दुनिया-जगत

आइसलैंड में ज्वालामुखी विस्फोट से गर्म पानी की आपूर्ति बाधित

हेलसिंकी। आइसलैंड में गुरुवार तड़के शुरू हुए ज्वालामुखी विस्फोट से गर्म पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी आइसलैंड के रेक्जेन्स क्षेत्र में विस्फोट से एक गर्म पानी की पाइप टूट गई।
इस क्षेत्र में हीटिंग प्रणाली गर्म पानी के उपयोग पर आधारित है, लेकिन पानी की कमी का प्रभाव दूसरी जगहों पर भी दिखने लगा है। नेशनल रेडियो आरयूवी के अनुसार, केफ्लाविक हवाई अड्डे पर गुरुवार दोपहर को गर्म पानी खत्म हो गया।
हवाईअड्डे के ऑपरेटर के एक प्रवक्ता ने कहा कि इसका हवाईअड्डे के संचालन पर सीमित प्रभाव पड़ा है, लेकिन घटनाक्रम पर कड़ी नजर रखी जा रही है। टर्मिनल में तापमान कम किया जा सकता है। आइसलैंड के राष्ट्रीय ऊर्जा प्राधिकरण के प्रमुख, हल्ला ह्रुंड लोगाडोटिर ने आरयूवी पर कहा कि बिजली प्रणालियां हीटिंग के लिए डिजाइन नहीं की गई हैं, और बिजली की क्षमता उस उद्देश्य के लिए पर्याप्त नहीं होगी। लोगाडोटिर ने निवासियों से बिजली और गर्म पानी की खपत कम करने का आह्वान किया।
“टैंकों में गर्म पानी का एक निश्चित स्तर होता है, और सबसे खराब स्थिति में यह जितना अधिक समय तक चल सकता है, उतना बेहतर है। गर्म पानी की कमी के चलते, रेक्जेन्स क्षेत्र में कई नगर पालिकाओं में स्कूल गतिविधियां और खेल सुविधाएं बंद रहेंगी।
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गाजा हमलों में 13 लोगों की मौत, इस्राइल की कार्रवाई को अमेरिका ने बताया अविश्वसनीय

राफा। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा हमास की संघर्ष शर्तों को अस्वीकार करने और दक्षिणी गाजा शहर में हमलों को बढ़ाने का संकल्प करने के बाद गाजा पट्टी के राफा में इस्राइली हवाई हमलों में कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई। 
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने गाजा में इस्राइल की कार्रवाई को अविश्वसनीय बताया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका संघर्ष विराम के लिए इस्राइल और हमास पर लगातार दबाव डाल रहा है। बाइडन ने गुरुवार को कहा, 'जैसा कि आप जानते हैं, मेरा मानना है कि गाजा पट्टी में हो रही कार्रवाई चरम पर है।'
मिस्र से लगने वाली शहर राफा में गाजा की आधी आबादी आ गई है। मिस्र ने यहां कोई भी जवाबी कार्रवाई नहीं करने की चेतावनी दी है। कुवैती अस्पतालों के अनुसार, हमलों में दो महिलाओं और पांच बच्चों समेत कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई है। इस्राइल के चार महीनों से जारी हवाई और जमीनी हमलों में फलस्तीन के 27,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। इजराइल के हमलों ने अधिकांश लोगों को उनके घरों को छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया।
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नवाज शरीफ या फिर जेल से जीतेंगे इमरान? बड़े कठिन मोड़ पर है पाकिस्तान

नई दिल्ली। पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव हुआ था। आज नतीजे आ रहे हैं। पाकिस्तान में पूर्व भारत के उच्चायुक्त रहे अजय बिसारिया ने पहले ही इन नतीजों की भविष्यवाणी कर दी थी। अजय बिसारिया के मुताबिक यह चुनाव धांधली से भरा होगा। सेना पाकिस्तान में नई सरकार बनने में बड़ी भूमिका निभा रही है और पूर्व प्रधानमंत्री तथा निर्वासन से लौटे नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन) के सत्ता में लौटने के आसार हैं। अभी आ रहे रुझान और घोषित नतीजों में नवाज शरीफ की पार्टी पहले नंबर आ सकती है।
अभी तक घोषित चुनाव नतीजों में पीएमएल-एन को 13 सीटें, इमरान खान की पार्टी (पीटीआर्ई) से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे 12 सदस्य और बिलावल भुट्टो की पीपीपी ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की है। नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज भी चुनाव जीत गई हैं। इमरान खान जेल में बंद हैं और उन्होंने वहीं से सत्ता में लौटने की गोटियां बिछाई हैं।
नवाज शरीफ का घराना पाकिस्तान के उद्योगपतियों में शामिल है। नवाज को भारत के साथ उदार रिश्ते के लिए जाना जाता है। नवाज शरीफ ने चुनाव प्रचार के दौरान भी भारत के साथ अपने रिश्ते को प्रचार का जरिया बनाया था। जबकि नवाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री थे और तब पाकिस्तान की सेना ने जनरल परवेज मुशर्रफ के प्रभाव में कारगिल में घुसपैठ की थी। लेकिन नवाज शरीफ कारगिल के बाद नवाज शरीफ को रिश्ते सुधारने में उदार रवैया अपनाने के लिए जाना जाता है। भारत के आमंत्रण में वह 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर भारत आए थे। प्रधानमंत्री मोदी भी बिना किसी पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की सूचना के नवाज शरीफ के घर शादी समारोह में शामिल हुए थे। नवाज का चुनाव के दौरान एक वक्तव्य काफी वायरल हुआ। इसमें उन्होंने कहा कि पड़ोसी (भारत) चांद पर पहुंच गया और पाकिस्तान रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है। माना जा रहा है कि नवाज शरीफ के सत्ता में लौटने के बाद पाकिस्तान के अन्य देशों से रिश्तों को भी नया आयाम मिल सकता है।
विदेश मंत्रालय अधिकारिक रूप से पाकिस्तान के चुनाव को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। समझा जा रहा है कि चुनाव नतीजे आने और वहां नई सरकार के गठन के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी औपचारिकता का निर्वाह करते हुए पाकिस्तानी समकक्ष को बधाई और शुभकामनाएं देंगे। इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त में रह चुके विदेश सेवा के एक अन्य पूर्व अधिकारी का कहना है कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। सूत्र का कहना है कि पाकिस्तान बड़े उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। इमरान खान की पार्टी के समर्थित उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल हो रहे हैं। बहुत हद तक संभव है कि पाकिस्तान में किसी भी एक राजनीतिक दल को सरकार बनाने के लिए बहुमत न मिले और वहां साझा गठबंधन की सरकार का गठन हो। पूर्व राजनयिक ने कहा कि भारत हमेशा से एक शांति प्रिय, स्थाई और मजबूत पाकिस्तान का समर्थक रहा है।
बड़े कठिन दौर से गुजर रहा है पड़ोसी देश पाकिस्तान-
पूर्व विदेश सचिव सलमान हैदर भारत और पाकिस्तान की तुलना पर कहते थे कि भारत में लोकतंत्र है। पड़ोसी देश में लोकतंत्र आकार लेते-लेते व्यवस्थाओं के टूटने के कारण टूट रहा है। पूर्व एयर वाइस मार्शल एनबी सिंह का कहना है कि पाकिस्तान परमाणु हथियारों से संपन्न है, लेकिन वहां सेना हावी है। वित्तीय संकट के दौर से गुजर रहा है और कट्टरपंथ हावी हैं। एनबी सिंह कहते हैं कि अमेरिका और पाकिस्तान के संबंध भी पहले वाले नहीं हैं। हालांकि उसकी चीन से निकटता है, लेकिन अस्थिरता जैसी स्थिति के कारण पड़ोसी देश तमाम पेंचीदगियों में फंसा है। इस स्थिति में नवाज शरीफ के चुनाव जीतने पर पड़ोसी देश को कुछ फायदा मिल सकता है। अंतरराष्ट्रीय मामले के विशेषज्ञों का भी कहना है कि पाकिस्तान कठिन दौर से गुजर रहा है। हाल में ईरान और पाकिस्तान का तनाव चरम पर आ गया था। पड़ोसी देश की सीमा से लगते अफगानिस्तान के आतंकी भी उसकी सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे हैं। दूसरे आर्थिक स्थिति पर पाकिस्तान बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है।
 
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पाकिस्तान के चुनाव नतीजों में बड़ा उलटफेर

  • लश्कर सरगना हाफिज सईद के बेटे को चुनाव में करारी शिकस्त मिली
इस्लामाबाद पाकिस्तान में चुनाव परिणाम जारी किए जा रहे हैं। जेल से ही इमरान खान नवाज शरीफ की पार्टी को टक्कर दे रहे हैं। इमरान के प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इमरान की पार्टी केंद्र में सरकार बनाने का भी दावा पेश कर चुकी है। हालांकि पीएमएलएन-नवाज सबसे आगे चल रही है। इसी बीच खबर है कि आतंकी हाफिज सईद का बेटा दल्हा सईद लाहौर एनए-122 सीट से चुनाव हार गया है। तल्हा बहुत बुरी हार हारा है। उसे केवल 2042 वोट हासिल हुए हैं।
पाकिस्तान के पूर्व पीएम लतीफ खोसा ने उसे हराया है। खोसा ने एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की है। बता दें कि तल्हा सईद को हाफिज सईद का उत्तराधिकारी माना जाता है। आतंक के साम्राज्य को फैलाने में तल्हा अपने पिता का साथ देता है। भारत सरकार ने तल्हा को भी आतंकी घोषित कर रखा है। बताया जाता है कि भारत में कई हमलों के पीछे तल्हा का हाथ रह चुका है।
आतंक के लिए फंड जुटाने के मामले में भी तल्हा सईद का नाम आया है। वहीं पाकिस्तान में उसके चुनाव लड़ने का भी विरोध हुआ था। हालांकि तल्हा ने चुनाव लड़ा। पहले बताया जाता था कि उसी सीट से इमरान खान भी चुनाव लड़ेंगे। हालांकि उनके चुनाव लड़ने पर कोर्ट ने रोक लगा दी। गिरफ्तारी और तीन मामलों में सजा मिलने की वजह से इमरान खान चुनाव नहीं लड़ सके। आपको बता दें कि नवाज शरीफ भी दो सीटों से चुनाव लड़ रहे थे। उन्होंने एक ही सीट पर जीत हासिल की है।
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दुनिया के लिए AI उत्पाद बनाने के लिए भारतीय डेवलपर्स को सशक्त बनाएंगे- नडेला

सैन फ्रांसिस्को। माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्य नडेला ने गुरुवार को कहा कि माइक्रोसॉफ्ट भारत में तेजी से बढ़ते डेवलपर समुदाय को न केवल देश के लिए बल्कि दुनिया के लिए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए सशक्त बनाएगा। यहां डेवलपर्स समुदाय को संबोधित करते हुए, नडेला ने कहा कि आखिरकार, माइक्रोसॉफ्ट एक डेवलपर कंपनी है और भारत कंपनी के एआई-संचालित प्लेटफॉर्म गिटहब पर एआई-आधारित उत्पाद बनाने में सबसे बड़ा वादा रखता है।
नडेला ने सभा को बताया, “भारत, जो वर्तमान में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है, के पास 2027 तक GitHub पर सबसे बड़ा डेवलपर समुदाय होगा। देश वर्तमान में GitHub पर सबसे अधिक उत्पादक AI प्रोजेक्ट बनाने वाले शीर्ष 10 वैश्विक समुदायों में दूसरे स्थान पर है।” पिछले नवंबर में, जीथब ने कहा था कि भारत में उसके 13.2 मिलियन डेवलपर्स हैं, जिनमें से 3.5 मिलियन अकेले 2023 में देश से प्लेटफॉर्म से जुड़ेंगे। भारत में डेवलपर्स वैश्विक स्तर पर GitHub पर जेनरेटिव AI परियोजनाओं में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता हैं। इस निरंतर और महत्वपूर्ण वृद्धि के साथ, GitHub का अनुमान है कि भारत 2027 तक कुल डेवलपर आबादी में अमेरिका से आगे निकल जाएगा।
भारत के डेवलपर समुदाय ने साल-दर-साल लगातार वृद्धि का अनुभव किया है, जिसमें 2023 में 36 प्रतिशत की वृद्धि भी शामिल है। नडेला ने कहा कि 2025 तक भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य का 10 प्रतिशत एआई के नेतृत्व में होगा। बुधवार को, नडेला ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट 2025 तक भारत में 2 मिलियन लोगों को एआई कौशल के अवसर प्रदान करने जा रहा है। गिटहब की स्टेट ऑफ ऑक्टोवर्स रिपोर्ट के 2023 संस्करण से पता चला है कि जेनरेटिव एआई जेनरेटिव एआई में व्यक्तिगत योगदानकर्ताओं में एक महत्वपूर्ण और वैश्विक वृद्धि ला रहा है। 148 प्रतिशत साल-दर-साल (YoY) वृद्धि वाली परियोजनाएँ। विशेष रूप से, अमेरिका, भारत और जर्मनी डेवलपर समुदायों के बीच अग्रणी हैं, जबकि यूके, जापान, हांगकांग और फ्रांस सहित अन्य क्षेत्र उसके बाद हैं।
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पाकिस्तान चुनाव : शहबाज़ शरीफ़ ने डाला वोट

इस्लामाबाद। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) (पीएमएल-एन) के प्रमुख शहबाज शरीफ ने गुरुवार को देश में आम चुनाव के लिए अपना वोट डाला।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ ने लाहौर के मॉडल टाउन निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट डाला। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए शरीफ ने कहा कि जनता के हाथ में अपने देश का भाग्य है। उन्होंने मतदान के लिए सुरक्षा व्यवस्था पर संतोष जताया। कार्यवाहक संघीय सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने इस्लामाबाद के एनए-46 में एक मतदान केंद्र पर वोट डाला।
मतदान की पूर्वसंध्या पर बुधवार को बलूचिस्तान प्रांत के पिशिन और किला सैफुल्लाह में दोहरे आतंकवादी हमलों में कई लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए।
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लाहौर में मतदान केंद्र पर वोट डाला नवाज शरीफ ने

लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार को लाहौर के एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला, पाकिस्तान स्थित एआरवाई न्यूज ने बताया। उनके साथ उनकी बेटी मरियम नवाज भी थीं। एआरवाई न्यूज के अनुसार , अपना वोट डालने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, शरीफ ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा उपाय संतोषजनक थे और कहा कि पाकिस्तान का भाग्य लोगों के हाथ में है। उन्होंने कहा, ‘अगर मौका मिला तो हम हाथ मिलाकर पाकिस्तान बनाएंगे ।’ देश के पूर्व प्रधान मंत्री ने लोगों से वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया है, खासकर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के लिए। पाकिस्तान स्थित डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने कहा कि पीएमएल-एन “दुर्व्यवहार” और “अभद्रता” की संस्कृति का मुकाबला करेगी और कहा कि पार्टी मुद्रास्फीति से निपटेगी और लोगों के लिए काम करेगी।
पीएमएल- एन द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इसी तरह शहबाज़ शरीफ़ और हमारे अन्य सहयोगियों की भी कई सेवाएँ हैं जिन्होंने बलिदान दिया है। हमाज शहबाज़ और मरियम नवाज़ जेल में रहे हैं। बलिदान देने के बाद हम यह दिन देख रहे हैं।” एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएल-एन नेता और पूर्व सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने एनए-51 मुरी में अपना सही वोट डाला।
इसके अलावा, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की आसिफा भुट्टो-जरदारी ने NA-207 नवाबशाह के एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला। पाकिस्तान के कार्यवाहक सूचना मंत्री मुर्तजा सोलांगी ने डोरा मॉडल स्कूल मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला और लोगों से अपनी पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए मतदान करने का आग्रह किया। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (एफ) प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने डेरा इस्माइल खान में एनए-44 निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट डाला। मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट – पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के केंद्रीय नेता फारूक सत्तार ने कराची के पीर इलाही बख्श (पीआईबी) कॉलोनी में एक मतदान केंद्र पर मतदान किया।
पाकिस्तान स्थित डॉन ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक नेता जो वर्तमान में जेल में हैं, उन्होंने अडियाला जेल से डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला है। अन्य नेता जो मेल के माध्यम से मतदान करने में कामयाब रहे, उनमें पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी शामिल हैं। इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी मतदान करने में असमर्थ रहीं क्योंकि डाक मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, अडियाला जेल के 100 से भी कम कैदी वोट देने में सक्षम थे, जिसका मतलब है कि जेल के 7000 कैदियों में से लगभग एक प्रतिशत। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 17,000 से अधिक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं ।
मतदाता पाकिस्तान नेशनल असेंबली के लिए 266 उम्मीदवारों का चुनाव करेंगे , जो बाद में बहुमत से अगले प्रधान मंत्री का चुनाव करेंगे। इसके साथ ही, मतदाता अपनी-अपनी प्रांतीय विधानसभाओं के लिए प्रतिनिधियों का भी चुनाव करेंगे, जो फिर एक समान प्रक्रिया के तहत प्रांतीय मुख्य कार्यकारी अधिकारियों का चुनाव करेंगे। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की मृत्यु के कारण एक राष्ट्रीय और तीन प्रांतीय विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव स्थगित कर दिए गए हैं। इसमें NA-8 (बाजौर), PK-22 (बाजौर), PK-91 (कोहाट) और PP-266 (रहीम यार खान) शामिल हैं। अन्यत्र मतदाता दो-दो वोट डालेंगे – दोनों विधानसभाओं में से प्रत्येक के लिए एक।
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अमेरिकी वैज्ञानिक मानव मस्तिष्क ऊतक को 3D प्रिंट करने वाले पहले व्यक्ति बने

न्यूयॉर्क। अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक टीम ने पहला 3डी-मुद्रित मस्तिष्क ऊतक विकसित किया है जो सामान्य मस्तिष्क ऊतक की तरह विकसित और कार्य कर सकता है। इस विकास का मस्तिष्क का अध्ययन करने वाले और अल्जाइमर और पार्किंसंस रोगों जैसे न्यूरोलॉजिकल और न्यूरोडेवलपमेंटल विकारों की एक विस्तृत श्रृंखला के उपचार पर काम करने वाले वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं।
अमेरिका के विस्कॉन्सिन-मैडिसन विश्वविद्यालय में तंत्रिका विज्ञान और तंत्रिका विज्ञान के प्रोफेसर सु-चुन झांग ने कहा, “यह हमें यह समझने में मदद करने के लिए एक बेहद शक्तिशाली मॉडल हो सकता है कि मस्तिष्क कोशिकाएं और मस्तिष्क के हिस्से मनुष्यों में कैसे संचार करते हैं।”
झांग ने कहा, “यह स्टेम सेल बायोलॉजी, न्यूरोसाइंस और कई न्यूरोलॉजिकल और मानसिक विकारों के रोगजनन को देखने के हमारे तरीके को बदल सकता है।”पारंपरिक 3डी-प्रिंटिंग दृष्टिकोण का उपयोग करने, परतों को लंबवत रूप से ढेर करने के बजाय, शोधकर्ता क्षैतिज रूप से चले गए।उन्होंने मस्तिष्क कोशिकाओं, प्रेरित प्लुरिपोटेंट स्टेम कोशिकाओं से विकसित न्यूरॉन्स को पिछले प्रयासों की तुलना में नरम “बायो-इंक” जेल में स्थित किया।
झांग ने जर्नल सेल स्टेम सेल में पेपर में कहा, “ऊतक में अभी भी एक साथ रहने के लिए पर्याप्त संरचना है लेकिन यह इतना नरम है कि न्यूरॉन्स एक-दूसरे में विकसित हो सकते हैं और एक-दूसरे से बात करना शुरू कर सकते हैं।”कोशिकाएँ एक-दूसरे के बगल में रखी हुई हैं जैसे टेबलटॉप पर पेंसिलें एक-दूसरे के बगल में रखी हुई हैं। मुद्रित कोशिकाएँ प्रत्येक मुद्रित परत के अंदर और साथ ही परतों में कनेक्शन बनाने के लिए माध्यम से पहुंचती हैं, जिससे मानव मस्तिष्क के बराबर नेटवर्क बनता है।
न्यूरॉन्स संचार करते हैं, संकेत भेजते हैं, न्यूरोट्रांसमीटर के माध्यम से एक दूसरे के साथ बातचीत करते हैं, और यहां तक कि मुद्रित ऊतक में जोड़े गए समर्थन कोशिकाओं के साथ उचित नेटवर्क भी बनाते हैं।झांग ने कहा, “हमने सेरेब्रल कॉर्टेक्स और स्ट्रिएटम को मुद्रित किया और जो हमने पाया वह काफी आश्चर्यजनक था।””यहां तक कि जब हमने मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों से संबंधित विभिन्न कोशिकाओं को मुद्रित किया, तब भी वे एक दूसरे से बहुत विशेष और विशिष्ट तरीके से बात करने में सक्षम थे।”
मुद्रण तकनीक परिशुद्धता प्रदान करती है- कोशिकाओं के प्रकार और व्यवस्था पर नियंत्रण – मस्तिष्क ऑर्गेनोइड में नहीं पाया जाता है, मस्तिष्क का अध्ययन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले लघु अंग। ऑर्गेनॉइड कम संगठन और नियंत्रण के साथ बढ़ते हैं। इस तकनीक में ऊतक को स्वस्थ रखने के लिए विशेष जैव-मुद्रण उपकरण या संवर्धन विधियों की आवश्यकता नहीं होती है, और इस क्षेत्र में पहले से ही आम माइक्रोस्कोप, मानक इमेजिंग तकनीकों और इलेक्ट्रोड के साथ गहराई से अध्ययन किया जा सकता है।
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PTI समर्थित उम्मीदवार यास्मीन राशिद आतंकवाद के मामले में दोषी करार, नवाज के खिलाफ चुनावी मैदान में

लाहौर। पाकिस्तान में आम चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। महज दो दिन बाद पाकिस्तान में आम चुनाव होंगे। तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। इसी बीच, पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ के खिलाफ चुनाव लड़ रही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समर्थित एक महिला उम्मीदवार यास्मीन राशिद को आंतकवाद के एक मामले में दोषी ठहराया गया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस अधिकारियों ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। बता दें पीटीआई समर्थित उम्मीदवार डॉ. यास्मीन राशिद लाहौर में तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की पार्टी को उसके चुनाव चिन्ह 'बल्ले' से वंचित करने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा था। जिसके बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवार आठ फरवरी को स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। विरोधियों का आरोप है कि पीटीआई समर्थित उम्मीदवारों को जानबूझकर चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है। स्वतंत्र उम्मीदवारों को निर्वाचन क्षेत्रों में प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। विरोधियों का आरोप है कि पीएमएल-एन के इशारे पर पाकिस्तान की सैन्य कर्मी यह काम कर रही है। 
क्या है मामला-
पिछले साल नौ मई को लाहौर में पुलिस स्टेशन पर हमला करने से जुड़े एक मामले में आतंकवाद विरोधी अदालत ने मंगलवार को यास्मीन राशिद को दोषी ठहराया है। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के दौरान कई पीटीआई कार्यकर्ताओं द्वारा रावलपिंडी में सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई भवन समेत कई सैन्य और राज्य भवनों को आग लगा दी गई थी। बता दें यास्मीन राशिद पिछले मई से जेल में हैं और उनकी पार्टी के समर्थक घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं। पीटीआई का आरोप है कि पुलिस बेवजह पूरे प्रांत में पार्टी नेताओं और समर्थकों के घरों पर छापेमारी कर रहा है। वहीं दूसरी ओर, लाहौर में पुलिस ने जेल में बंद उम्मीदवार आलिया हमजा के मुख्य चुनाव कार्यालय को सील कर दिया, जो लाहौर के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।
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बढ़ते दबाव के बावजूद अपनी नीतियां बदलने को तैयार नहीं जिनपिंग

  • किताब में दावा- अभी दबदबा बरकरार रहेगा
बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कार्यकाल के पहले दस साल में चीन की राजनीति पर उनका दबदबा ऐसा रहा, जिसे कोई चुनौती नहीं दे पाया। अभी चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है। साथ ही चीन कई आर्थिक परेशानियों से बी जूझ रहा है, इसके बावजूद शी जिनपिंग अभी भी अपनी नीतियों से पीछे हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
'खुद को 21वीं सदी का माओ जेदोंग मानते हैं शी जिनपिंग'-
अमेरिका के थिंकटैंक जेम्सटाउन फाउंडेशन के सीनियर फेलो विली वो लैप लाम ने एक किताब लिखी है, जिसका शीर्षक 'शी जिनपिंगः द हिडन एजेंडाज ऑफ चाइना रूलर फॉर लाइफ' है। लाम का कहना है कि 'शी जिनपिंग अपने आप को चीन के इतिहास का पहला नहीं तो दूसरा सबसे अहम नेता मानते हैं। उनका मानना है कि वे देंग जियाओपिंग से आगे निकल चुके हैं और खुद को 21वीं सदी का माओ जेदोंग मानते हैं।'
'लंबे समय तक सत्ता का केंद्र रहेंगे शी जिनपिंग'-
लाम ने अनुमान जताया कि 'शी जिनपिंग अधिकतम चार या पांच साल और शीर्ष पद पर रह सकते हैं, लेकिन उसके बाद भी वे सत्ता के केंद्र में रहेंगे और कई अहम सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष बने रह सकते हैं। लाम का कहना है कि जब साल 2012 में शी जिनपिंग सत्ता में आए तो उस वक्त चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में दो बड़े धड़े थे, लेकिन शी जिनपिंग ने दोनों धड़ों को किनारे लगा दिया और जब सितंबर 2022 में पार्टी की 20वीं बैठक हुई तो दोनों धड़ों के 80-90 प्रतिशत सदस्य शी जिनपिंग के साथ आ गए थे।'
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भारतीय मूल के वकील को ऑस्ट्रेलिया में बड़ी जिम्मेदारी

  • बनाया गया मानवाधिकार आयोग में नस्लभेद आयुक्त
मेलबर्न। भारतीय मूल के एक जाने-माने वकील गिरिधरन सिवारामन को ऑस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग (एएचआरसी) का नया नस्लभेद आयुक्त नियुक्त किया गया है। सिवारामन की जिम्मेदारी सभी तरह के नस्लीय भेदभाव का मुकाबला करने के लिए समाज के सभी वर्गों में समझ, सहिष्णुत और सद्भाव को बढ़ावा देने की होगी।
सिवारामन बहुसांस्कृतिक ऑस्ट्रेलिया (मल्टीकल्चरल ऑस्ट्रेलिया) समूह के प्रमुख हैं। वह मौरिस ब्लैकबर्न में एक जाने-माने वकील हैं। वह क्वींसलैंड रोजगार कानून विभाग के अध्यक्ष भी हैं।  
अटॉर्नी जनरल मार्क ड्रेफस ने सोमवार को एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, "मैं सिवारामन को उनकी नियुक्ति पर बधाई देता हूं और इस बड़ी जिम्मेदारी को संभालने के लिए उनका आभार जताता हूं। उनकी व्यापक समझ नस्लीय भेदभाव और मानवाधिकार के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलियाई मानवाधिकार आयोग के लिए एक बड़ी संपत्ति होगी।"
वहीं, सिवारामन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, "मैं नस्ल भेदभाव आयुक्त नियुक्ति किए जाने पर खुद को सम्मानित और उत्साहित महसूस कर रहा हूं।" वहीं, आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि सिवारामन ने कई राष्ट्रीय स्तर के नस्लीय भेदभाव के मामलों को मुकदमों की मेजबानी की है और कम वेतन वाले श्रमियों के लिए मुआवजा योजना चलाई है। इनमें कई प्रवासी श्रमिक हैं। 
क्वींसलैंड बहुसांस्कृतिक सलाहकार परिषद के सदस्य के रूप में सिवारामन ने नस्लीय भेदभाव के पीड़ितों के अधिकारों का मुद्दा उठाया था। आयोग के अध्यक्ष रोजालिंड क्राउचर ने सिवाराम का स्वागत करते हुए कहा, हाल के महीनों में नस्लवाद और अभद्र भाषा के मामलों में वृद्धि हुई है। इसलिए, यह जरूरी है कि हम नस्लवाद के मूल कारणों पर चर्चा करें और समुदायों को सशक्त बनाने के प्रयासों को आगे बढ़ाएं और नस्लभेद का मुकाबला करने के लिए अपना सार्वजनिक अभियान जारी रखें। 
सिवारामन दशकों से बराबरी की लड़ाई लड़ते रहे हैं और सत्ता को सच बताते रहे हैं। अपने कानूनी करियर में उन्होंने 'कार्यस्थल और भेदभाव कानून' से जुड़े मामलों का नेतृत्व किया है। जिससे लोगों के जीवन में सुधार हुआ है। सिवारामन का पांच साल का कार्यकाल चार मार्च से शुरू होगा। 
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इजराइल ने उत्तरी गाजा पट्टी में लड़ाई फिर से की शुरू

जेरूसलम। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्धविराम की बढ़ती मांग के बीच इजराइल ने उत्तरी गाजा पट्टी में लड़ाई फिर से शुरू कर दी है। सोमवार को इज़राइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने बताया कि उसके सैनिक उन क्षेत्रों में लौट आए हैं, जहां वे पहले तैनात थे।
श‍िन्हुआ समाचार एजेंसी ने बताया कि पिछले कुछ हफ्तों में, क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल करने के इज़राइल के दावे के बाद पट्टी के उत्तर में हमलों में कमी आई है, इससे उम्मीद जगी है कि विस्थापित नागरिक अपने घरों में लौट सकते हैं। एक संभावना है कि इज़राइली सेना ने संकेत दिया है कि वह इस चरण मेंइसकी अनुमति नहीं देगी। आईडीएफ के 162वें डिवीजन के कमांडर इत्ज़िक कोहेन ने अपडेट में कहा, “डिवीजन के तहत काम करने वाली ताकतें हमास को अपनी क्षमताओं का पुनर्निर्माण करने से रोक रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सेना क्षेत्र में बचे हमास के खिलाफ अभियान तेज कर रही हैं और उस पर दबाव बना रही है।”
आधिकारिक फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए ने बताया कि दक्षिणी गाजा के सबसे बड़े शहर खान यूनिस सहित पूरे इलाके में इजराइली बमबारी जारी रही। सप्ताहांत में, राफा पर इजराइली हमलों में कम से कम 20 फिलिस्तीनी मारे गए, यह शहर पहले इजराइली सेना द्वारा एक सुरक्षित क्षेत्र के रूप में नामित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के अनुसार, गाजा की 2 मिलियन से अधिक आबादी में से आधे से अधिक राफा में भाग गए हैं।
हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को पहले रिपोर्ट दी थी कि पिछले 24 घंटों में गाजा में कम से कम 133 फिलिस्तीनी मारे गए और 205 घायल हो गए। मंत्रालय ने कहा कि गाजा पर इजरायली हमलों में 27,478 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 66,835 अन्य घायल हुए हैं।
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भारतीय नौसेना की पनडुब्बी ‘ऑपरेशनल टर्न अराउंड’ के लिए श्रीलंका पहुंची

कोलंबो। भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस करंज मिट्टी और प्रावधानों को फिर से भरने के उद्देश्य से ऑपरेशनल टर्न अराउंड (ओटीए) के लिए 3-5 फरवरी तक दो दिवसीय यात्रा के लिए कोलंबो में है। श्रीलंका में आयोग ने रविवार को एक बयान में कहा।
आईएनएस करंज शनिवार को कोलंबो पहुंची और श्रीलंका नौसेना के गार्ड ऑफ ऑफिसर ने इसका औपचारिक तरीके से स्वागत किया। श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त संतोष झा ने शनिवार को पनडुब्बी का दौरा किया और कमांडिंग ऑफिसर, कमांडर अरुणाभ और उनके साथ बातचीत की। कर्मी दल।
बाद में दिन में, श्रीलंका नौसेना के लगभग 100 नामांकित कर्मियों को पनडुब्बी के बारे में जानकारी दी गई। बयान में कहा गया है कि कमांडिंग ऑफिसर का प्रवास के दौरान पश्चिमी नौसेना मुख्यालय में पश्चिमी नौसेना क्षेत्र के कमांडर, रियर एडमिरल समन परेरा से मुलाकात करने का कार्यक्रम है।
विशेष रूप से, आईएनएस करंज 10 मार्च, 2021 को भारतीय नौसेना में शामिल की गई कालवेरी श्रेणी की पनडुब्बियों में से तीसरी है।
इसके चालू होने के बाद से आईएनएस करंज के लिए यह पहली विदेशी बंदरगाह कॉल है। इससे पहले, एक अन्य कालवेरी श्रेणी की पनडुब्बी, आईएनएस वागिर ने जून 2023 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के संबंध में कोलंबो का दौरा किया था।
“यह दौरा एक ऑपरेशनल टर्न अराउंड (ओटीआर) है, जिसमें पनडुब्बी ईंधन और प्रावधानों की भरपाई करेगी। चालक दल स्वस्थ हो जाएगा और भारतीय उच्चायोग ने कहा, “कोलंबो और गैले में दिलचस्प स्थानों का दौरा करने का अवसर मिलेगा। पनडुब्बी 5 फरवरी 2024 को द्वीप से प्रस्थान करेगी।” इससे पहले शुक्रवार को भारतीय नौसेना ने सोमालिया के पूर्वी तट पर समुद्री डकैती की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया और पाकिस्तानी और ईरानी चालक दल के सदस्यों को बचा लिया।
यह घटना ऐसे ही ऑपरेशनों के ठीक बाद हुई, जहां भारतीय नौसेना ने 36 घंटों के भीतर दो बड़े बचाव अभियान चलाए और 17 ईरानी और 19 पाकिस्तानी नागरिकों सहित दो अपहृत मछली पकड़ने वाले जहाजों और चालक दल के सदस्यों को बचाया। इससे पहले, एक त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया में, भारतीय नौसेना के मिशन-तैनात निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, आईएनएस विशाखापत्तनम ने 18 जनवरी को 17 जनवरी की रात को ड्रोन हमले के बाद मार्शल द्वीप-ध्वजांकित एमवी जेनको पिकार्डी से एक संकट कॉल को संबोधित किया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि समुद्री डकैती और तस्करी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच, पहला सर्वे वेसल लार्ज (एसवीएल) जहाज आईएनएस संध्याक शुक्रवार को विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में चालू किया गया।
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चुनाव से पहले पाकिस्तान के एक थाने पर आतंकी हमला

  • 10 पुलिस अधिकारी शहीद, छह गंभीर रूप से घायल
पाकिस्तान। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान में सोमवार तड़के एक थाने पर हुए एक और लक्षित आतंकी हमले में कम से कम 10 पुलिस अधिकारी शहीद हो गए और छह गंभीर रूप से घायल हो गए। देश में 8 फरवरी को होने वाले मतदान से केवल चार दिन पहले हुआ यह हमला प्रांत में तनावपूर्ण, संवेदनशील और गंभीर स्थिति का संकेत देता है। पुलिस के मुताबिक, सोमवार तड़के करीब तीन बजे आतंकवादी चोधवान पुलिस स्टेशन में घुस गए और उसके आसपास खड़े गार्डों धावा बोल दिया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “उन्होंने हथगोले फेंके और साथ ही उन पुलिस अधिकारियों पर गोलियां भी चलाईं, जिनसे उनका सामना हुआ। शहीद हुए लोगों में से चार एलीट फोर्स के थे।
द्राबन के डीएसपी मलिक अनीस उल हसन ने कहा, “इमारत में प्रवेश करने के बाद आतंकवादियों ने हथगोले का इस्तेमाल किया, जिससे पुलिस अधिक हताहत हुई। पुलिस सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि हमले को कम से कम 30 आतंकवादियों ने अंजाम दिया। उन्होंने कम से कम तीन अलग-अलग दिशाओं से हमला किया। प्रांतीय पुलिस प्रमुख अख्तर हयात गंडापुर ने कहा, “कम से कम ढाई घंटे तक गोलीबारी हुई। उन्होंने कहा हमले के बाद, पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सैन्य कर्मियों द्वारा एक निकासी अभियान शुरू किया गया था। सेना ने थाने के आसपास सुरक्षा की जिम्मेदारी सँभाल ली है और पास के जंगल में एक निकासी अभियान भी चला रही है। ताज़ा हमला हाल के दिनों में हुए हमलों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिससे प्रांत में सुरक्षा स्थिति और जटिल हो गई है और पूरे देश में 8 फरवरी को होने वाले आगामी आम चुनावों को लेकर और भी अधिक चिंताएँ पैदा हो गई हैं।
ठीक एक महीने पहले, डेरा इस्माइल खान जिले में आतंकवादियों ने विस्फोटकों से भरे वाहन को सुरक्षा बलों की चौकी से टकरा दिया था, जिसमें कम से कम 23 सैनिक शहीद हो गए थे। कार बम विस्फोट के बाद एक आत्मघाती हमला हुआ, जिससे इमारत ढह गई और लोग हताहत हो गए। डेरा इस्माइल खान जिला पिछले कुछ समय से, विशेषकर मतदान दिवस की घोषणा के बाद से, आतंकवादी हमलों के साये में रहा है। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने भी आतंकवादी हमलों की चल रही घटनाओं पर ध्यान दिया है और सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक बुलाई है। गौरतलब है कि आतंकी हमलों में कई राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की भी जान जा चुकी है। अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) के कार्यकर्ता, जो केपी के बाजौर जिले में नेशनल असेंबली के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे थे, बलूचिस्तान के किला अब्दुल्ला में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की एक राजनीतिक रैली में मारे गए।
इसके अलावा, क्वेटा के सरियाब रोड पर एक ग्रेनेड हमले में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के उम्मीदवार अली मदाद जट्टक की मौत हो गई, जबकि इसी तरह के एक हमले में बलूचिस्तान के केच जिले में मीर जहूर बुलेदी की भी मौत हो गई। विशेष रूप से केपी और बलूचिस्तान में राजनीतिक रैलियों और चुनाव लड़ रहे लोगों पर लक्षित आतंकवादी हमलों, जिनमें सुरक्षा चौकियों और थानों पर लक्षित बड़े हमले शामिल हैं, ने चुनाव के दिन सुरक्षा-व्यवस्था पर कुछ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।  -(आईएएनएस) 
 
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10 मार्च से पहले भारत लौटेंगे सैन्यकर्मी : मोहम्मद मुइज्जू

  • राष्ट्रपति बोले- देश की संप्रभुता से समझौता नही
माले। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को बताया कि 10 मार्च से पहले भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले समूह को भारत वापस भेज दिया जाएगा। वहीं दो विमानन प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे शेष भारतीयों को 10 मई तक वापस भेजा जाएगा। 
संसद में अपने संबोधन के दौरान मुइज्जू ने कहा कि उनका मानना है कि मालदीव के अधिकांश लोग इस उम्मीद के साथ उनकी सरकार का समर्थन करते हैं कि वे देश से विदेशी सैनिकों को हटा देंगे। इसके साथ ही उनका लक्ष्य खोए हुए समुद्री क्षेत्र को वापस पाना है। 
मोहम्मद मुइज्जू ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे किसी भी राज्य समझौते की अनुमति नहीं देता है, जो देश की संप्रभुता से समझौता करें। 17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ही मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने 88 सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की अपील की थी। अन्य देशों के साथ राष्ट्रपति मुइज्जू की कूटनीतिक चर्चाएं भी जारी है।
मोहम्मद मुइज्जू ने कहा, हमने भारत से सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाने की अपील की है। उन्होंने कहा, 'हाल ही में हुए चर्चाओं के अनुसार, तीन विमानन प्लेटफॉर्मों में से एक से भारतीय सैन्यकर्मियों को 10 मार्च से पहले वापस बुलाने के लिए कहा गया है। बाकी के दो प्लेटफॉर्म से भी 10 मार्च तक वापस बुला लिया जाएगा।' 
भारतीय सैन्यकर्मी मानवीय मिशनों का रह चुके हैं हिस्सा-
मालदीव के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भारत ने दो फरवरी को कहा था कि द्वीप राष्ट्र में भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म के संचालन को जारी रखने के लिए मालदीव के साथ समाधानों पर सहमति व्यक्त की गई है। वर्तमान में, भारतीय सैन्यकर्मी दो हेलीकॉप्टर और एक विमान संचालित करने के लिए मालदीव में हैं। ये सैन्यकर्मी सैकड़ों चिकित्सा निकासी और मानवीय मिशनों का हिस्सा रह चुके हैं।
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से भारत की तरफ से मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान की गई है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि उनका प्रशासन ऐसा कुछ नहीं करने वाला है जिससे देश की संप्रभुता से समझौता करना पड़े। उन्होंने आगे कहा कि अगर इससे देश की संप्रभुता को खतरा होता है तो वह किसी भी बाहरी दवाब के सामने नहीं झुकेंगे।
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फिलिस्तीनी राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र से इजरायली हमलों को रोकने का किया आग्रह

रामल्लाह। फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ चल रहे इजरायली हमले को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास तेज करने का आग्रह किया है।
समाचार एजेंसी श‍िन्हुआ ने फिलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएफए के हवाले से बताया कि अब्बास ने रविवार को मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष समन्वयक टोर वेनेसलैंड के साथ रामल्ला में राष्ट्रपति मुख्यालय में अपनी बैठक के दौरान यह टिप्पणी की। डब्‍ल्‍यूएएफए की रिपोर्ट के अनुसार, अब्बास ने गुटेरेस से अपने व्यक्तिगत प्रयासों को जारी रखने और पूरी गाजा पट्टी से इजरायली सेना को वापस लेने और उसकी एक इंच भी जमीन कब्‍ज नहीं करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को तेज करने का आह्वान किया।
अब्बास ने फिलिस्तीनियों के लिए मानवीय सहायता, राहत सामग्री और आश्रय में वृद्धि सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने फिलिस्तीनियों के विस्थापन और हमलों को रोकने पर जोर दिया। अब्बास ने कहा कि सुरक्षा परिषद के निर्णय के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन राज्य के लिए पूर्ण सदस्यता हासिल करना और फिलिस्तीन से इजरायलियों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन आयोजित किया जाना चाहिए।
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ऑस्ट्रेलियाई सीनेट में नियुक्त हुए भारतीय मूल के बैरिस्टर वरुण घोष

मेलबर्न। भारतीय मूल के बैरिस्टर वरुण घोष अगले सप्ताह ऑस्ट्रेलियाई सीनेट में अपना पद संभालेंगे और लेबर पार्टी ने उन्हें पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया (डब्ल्यूए) का प्रतिनिधित्व करने के लिए अपनी पसंद के रूप में आधिकारिक तौर पर पुष्टि की है। गुरुवार को डब्ल्यूए संसद की संयुक्त बैठक में वर्तमान सीनेटर पैट्रिक डोडसन की जगह लेने के लिए फ्रांसिस बर्ट चेम्बर्स के बैरिस्टर 38 वर्षीय घोष को चुना गया।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की विधान सभा ने एक्स को घोषणा की, “विधान सभा और विधान परिषद ने संघीय संसद की सीनेट में पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करने के लिए सीनेटर वरुण घोष को चुना है।” समाचार वेबसाइट WAToday की रिपोर्ट के अनुसार, घोष 1980 के दशक में अपने माता-पिता के भारत से चले जाने के बाद 17 साल की उम्र में पर्थ में लेबर पार्टी में शामिल हो गए और न्यूरोलॉजिस्ट के रूप में काम करना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि उनका चयन एक ऐसा सम्मान है जिसे वह हल्के में नहीं लेंगे। उन्होंने एक बयान में कहा, “मुझे अच्छी शिक्षा का सौभाग्य मिला है और मेरा दृढ़ विश्वास है कि उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण हर किसी के लिए उपलब्ध होना चाहिए।” “वरुण ने पिछले कुछ वर्षों में डब्ल्यूए व्यवसाय और विश्व बैंक के साथ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बैरिस्टर के रूप में काम किया है। मैं हमारे हिस्से के रूप में उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं
सीबीआर (कैनबरा) में @वालाबोर सीनेट टीम, “वयोवृद्ध मामलों के मंत्री मैट केओघ ने एक्स प्लेटफॉर्म पर लिखा। 2019 के संघीय चुनाव में, घोष को पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी के सीनेट टिकट पर पांचवें स्थान पर रखा गया था, लेकिन निर्वाचित नहीं हुए।
उन्होंने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय से कला और कानून में डिग्री प्राप्त की और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कानून में राष्ट्रमंडल विद्वान थे। उन्होंने पहले न्यूयॉर्क में एक वित्त वकील के रूप में और वाशिंगटन, डीसी में विश्व बैंक के लिए एक सलाहकार के रूप में काम किया था।
घोष 2015 में किंग एंड वुड मैलेसन्स के साथ एक वरिष्ठ सहयोगी के रूप में ऑस्ट्रेलिया लौट आए, और विवाद समाधान में बैंकों, संसाधन कंपनियों और निर्माण कंपनियों का प्रतिनिधित्व किया।
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युद्धविराम व बंधक समझौते को लेकर हमास नेताओं में दरार

तेल अवीव। हमास और इजरायल के बीच युद्ध को रोकने के लिए पेरिस, काहिरा और दोहा सहित कई स्थानों पर बातचीत और चर्चाएं हो रही हैं, लेकिन हमास के वरिष्ठ नेताओं के बीच युद्धविराम को लेकर मतभेद उभर आया है।
इजरायली रक्षा मंत्री के कार्यालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि उन्हें कतर के मध्यस्थों से जानकारी मिली है कि युद्धविराम की अवधि को लेकर हमास के वरिष्ठ नेता इस्माइल हनियेह और याह्या सिनवार के बीच मतभेद सामने आए हैं। जहां सिनवार छह से आठ सप्ताह का अस्थायी युद्धविराम और बंधकों की आंशिक रिहाई चाहता है, वहीं हनियेह युद्ध का स्थायी अंत और गाजा पट्टी के पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन चाहता है।
हालांकि, सिनवार और हनियेह इजरायली जेलों से सभी फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई पर सहमत हुए हैं। सूत्रों ने कहा कि हनियेह को हमास के वरिष्ठ नेताओं मूसा अबू मरजूक और खलील अल हया का समर्थन प्राप्त है, जबकि सिनवार को कथित तौर पर हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद दीफ का समर्थन प्राप्त है।
सूत्रों के मुताबिक, हमास के शीर्ष नेतृत्व में आंतरिक मतभेदों ने कतर और मिस्र के वार्ताकारों को नाराज कर दिया है। हमास द्वारा हिरासत में लिए गए 253 बंधकों में से 105 को समूह ने 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक एक सप्ताह के युद्धविराम के दौरान रिहा कर दिया। दूसरी ओर, इजरायल ने इस अवधि के दौरान 324 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा कर दिया।
इजरायली एजेंसियों ने पुष्टि की है कि हमास की हिरासत में बचे हुए बंधकों में से 29 की मौत हो चुकी है।
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