दुनिया-जगत

उद्घाटन से पहले अबु धाबी में BAPS मंदिर पहुंचे कई देशों के प्रतिनिधि

  • भूटान के राजदूत बोले- यह तीर्थभूमि
  • फरवरी में होगा मंदिर का उद्घाटन
अबु धाबी। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने अबु धाबी के बीएपीएस हिंदू मंदिर के उद्घाटन से पहले यहां दुनियाभर के कई राजनायिकों की मेजबानी की। सभी राजनायिक मंदिर की वस्तुकला, जटिल रूपांकनों और एकता के संदेशों को देखकर खुश हुए।
यूएई में भारतीय दूतावास की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी पोस्ट में कहा गया, बीएपीएस मंदिर के उद्घाटन में अब एक महीने से कम का समय शेष है। राजदूत संजय सुधीर ने मंदिर के विशोष दौरे पर दुनियाभर के राजनायिकों की मेजबानी की। वे सभी मंदिर की वस्तुकला और जटिल रूपांकनों को देखकर आश्चर्यचकित रह गए।
42 देशों के प्रतिनिधियों को निमंत्रण-
बीएपीएस हिंदू मंदिर की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने 42 देशों के प्रतिनिधियों को निमंत्रण दिया था। इसमें अर्जेंटीना, अर्मेनिया, बहरीन, बांग्लादेश, बोस्निया, हर्जेगोविना, कनाडा, चैड, चिली, चेक गणराज्य, साइप्रस, डोमिनिकन गणराज्य, मिस्र, यूरोपीय संघ,फिजी, गाम्बिया, जर्मनी, घाना, आयरलैंड, इज़राइल, इटली, मोल्दोवा, मोंटेनेग्रो, नेपाल, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नॉर्वे, नाइजीरिया, पनामा, फिलीपींस, पोलैंड, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका, स्वीडन, सीरिया, थाईलैंड, यूएई, यूके, यूएस, जिम्बाब्वे और जाम्बिया के प्रतिनिधि शामिल थे। 
करीबन 60 गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत माला पहनाकर किया गया। इसके साथ ही उनकी उपस्थिति के महत्व को दर्शाते हुए उन्हें पवित्र धागा भी बांधा गया। भारतीय राजदूत संजय सुधीर ने एक छोटे से संबोधन के साथ अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा, 'यह असंभव जैसा लग रहा था, लेकिन सपना पूरा हो गया।' 
फरवरी में होगा मंदिर का उद्घाटन-
बीएपीएस हिंदू मंदिर प्रोजेक्ट के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने भारत और यूएई का आभार व्यक्त किया। यूएई में नेपाल के राजदूत तेज बहादूर छेत्री ने मंदिर को तीर्थभूमि बताया। उन्होंने आगे कहा, 'यह एक प्रेरणादायक इमारत है, जो हमें प्यार, सद्भाव और सहिष्णुता के बारे में बताता है। यह कुछ ऐसा है, जिसे हम अपने आने वाली पीढ़ियों को तोहफे के तौर पर दे सकते हैं। महंत स्वामी महाराज एक महान साधु हैं। उनसे ही लोगों को मंदिर बनाने की प्रेरणा मिली। यह एक बड़ी कामयाबी है।'
थाईलैंड के राजदूर सोरायुत चसोम्बत ने कहा, 'यूएई में यह अबतक का मेरा सबसे अच्छा अनुभव है। मैंने इस मंदिर के निर्माण से लेकर अब अंत देख रहा हूं। मैं यह कहना चाहता हूं कि यह सद्भाव का उदाहरण है। मैं भारत और यूएई का आभार व्यक्त करता हूं।'
विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों का यह दौरा यूएई के साथ अपने देश की सांस्कृतिक मेलजोल, शांति और राजनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए था। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महंत स्वामी महाराज 14 फरवरी को इस मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं। 
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इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी को 10 साल जेल की सजा

  • गोपनीय सूचना लीक करने के दोषी
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को गोपनीय सूचना लीक करने के मामले 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। दोनों को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गठित की गई विशेष अदालत ने गोपनीय सूचना लीक करने का दोषी पाया। इमरान खान (71 वर्षीय) और शाह महमूद कुरैशी (67 वर्षीय) रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। जेल से ही इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी अदालत की सुनवाई में वर्चुअली शामिल हुए।
पीटीआई फैसले को देगी चुनौती-
इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। पीटीआई ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी कानूनी टीम इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देगी। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस मामले की सुनवाई के दौरान मीडिया या आम जनता को शामिल नहीं होने दिया गया और जल्दबाजी में फैसला सुनाया गया है। पीटीआई ने कहा कि मार्च-अप्रैल 2022 को जो हुआ, उसे कोई भी अदालती सुनवाई नहीं बदल सकती। इस मामले में कानून का मजाक उड़ाया गया है। पार्टी ने लोगों से 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में 'हकीकी आजादी' के लिए वोट करने की अपील की।
क्या है गोपनीय दस्तावेज लीक करने का मामला-
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान खान को एक जनसभा के दौरान गोपनीय कूटनीतिक दस्तावेज को सार्वजनिक करने का दोषी पाया गया। इमरान खान के प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान यह घटना घटी थी। जिस दस्तावेज को सार्वजनिक किया गया, उसे अमेरिका स्थित पाकिस्तानी दूतावास द्वारा भेजा गया था। इमरान खान के पास से वह दस्तावेज कथित तौर पर बरामद नहीं हुआ है। इमरान खान ने गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करते हुए आरोप लगाए थे कि अमेरिका के इशारे पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रची जा रही है। इस घटना के कुछ समय बाद ही अप्रैल 2022 में इमरान खान की सरकार को अविश्वास मत के जरिए सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद से उनके खिलाफ अब तक 150 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं।  
इमरान खान को उनके खिलाफ चल रहे दूसरे मामले में दोषी ठहराया गया है। इससे पहले तोशाखाना मामले में भी इमरान खान को बीती 5 अगस्त को दोषी ठहराया गया था। तोशाखाना मामले में इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी। 
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भारतीय नौसेना ने 24 घंटे के अंदर दो जहाजों को लुटेरों से छुड़ाया

  • युद्धपोत भेजकर दिखाई ताकत
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना ने 28 और 29 जनवरी को महज 24 घंटे के अंदर अरब सागर में समुद्री लुटेरों द्वारा हाईजैकिंग की दो बड़ी कोशिशों को नाकाम किया है। रक्षा मामलों से जुड़े अफसरों के मुताबिक, भारतीय नौसैनिक युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा ने रविवार को ईरान के जहाज एफवी ईमान को बचाने के बाद एक और अभियान में जहाज अल नईमी को सोमालियाई लुटेरों के शिकंजे से छुड़ाया। बताया गया है कि इस अभियान में भारत के मरीन कमांडोज ने भी हिस्सा लिया।
जानकारी के मुताबिक, यह घटना केरल के कोच्चि के तट से 800 मील दूर अरब सागर में हुई। लुटेरों ने यहां ईरान के झंडे वाले जहाज और उसमें सवार क्रू सदस्यों को बंधक बना लिया। इसके बाद भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोत आईएनएस सुमित्रा को भेजकर सभी को सुरक्षित निकाल लिया। अधिकारियों ने कहा कि जहाजों की सुरक्षा के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में हर जगह भारत की कड़ी निगरानी है।
भारतीय नौसेना ने एक बयान जारी कर कहा कि 29 जनवरी को उसने अल-नईमी को बचाने के लिए अभियान चलाया। इसमें सवार क्रू के सभी 19 सदस्य पाकिस्तानी नागरिक हैं। मरीन कमांडोज ने इस जहाज को घेरने के बाद ऑपरेशन भी चलाया और लुटेरों के शिप से भागने की पुष्टि की। साथ ही क्रू सदस्यों के हालचाल भी जाने।
28 जनवरी को भी समुद्री लुटेरों से छुड़ाया था जहाज-
हिंद महासागर को सुरक्षित बनाने के लिए लगातार सक्रिय भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अदन की खाड़ी के पास अगवा किए एक ईरानी पोत और 17 क्रू सदस्यों को सोमवार को लुटेरों के कब्जे से छुड़ा लिया था। नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, एंटी-पायरेसी अभियान के तहत अरब सागर में तैनात आईएनएस सुमित्रा ने ईरानी जहाज से मदद की गुहार मिलने पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और अगवा किए गए जहाज को बचाया गया।
मधवाल ने बताया था कि सोमालिया के पूर्वी तट और अदन की खाड़ी के बीच समुद्री डकैती रोधी अभियानों पर तैनात आईएनएस सुमित्रा ने ईरानी झंडे के मछली पकड़ने वाले जहाज (एफवी) ईमान से मिले संकट संदेश का जवाब दिया। उसने अगवा किए गए जहाज को रोका और चालक दल के सभी 17 सदस्यों की सुरक्षित रिहाई के लिए समुद्री डाकुओं को मजबूर करने के लिए स्थापित एसओपी के मुताबिक कार्रवाई की। बाद में पूरे जहाज की तलाशी ली गई, ताकि कोई समुद्री लुटेरा जहाज में छिपा नहीं रहे। इसके बाद जहाज को आगे के लिए रवाना किया गया। कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि भारतीय नौसेना का यह प्रयत्न हिंद महासागर क्षेत्र को समुद्री डकैती मुक्त बनाने के भारत के संकल्प का प्रतीक है।
बढ़ रहा भारतीय नौसेना का कद-
हिंद महासागर में भारतीय नौसेना का कद और प्रासंगिकता बढ़ रही है। दो दिन पूर्व भारतीय नौसेना के युद्धपोत ने 22 भारतीय चालक दल वाले मार्शल आईलैंड के एक वाणिज्यिक तेल टैंकर में लगी आग को बुझाया था। यूएस सेंट्रल कमांड के मुताबिक, अदन की खाड़ी में एमवी मार्लिन लुआंडा जहैज पर ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने मिसाइल हमला किया गया था।
डेढ़ माह में कई बचाव अभियान-
भारतीय नौसेना ने 5 जनवरी को उत्तरी अरब सागर में लाइबेरियाई जहाज एमवी लीला नोरफोक के अपहरण के प्रयास को विफल कर सभी क्रू सदस्यों को सुरक्षित बचाया था।  23 दिसंबर को नौसेना ने भारत के पश्चिमी तट पर लाइबेरिया के झंडे वाला जहाज एमवी केम प्लूटो को ड्रोन हमले से बचाया था। नौसेना ने उत्तर, मध्य अरब सागर सहित सभी अहम समुद्री मार्गों की सुरक्षा के लिए जहाजों-विमानों की तैनाती बढ़ा दी है।
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ईरान के विदेश मंत्री ने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी समकक्ष के साथ बातचीत की

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने सोमवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय कार्यालय में अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मुलाकात की, जहां दोनों नेता द्विपक्षीय बैठक करेंगे। दोनों देशों के बीच तनाव. एक्स को संबोधित करते हुए, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “विदेश मंत्री @ जलील जिलानी विदेश मंत्रालय में ईरानी विदेश मंत्री @amirabdolahian का स्वागत करते हैं। दोनों विदेश मंत्री द्विपक्षीय वार्ता और जुड़ाव को बढ़ाने और पाकिस्तान-ईरान को और मजबूत करने के लिए व्यापक वार्ता करेंगे।”
इससे पहले आज, दोनों देशों द्वारा हाल ही में शुरू किए गए जैसे को तैसा हमलों के बाद संबंधों में तनाव के बीच, ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन अपने पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी के निमंत्रण पर इस्लामाबाद पहुंचे।
नूर खान एयरबेस पर पहुंचने पर, ईरानी विदेश मंत्री का अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया के लिए पाकिस्तान के अतिरिक्त विदेश सचिव रहीम हयात कुरेशी ने स्वागत किया।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुमताज ज़हरा के अनुसार, “ईरान के विदेश मंत्री @अमीरबदोलाहियान विदेश मंत्री @जलीलजिलानी के निमंत्रण पर इस्लामाबाद पहुंचे हैं। अतिरिक्त विदेश सचिव (अफगानिस्तान और पश्चिम एशिया) @रहीमहयात ने नूर खान एयरबेस पर उनका स्वागत किया।” एक्स पर बलूच का आधिकारिक हैंडल।
बलूच ने कहा, “यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन विदेश मंत्री जिलानी के साथ गहन बातचीत करेंगे और प्रधान मंत्री @anwaar_kakar से मुलाकात करेंगे।” 16 जनवरी को, तेहरान ने दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
18 जनवरी को पाकिस्तान ने जवाबी हमले में ईरान के अंदर हमले किए. एक बयान में, पाकिस्तानी सेना ने कहा कि ‘आतंकवादी आतंकवादी संगठन’, अर्थात् बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) को एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन कोड-नाम “मार्ग बार सरमाचर” में सफलतापूर्वक मारा गया।
जियो न्यूज के अनुसार, जैसे को तैसा हमले हाल के वर्षों में सीमा पार से होने वाली सबसे बड़ी घुसपैठ थी और 7 अक्टूबर को इजराइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से मध्य पूर्व में व्यापक अस्थिरता को लेकर चिंता बढ़ गई है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, हाल ही में, पाकिस्तान और ईरान स्थिति को कम करने और आतंकवाद-निरोध पर निकट समन्वय में काम करने पर सहमत हुए।
पाकिस्तानी मंत्री ने अपने ईरानी समकक्ष अब्दुल्लाहियन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और दोनों देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर जोर दिया।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने आज ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से बात की। पाकिस्तान और ईरान के बीच घनिष्ठ भाईचारे के संबंधों को रेखांकित करते हुए, विदेश मंत्री ने ईरान के साथ काम करने की पाकिस्तान की इच्छा व्यक्त की।” आपसी विश्वास और सहयोग की भावना। विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान इस सहयोग को रेखांकित करना चाहिए।” (एएनआई)
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बाइडेन ने जॉर्डन में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के लिए ईरान समर्थित गुटों को ठहराया जिम्मेदार

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान समर्थित आतंकवादियों पर उस हमले के पीछे होने का आरोप लगाया है, जिसमें जॉर्डन में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। मीडिया ने यह जानकारी दी।
रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन ने कहा कि सीरियाई सीमा के पास पूर्वोत्तर जॉर्डन में तैनात अमेरिकी बलों पर ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए और कई घायल हो गए। उन्होंने एक बयान में कहा- “हालांकि हम अभी भी इस हमले के तथ्य जुटा रहे हैं, हम जानते हैं कि इसे सीरिया और इराक में सक्रिय कट्टरपंथी ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों द्वारा अंजाम दिया गया।”
बाइडेन ने 28 जनवरी को कहा, “हम आतंकवाद से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएंगे और इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएंगे। रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि हमला 27 जनवरी की देर रात को हुआ था। उन्होंने घटना में घायल हुए लोगों की संख्या नहीं बताई, लेकिन एक अमेरिकी अधिकारी ने बाद में कहा कि कम से कम 34 कर्मियों को चोट लगा है।
बाइडेन के मुखर आलोचक, रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन ने कहा, “इन हमलों का एकमात्र जवाब ईरान की आतंकवादी ताकतों के खिलाफ विनाशकारी सैन्य प्रतिशोध होना चाहिए। जॉर्डन ने एक सैन्य स्थल पर “आतंकवादी हमले” की निंदा करते हुए कहा कि वह अपनी सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए अमेरिका के साथ सहयोग कर रहा है।
इससे पहले, अम्मान में एक सरकारी प्रवक्ता ने दावा किया था कि हमला जॉर्डन की धरती पर नहीं, बल्कि सीमा पार सीरिया में अमेरिकी अड्डे पर था। गौरतलब है कि जॉर्डन मध्य पूर्व में अमेरिका का करीबी सहयोगी है, पेंटागन ने वहां लगभग 3,000 सैनिकों को तैनात किया है। अमेरिकी सैनिक हाल के वर्षों में सीरिया में इस्लामिक स्टेट (आईएस) चरमपंथी समूह और अन्य से लड़ने में सक्रिय रहे हैं।
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ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा समझौते की आलोचना की

वाशिंगटन डीसी। द हिल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा समझौते को “तबाही होने का इंतजार कर रही” करार दिया है।ट्रुथ सोशल पर शनिवार की सुबह एक पोस्ट में, ट्रम्प ने दक्षिणी सीमा को “दुनिया के इतिहास” में “सबसे खराब” कहा और आरोप लगाया कि अमेरिका एक और आतंकवादी हमले से पीड़ित हो सकता है। ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर लिखा: “सिर्फ 3 साल पहले, हमारे पास अमेरिकी इतिहास की सबसे मजबूत और सुरक्षित सीमा थी। आज, हम एक आपदा का इंतजार कर रहे हैं। यह दुनिया के इतिहास में सबसे खराब सीमा है, हमारे लिए एक खुला घाव है।” एक समय महान देश था।”
उन्होंने कहा, “दुनिया भर से बेरोकटोक आतंकवादी आ रहे हैं। अब 100 फीसदी संभावना है कि अमेरिका में बड़े आतंकी हमले होंगे। सीमा बंद करें!”द हिल के अनुसार, ट्रम्प ने कांग्रेस में रिपब्लिकन को अपना संदेश जारी रखा कि उन्हें दक्षिणी सीमा को संबोधित करने वाले द्विदलीय समझौते तक पहुंचने से बचना चाहिए।
ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर एक अन्य पोस्ट में लिखा, “एक ख़राब सीमा समझौता, बिना सीमा समझौते के कहीं अधिक बुरा है।”द हिल के अनुसार, यूक्रेन और अन्य देशों को सहायता देने और सीमा को संबोधित करने पर मौजूदा सीनेट वार्ता पर पूर्व राष्ट्रपति के रुख से सांसदों को किसी समझौते पर पहुंचने में परेशानी हो रही है। इसने दोनों पक्षों के सांसदों को भी परेशान कर दिया है क्योंकि वे रिपब्लिकन पार्टी पर पूर्व राष्ट्रपति के प्रभाव से निपट रहे हैं।
कांग्रेस में जिस समझौते पर बातचीत हो रही है, उसके तहत अगर किसी भी दिन लगभग 5,000 प्रवासी अवैध रूप से सीमा पार करते हैं तो अमेरिका को सीमा बंद करनी होगी। पिछले वर्ष कुछ एक दिवसीय कुल संख्या 10,000 से अधिक थी।सीएनएन के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन कठिन सीमा उपायों को अपना रहे हैं, जिसमें यूएस-मेक्सिको सीमा को बंद करना भी शामिल है, जो कार्यालय में उनके शुरुआती दिनों से एक बड़ा बदलाव है।बिडेन ने शरण बहाल करने और “मानवीय” तरीके से सीमा का प्रबंधन करने का वादा करते हुए पदभार ग्रहण किया। लेकिन उनके प्रशासन को पश्चिमी गोलार्ध में रिकॉर्ड प्रवासन के बीच अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर कठोर वास्तविकताओं और चुनौतियों का सामना करना पड़ा है – जिससे यह रिपब्लिकन द्वारा जब्त की गई एक राजनीतिक भेद्यता बन गई है।
 
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पाकिस्तान में बलूच नागरिकों के प्रदर्शन से घबराए सुरक्षाबल

  • आवाज उठाने वालों का कर रहे अपहरण
नई दिल्ली। पाकिस्तान में अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच बलूचिस्तान के डेरा बुगती क्षेत्र में 10 लोग लापता हो गए। स्थानीय मीडिया न बताया कि सुई शहर में गुप्त एजेंसियों के साथ मिलकर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने घर-घर जाकर तलाशी अभियान चलाया और 10 लोगों को लापता कर दिया। 
पाकिस्तानी बल ने जाफर कॉलोनी में तलाशी अभियान चलाया, जिसके बाद जीटीए के अध्यक्ष और जमहूरी वतन पार्टी कार्यकर्ता मास्टर मौस बक्श और उनका बेटा लापता हो गए। इसी तरह गोबर खान बुगती के बेटे आतिफुल्लाह को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों ने हिरासत में लिया, जिसके बाद से ही वह लापता हो गया। 
शनिवार को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने एक व्यक्ति के आवास पर छापेमारी की और उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद से ही वह लापता हो गया। इस घटना के बाद व्यक्ति के परिजनों और स्थानीय लोगों ने सड़क जाम किया। 
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दक्षिण अफ़्रीका की संसद ने इज़राइल पर दबाव बनाने का आह्वान किया

केप टाउन। दक्षिण अफ़्रीकी संसद ने इज़राइल के खिलाफ देश के नरसंहार मामले पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के “ऐतिहासिक फैसले” का स्वागत किया है, और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आदेश का पालन करने के लिए इज़राइल पर दबाव बनाने का आह्वान किया है।समाचार एजेंसी ने शुक्रवार शाम को संसद द्वारा जारी एक बयान का हवाला देते हुए बताया कि आईसीजे ने निर्धारित किया है कि गाजा में इजरायल की कार्रवाई “संभावित रूप से नरसंहार” है और उस आधार पर अस्थायी उपायों का संकेत दिया है।
इसे “मानवाधिकारों की एक महत्वपूर्ण जीत” बताते हुए संसद ने कहा, “यह फैसला गाजा में तत्काल युद्धविराम और शत्रुता समाप्त करने पर दक्षिण अफ्रीका की स्थिति की पुष्टि करता है”। बयान में, दक्षिण अफ़्रीकी संसद ने इज़राइल से बाध्यकारी उपायों का सम्मान करने और गाजा में और फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ सभी नरसंहार कृत्यों को रोकने का आह्वान किया।संसद ने कहा, “आत्मरक्षा के नाम पर इजरायल और उसके समर्थकों की अंधाधुंध सैन्य कार्रवाइयों के लिए अब कोई विश्वसनीय आधार नहीं है। यह फैसला नरसंहार कन्वेंशन सहित अंतर्राष्ट्रीय कानून के साथ इजरायल के गैर-अनुपालन का एक स्पष्ट प्रदर्शन है।”
इसलिए, इसमें कहा गया है, यह फैसला इज़राइल को गाजा में सभी शत्रुताएं तुरंत रोकने और संयुक्त राष्ट्र की अधिक मानवीय सहायता की अनुमति देने के लिए मजबूर करता है।इसमें कहा गया है, “अदालत द्वारा आदेशित उपायों पर विचार करते हुए, हम सरकारों, संसदों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आदेश का पालन करने के लिए इज़राइल पर दबाव डालकर जवाब देने का आह्वान करते हैं।”
संसद ने आईसीजे के आदेश की औपचारिक अधिसूचना और उसके क़ानून के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया क्योंकि “कोई भी सरकार या राज्य कानून से ऊपर नहीं है।”29 दिसंबर, 2023 को, दक्षिण अफ्रीका ने गाजा पट्टी में फिलिस्तीनियों से संबंधित नरसंहार के अपराध की रोकथाम और सजा पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों के इजरायल द्वारा कथित उल्लंघन के संबंध में इजरायल के खिलाफ कार्यवाही के लिए आईसीजे में एक आवेदन दायर किया।
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दक्षिण अफ्रीका ने नरसंहार मामले में इजराइल के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का किया स्वागत

जोहान्सबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने कहा है कि देश अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के उस फैसले का स्‍वागत करता है, जिसमें इजराइल को गाजा पट्टी में नरसंहार रोकने के लिए हर संभव उपाय करने के लिए कहा गया है। रामाफोसा ने शुक्रवार को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम एक संबोधन में कहा,” हेग में आईसीजे ने एक फैसला सुनाया जो अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार और सबसे बढ़कर न्याय की जीत है।”
श‍िन्हुआ समाचार एजेंसी ने रामफोसा के हवाले से कहा,”आईसीजे ने संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख न्यायिक अंग के रूप में, एक फैसला सुनाया है कि इज़राइल राज्य को गाजा में नरसंहार को रोकने, ऐसे कृत्यों से बचने के लिए तुरंत अनंतिम उपायों का एक सेट लागू करना चाहिए, और विनाश को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करें और नरसंहार से संबंधित सबूतों के संरक्षण को सुनिश्चित करें। दक्षिण अफ्रीकी सरकार के रूप में, हम आईसीजे के फैसले का स्वागत करते हैं।
उन्होंने कहा, यह आदेश इजराइल पर बाध्यकारी है और नरसंहार की रोकथाम और सजा पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के पक्षकार सभी राज्यों द्वारा इसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका एक स्व-घोषित लोकतंत्र और एक राष्ट्र के रूप में इजराइल से अपेक्षा करता है। राज्य जो कानून के शासन का सम्मान करता है, आईसीजे द्वारा दिए गए उपायों का पालन करेगा।
उन्होंने कहा, “दक्षिण अफ्रीका के रूप में, हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन सभी लोगों को धन्यवाद देते हैं, जिन्होंने हमारे आवेदन का समर्थन किया है, जिसमें वे देश भी शामिल हैं, जिन्होंने हमारे आवेदन का हिस्सा बनने का इरादा जताया है। रामफोसा ने कहा,”यह हमारी हार्दिक आशा और इच्छा है कि यह अदालती आदेश इस संकट को समाप्त करने, जीवन की भयानक हानि और कठिनाई को समाप्त करने व सुलह और न्यायसंगत, स्थायी शांति की दिशा में उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण पहले कदमों का मार्ग प्रशस्त करे।”
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ट्रंप को कैरोल के मानहानि मामले में चुकाना होगा 83 मिलियन डॉलर का हर्जाना

वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। लेखिका ई. जीन कैरोल से दुष्कर्म एवं मानहानि मामले में उनको अब  83.3 मिलियन डॉलर का हर्जाना चुकाना होगा। दरअसल, ट्रंप ने गुरुवार को न्यूयार्क की संघीय अदालत में गवाही दी, लेकिन वह बयान दर्ज कराने के दौरान नाराज हो गए और कोर्ट रूम से बाहर चले गए। उनका आरोप था कि लेखिका के यौन शोषण के आरोपों का खंडन करने का केवल तीन मिनट मौका दिया गया। हालांकि, शुक्रवार को उनकी इस मामले में अंतिम सुनवाई होनी थी। 
डोनाल्ड ट्रम्प का दावा है कि उन्होंने कैरोल के बारे में कभी नहीं सुना था। उन्होंने बताया कि कैरोल ने झूठी कहानी बनाई थी। उनके वकीलों ने कहा कि कैरोल प्रसिद्धि की भूखी थी और अपनी दुश्मनी होने के चलते खिलाफ बोलने के कारण वह समर्थकों का ध्यान आकर्षित करती थी।
क्या है अपील-
बता दें कि ट्रम्प उस फैसले के खिलाफ अपील कर रहे हैं, जिसमें एक अन्य जूरी ने पिछले मई में ट्रम्प को अक्तूबर 2022 के इसी तरह के इनकार पर कैरोल को 5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया था।  इसमें पाया गया था कि उन्होंने कैरोल को बदनाम किया था और उसका यौन शोषण किया था। 
मौजूदा मुकदमे में, कैरोल ने कम से कम 10 मिलियन डॉलर और मांगे थे और कहा था कि ट्रम्प ने सच बोलने वाले एक सम्मानित पत्रकार के रूप में उनकी प्रतिष्ठा को "बर्बाद" कर दिया है।उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने अगर कोई कदम नहीं उठाया तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई होगी और क्षतिपूर्ति भी करनी होगी।
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"जल्द शुरू होगा टीबी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर ट्रायल"

  • बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन करेगी फंडिंग
नई दिल्ली। टीबी की नई वैक्सीन के बड़े पैमाने पर ट्रायल जल्द शुरू होंगे। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन इस ट्रायल की फंडिंग करेगी। फाउंडेशन के सीईओ मार्क सुजमैन ने इसकी पुष्टि की है। बीते 100 सालों में नई टीबी वैक्सीन का बड़े पैमाने पर यह पहला ट्रायल होगा। मार्क सुजमैन ने बताया कि उनके फाउंडेशन ने इस ट्रायल के लिए फंडिंग देने का फैसला किया है क्योंकि निजी कंपनियों इसके लिए निवेश नहीं कर रही हैं।
मार्क सुजमैन ने कहा कि 'हम ट्रायल पर सैंकड़ों करोड़ डॉलर खर्च करेंगे। जिन लोगों को टीबी की बीमारी है, वह अधिकतर गरीब लोग हैं और वह इलाज के लिए पैसे खर्च नहीं कर सकते।' सुजमैन ने कहा कि 'अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा भारत को मिलेगा। भारत में टीबी के सबसे ज्यादा मरीज हैं।' जून 2023 में वेलकम फाउंडेशन और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने टीबी की वैक्सीन एम72 को विकसित करने के लिए फंडिंग करने का एलान किया था। बीते 100 सालों में यह टीबी की पहली वैक्सीन हो सकती है। अभी टीबी की एकमात्र वैक्सीन बीसीजी है, जिसे पहली बार साल 1921 में लगाया गया था। उसके बाद अब टीबी वैक्सीन के ट्रायल शुरू हो रहे हैं। ट्रायल पर गेट्स फाउंडेशन, वेलकम फाउंडेशन के साथ मिलकर करीब 550 मिलियन डॉलर खर्च करेगी। सैंकड़ों करोड़ डॉलर खर्च करेगी। 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनियाभर में टीबी से मरने वाले लोगों की संख्या कोविड-19 के बाद सबसे ज्यादा है। टीबी की बीमारी सभी उम्र के लोगों को हो सकती है और इससे बचाव भी संभव है। टीबी में मरीज के फेफड़ों में बैक्टीरिया का संक्रमण हो जाता है। टीबी मरीज के संपर्क में आने से यह संक्रमण होने का खतरा होता है। केंद्र सरकार भी टीबी उन्मूलन के लिए कार्यक्रम चला रही है। सरकार ने साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा है।
सरकार भी टीबी उन्मूलन के खिलाफ चला रही योजना-
सरकार ने साल 2022 में सरकार ने नि-क्षय मित्र कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार टीबी मरीजों की जांच, उन्हें पोषण और वॉकेशनल सपोर्ट देने का काम कर रही है। इसके लिए सरकार कई एनजीओ के साथ मिलकर काम कर रही है। इस योजना का असर दिख भी रहा है और साल 2014 में जहां भारत में टीबी के 15.5 लाख मरीज रजिस्टर हुए थे। साल 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 24.22 लाख हो गया था।
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गाजा में संयुक्त राष्ट्र ट्रेनिंग सेंटर पर हमला, 9 की मौत

गाजा। संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा कि गाजा के प्रमुख दक्षिणी शहर खान यूनिस में संयुक्त राष्ट्र ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया गया। उसमें आग लगा दी गई। इस घटना में कम से कम नौ लोग मारे गए। गाजा में फिलीस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के निदेशक थॉमस व्हाइट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”बुधवार को दो टैंक राउंड ने एक इमारत पर हमला किया, इस इमारत में 800 लोग रह रहे थे। इस हमले में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 75 अन्य घायल हो गए।”
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए और विश्व स्वास्थ्य संगठन की बचाव टीमें सेंटर तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने समाचार एजेंसी को बताया कि खान यूनिस के पश्चिमी इलाकों में इजरायली बमबारी से ट्रेनिंग सेंटर में आग लग गई। उन्होंने कहा कि नागरिकों ने कई मृतकों और घायलों को सेंटर से बाहर निकाला। आग ने इमारत के बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि इजरायली बलों द्वारा की गई घेराबंदी के चलते एम्बुलेंस और मेडिकल टीमें जलते हुए सेंटर तक नहीं पहुंच सकीं।
फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय ने यूएनआरडब्ल्यूए के संस्थानों, सुविधाओं, कर्मचारियों, स्कूलों, आश्रयों और उपकरणों को इजरायल के हमले की निंदा की। हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरुवार को बीते 24 घंटों में, इजरायली सेना द्वारा किए गए 24 हमलों में 210 फिलिस्तीनियों की जान चली गई और 386 अन्य घायल हो गए। मरने वालों की कुल संख्या 25,700 और घायलों की 63,740 हो गई है।
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श्रीलंका के राज्य मंत्री की सड़क दुर्घटना में मौत

कोलंबो। श्रीलंका के राज्य मंत्री सनथ निशांत और उनके सुरक्षा अधिकारी की गुरुवार को कटुनायके एक्सप्रेसवे पर एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। डेली मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, दुर्घटना तब हुई जब निशांत, उनके सुरक्षा अधिकारी और ड्राइवर को ले जा रही जीप एक कंटेनर वाहन से टकरा गई।
जीप कटुनायके से कोलंबो की ओर जा रही थी। वे सभी गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें रागमा अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां निशांत और पुलिस कांस्टेबल जयाकोडी की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि जीप चालक का इलाज रगामा अस्पताल में किया जा रहा है।
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विमान गिराए जाने के बाद रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की आपात बैठक बुलाई

संयुक्त राष्ट्र। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा है कि पकड़े गए यूक्रेनी सैनिकों को ले जा रहे रूसी विमान के गिराए जाने के बाद रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की आपात बैठक बुलाई है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में लावरोव ने कहा कि मॉस्को ने बुधवार को बैठक बुलाने का अनुरोध किया, लेकिन सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बैठक अभी तक निर्धारित नहीं की गई है।
लावरोव ने कहा कि एक रूसी आईएल-76 परिवहन विमान को मार गिराया गया, जिसमें तीन रूसी अधिकारियों और छह चालक दल के सदस्यों सहित 65 पकड़े गए यूक्रेनी सैन्य सैनिक सवार थे। उन्होंने कहा कि यह यूक्रेन द्वारा किया गया आतंकवादी हमला था, जिसके चलते विमान में सवार सभी लोग मारे गए।
लावरोव ने कहा कि यूक्रेन द्वारा खार्किव क्षेत्र से लॉन्च की गई एक वायु रक्षा मिसाइल ने बेलगोरोड क्षेत्र में विमान को गिरा दिया। आईएल-76 पकड़े गए 65 यूक्रेनी सैनिकों को युद्ध बंदी की अदला-बदली के लिए मॉस्को से बेलगोरोड ले जा रहा था, जिस पर मॉस्को और कीव के बीच सहमति बनी थी।
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चुनाव प्रचार : नवाज शरीफ की रैली में समर्थक ले आए असली शेर

  • पाकिस्तान में 8 फरवरी को होगा आम चुनाव
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में जल्द ही आम चुनाव के लिए मतदान होगा। ऐसे में पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियां जोर-शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हैं। चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग पैंतरे अपना रही हैं, लेकिन नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज दो कदम आगे बढ़ गई है। दरअसल नवाज शरीफ की रैली में पीएमएलएन समर्थक असली शेर ही ले आए। इसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। 
दरअसल पाकिस्तान के लाहौर में नेशनल असेंबली 130 पर नवाज शरीफ की पार्टी ने एक विशाल रैली का आयोजन किया। हैरानी तो तब हुई जब पार्टी के समर्थक रैली स्थल पर असली शेर को ले आए। यह शेर पिंजरे में बंद था और एक खुली गाड़ी में शेर के पिंजरे को रखा गया था। पीएमएलएन का चुनाव चिन्ह शेर ही है। यही वजह है कि रैली में असली शेर लाकर लोगों को लुभाने की कोशिश की गई। हालांकि पार्टी समर्थकों की इस हरकत का उल्टा असर हुआ और लोगों ने इस कदम का आलोचना की। 
पीएमएलएन की नेता मरियम औरंगजेब ने बताया कि नवाज शरीफ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और उनके निर्देश पर शेर को वापस भेज दिया गया। पार्टी का एक समर्थक इस शेर को लेकर आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पहले भी पीएमएलएन की रैलियों में ऐसे ही असली शेर को लाया गया था।  इस रैली के दौरान पीएमएलएन की नेता और नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज भी मौजूद रहीं। 
पाकिस्तान में 8 फरवरी को होगा आम चुनाव-
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। चुनाव प्रचार के दौरान नवाज शरीफ दावा कर रहे हैं कि उनकी सत्ता से विदाई के बाद पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ीं और पाकिस्तान को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। शरीफ ने वादा किया है कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो फिर से देश में सकारात्मक बदलाव लेकर आएंगे। 
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डोनाल्ड ट्रंप ने न्यू हैम्पशायर की जीओपी प्राइमरी जीत ली

अमेरिका। डोनाल्ड ट्रंप ने न्यू हैम्पशायर की जीओपी प्राइमरी जीत ली। इससे डोनाल्ड ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी निक्की हेली को झटका लगा है। यह जानकारी द एसोसिएटेड प्रेस ने दी।
अमेरिका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव हैं- साल 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, इसको लेकर राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव न केवल देश के लिए बल्कि कई अन्य देशों के लिए भी काफी अहम होता है। इसी कारण से सभी पार्टियां इस चुनाव में अपनी जान लगा देते हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव माना जाता है। इस साल का चुनाव इसके इतिहास का सबसे महंगा चुनाव होगा। अनुमान लगाया गया है कि इस साल का खर्च पिछले चुनाव से दोगुना होने वाला है। दरअसल, अमेरिकी दल इस चुनाव के प्रचार में एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने वाली है, जिसके कारण इसे सबसे खर्चीला चुनाव माना जा रहा है।
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'राष्ट्रपति की रेस से बाहर नहीं, लंबा रास्ता बाकी' ; ट्रंप से हार के बाद भी भारतवंशी की आस बरकरार?

वॉशिंगटन। अमेरिका के न्यू हैंपशर में प्राइमरी की रेस में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप से पिछड़ने के बावजूद भारतवंशी प्रत्याशी निक्की हेली की उम्मीदें बरकरार हैं। उन्होंने ट्रंप को बधाई देने के साथ-साथ यह भी कहा कि व्हाइट हाउस की रेस अभी खत्म नहीं हुई है उन्होंने कहा कि वे रेस से अभी बाहर नहीं हैं।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2024 की प्रक्रिया जारी है। न्यू हैंपशर में प्राइमरी की रेस में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को विजेता घोषित किया गया है। ट्रंप से पिछड़ने के बावजूद भारतवंशी प्रत्याशी निक्की हेली ने हार मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उम्मीदें बरकरार हैं। हालांकि, उन्होंने ट्रंप को जीत की बधाई भी दी। हेली ने कहा कि व्हाइट हाउस की रेस अभी खत्म नहीं हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिकर हैंपशर प्राइमरी चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद हेली ने राजधानी कॉनकॉर्ड में समर्थकों से बात की।
उन्होंने कहा कि न्यू हैंपशर का मुकाबला अमेरिका में पहले नंबर पर या देश में सबसे आखिरी मुकाबला है ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ अभी खत्म नहीं हुई है। खबरों के मुताबिक दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर रहीं हेली बुधवार को गृह राज्य का दौरा कर सकती हैं। हेली पाल्मेटो से अपना दौरा शुरू करेंगी।
गौरतलब है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को न्यू हैंपशायर में रिपब्लिकन पार्टी (GOP) के प्राइमरी में बड़ी जीत मिली है। ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी भारतवंशी उम्मीदवार निक्की हेली को इस परिणाम से बड़ा झटका लगा है। ट्रंप को इस जीत से नवंबर में होने वाले चुनाव में बड़ी बढ़त मिलने की  संभावना है। 
हिल की रिपोर्ट के मुताबिक कुल मतदान का 26 प्रतिशत वोटों की गिनती के बाद ट्रंप के खाते में 53.8 प्रतिशत वोट गए। इसी समय हेली को केवल 45.5 प्रतिशत वोट मिले। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 फीसदी वोटों की गिनती के बाद ट्रंप 53.1 फीसदी वोट मिले। 11 डेलीगेट्स के साथ ट्रंप निक्की हेली से आगे भी हैं।
ट्रंप निक्की हेली को रनिंग मेट बनाने से इनकार कर चुके हैं-
ट्रंप ने इससे पहले निक्की हेली को उपराष्ट्रपति बनाने से इनकार कर दिया था। इसलिए न्यू हैंपशर के परिणाम उनके लिए बड़ा झटका है। संयुक्त राष्ट्र जैसे शीर्ष मंच पर अमेरिका का प्रतिनिधित्व पर चुकीं निक्की हेली को रनिंग मेट यानी उपराष्ट्रपति पद का रिपब्लिकन प्रत्याशी बनाने की संभावनाओं को ट्रंप ने सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि एक सीनेटर के तौर पर निक्की हेली ठीक हैं, लेकिन उन्हें उपराष्ट्रपति पद का संभावित उम्मीदवार या उनका रनिंग मेट नहीं माना जा सकता।
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कनाडा में हीरा खदान श्रमिकों को ले जा रहा विमान दुर्घटनाग्रस्त

  • कई लोगों की मौत 
ओटावा। सीएनएन ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि कनाडा के सुदूर उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में फोर्ट स्मिथ शहर के पास एक हीरे की खदान की ओर जा रहे एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से अज्ञात संख्या में लोगों की मौत हो गई। यह घटना मंगलवार को हुई, और नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज़ कोरोनर ने भी कहा कि दुर्घटना में कई मौतें हुईं, लेकिन संख्या निर्दिष्ट नहीं की गई।
समूह द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, विमान में सवार कुछ यात्री वैश्विक खनन कंपनी रियो टिंटो के कर्मचारी थे।
हालांकि, कंपनी ने इसकी पुष्टि नहीं की है कि विमान में उसके कितने कर्मचारी सवार थे, लेकिन सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, विमान जब कंपनी की हीरे की खदान की ओर जा रहा था, तब दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई।
नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज़ के कोरोनर गर्थ एगेनबर्गर ने एक बयान में कहा, “इस समय, हम पुष्टि कर सकते हैं कि मौतें हुई हैं लेकिन हम परिजनों के लंबित रहने तक कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं देंगे।”
नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज हेल्थ एंड सोशल सर्विसेज अथॉरिटी के अनुसार, दुर्घटना के जवाब में, फोर्ट स्मिथ हेल्थ सेंटर ने मंगलवार को सुबह 8:50 बजे के आसपास अपने सामूहिक हताहत प्रोटोकॉल को सक्रिय कर दिया।
सीएनएन के अनुसार, दुर्घटना ने रॉयल कैनेडियन माउंटेड पेट्रोल, कैनेडियन रेंजर्स और रॉयल कैनेडियन एयर फ़ोर्स का भी ध्यान आकर्षित किया।
दुर्घटना के बाद, नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज़ कोरोनर कार्यालय और परिवहन सुरक्षा बोर्ड के जांचकर्ताओं को भी फोर्ट स्मिथ भेजा गया।
कनाडा के परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने कहा कि वह दुर्घटना की जांच कर रहा है। इसके अलावा, इसमें शामिल विमान एक ब्रिटिश एयरोस्पेस जेटस्ट्रीम है जो नॉर्थवेस्टर्न एयर लीज में पंजीकृत है।
विशेष रूप से, सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, नॉर्थवेस्टर्न एयर लीज की वेबसाइट के अनुसार, विमान अधिकतम 19 यात्रियों को ले जा सकता है।
नॉर्थवेस्ट टेरिटरीज़ के प्रीमियर, आरजे सिम्पसन ने एक बयान जारी कर हवाई जहाज में सवार लोगों के परिवारों, दोस्तों और प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने प्रभावित निवासियों को सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों का समर्थन लेने और उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
सिम्पसन ने कहा, “इस घटना का प्रभाव पूरे क्षेत्र में महसूस किया गया है।” “जिन लोगों को हमने खोया, वे केवल विमान के यात्री नहीं थे; वे पड़ोसी, सहकर्मी, मित्र और प्रियजन थे। हमारे समुदायों के लिए उनकी कहानियाँ और योगदान भुलाए नहीं जाएंगे।”
इसके अलावा, घटना के दिन, कैनेडियन रेंजर्स और रॉयल कैनेडियन एयर फोर्स ने फोर्ट स्मिथ के बाहर एक विमान के साथ संपर्क टूटने की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, विन्निपेग में आरसीएएफ के एक सार्वजनिक मामलों के अधिकारी डेविड लवली ने कहा।
इसके अलावा, सीएनएन की मौसम टीम के अनुसार, मंगलवार सुबह शुरुआती घंटों के दौरान दृश्यता खराब थी, लेकिन सुबह 10 बजे के आसपास इसमें सुधार हुआ।
लावेल ने कहा कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) और कैनेडियन रेंजर्स ने भी जमीनी तलाशी ली। (एएनआई)
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