दुनिया-जगत

चीन और नाउरू के बीच राजनयिक संबंध हुए बहाल

बीजिंग। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बुधवार को चीन की राजधानी पेइचिंग में नाउरू के विदेश मामलों और व्यापार मंत्री लियोनेल एंगिमिया से मुलाकात की। बैठक के दौरान, उन्होंने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को बहाल करने के लिए एक संयुक्त विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर किए। संयुक्त विज्ञप्ति के अनुसार, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और रिपब्लिक ऑफ नाउरू ने आज से राजदूत स्तर पर राजनयिक संबंधों को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। यह निर्णय दोनों देशों के लोगों के हितों और इच्छाओं के अनुरूप है। दोनों सरकारें एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने पर भी सहमत हुई हैं।
उनका लक्ष्य आपसी सम्मान, आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना, समानता, पारस्परिक लाभ और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व पर आधारित मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना है। संयुक्त विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि नाउरू सरकार आधिकारिक तौर पर मानती है कि केवल एक चीन, विशेष रूप से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, पूरे देश के वैध और एकमात्र प्रतिनिधि के रूप में कार्य करता है।
इसके अतिरिक्त, नाउरू थाइवान को चीन का अभिन्न अंग मानता है। परिणामस्वरूप, नाउरू सरकार ने थाइवान के साथ अपने तथाकथित राजनयिक संबंधों को आज से समाप्त कर दिया है। चीनी सरकार इस रुख को अपनाने के लिए नाउरू के प्रति अपनी सराहना व्यक्त करती है।
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दुनिया में शांति और विभाजन पाटने में भारत अहम : डेनिस फ्रांसिस

  • संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के अध्यक्ष ने कहा...
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के अध्यक्ष (पीजीए) डेनिस फ्रांसिस ने मंगलवार को कहा कि दुनिया में स्थायी शांति के लिए और विभाजन को पाटने में भारत की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है। फ्रांसिस ने भारत को संयुक्त राष्ट्र का एक अहम सदस्य बताते हुए कहा कि पीजीए के तौर पर वह भारत से अनुरोध करेंगे कि भारत वैश्विक विभाजन को पाटने के लिए अपनी नेतृत्वकारी पहलों को जारी रखे।
फ्रांसिस ने एक साक्षात्कार में कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत में विविधता में एकता वास्तव में बरकरार है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भारत सार्वभौमिकता के सिद्धांतों से भी अत्यंत आसानी से जुड़ता है, जो राज्यों की संप्रभु समानता के लिए संयुक्त राष्ट्र का आधार है। यूएन महासभा अध्यक्ष ने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में, जहां संयुक्त राष्ट्र के सदस्य विभाजित हैं, महासभा के अध्यक्ष के रूप में सदस्य देशों के बीच विश्वास बहाली के प्रयास में नेतृत्व के लिए भारत की ओर देखते हैं। 
फ्रांसिस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में भारत की सक्रिय भूमिका को देखते हुए वे उसे बातचीत, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय, मानवीय और मानवाधिकार कानूनों के जरिये स्थायी शांति और वैश्विक असमानता को समाप्त करने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उन्होंने कहा, वैश्विक राजनीतिक में जारी तनाव, संघर्ष व अनिश्चितता के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन मानव समुदाय के अस्तित्व के लिए खतरा बना हुआ है।
फ्रांसिस ने यह भी कहा कि भारत पूरी दुनिया को तीव्र और सतत विकास के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए बेहतर स्थिति में है। लिहाजा, भारत इस दिशा में आगे बढ़ते हुए दुनिया को नेतृत्व देना जारी रखे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दक्षिण-दक्षिण और त्रिकोणीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी भारत ने निर्विवाद रूप से सच्चा नेतृत्व किया है। इसके अलावा भारत संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट में अहम योगदान देता है और लगातार संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सैनिकों के शीर्ष योगदानकर्ता के रूप में स्थान रखता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर फ्रांसिस 22 से 26 जनवरी तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस दौरान वे भारतीय नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और नागरिक समाज, प्रमुख थिंक टैंक के साथ जुड़ेंगे। इसके अलावा क्षेत्रीय दौरे भी करेंगे।
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श्रीलंकाई तमिल नेताओं ने की 13ए संशोधन को लागू करने की मांग

  • बोले- भारत को दखल देना चाहिए
कोलंबो। श्रीलंका के तमिल नेताओं ने मांग की है कि श्रीलंकाई संविधान के संशोधन 13ए को लागू करवाने के लिए भारत को दखल देना चाहिए। श्रीलंकाई संविधान का संशोधन 13ए अल्पसंख्यक समुदाय को सत्ता की कुछ शक्तियों के हस्तांतरण की बात कहता है। श्रीलंका में तमिल समुदाय के वरिष्ठ नेता आर संपनथान ने सोमवार को श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त संतोष झा से मुलाकात की थी। श्रीलंका में तमिलों के संगठन तमिल नेशनल अलायंस ने यह जानकारी दी। 
तमिल नेशनल अलायंस ने बताया कि संपनथान और भारतीय उच्चायुक्त के बीच दो घंटे लंबी बातचीत हुई, जिसमें मुख्य तौर पर संशोधन 13ए पर बात हुई। तमिल पार्टियों ने मांग की कि भारत को इस मामले में दखल देना चाहिए। इस बैठक में तमिल राजनीतिक बंदियों और सरकार द्वारा तमिलों की कब्जाई गई भूमि को लेकर बात हुई। भारत द्वारा श्रीलंका पर 13ए संशोधन को लागू करने का दबाव बनाया जा रहा है। 
1987 के भारत-श्रीलंका समझौते के तहत लागू हुआ था 13ए संशोधन-
साल 1987 में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी और श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति जेआर जयवर्धने के बीच इंडो- श्रीलंका समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। इस समझौते के तहत श्रीलंका के संविधान में 13ए संशोधन को शामिल किया गया। इसके तहत श्रीलंका के सभी नौ राज्यों की सरकारों को कुछ शक्तियां देने का प्रावधान किया गया। इनके तहत कृषि और स्वास्थ्य आदि पर श्रीलंका के राज्यों की सरकारें भी फैसला ले सकतीं थी। 
बौद्ध संगठनों के दबाव में झुकी श्रीलंका सरकार-
बीते दिनों मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे ने इस संशोधन को लागू करने के लिए तमिल नेताओं के साथ मुलाकात भी की थी। पुलिस को छोड़कर संशोधन के तहत अन्य शक्तियों को राज्यों सरकारों को देने की तैयारी थी। हालांकि ताकतवर बौद्ध संगठनों के आगे सरकार झुक गई। बौद्ध संगठन तमिलों को शक्तियां देने के खिलाफ हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे देश की एकता को खतरा हो सकता है। वहीं लिट्टे के खात्मे के बाद नरमपंथी तमिल नेता श्रीलंका के अधीन रहते हुए ही कुछ शक्तियों के हस्तांतरण की मांग कर रहे हैं। लिट्टे संगठन, जो अलग तमिल राष्ट्र के लिए लड़ रहा था, उसने 13ए संशोधन को नकार दिया था। 
 
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इमरान खान ने पाकिस्तान आम चुनाव से पहले निष्पक्षता का आग्रह किया

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने 8 फरवरी के आम चुनावों के लिए अपनी पार्टी के लिए समान अवसर की मांग करते हुए कहा है कि चुनाव कराने में निष्पक्षता की कमी से “अस्थिरता और अनिश्चितता” और बढ़ेगी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के संस्थापक 71 वर्षीय खान की टिप्पणी शनिवार को अदियाला जेल में एक अनौपचारिक मीडिया बातचीत के दौरान आई।
वर्चुअल इवेंट के दौरान इंटरनेट यूजर्स को बड़ी रुकावटों का सामना करना पड़ा।
क्रिकेटर से नेता बने क्रिकेटर ने दावा किया कि पीटीआई को अपने चुनाव अभियान के संचालन में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, प्रतिबंधों के कारण पार्टी को सार्वजनिक सभाएं आयोजित करने से रोका जा रहा है।
डॉन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा पीटीआई उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए “परेशान किया जा रहा है और हिरासत में लिया जा रहा है” और चेतावनी दी कि अगर निष्पक्ष चुनाव नहीं कराए गए तो इससे “अस्थिरता और अनिश्चितता” और बढ़ जाएगी।
खान ने कहा कि प्रतिष्ठान “पार्टी को खत्म नहीं कर सकता क्योंकि इसकी जड़ें जनता में हैं”।
उन्होंने ‘दलबदलुओं’ को चेतावनी भी दी कि अगर वे पीटीआई से अलग हो गए तो उनकी राजनीति खत्म हो जाएगी।
खान ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने राजनीतिक दल को उसके चुनाव चिन्ह से वंचित करने के लिए “कठोर और अचानक कार्रवाई” करने के लिए पीटीआई के अंतर-पार्टी चुनावों से संबंधित मामले में जानबूझकर देरी की।
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 13 जनवरी को पीटीआई से उसका प्रतिष्ठित ‘बल्ला’ चुनाव चिह्न छीन लिया, एक ऐसा कदम जिसके बाद पार्टी से चुनाव लड़ने वालों को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में लड़ना होगा।
यह फैसला ईसीपी और पीटीआई के बीच चुनाव चिह्न और अंतर-पार्टी चुनावों की अस्वीकृति को लेकर जारी कानूनी खींचतान के बाद आया है।
राजनीतिक तापमान को कम करने के राष्ट्रपति पद के प्रयासों के संदर्भ में, खान ने कहा कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने मध्यस्थता के प्रयास किए थे लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
अपने प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ के बारे में बोलते हुए, पीटीआई संस्थापक ने कहा कि अगर देश पर ‘भगोड़ा’ थोपने का प्रयास किया गया तो देश को “अपूरणीय क्षति” होगी।
खान ने कहा कि शरीफ ने अपनी लैय्या रैली रद्द कर दी क्योंकि उनकी पार्टी के पास शक्ति प्रदर्शन आयोजित करने की ताकत नहीं थी.
उन्होंने दावा किया कि पीटीआई ‘अब तक की सबसे बड़ी’ सभा आयोजित करेगी, भले ही उन्हें चुनाव से कुछ दिन पहले ही जेल से रिहा कर दिया जाए।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खान के हवाले से कहा, “चुनाव से सिर्फ तीन दिन पहले मुझे आज़ाद कर दो और मुझे केवल एक सार्वजनिक सभा आयोजित करने की अनुमति दो, और हर कोई देखेगा कि हम क्या हासिल कर सकते हैं।”
अदालतों में अपने मामलों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि नामांकन पत्रों की अस्वीकृति पर लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा उनकी याचिका का निपटारा होने के बावजूद, मामले पर आदेश जारी नहीं किया गया था।
इमरान ने न्याय के चयनात्मक अनुप्रयोग के बारे में भी चिंता जताई, जिसमें उनकी अयोग्यता की ओर इशारा किया गया, जबकि शरीफ को उनकी दोषसिद्धि से मुक्त कर दिया गया था।
उन्होंने देश में लोकतंत्र की कथित कमी पर जोर देते हुए अपनी अयोग्यता के खिलाफ अपीलों की सुनवाई में देरी पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ उनके द्वारा दायर एक अन्य याचिका भी लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.
खान ने दावा किया कि देश में कानून का कोई शासन नहीं है लेकिन फिर भी, वह कानून को अपने हाथ में नहीं लेंगे, क्योंकि वह एक राजनेता हैं और “आखिरी गेंद तक खेलेंगे”।
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सिंगापुर के शीर्ष तीन मंत्रियों पर पिछले साल लगे भ्रष्टाचार के आरोप

  • सभी भारतीय मूल के
नई दिल्ली। एशिया में सबसे कम भ्रष्ट देश के रूप में प्रतिष्ठित सिंगापुर में अकेले वर्ष 2023 में तीन भारतीय मूल के मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे– उसी वर्ष भारतीय मूल के एक अर्थशास्त्री ने नौवें राष्ट्रपति के रूप में शहर-राष्ट्र की बागडोर संभाली। उनमें से दो – विवियन बालकृष्णन और के. शनमुगम को वर्ष के अंत में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था, एस. ईश्वरन का प्री-ट्रायल 1 मार्च को निर्धारित है, और वह वर्तमान में आठ लाख सिंगापुर डॉलर की जमानत पर बाहर हैं।
यह तिकड़ी सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) से संबंधित है, जो 1959 से सत्ता में है और देश की संसद में पर्याप्त बहुमत रखती है।
नवंबर 2025 में होने वाले अगले चुनाव के साथ, राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भ्रष्टाचार के आरोप उस देश में पीएपी के समर्थन आधार को प्रभावित कर सकते हैं जो ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के नवीनतम भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक में पांचवें सबसे कम भ्रष्ट देश में है।पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने भ्रष्टाचार को दूर रखने के लिए सात-अंक में मंत्रिस्तरीय वेतन रखने को उचित ठहराया है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के सार्वजनिक अधिकारी दुनिया में सबसे अधिक वेतन पाने वालों में से हैं, प्रधान मंत्री ली सीन लूंग प्रति वर्ष लगभग 22 लाख सिंगापुर डॉलर (लगभग 17 लाख अमेरिकी डॉलर) का पाते हैं। देश ने अपना आखिरी भ्रष्टाचार का मामला वर्ष 1986 में देखा था, जिसमें राष्ट्रीय विकास मंत्री तेह चियांग वान पर कथित तौर पर रिश्वत लेने के आरोप में जांच की गई थी।

 

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यूक्रेन के राष्ट्रपति, पोलैंड के प्रधानमंत्री की मुलाकात में रक्षा सहायता, सहयोग पर चर्चा

कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने यहां दौरे पर आए पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ रक्षा सहायता और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की। राष्ट्रपति प्रेस सेवा ने कहा कि बैठक के बाद ज़ेलेंस्की ने वार्ता को “बहुत उत्पादक” बताया।
ज़ेलेंस्की ने सोमवार को कहा, “हमारे सहयोग का एक नया स्वरूप है, जिसका उद्देश्य यूक्रेनी जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर हथियारों की खरीद करना है: यूक्रेन के लिए पोलिश ऋण। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि वार्ता में भविष्य में संयुक्त हथियार उत्पादन की संभावनाओं पर चर्चा की गई।
उन्होंने अपनी संयुक्त सीमा की स्थिति, ऊर्जा क्षेत्र सहयोग और निवेश सहयोग पर भी चर्चा की। टस्क सोमवार को ही कीव पहुंचे थे।
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न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर से न्यूजर्सी के मंदिर तक, अमेरिका में ऐसे मन रहा राम मंदिर का जश्न

वॉशिंगटन। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। आज 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर मंदिर का उद्घाटन हुआ और प्राण प्रतिष्ठा की गई। पर अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने तक की यात्रा कतई आसान नहीं थी। रामजन्मभूमि पर मस्जिद के निर्माण से लेकर वापस रामलला के भव्य मंदिर बनने तक लगभग पांच सदियां लग गईं। चुनौतियों और लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार भक्तों को उनका राम मंदिर मिल गया है। प्रभु श्रीराम बाल रूप में अयोध्या में विराजमान हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन किया। इसी को लेकर देश ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने में उत्साह और जश्न मनाया जा रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अमेरिका के हिंदुओं में भी उत्साह है। टाइम्स स्क्वायर से लेकर यहां के मंदिरों तक राम की भक्ति में लोग सराबोर दिखे।
न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध टाइम्स स्काव्यर पर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर लोगों में खुशी का माहौल देखा जा सकता है। यहां ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ राम मंदिर के सदस्यों ने लोगों को लड्डू बांटे। अमेरिका के मिनेसोटा के हिंदू मंदिर में भी भक्तों ने राम भजन गाए गए। यहां हर कोई एक ही नाम में मग्न था, वो नाम कोई और नहीं भगवान श्री राम का था। भारतीय प्रवासी अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले मंदिर में राम भजन गाते दिखाई दिए। नॉर्थबरो में स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में भी भारतीय प्रवासियों ने राम भजन गाए। इतना ही नहीं यहां भक्त नाचते भी दिखे। अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले न्यूजर्सी के श्री सिद्धि विनायक मंदिर में भारतीय प्रवासियों ने पूजा-अर्चना की। 
 
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चीन के युन्नान प्रांत में भूस्खलन, 47 लोग दबे

बीजिंग। दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत में सोमवार तड़के हुए भूस्खलन में कुल 47 लोग दब गए। सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार, सोमवार सुबह 5:51 बजे झाओटोंग शहर के तांगफैंग टाउन के लियांगशुई गांव में हुए भूस्खलन के बाद लापता लोगों की तलाश के लिए 33 अग्निशमन वाहनों और 10 लोडिंग मशीनों के साथ 200 से अधिक बचावकर्मी मलबे की तलाशी ले रहे थे। आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, दबे हुए ग्रामीण 18 घरों से हैं।
200 से अधिक लोगों को निकाला गया। आपदा न्यूनीकरण के लिए प्रांतीय आयोग ने आपदा राहत के लिए लेवल-3 आपातकालीन प्रतिक्रिया सक्रिय कर दी है। स्थानीय मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि मंगलवार को शहर में हल्की बर्फबारी होगी और न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे रहने की संभावना है।
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जब देश ‘दूसरी दिवाली’ मना रहा है तब नई दिल्ली आकर खुशी हुई : डेनिस फ्रांसिस

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के अध्यक्ष ने ने कहा
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने अयोध्या में राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बीच भारत पहुंचने पर खुशी व्यक्त की और कहा कि वह शांति और प्रगति पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं। देश में। अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए, यूएनजीए अध्यक्ष ने कहा- “ऐसे शुभ दिन पर नई दिल्ली आकर खुशी हुई जब देश अपनी ‘दूसरी दिवाली’ मना रहा है। एक्स की ओर बढ़ते हुए, यूएनजीए अध्यक्ष ने कहा- “नमस्ते, भारत! ऐसे शुभ दिन पर नई दिल्ली आकर खुशी हुई जब देश अपनी ‘दूसरी दिवाली’ मना रहा है।
शांति, प्रगति, समृद्धि और स्थिरता पर अगले कुछ दिनों में सार्थक चर्चा की आशा है!” संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस भारत-संयुक्त राष्ट्र संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचे। यूएनजीए अध्यक्ष का हवाई अड्डे पर संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने स्वागत किया। यूएनजीए अध्यक्ष विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर के निमंत्रण पर 22-26 जनवरी तक भारत का दौरा कर रहे हैं।
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इजरायली महावाणिज्य दूत ने वडाला में श्री राम मंदिर का किया दौरा

  • बोले- मैं अयोध्या आने के लिए उत्सुक हूं
मुंबई। मुंबई में इजरायली महावाणिज्य दूत कोबी शोशानी ने सोमवार को मुंबई के वडाला में श्री राम मंदिर का दौरा किया और कहा कि वह जल्द ही अयोध्या आने के लिए उत्सुक हैं।
इजराइली महावाणिज्य दूत ने ‘एक्स’ पर लिखा- “बहुत जल्द अयोध्या आने की उम्मीद है। आज मैंने मुंबई के वडाला में ऐतिहासिक श्री राम मंदिर का दौरा किया।”
इससे पहले दिन में भारत में इजरायली दूत नाओर गिलोन ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मॉडल के साथ अपनी एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा, “राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के इस शुभ अवसर पर भारत के लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं।
यह दुनिया भर के भक्तों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। मैं जल्द ही अयोध्या में राम मंदिर देखने के लिए उत्सुक हूं; निश्चित रूप से यह मेरे पास मौजूद इस मॉडल से भी अधिक भव्य और सुंदर होगा।”
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भारत को आज अपनी परंपराओं, संस्कृति और इतिहास पर गर्व : एस. जयशंकर

युगांडा विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत को आज अपनी परंपराओं, अपनी संस्कृति और अपने इतिहास पर गर्व है क्योंकि उन्होंने रेखांकित किया कि बहुत कम सभ्यताएं हैं जो एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में बची हैं और “हम उनमें से एक हैं”।
युगांडा में गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद नाइजीरिया पहुंचे जयशंकर ने यहां भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की।
विदेश मंत्री के रूप में अपनी पहली यात्रा पर यहां आए जयशंकर ने कहा, ”हम आज दुनिया को संदेश दे रहे हैं कि यह भी एक भारत है, जिसे अपनी परंपराओं, अपनी संस्कृति, अपने इतिहास पर गर्व है।”
मंत्री ने कहा कि दुनिया में बहुत कम सभ्यताएं हैं, जो एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में बची हैं और ”हम उनमें से एक हैं।” उन्होंने भारत में विकासात्मक गतिविधियों पर प्रकाश डाला और कहा कि आज एक भावना है कि भारत का निर्माण हो रहा है और वहां है निवेश का प्रवाह.
नाइजीरिया के साथ संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच लगभग 12-15 अरब अमेरिकी डॉलर का कारोबार है और उन्होंने नाइजीरियाई निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
“और भी कई संभावनाएं हैं क्योंकि वास्तव में, कई क्षेत्रों में भारतीय क्षमताएं बहुत, बहुत मजबूती से बढ़ रही हैं। मैं कहूंगा, हमारा फार्मास्यूटिकल्स में एक लंबा रिकॉर्ड रहा है लेकिन आज, उदाहरण के लिए, भारत चिकित्सा उपकरणों का एक बड़ा उत्पादक बन गया है, जो पहले ऐसा नहीं था, ”उन्होंने कहा।
जयशंकर अपने समकक्ष के साथ छठी भारत-नाइजीरिया संयुक्त आयोग बैठक (जेसीएम) की सह-अध्यक्षता करेंगे और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे।
वह नाइजीरिया-भारत बिजनेस काउंसिल की बैठक के तीसरे संस्करण का भी उद्घाटन करेंगे, नाइजीरियाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में भाषण देंगे, व्यापार प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे और महात्मा गांधी की एक प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे।
वह भारतीय मिशन प्रमुखों के क्षेत्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता भी करेंगे।
विदेश मंत्रालय ने कहा, “भारत और नाइजीरिया के बीच परंपरागत रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। यह विदेश मंत्री की नाइजीरिया की पहली यात्रा है जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करेगी।”
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चीन में चलेगी शीत लहर, भारी बर्फबारी और बर्फीले तूफान की संभावना

बीजिंग। चीन की राष्ट्रीय वेधशाला ने कहा कि 2024 की पहली ठंड शनिवार से 23 जनवरी तक देश के एक बड़े क्षेत्र को प्रभावित करेगी, जिससे आंधी और बर्फबारी होगी।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (एनएमसी) के पूर्वानुमान के हवाले से कहा कि देश के मध्य और पूर्वी क्षेत्रों में शीत लहर चलेगी, जिससे तापमान में 14 डिग्री सेल्सियस तक की भारी गिरावट आएगी। 21 से 22 जनवरी तक दक्षिण चीन के एक बड़े हिस्से में भारी बर्फबारी और बर्फीला तूफान भी आएगा।
शीत लहर के मद्देनजर, एनएमसी ने शनिवार को ब्लू अलर्ट जारी किया।
शीत लहर से प्रभावित मंगोलिया, शांक्सी, हेबेई, जिलिन, लियाओनिंग और दक्षिणी चीन के कई हिस्सों में शनिवार से 23 जनवरी तक तापमान 16 डिग्री सेल्सियस तक गिरने की उम्मीद है। केंद्र ने कहा कि शीतलहर के प्रभाव के कारण मध्य और पूर्वी चीन के अधिकांश इलाकों में भी तेज हवाएं चलेंगी।
स्थानीय सरकारों और संबंधित विभागों को शीत लहर के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, जिसमें उष्णकटिबंधीय फसलों और जलीय उत्पादों के लिए कुछ सुरक्षात्मक उपाय भी शामिल हैं।
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निक्की हेली ने बाइडेन और ट्रम्प को ‘लोकतंत्र के लिए दोहरा खतरा’ बताया

वाशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल निक्की हेली ने कहा है कि “अमेरिका नस्लवादी नहीं है”। मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रम्प दोनों “लोकतंत्र के लिए दोहरा खतरा” हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यू हैम्पशायर के हेनिकर में न्यू इंग्लैंड कॉलेज में उन्होंने कहा, “मैं मजबूत बनना चाहती हूँ। हमें नहीं पता कि जब आंकड़े आएंगे तब ये कैसा दिखेगा। हेली का लक्ष्य आयोवा से बेहतर प्रदर्शन करना है- जहां वह सोमवार को राज्य के कॉकस में ट्रम्प से 32 अंक पीछे और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस से 2 अंक पीछे तीसरे स्थान पर रहीं।
सर्वेक्षणों से पता चलता है कि वह न्यू हैम्पशायर में ट्रम्प के बहुत करीब हैं।
उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में फॉक्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “अमेरिका कभी भी नस्लवादी देश नहीं रहा है।” उनसे पूछा गया कि क्या वह मानती हैं कि रिपब्लिकन पार्टी नस्लवादी है।
उन्होंने कहा कि वह दक्षिण कैरोलाइना के एक ग्रामीण काउंटी में पली-बढ़ी जहां नस्लवादी प्रवृत्तियों का अनुभव किया है। लेकिन उनके माता-पिता ने उनमें यह विश्वास पैदा किया कि अमेरिका एक नस्लवादी देश नहीं है।
“अगर मेरे माता-पिता ने ऐसा नहीं किया होता, तो हर काले या भूरे बच्चे को अमेरिका में मौका नहीं मिलता। हेली ने कहा कि वो यहाँ तक नहीं पहुँचती अगर अमेरिका की स्थापना समानता के सिद्धांत पर नहीं की गई होती, जिसका मतलब है कि सभी लोगों को समान बनाया गया है।
हेली ने कहा, “हमारे यहां काफी नस्लवाद था जिससे हमें निपटना पड़ा, लेकिन मेरे माता-पिता ने कभी नहीं कहा कि हम नस्लवादी देश में रहते हैं और मैं बहुत आभारी हूं कि उन्होंने ऐसा नहीं किया। हेली देश की पहली महिला अल्पसंख्यक गवर्नर बनी और बाद में संयुक्त राष्ट्र में ट्रम्प की अमेरिकी राजदूत बनी।
हेली ने एक अन्य मुद्दे पर बार-बार ट्रम्प को राष्ट्रपति जो बाइडेन से जोड़ा और दोनों को प्रगति और राष्ट्रीय एकता के लिए दोहरे खतरों के रूप में चित्रित किया। “क्या हम सचमुच 80-वर्षीय दो लोगों को राष्ट्रपति पद के लिए खड़ा देखना चाहते हैं, जब दुनिया जल रही है?”
“हमें ऐसे लोगों की ज़रूरत नहीं है जो विचलित हों। हमें ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो अमेरिका से प्यार करते हैं, यह महसूस करते हैं कि यदि आपका समय चला गया है, तो रास्ते से हट जाएं और एक नई पीढ़ी के नेता को आने दें।
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भारतीय तटरक्षक बल ने दीव तट के बीच से निकासी अभियान चलाया

नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल ने शुक्रवार को दीव तट के पास एक विदेशी जहाज से पेट दर्द और तेज बुखार से पीड़ित एक इंडोनेशियाई चालक दल के सदस्य को चिकित्सकीय रूप से निकाला। नाविक को कल दीव से 47 एन मील दक्षिण-पश्चिम में एक ईरानी ध्वज वाले जहाज एमवी वेव से बचाया गया था।
भारतीय तट रक्षक ने एक्स पर लिखा, “@इंडियाकोस्टगार्ड जहाज सी-149 ने पेट दर्द और तेज बुखार से पीड़ित एक इंडोनेशियाई चालक दल को 19 जनवरी को दीव से 47 एन मील दक्षिण-पश्चिम में एक ईरानी ध्वज वाले जहाज एमवी वेव से मेडवेक भेजा।”
आईसीजी ने कहा, “इसके बाद, मरीज को आगे के चिकित्सा प्रबंधन के लिए अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।”
यह पहली बार नहीं है कि तटरक्षक बल ने इस तरह का बचाव अभियान चलाया है।
भारतीय तट रक्षक (आईसीजी) ने काकद्वीप के नामखाना के पास एक खड़ी नौका पर फंसे 182 तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए हल्दिया से होवरक्राफ्ट तैनात करके बचाव अभियान चलाया।
यह घटना 16 जनवरी, 2024 के शुरुआती घंटों में हुई, जब तीर्थयात्री मकर संक्रांति पर पवित्र स्नान करने के बाद गंगा सागर मेले से लौट रहे थे, और बेहद कम दृश्यता के कारण नौका दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
“16 जनवरी को लगभग 0530 बजे, पश्चिम बंगाल में तटरक्षक जिला मुख्यालय संख्या 8 पर, दक्षिण 24 परगना के जिला मजिस्ट्रेट से एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें काकद्वीप के पास समुद्र में नौका के खड़े होने की सूचना दी गई थी। नौका जहाज, अर्थात् भारतीय तटरक्षक बल द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, एमवी स्वास्थ्य साथी, सागर द्वीप पर गंगा सागर मेले से लगभग 400 तीर्थयात्रियों को काकद्वीप ले जा रहा था।
सूचना मिलने पर, तटरक्षक बल की ऑपरेशन टीम हरकत में आई और स्थिति का पता लगाने के बाद, उन्होंने बचाव सहायता प्रदान करने के लिए तुरंत हल्दिया और सागर द्वीप से दो एसीवी (होवरक्राफ्ट) को भेजा।
इस बीच, जनवरी के पहले सप्ताह में, भारतीय तटरक्षक जहाज सी-424 ने अंडमान प्रशासन के अनुरोध पर अफरा खाड़ी से एक 70 वर्षीय मरीज की चिकित्सा निकासी पूरी की।
मरीज को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी और आगे के चिकित्सा प्रबंधन के लिए कैंपबेल बे लाया गया था।
“06/07 जनवरी की रात को, @IndiaCoastGaurd जहाज C-424 ने #अंडमान प्रशासन के अनुरोध पर अफ़्रा बे, A&C से एक 70 वर्षीय मरीज को मेडिकल निकासी के लिए भेजा। मरीज को सांस लेने में कठिनाई हो रही थी और उसे #CampbellBay लाया गया था। आगे के चिकित्सा प्रबंधन के लिए, “भारतीय गोस्ट गार्ड ने ‘एक्स’ पर लिखा। (एएनआई)
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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन अमेरिका के मंदिरों में विशेष कार्यक्रम

  • सुंदरकांड के पाठ का होगा आयोजन
वाशिंगटन। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को महज दो दिन ही बचे हैं। देशभर के तमाम हस्तियों को कार्यक्रम के लिए आमंत्रण दिया गया है। अमेरिका में भी राम मंदिर उत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह है। अमेरिका में मौजूद मंदिरों में अगले सप्ताह तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लाखों की संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों के शामिल होने की संभावना है। 
अमेरिका के हिंदू विश्वविद्यालय की अध्यक्ष कल्याण विश्वानथन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि अयोध्या उपेक्षा और विनाश से फिर से उभर रहा है। राम मंदिर सनातन धर्म की शाश्वत प्रकृति का प्रतीक है। 550 वर्षों के बाद राम लला मंदिर में विराजमान होंगे। गौरतलब है कि 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का आयोजन होगा। 
टेक्सास में श्री सीता राम फाउंडेशन के कपिल शर्मा ने कहा कि लंबे इतंजार के बाद अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण हुआ। दुनियाभर के हिंदुओं के लिए यह आस्था और उत्सव का एक महत्वपूर्ण दिन हैं। ह्यूस्टन के मंदिरों में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए खासा उत्साह है। समारोह के दिन मंदिरों में सुंदरकांड का आयोजन होगा। गायन, संगीत के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। हवन और भगवान राम का पट्टाभिषेक होगा। साथ ही भगवान राम की शोभा यात्रा और प्रसाद वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम से प्रसाद और रज वितरित करना भी हमारे लिए सम्मान की बात है। 
मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर शनिवार को वाशिंगटन डीसी के एक उपनगर में राम मंदिर उत्सव कार्यक्रम में भाग लेने वाले हैं। अमेरिका में राष्ट्रव्यापी उत्सवों का नेतृत्व करने वाले संगठन विश्व हिंदू परिषद ऑफ अमेरिका के अमिताभ मित्तल ने कहा कि भगवान श्री राम के लाखों अनुयायियों का लंबे समय से प्रतीक्षित सपना सच होने वाला है। अमेरिका में लगभग 1,000 मंदिर हैं और उनमें से लगभग सभी इस ऐतिहासिक अवसर को मनाने के लिए इस सप्ताहांत से उत्सव मना रहे हैं।
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श्रीलंकाई राष्ट्रपति की विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात

  • NAM शिखर सम्मेलन से इतर नेताओं के बीच चर्चा
कंपाला। कंपाला में गुटनिरपेक्ष आंदोलन शिखर सम्मेलन से इतर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रम सिंघे से विदेश मंत्री जयशंकर ने मुलाकात की। विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत की प्रतिबद्धता नेबरहुड फर्स्ट हैं, जो सागर नीति में परिलक्षित होती है। द्विपक्षीय पहलों की प्रगति के लिए उनके निरंतर मार्गदर्शन की सराहन करते हैं। 
विदेश मंत्री जयशंकर 21-23 जनवरी तक आधिकारिक यात्रा पर नाइजीरिया जाएंगे। विदेश मंत्री अपने समकक्ष के साथ छठी भारत-नाइजीरिया संयुक्त आयोग बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे और अन्य नेताओं से मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्री नाइजीरिया-भारत बिजनेस काउंसिल की बैठक के तीसरे संस्करण का भी उद्घाटन करेंगे। साथ ही नाइजीरियाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स में भाषण देंगे। अपनी यात्रा के दौरान वह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे और महात्मा गांधी की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे। गौरतलब है कि भारत और नाइजीरिया के बीच घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक, बतौर विदेश मंत्री जयशंकर की नाइजीरिया की यह पहली यात्रा है, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगी। 
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ईरान-पाकिस्तान विवाद पर अमेरिका का बयान

वाशिंगटन। ईरान और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच, अमेरिका क्षेत्र में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और उसने सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है, अमेरिकी विदेश विभाग मैथ्यू मिलर ने गुरुवार (स्थानीय समय) को कहा।एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए मिलर ने कहा कि मामले को बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने “पाकिस्तान और उसके पड़ोसियों के बीच सहयोगात्मक संबंधों” के महत्व के बारे में पाकिस्तानी सरकार की टिप्पणियों पर गौर किया है।
इस सवाल के जवाब में कि अमेरिकी प्रशासन ईरान और पाकिस्तान के बीच स्थिति को कैसे पढ़ता है, मिलर ने कहा, “हम क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बारे में चिंतित हैं। यह कुछ ऐसा है जिस पर हमने कई बार बात की है, हमने इस पर ध्यान केंद्रित किया है। हमने 7 अक्टूबर से तनाव बढ़ने की संभावना के बारे में अविश्वसनीय रूप से चिंतित हूं।””इसलिए हम तनाव को रोकने के लिए गहन कूटनीतिक प्रयासों में लगे हुए हैं। हमने पाकिस्तान और उसके पड़ोसियों के बीच सहयोगात्मक संबंधों के महत्व के बारे में पाकिस्तान सरकार की टिप्पणियों पर ध्यान दिया। हमने सोचा कि वे उपयोगी उपयोगी बयान थे, और निश्चित रूप से, वहाँ हैं तनाव बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है और हम इस मामले में सभी पक्षों से संयम बरतने का आग्रह करेंगे।”
उन मीडिया रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर, जिनमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान ने ईरान में हमले करने से पहले अमेरिका से सलाह ली थी, मिलर ने कहा, “मेरे पास पढ़ने के लिए कोई निजी बातचीत नहीं है।”
“हमारा मानना ​​नहीं है कि इसे किसी भी तरह, आकार या रूप में आगे बढ़ना चाहिए। पाकिस्तान संयुक्त राज्य अमेरिका का एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी है, यह मामला बना रहेगा, लेकिन हम इस मामले में संयम बरतने का आग्रह करेंगे।” मैथ्यू मिलर ने ईरान को हिज़्बुल्लाह का प्रमुख वित्तपोषक और वर्षों से हमास का प्रमुख समर्थक बताया।हमलों और जवाबी हमलों के बाद ईरान और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बारे में एक अन्य प्रश्न में, मिलर ने कहा, “मुझे लगता है कि मैंने कल बहुत स्पष्ट कर दिया था कि हम ईरान के हमलों के बारे में क्या सोचते हैं, न कि केवल उन हमलों के बारे में जो पिछले तीन दिनों में उसके तीन हमलों के खिलाफ शुरू किए गए थे।” पड़ोसी लेकिन आतंकवाद को वित्त पोषित करने, अस्थिरता को वित्त पोषित करने और मध्य पूर्व में कलह पैदा करने का इसका लंबा इतिहास है। यह कुछ ऐसा है जिसे हमने गाजा में संघर्ष में योगदान करते देखा है।”
अल अरबिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) द्वारा इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में इजरायली “जासूसी मुख्यालय” और सीरिया में कथित आईएसआईएस से जुड़े ठिकानों पर मिसाइलें दागने के बाद पाकिस्तान में ईरान के हमले हुए।
“आपने वर्षों से ईरान को हमास के प्रमुख समर्थक के रूप में देखा है। वे हिजबुल्लाह के प्रमुख वित्तपोषक हैं। वे हौथिस के प्रमुख वित्तपोषकों में से एक हैं। हमने उन कार्यों के परिणाम देखे हैं जो ईरान ने क्षेत्रीय अस्थिरता को बढ़ाने के लिए उठाए हैं। और इसीलिए हम ईरान को जवाबदेह ठहराने के लिए कार्रवाई करना जारी रखते हैं और ईरान को स्पष्ट संदेश भी भेजते हैं कि हम नहीं मानते कि इसे किसी भी तरह, आकार या रूप में आगे बढ़ना चाहिए। पाकिस्तान संयुक्त राज्य अमेरिका का एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी है, और यह मामला बना रहेगा, लेकिन हम इस मामले में संयम बरतने का आग्रह करेंगे। उन्होंने कहा, ”हम तनाव नहीं बढ़ते देखना चाहते हैं और हमें नहीं लगता कि तनाव बढ़ने की जरूरत है।”
इस बीच, व्हाइट हाउस में रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक, जॉन किर्बी ने कहा कि अमेरिका ईरान और पाकिस्तान के संबंध में स्थिति पर “बहुत बारीकी से” नजर रख रहा है और वे स्थिति में वृद्धि नहीं देखना चाहते हैं।
मॉरिसविले के रास्ते में एक प्रेस गैगल में बोलते हुए, जॉन किर्बी ने कहा, “आप सभी ने पाकिस्तान से रिपोर्ट देखी होगी कि उन्होंने ईरान में कुछ मिसाइलें दागीं। हम इस पर बहुत बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम ऐसा नहीं देखना चाहते हैं।” स्पष्ट रूप से, दक्षिण एशिया – दक्षिण और मध्य एशिया में वृद्धि। और हम अपने पाकिस्तानी समकक्षों के संपर्क में हैं, जैसा कि आप उम्मीद कर सकते हैं।”उन्होंने कहा, “हम पाकिस्तानियों को उनके सैन्य अभियानों के बारे में बोलने देंगे। मैं उसका विश्लेषण नहीं करने जा रहा हूं, न ही ऐसा कुछ करने जा रहा हूं और न ही ऐसा करने की कोशिश कर रहा हूं, जैसा कि आप जानते हैं, इसे एयर फोर्स वन से यहां संचालित करना है।”
तनाव बढ़ने के संभावित खतरों के बारे में पूछे जाने पर, किर्बी ने कहा, “मेरा मतलब है, ये दो अच्छी तरह से सशस्त्र राष्ट्र हैं। और फिर, हम क्षेत्र में किसी भी सशस्त्र संघर्ष में वृद्धि नहीं देखना चाहते हैं, निश्चित रूप से उन दो देशों के बीच . मैं पाकिस्तान को अपने सैन्य अभियानों के बारे में बताना चाहता हूं। मैं इसके बारे में सावधान रहना चाहता हूं। जैसा कि आप जानते हैं, उन पर सबसे पहले हमला हुआ था – ईरान द्वारा, जो स्पष्ट रूप से एक और लापरवाह हमला था, क्षेत्र में ईरान के अस्थिर व्यवहार का एक और उदाहरण ।”
पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उसने ईरान में मिसाइल हमले किए हैं और “खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान कई आतंकवादी मारे गए,” कोडनाम “मार्ग बार सरमाचर”।
एक बयान में, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय (एमओएफए) ने कहा कि उसने “अत्यधिक समन्वित और विशेष रूप से लक्षित सटीक सैन्य हमले” की एक श्रृंखला शुरू की थी। ईरान के सिएस्तान-ओ-बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ।इसमें कहा गया, ”खुफिया-आधारित ऑपरेशन के दौरान कई आतंकवादी मारे गए, जिसका कोडनेम ‘मार्ग बार सरमाचर’ था।पाकिस्तान की सैन्य कार्रवाई ईरान द्वारा मंगलवार को किए गए हमले की निंदा करने के बाद आई है, जिसमें उसने कहा था कि इसमें दो बच्चों की मौत हो गई।
अल अरबिया न्यूज ने तस्नीम समाचार एजेंसी के हवाले से बताया कि मंगलवार को ईरान ने पाकिस्तान में तेहरान के विरोधी एक आतंकवादी समूह के मुख्यालय पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया। अल अरबिया न्यूज़ ने तस्नीम न्यूज़ एजेंसी के हवाले से बताया कि पाकिस्तान में जैश अल-अदल (न्याय की सेना) के दो “महत्वपूर्ण मुख्यालय” “नष्ट” कर दिए गए।रिपोर्ट में कहा गया है कि हमले पाकिस्तान के बलूचिस्तान के एक क्षेत्र में केंद्रित थे जहां जैश अल-अदल का “सबसे बड़ा मुख्यालय” स्थित था। अल अरबिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 2012 में गठित, जैश अल-अदल, जिसे ईरान द्वारा “आतंकवादी” संगठन के रूप में नामित किया गया है, एक सुन्नी आतंकवादी समूह है जो ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में संचालित होता है।अल अरबिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं।दिसंबर में, जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें कम से कम 11 पुलिस कर्मियों की जान चली गई।
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गाजा हवाई हमले में इस्लामिक जिहाद साइप्स कमांडर मारा गया

तेल अवीव। इज़राइली सेना ने गुरुवार को दक्षिणी गाजा में हवाई हमले में एक वरिष्ठ फ़िलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद आतंकवादी को मार डाला, इज़राइल रक्षा बलों ने शुक्रवार को कहा। आईडीएफ ने कहा कि वाएल अबू-फनौना इस्लामिक जिहाद के मनोवैज्ञानिक युद्ध अभियानों का उप प्रमुख था। उन्होंने ईरान समर्थित आतंकवादी समूह में अन्य पदों पर भी कार्य किया, जिसमें गाजा के उत्तरी क्षेत्र के इस्लामिक जिहाद के कमांडर खलील बहतिनी के सहायक के रूप में भी शामिल था।
अबू-फ़नौना इज़रायल के ख़िलाफ़ इस्लामिक जिहाद के रॉकेट हमलों के वीडियो प्रकाशित करने के साथ-साथ इज़रायली जनता के खिलाफ छेड़े गए आतंकवादी समूह के मनोवैज्ञानिक युद्ध के हिस्से के रूप में इज़रायली बंधकों के दस्तावेज़ों के निर्माण और वितरण के लिए जिम्मेदार था।
वह 2011 के गिलाद शालित कैदी अदला-बदली में मुक्त किए गए 1,027 फ़िलिस्तीनी सुरक्षा कैदियों में से एक थे।
अलग से, इज़राइल ने मध्य गाजा में अपना आक्रामक अभियान चलाया। एक ऑपरेशन के दौरान, आरपीजी हमले के तहत आने वाली सेनाएं क्षेत्र को खाली करने और एक आरपीजी लॉन्चर, एके -47 और अन्य सैन्य उपकरण जब्त करने में कामयाब रहीं।
उत्तरी गाजा में, पिछले दिन, संयुक्त वायु और जमीनी बलों ने कई सशस्त्र आतंकवादियों को मार गिराया।
7 अक्टूबर को गाजा सीमा के पास इजरायली समुदायों पर हमास के हमलों में कम से कम 1,200 लोग मारे गए थे। हमास द्वारा गाजा में बंदी बनाए गए पुरुषों, महिलाओं, बच्चों, सैनिकों और विदेशियों की संख्या अब 136 मानी जाती है। अन्य लोगों का पता नहीं चल पाया है चूँकि इज़रायली अधिकारी शवों की पहचान और मानव अवशेषों की खोज जारी रखे हुए हैं। (एएनआई/टीपीएस)
 
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