहयोग की सफलता और ब्राजील के साथ हमारे दीर्घकालिक संबंध और सहयोग का जश्न मनाते हैं। इस कार्यक्रम की सफलता सामूहिक है और इसका उद्देश्य ब्राजीलियाई नौसेना और उद्योग को मजबूत करने के साथ-साथ देश को मजबूत करना है। क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव। हमें अपने सभी भागीदारों के साथ प्रोसब कार्यक्रम का हिस्सा होने पर गर्व है। नौसेना समूह के सीईओ पियरे एरिक पॉमलेट के हवाले से विज्ञप्ति में कहा गया है, हमारी टीमें ब्राजीलियाई नौसेना की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
स्कॉर्पीन एक आधुनिक, उच्च प्रदर्शन वाली और गुप्त पनडुब्बी है। यह एक समुद्र में जाने वाली पनडुब्बी है जिसे उथले पानी में संचालन के लिए भी डिज़ाइन किया गया है। बेहद गुप्त और तेज़, इसमें परिचालन स्वचालन का एक स्तर है जो सीमित संख्या में चालक दल की अनुमति देता है, जिससे इसकी परिचालन लागत काफी कम हो जाती है। इसकी लड़ाकू क्षमता इस तथ्य से उजागर होती है कि इसमें 6 हथियार लॉन्चिंग ट्यूब, 18 हथियार (टॉरपीडो, मिसाइल) हैं।
स्कॉर्पीन नवीनतम पीढ़ी की युद्ध प्रणाली, सबटिक्स से सुसज्जित है, जो पनडुब्बी युद्ध के पूरे क्षेत्र में नीले और उथले पानी में आधुनिक पनडुब्बी मिशनों की बढ़ती चुनौतियों का समाधान करती है।
अत्यधिक मॉड्यूलर और स्केलेबल, सबटिक्स को या तो नए प्लेटफार्मों पर या मौजूदा पनडुब्बियों के लिए आधुनिकीकरण कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में एकीकृत किया जा सकता है।
“पनडुब्बी का अंतिम विन्यास नौसेनाओं की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने और नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए अनुकूलित किया गया है। उदाहरण के लिए, ब्राजीलियाई स्कॉर्पीन® एक बड़े दल और अधिक भोजन और ईंधन ले जाने के लिए पारंपरिक मॉडल की तुलना में थोड़ा लंबा होगा। ये संशोधन होंगे इसे लंबे समय तक गश्त करने और अधिक दूरी तय करने में सक्षम बनाता है। नौसेना समूह ने अपनी विज्ञप्ति में कहा, “ब्राजील की सभी स्कॉर्पीन पनडुब्बियां नौसेना समूह की नई पीढ़ी के F21 हेवी-वेट टॉरपीडो से लैस होंगी, जिसके लिए ब्राजील पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक है।”
2009 में, फ़्रांसीसी-ब्राज़ीलियाई रणनीतिक रक्षा सहयोग समझौते के ढांचे के भीतर, ब्राज़ीलियाई नौसेना ने अपने प्रोसब कार्यक्रम, प्रोग्रामा डे डेसेनवोलविमेंटो डी सबमारिनोज़ के लिए नौसेना समूह को चुना।
इसके अलावा, ब्राजील ने चार नई पारंपरिक पनडुब्बियों (एसएसके) और एक स्वदेशी परमाणु-संचालित पनडुब्बी (एसएसएन) के विकास के साथ अपनी पनडुब्बी सेना को मजबूत करने का फैसला किया।
प्रोसब कार्यक्रम की स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण और संयोजन आईसीएन द्वारा इटागुआई में निर्मित शिपयार्ड में किया जाता है। नौसेना समूह ने प्रौद्योगिकी स्थानांतरित करके, पनडुब्बी डिजाइन फ़ाइल की आपूर्ति, पनडुब्बियों को बनाने वाले उपकरण और तकनीकी सहायता प्रदान करके इस कार्यक्रम में योगदान दिया। (एएनआई)
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