धर्म समाज

जोधपुर से 11 बैलगाड़ियों में आया 251 कलश गाय का घी

  • रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर देश के हर कोने से उमड़ रही श्रद्धा
रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है और 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए देश के कोने-कोने से आस्था उमड़ रही है। अभी हाल ही में खबर आई थी कि प्रभु श्री राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ से 300 टन सुगंधित चावल भेजे जा रहे हैं। भंडारण का काम संभाल रहे दिवाकर का कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्सों से विभिन्न खाद्य सामग्री भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि जोधपुर के 11 बैलगाड़ियां रवाना हुई थी, जिसमें 251 कलश भरकर गाय का घी अयोध्या भेजा गया है। यज्ञ में गौघृत का इस्तेमाल किया जाएगा।
जोधपुर से कलशों में भरकर जब गोघृत अयोध्या पहुंचा तो श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय भावुक हो उठे थे। उन्होंने इस दौरान जोधपुर के कारसेवकों के बलिदान को याद किया। इस दौरान उनका गला रुंध गया।
उत्तर प्रदेश का कन्नौज जिला आलू उत्पादन के लिए विख्यात है। यहां का आलू देशभर में भेजा जाता है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के भंडारे के लिए कन्नौज से भी भारी तादाद में आलू अयोध्या भेजा जा रहा है। वहीं सहारनपुर से कई क्विंटल दाल अयोध्या भेजी जा रही है।
प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए देशभर से जो भी खाद्यान्न सामग्री आ रही है। उसका माप तौल नहीं किया जा रहा है, क्योंकि इससे दान का महत्व कम हो जाता है। दिवाकर कहते हैं कि गोघृत, सुवासित चावल के अलावा भी कई साग्रमी आ रही है। रामसेवकपुरम में भंडारण की व्यवस्था देखते ही बनती है। मधुर सीताफल और गुड़ तो अयोध्या का ही है। असम से सुगंधित चाय आई है। इसके अलावा दालचीनी, अदरक आदि अन्य मसाले भी ट्रक भर कर आ रहे हैं।
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कुंडली में मंगल दोष है तो प्रदोष व्रत पर करें ये 3 उपाय

  • जल्द दूर होगी विवाह में आ रही बाधा
साल साल 2024 का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी को है। यह प्रदोष व्रत मंगलवार को होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से साथ को शुभ फल की प्राप्ति होती है और उसके सभी कार्य सिद्ध होते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, यदि किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष है और विवाह में बार-बार बाधा आ रही है तो मंगल देव को प्रसन्न करने के लिए भौम प्रदोष व्रत के दिन ये उपाय जरूर करना चाहिए। इसके अलावा जातक को कर्ज से भी मुक्ति मिल जाती है।
मंगल देव के 21 नामों का जाप-
कुंडली में मंगल दोष दूर करने के लिए भक्तों को भौम प्रदोष व्रत के दिन मंगल देव के 21 नामों का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से जल्द विवाह योग बनता है और जिन लोगों की शादी हो चुकी है, उनके दांपत्य जीवन में शांति बनी रहती है। परिवार में किसी भी प्रकार का तनाव नहीं रहता है।
हनुमान जी की पूजा-
भौम प्रदोष व्रत के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भी मंगल देव प्रसन्न होते हैं। हनुमान जी को भगवान शिव का ही रूद्र अवतार माना जाता है। मंगलवार को भौम प्रदोष का व्रत के अवसर पर हनुमान जी के प्रसन्न होने से कुंडली में मंगल दोष दूर होता है। आर्थिक तंगी से मुक्ति पाने के लिए ‘ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री रामदूताय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।
भौम प्रदोष व्रत 2024 मुहूर्त-
पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 जनवरी 2024 को रात 11.58 मिनट बजे होगी और प्रदोष व्रत का समापन 9 जनवरी 2024 को रात 10.24 मिनट पर होगा।

डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
 
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प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि कल एकसाथ, जानिए... मुहूर्त

सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का महत्व होता है लेकिन शिव साधना को समर्पित प्रदोष व्रत और मासिक शिवरा​त्रि बेहद ही खास मानी जाती है जो कि इस बार एक ही तिथि पर पड़ रही है इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ की अपार कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
पौष प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 8 जनवरी को रात 11 बजकर 58 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि अगले दिन यानी 9 जनवरी को रात 10 बजकर 24 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में साल का पहला प्रदोष व्रत 9 जनवरी को किया जाएगा। मंगलवार के दिन प्रदोष पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है इस दिन शिव की प्रदोष काल में पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा के लिए शाम 5 बजकर 1 मिनट से रात 8 बजकर 24 मिनट का मुहूर्त प्राप्त हो रहा है।
मासिक शिवरात्रि की तारीख और मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार 9 जनवरी को रात 10 जकर 24 मिनट से बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी। ये 10 जनवरी की रात 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगी। ऐसे में शिवरात्रि का व्रत करने वाले जातक शिव की पूजा देर रात 12 बजकर 1 मिनट से देर रात 12 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। यह शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है।
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प्रदोष व्रत 9 जनवरी को, राशियों के अनुसार करें ये उपाय

  • बरसेगी शिव कृपा
हर महीने प्रदोष का व्रत पड़ता है, जो देवों के देव महादेव को समर्पित है। प्रदोष का व्रत 9 जनवरी को है। मान्यता है प्रदोष का व्रत पूरे-विधि विधान से रखने पर जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। प्रदोष व्रत की पूजा संध्या काल के समय करना फलदायक दायक माना जाता है। वहीं, प्रदोष के दिन राशि अनुसार कुछ उपाय की मदद से जीवन के दुख दर्द और आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिल सकता है। इसलिए आइए जानते हैं मेष से लेकर मीन राशि के लिए प्रदोष के उपाय-
मेष राशि- भगवान शिव का अभिषेक करें।
वृषभ राशि- इस राशि के लोग भगवान शिव को सफेद फूल अर्पित करें।
मिथुन राशि- शिव जी की कृपा पाने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं।
कर्क राशि- भोलेनाथ को खुश करने के लिए कनेर के फूल अर्पित करें।
सिंह राशि- सिंह राशि के लोग भोलेनाथ का आशीर्वाद पाने के लिए भांग का भोग लगाएं।
कन्या राशि- भगवान शिव को खुश करने के लिए शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाएं।
शनि-सूर्य विराजेंगे एक साथ, इन राशियों को होगा डबल लाभ
तुला राशि- तुला राशि वाले पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें।
वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि वालों को भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए और शिव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
धनु राशि- शिवजी की कृपा पाने के लिए ओम नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।
मकर राशि- भोलेनाथ को खुश करने और शनि की साढे साती के प्रभाव को कम करने के लिए शिव चालीसा का पाठ करें।
कुंभ राशि- कुंभ राशि वालों को शिवलिंग पर काला तिल चढ़ाना चाहिए और गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए।
मीन राशि- शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें।
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साल की पहली मासिक शिवरात्रि कल 9 जनवरी को

  • करें शिव शंकर स्तोत्र का पाठ
सनातन धर्म में देवों से देव महादेव को सर्वशक्तिमान माना गया है और हिंदू धर्म के सभी संप्रदायों में भगवान भोलेनाथ को पूजनीय माना गया है। ऐसे में हर माह में शिवरात्रि पर्व पर भगवान भोलेनाथ की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, साल 2024 की पहली मासिक शिवरात्रि 9 जनवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी। ऐसे में ''शिव शंकर स्तोत्र'' का पाठ करना बेहद फलदायी होता है। इस स्रोत का पाठ करने से भक्तों को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
।।शिव शंकर स्तोत्र।।
अतिभीषणकटुभाषणयमकिंकरपटली-कृतताडनपरिपीडनमरणागतसमये ।
उमया सह मम चेतसि यमशासन निवसन् हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
असदिन्द्रियविषयोदयसुखसात्कृतसुकृतेः परदूषणपरिमोक्षण कृतपातकविकृतेः ।
शमनाननभवकानननिरतेर्भव शरणं हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
विषयाभिधबडिशायुधपिशितायितसुखतो मकरायितगतिसंसृतिकृतसाहसविपदम् ।
परमालय परिपालय परितापितमनिशं हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
दयिता मम दुहिता मम जननी मम जनको मम कल्पितमतिसन्ततिमरुभूमिषु निरतम् ।
गिरिजासख जनितासुखवसतिं कुरु सुखिनं हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
जनिनाशन मृतिमोचन शिवपूजननिरतेः अभितोऽदृशमिदमीदृशमहमावह इति हा ।
गजकच्छपजनितश्रम विमलीकुरु सुमतिं हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
त्वयि तिष्ठति सकलस्थितिकरुणात्मनि हृदये वसुमार्गणकृपणेक्षणमनसा शिवविमुखम् ।
अकृताह्निकमसुपोषकमवताद् गिरिसुतया हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
पितरावतिसुखदाविति शिशुना कृतहृदयौ शिवया हृतभयके हृदि जनितं तव सुकृतम् ।
इति मे शिव हृदयं भव भवतात् तव दयया हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
शरणागतभरणाश्रितकरुणामृतजलधे शरणं तव चरणौ शिव मम संसृतिवसतेः ।
परिचिन्मय जगदामयभिषजे नतिरवतात् हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
विविधाधिभिरतिभीतिभिरकृताधिकसुकृतं शतकोटिषु नरकादिषु हतपातकविवशम् ।
मृड मामव सुकृती भव शिवया सह कृपया हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
कलिनाशन गरलाशन कमलासनविनुत कमलापतिनयनार्चित करुणाकृतिचरण ।
करुणाकर मुनिसेवित भवसागरहरण हर शंकर शिव शंकर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
विजितेन्द्रियविबुधार्चितविमलाम्बुजचरण भवनाशन भयनाशन भजिताङ्गितहृदय ।
फणिभूषण मुनिवेषण मदनान्तक शरणं शिव शङ्कर शिव शङ्कर हर मे हर दुरितम् ॥ ॥
त्रिपुरान्तक त्रिदशेश्वर त्रिगुणात्मक शम्भो वृषवाहन विषदूषण पतितोद्धर शरणम् ।
कनकासन कनकाम्बर कलिनाशन शरणं शिव शङ्कर शिव शङ्कर हर मे हर दुरितम् ॥॥
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श्रीराम की चरण पादुका पहुंची अंबिकापुर, दर्शन करने उमड़े श्रद्धालु

अंबिकापुर। श्रीलंका के अशोक वाटिका स्थित सीता माता मंदिर से भगवान श्रीराम के चरण पादुका की शोभायात्रा निकाली गई है। रामभक्त इस शोभायात्रा में श्रीलंका से चरण पादुका लेकर आयोध्या ले जा रहे हैं। आज श्रीलंका से आ रही श्री राम की चरण पादुका अंबिकापुर पहुंची है। वहीं चरण पादुका के स्वागत में राम भक्तों का हुजुम उमड़ पड़ा है। शहर भर के लोग चरण पादुका के दर्शन कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक भव्य शोभायात्रा नगर भ्रमण के लिए निकली है। शहर के अलग-अलग जगहों पर शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में श्री राम भक्त शामिल हुए और जय श्री राम के जयकारे के साथ शोभायात्रा संग चलते रहे।
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मार्तण्ड सूर्य मंदिर में अयोध्या से पंहुचा कलश

जम्मू-कश्मीर। अयोध्या के अनंतनाग जिले में रविवार को प्रसिद्ध खुर्शीद मंदिर स्थल पर राम मंदिर में ‘कलश’ स्थापित किया गया।
चयनित राम मंदिरों में भेजे गए कलशों में से एक कलश को उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु के भक्तों की उपस्थिति में स्थानीय लोगों द्वारा स्थापित किया गया था।
राम मंदिर में कलश स्थापित करने वाले एक स्थानीय भक्त ने कहा- हमने इस सम्मान के लिए लोगों को धन्यवाद दिया और कश्मीर में शांति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की।
कलश स्थापना के दौरान विशेष पूजा-अर्चना की गई और श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए। 8वीं शताब्दी में निर्मित, मरुथन मंदिर भारत के सबसे पुराने सूर्य मंदिरों में से एक है।
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साप्ताहिक राशिफल : यह सप्ताह सभी के लिए कैसा रहेगा? जानें

  • 8 जनवरी से 14 जनवरी 2024
लग्नराशि पर आधारित कलाशांति ज्योतिष साप्ताहिक राशिफल में जानिए, आपका पारिवारिक जीवन, आर्थिक दशा, स्वास्थ्य व कार्यक्षेत्र में आपकी स्थिति, इस सप्ताह कैसी रहेगी और यह भी कि इस सप्ताह आपको क्या-कुछ मिलने वाला है, आपके लिए क्या-क्या करना फायदेमंद रहेगा और परेशानियों से बचने के लिए आपको कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
मेष लग्नराशि- इस सप्ताह की शुरुआत में आप मन में किसी प्रकार के डर को लेकर परेशान रह सकते हैं। धन लाभ को लेकर स्थिति आपके पक्ष मैं रहेगी। कार्यक्षेत्र में आपके सहकर्मी आपसे प्रसन्न बने रहेंगे तथा उनका पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। इस सप्‍ताह कई तरह की यात्राएं हो सकती हैंं, इनमें से कुछ आपको लाभ प्रदान कर सकती है। संतान को लेकर किसी प्रकार की अच्छी खबर आपको ख़ुशी प्रदान कर सकती है।
वृषभ लग्नराशि- इस सप्ताह की शुरुआत में व्यर्थ के विवादों से दूर रहें तथा साथ ही साथ किसी से बात करते समय अपनी वाणी पर संयम रखें। मानसिक तनाव के चलते सिरदर्द की समस्या हो सकती है । कार्यक्षेत्र में स्थिति सामान्य बनी रहेगी। प्रेम इत्यादि मामलो में सफलता प्राप्त हो सकती है। पारिवारिक जीवन सुखमय बना रहेगा तथा कहीं घूमने का प्रोग्राम बना सकते हैं।
मिथुन लग्नराशि- इस सप्ताह मिथुन राशि वालों को कुछ मानस‍िक तनाव बने रह सकते हैं। वैवाहिक जीवन में कुछ उतार चढ़ाव बने रहेंगे। व्यापारी वर्ग को अधिक परिश्रम के उपरांत सफलता की प्राप्ति होगी। इस हफ्ते आलस्य में वृद्धि हो सकती है। हफ्ते के मध्य से स्थितियां आपके पक्ष में आने लगेंगी। अचानक कोई बड़ा लाभ मिल सकता है। स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा, किन्तु आंखों तथा सर दर्द की तकलीफ हो सकती है।
कर्क लग्नराशि- इस सप्ताह की शुरूआत में आपको सेहत से सम्बन्धित कुछ समस्या हो सकती है। व्यर्थ की भागदौड़ लगी रहेगी। यात्राओं के योग रहेंगे। पारिवारिक लोगो में किसी के साथ बहसबाज़ी की स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैंं, अतः विशेष ध्यान रखें। शत्रुओं से धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है। संतान पक्ष की तरफ से खुशियां मिल सकती हैं। भाइयों की मदद से आपके कार्य सुचारु रूप से संपन्न हो जायेंगे।
सिंह लग्नराशि- इस सप्ताह की शुरुआत में आप किसी बात को लेकर मानसिक तनाव से ग्रसित बने रह सकते हैं। लेकिन चिंतित न होंं, जो भी समस्या होगी, स्वतः समाप्त हो जाएगी। लाभ को लेकर किये जा रहे प्रयासों में सफलता प्राप्त होगी। कार्यक्षेत्र में स्थिति ठीकठाक बनी रहेगी तथा साथ ही साथ कुछ नयी उपलब्धियां प्राप्त कर सकते हैं। व्यापारिक लोगों को लाभ मिल सकता है तथा अपने व्यापार में नए कार्य सम्मलित कर सकते हैं।
कन्या लग्नराशि- इस सप्ताह जातकों को धनलाभ के लिए पूर्व में किये गए कार्यों का लाभदायक फल प्राप्त हो सकता है। कार्यक्षेत्र में स्तिथियां अच्छी बनेंगी। रुके धन की प्राप्ति होने से आर्थिक स्थिति में बढ़ोत्तरी हो सकती है। सेहत सम्बन्धी समस्याए परेशान कर सकती हैं। व्यापार से सम्बंधित लोगो अच्छी सफलता तथा लाभ प्राप्त हो सकते हैं। उच्च शिक्षा से सम्बन्धित अच्छे समाचार प्राप्त हो सकते हैं। वैवाहिक जीवन सामान्य बना रहेगा।
तुला लग्नराशि- इस सप्ताह जातकों को अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। कोई पुराना तथा स्किन, नसों के रोग उभर सकते हैंं, सचेत रहें। दान-दक्षिणा में खर्च हो सकता है। यात्रा के योग बन सकते हैं। भाइयों से लाभ प्राप्त हो सकता है। आपके किये कार्यों द्वारा आपको प्रसिद्धि प्राप्त हो सकती है। कार्यक्षेत्र में स्थिति अच्छी बनी रहेगी, व्यापारिक लोगो को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
वृश्चिक लग्नराशि- इस सप्ताह जातकों का नौकरी में समय विशेष फलदायी रहने वाला रहेगा, सरकारी नौकरी तथा सरकारी कार्य कर रहे जातकों को अधिकारियों से अच्छा फायदा मिल सकता है। धन की स्थिति अच्छी रहेगी। शत्रु पक्ष पर हावी रहेंगे। वैवाहिक रिश्तो में मधुरता बढ़ेगी। अचानक धन लाभ के योग बनेंगे। मानसिक तनाव के चलते सिरदर्द की समस्या हो सकती है।
धनु लग्नराशि- इस सप्ताह मान-सम्मान में वृद्धि हो सकती है। हफ्ते के मध्य से सेहत सम्बन्धी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। किसी अज्ञात भय के कारण परेशानी हो सकती है। व्यापारी वर्ग के लिए यह हफ्ता धनदायक तथा नए कार्यों की शुरुआत वाला रहेगा। इस हफ्ते अचानक आय प्राप्ति के योग बनेंगे। धार्मिक कार्यों पर खर्च होगा। जीवन साथी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
मकर लग्नराशि- इस सप्ताह जातक के मन में तरह-तरह के विचार आने से परेशानी उत्पन्न हो सकती है। इस हफ्ते किये गए कार्यो में मनमाफिक सफलता न मिलने से दुखी होंगे। दाम्पत्य जीवन में आपके सम्बन्ध मधुर रहेंगे। सेहत का ध्यान रखेंं, पेट तथा नेत्र से सम्बन्धित विकार परेशान कर सकते हैं। शत्रु आपको नुकसान पहुंचने में असफल रहेंगे। कटु भाषा का प्रयोग करने से बचें। अचानक धनलाभ के योग बन सकते हैं।
कुंभ लग्नराशि- इस सप्ताह वैवाहिक जीवन अच्छा व्यतीत होगा। सुखों में वृद्धि होगी, माता से सुख की प्राप्ति होगी। सुख के साधनों पर खर्च हो सकता है। इस हफ्ते आपका उत्साह और पराक्रम बढ़ा-चढ़ा रहेगा। आपको भाइयों के द्वारा सहयोग तथा धन लाभ की प्राप्ति होगी। अग्नि से सम्बंधित कार्यो में सावधानी बरतें। उपहार की प्राप्ति हो सकती है। स्वास्थ्य में गड़बड़ी बनी रह सकती है।
मीन लग्नराशि- इस सप्ताह जातकों को शुरुआत में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। छोटी दूरी की यात्रा के योग बन सकते हैं। धार्मिक कार्यों में खर्च हो सकता है। कार्यक्षेत्र में स्थिति सामान्य रहेगी। व्यापारिक लोगों को लाभ प्राप्त हो सकता है। उच्च शिक्षा से सम्बन्धित अच्छे समाचार प्राप्त हो सकते हैं। संतान से लाभ के योग बन सकते हैं। वाणी में कटुता के चलते कार्य बिगड़ सकते हैंं, सावधानी रखें।

(ज्योतिषी विशाल वार्ष्णेय कलाशांति ज्योतिष के संस्थापक हैं। यह साप्ताहिक राशिफल आपकी लग्नराशि पर आधारित है। ये समस्त राशिफल सामान्य है। किसी भी निश्चित परिणाम पर पहुंचने के लिए ज्योतिषी से दशा-अंतर्दशा और जन्मपत्री का पूर्ण रूप से अध्ययन कराना उचित रहता है।)
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जनवरी में बुध-शुक्र की चाल इन 3 राशि वालों को बनाएगी मालामाल

एक ही राशि में बुध और शुक्र की युति बनाना बेहद ही लाभदायक मानी जाती है। जहां 7 जनवरी को रात 10 बजकर 04 मिनट पर धनु राशि में बुध प्रवेश करने वाले हैं वहीं, शुक्र ग्रह गोचर करते हुए जनवरी 18, बृहस्पतिवार को 09:05 पी एम पर धनु राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में धनु राशि में बुध और शुक्र की युति बनने से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होने वाला है। इसलिए आइए जानते हैं बुध और शुक्र की युति से बना लक्ष्मी नारायण योग किन राशि के लोगों के लिए लाभकारी साबित होने वाला है-
मेष राशि-
बुध और शुक्र की युति से बना लक्ष्मी नारायण योग मेष राशि के कुछ लोगों को धनवान बना सकता है। उद्योगपतियों के लिए यह समय अच्छा माना जा रहा है। धन का आगमन होगा और कर्ज से मुक्ति पा सकेंगे। फैमिली के साथ घूमने का प्लान बना सकते हैं। यह समय निवेश के तौर पर भी शुभ माना जा रहा है।
तुला राशि-
तुला राशि वालों के लिए बुध और शुक्र की युति से बना लक्ष्मी नारायण योग लाभदायक माना जा रहा है। ग्रहों के शुभ प्रभाव से व्यापारियों को मुनाफा मिलने की संभावना है। जीवन में आ रही तकलीफें धीरे-धीरे दूर होने लगेंगी। परिवार में खुशहाली का माहौल रहेगा। खुद को तनाव मुक्त और खुश रखने के लिए प्रकृति में समय बिताएं। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।
सिंह राशि-
बुध और शुक्र की युति से बना लक्ष्मी नारायण योग सिंह राशि के लोगों के लिए लाभकारी रहने वाला है। सरकारी नौकरी करने वालों को कोई शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है। व्यापार की स्थितियां दुरुस्त रहने वाली है। आर्थिक स्थितियों में पहले के मुकाबले सुधार नजर आ सकता है। स्वास्थ्य के प्रति सावधानी बरतें। पूजा-पाठ में मन लगाए रखना बेहतर रहेगा।
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रवि समेत बेहद शुभ योगों में मनाई जाएगी लोहड़ी

  • मिलेगा दोगुना फल
मकर संक्रांति हर साल सूर्य के मकर राशि में प्रवेश की तिथि पर मनाई जाती है। इसके एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है। सनातन धर्म में लोहड़ी पर्व महत्वपूर्ण माना जाता है। सिख समुदाय के लोग लोहड़ी का त्योहार बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक, इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को पड़ रही है। लोहड़ी एक दिन पहले यानी 14 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन रवि योग समेत कई बेहद शुभ योग बन रहे हैं। इन योगों में लोहड़ी मनाने से शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं।
ज्योतिषियों के मुताबिक, 15 जनवरी की देर रात सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसलिए साल 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इसके एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन संक्रांति तिथि रात्रि 8:57 मिनट तक है।
शुभ योग में लोहड़ी पर्व-
गर करण का निर्माण लोहड़ी के दिन सबसे पहले होने जा रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 07:59 बजे तक रहेगा। इसके बाद सुबह 10.22 बजे से रवि योग का निर्माण होगा। यह योग 15 जनवरी सुबह 7.15 बजे तक रहेगा। इसके अलावा वणिज करण का निर्माण शाम 06 बजकर 27 मिनट से होने जा रहा है। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12.09 बजे से दोपहर 12:51 तक रहेगा। गोधूलि बेला शाम 05:42 बजे से शाम 06:09 बजे तक है।
पंचांग-
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05:27 बजे से सुबह 06:21 बजे तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 2.15 बजे से 2.57 बजे तक।
गोधूलि बेला- शाम 5.42 बजे से शाम 6.09 बजे तक।
निशिता मुहूर्त- रात 12:03 बजे से रात 12:57 बजे तक।
अशुभ समय-
राहुकाल- शाम 4.26 बजे से शाम 5.45 बजे तक।
गुलिक काल- दोपहर 3.07 बजे से शाम 4.26 बजे तक।
दिशा शूल- पश्चिम
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डिप्टी सीएम अरुण साव ने शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से लिया आशीर्वाद

रायपुर। डिप्टी सीएम अरुण साव ने शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। X पर फोटो साझा कर डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि कल रायपुर में पूरी पीठाधीश्वर पूज्य शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी से शिष्टाचार भेंटकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
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शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भोरमदेव मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की

  • भोरमदेव मंदिर से चिल्फी घाटी पहुँचमार्ग को और बेहतर बनाया जाएगा : बृजमोहन अग्रवाल
रायपुर। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन, संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शनिवार को कवर्धा में भोरमदेव मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की और भगवान शिव में जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने भगवान शिव से प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ का कवर्धा धर्मनगरी है। छत्तीसगढ़ के पुरातत्व, धार्मिक, पर्यटन एवं ऐतिहासिक महत्व के स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर कबीरधाम जिले में स्थित है। राज्य के इस प्रमुख पर्यटन को राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार काम कर रही है और भविष्य में भोरमदेव मंदिर और मंदिर से चिल्फी घाटी पहुँचमार्ग को और बेहतर बनाया जाएगा।
इस अवसर पर पार्षद उमंग पाण्डेय, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राजेन्द्र सलुजा, श्री गणेश तिवारी, रामकुमार ठाकुर, योगेश्वर नाथ योगी, सनत साहू, सुनील दोशी, विजय पाली, जितेन्द्र दुबे, अजय सिंह ठाकुर, डोनेश सिंह, सौरभ शर्मा, राहुल ठाकुर, सहित जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
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कब है भौम प्रदोष व्रत, जानें तारीख और मुहूर्त

सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि भगवान शिव की पूजा को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा बरसती है। प्रदोष व्रत हर माह में एक बार आता है।
इस बार का प्रदोष व्रत 9 जनवरी को पड़ रहा है प्रदोष व्रत मंगलवार के दिन पड़ने के कारण ही इसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से जीवन के कष्ट, बाधा, रोग और संतान से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाती है तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भौम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
भौम प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त-
आपको बता दें कि भौम प्रदोष व्रत 9 जनवरी को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार भौम प्रदोष व्रत पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 8 जनवरी की रात 11 बजकर 58 मिनट से हो रहा है वही अगले दिन यानी 9 जनवरी को रात 10 बजकर 24 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
ऐसे में प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा का शुभ मुहूर्त संध्याकाल 5 बजकर 41 मिनट से रात 8 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करने से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ हनुमान जी की पूजा जरूर करें। इस दिन उपवास रखने से बजरंगबली प्रसन्न हो जाते हैं और सफलता में आने वाली हर बाधा को दूर कर देते हैं।
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मांगलिक दोष को शांत करेगा भौम प्रदोष का उपाय, करें ये काम

  • जल्द विवाह का योग
सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बेहद ही खास माना जाता है जो कि शिव साधना को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत हर माह में आता है इस दिन भक्त भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि इस दिन व्रत पूजा करने से भोलेनाथ की असीम कृपा बरसती है।
पंचांग के अनुसार अभी पौष मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाला प्रदोष व्रत 9 जनवरी को किया जाएगा। मंगलवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण इसे भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है इस दिन शिव और हनुमान की पूजा करना लाभकारी होता है इसके साथ ही अगर मांगलिक दोषों से मुक्ति पाना चाहते हैं तो भौम प्रदोष के दिन कुछ कार्यों को करना लाभकारी होगा तो आज हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
भौम प्रदोष पर करें ये काम-
ज्योतिष अनुसार अगर किसी जातक के विवाह में अड़चन आ रही है या फिर रिश्ता बार बार टूट रहा है तो ऐसे में भौम प्रदोष के दिन मंगल देव के 21 नामों का जाप करें मान्यता है कि ऐसा करने से मांगलिक दोष शांत होता है और शीघ्र विवाह के योग बनने लगते हैं साथ ही शादी में आने वाली हर बाधा और अड़चन दूर हो जाती है।
सनातन धर्म में बजरंगबली को शिव का ही रूद्रावतार माना गया है ऐसे में भौम प्रदोष व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न हो जाते हैं और आर्थिक परेशानियों को दूर करते हैं इस दिन ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नमः मंत्र का जाप करने से लाभकारी परिणाम देखने को मिलता है।
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29 जनवरी को सकट चौथ व्रत, इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना जरूरी

सकट चौथ का व्रत माघ मास की चतुर्थी तिथि के दिन महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए रखती हैं। इस साल 29 जनवरी को सकट चौथ का व्रत रखा जाएगा। आपको बता दें कि इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रहती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं। आपको बता दें कि एक महीने में दो चतुर्थी पड़ती है, एक शुक्ल पक्ष की और एक कृष्ण पक्ष की। कुछ लोग साल की पूरी चतुर्थी व्रत रखते हैं। इसमें गणपति भगवान की पूजा की जाती है। लेकिन अधिकतर लोग साल की दो चतुर्थी पर व्रत जरूर रखते हैं, एक करवा चौथ और एक सकट चौथ। इस दिन चंद्रमा को अर्घ्य देना बहुत जरूरी है, तभी व्रत का समापन होगा।
प्रसाद में खासतौर पर तिल का भोग लगाया जाता है।इस बार चंद्रमा के निकलने का समय बताएं तो चंद्रमा रात 9 बजे के बाद ही निकलेगा। अलग-अलग शहरों में चंद्रमा निकलने में कुछ मिनट का ही फर्क होगा। इस साल चतुर्थी तिथि 29 जनवरी 2024 को सुबह 06:10 ए एम बजे शुरू होगी और 30 जनवरी को 08:54 ए एम बजे तक रहेगी। सकट चौथ चन्द्रोदय समय- 08:41 पी एम
यह भी मान्यता है कि सकट चौथ के दिन ही भगवान गणेश को 33 करोड़ देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ।तभी से यह तिथि गणपति पूजन की तिथि बन गई।कहा जाता है कि इस दिन गणपति किसी को खाली हाथ नहीं जाने देते हैं। इस दिन पूरे दिन निर्जला रहकर चंद्र दर्शन होने पर चंद्रदेव को अर्घ्य देकर तिल का प्रसाद ग्रहण किया जाता है। सकट चौथ के दिन तिल का दान भी किया जाता है।
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गुरु के राशि परिवर्तन करने से कैसा रहेगा सभी राशियों का हाल, जानें

देवगुरु बृहस्पति को ज्योतिष में विशेष स्थान प्राप्त है। देवगुरु बृहस्पति की कृपा से व्यक्ति का भाग्योदय होना तय है। देवगुरु बृहस्पति को गुरु को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक ग्रह कहा जाता है। बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं। देवगुरु बृहस्पति 1 जुलाई को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन देवगुरु बृहस्पति मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। ज्योतिष गणनाओं के अनुसार देवगुरु वृषभ राशि में प्रवेश कर कुछ राशि वालों पर विशेष कृपा करेंगे तो कुछ राशि वालों को सावधान रहने की आवश्यकता होगी। आइए जानते हैं गुरु के राशि परिवर्तन करने से कैसा रहेगा सभी राशियों का हाल।
पढ़ें मेष से लेकर मीन राशि तक का हाल-
मेष राशि- मन परेशान हो सकता है। संयत रहें। मानसिक शांति बनाए रखने के प्रयास करें। कारोबार में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। परिश्रम अधिक रहेगा।
वृषभ राशि- वाणी में मधुरता रहेगी। आत्मविश्वास भी बहुत रहेगा। परंतु फिर भी धैर्यशीलता बनाए रखें। कारोबार में लाभ वृद्धि होगी। वाहन सुख में वृद्धि होगी।
मिथुन राशि- आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। परंतु मन में उतार-चढ़ाव रहेंगे। नौकरी में कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के साथ स्थान में परिवर्तन हो सकता है।
कर्क राशि- मन प्रसन्न रहेगा। आत्मविश्वास भी भरपूर रहेगा। कारोबार में लाभ के अवसर मिलेंगे। परिश्रम अधिक रहेगा। सेहत का ध्यान रखें।
सिंह राशि- मन में शांति और प्रसन्नता रहेगी। कारोबारी कार्यों में रुचि बढ़ेगी। लाभ के अवसर मिलेंगे। नौकरी में अफसरों से सद्भाव बनाकर रखें।
कन्या राशि- आशा-निराशा के भाव मन में हो सकते हैं। माता के स्वास्थ्य का ध्यान दें। भागदौड़ अधिक रहेगी। खर्चों में वृद्धि होगी। परिवार का साथ मिलेगा।
तुला राशि- आत्मविश्वास भरपूर रहेगा। परंतु आत्मसंयत रहें। माता का सान्निध्य मिलेगा। किसी संपत्ति से आय हो सकती है। व्यर्थ के क्रोध से बचें। बातचीत में संयत रहें।
वृश्चिक राशि- आत्मविश्वास में कमी रहेगी। मन परेशान रहेगा। माता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। परिवार का साथ मिलेगा। वस्त्रों आदि पर खर्च बढ़ेंगे।
धनु राशि- आत्मविश्वास में कमी रहेगी। परंतु वाणी के प्रभाव में वृद्धि होगी। किसी पैतृक कारोबार की शुरुआत हो सकती है। भागदौड़ अधिक रहेगी।
मकर राशि- मन परेशान रहेगा। मन में उतार-चढ़ाव रहेगा। कारोबार से आय वृद्धि होगी। कारोबार के विस्तार के लिए शासन-सत्ता का सहयोग भी मिल सकता है।
शुक्र के धनु राशि में प्रवेश से खूब होगी उथल-पुथल, ये 5 राशि बन जाएंगे धनवान तो ये 4 राशि वाले रहें सावधान
कुंभ राशि- मन में उतार-चढ़ाव रहेंगे। कारोबार में कठिनाई आ सकती है। शैक्षिक कार्यों पर ध्यान दें। फिर भी लाभ के अवसर मिल सकते हैं।
मीन राशि- मन परेशान रहेगा। मानसिक शांति बनाए रखने के प्रयास करें। शैक्षिक कार्यों के लिए किसी दूसरे स्थान पर जा सकते हैं। कारोबार में वृद्धि होगी।
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पौष अमावस्या 11 जनवरी को, करें तर्पण और पिंडदान

  • कालसर्प दोष की पूजा से दूर होंगे सभी दुख
सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष पौराणिक महत्व बताया गया है। हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के एक दिन बाद अमावस्या तिथि आती है। साल 2024 की पहली अमावस्या 11 जनवरी को आने वाली है और इस पौष मास की इस अमावस्या को पितरों की शांति के लिए शुभ माना जाता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, पौष मास की अमावस्या तिथि के दिन कालसर्प दोष की पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इसके अलावा इस अवसर पर चांदी से निर्मित नाग-नागिन की विधिपूर्वक पूजा करना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
पितरों के तर्पण व पिंडदान का महत्व-
पौष माह की अमावस्या तिथि पर पितरों की तृप्ति करने के लिए तर्पण और पिंडदान करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष से निजात मिलती है और पितरों के आशीर्वाद से घर में खुशहाली बनी रहती है।
दान का महत्व-
पौष अमावस्या की अमावस्या पर 11 जनवरी को दान करना भी शुभ माना जाता है। इस अमावस्या पर गरीब लोगों को मीठे चावल का दान करना चाहिए। इसके अलावा ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना जाता है और साथ ही दान-दक्षिणा भी करना चाहिए।

डिसक्लेमर
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।'
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मकर संक्रांति पर करें सूर्य पूजा, होंगे 5 बड़े फायदे

इस साल 2024 में मकर संक्रांति के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है. मकर संक्रांति के अवसर पर स्नान दान के बाद सूर्य देव की पूजा करते है और रवि योग भी सूर्य पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. सूर्य देव जिस समय मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उस समय ही मकर संक्रांति होती है. मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए. उसके बाद सूर्य देव को जल से अर्घ्य देना चाहिए. उसके बाद काला तिल, गुड़, चावल, गेंहू, गरम कपड़े आदि का दान करना चाहिए. वैसे भी रवि योग में यह दान उत्तम फल प्रदान करता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि मकर संक्रांति कब है? मकर संक्रांति के दिन रवि योग कब बन रहा है? मकर संक्रांति पर स्नान और दान का मुहूर्त क्या है?
मकर संक्रांति 2024 तारीख-
वैदिक पंचांग के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य देव शनि की राशि मकर में 15 जनवरी 2024 को 02:54 एएम पर प्रवेश करेंगे. उस समय सूर्य की मकर संक्रांति होगी. इस आधार पर मकर संक्रांति 15 जनवरी सोमवार को मनाई जाएगी. उस दिन पौष मा​ह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है.
मकर संक्रांति 2024 स्नान-दान मुहूर्त-
15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल 07:15 एएम से 09:00 एएम तक है. उस दिन महा पुण्यकाल पौने दो घंटे है. महा पुण्यकाल में मकर संक्रांति का स्नान और दान करना श्रेष्ठ है. हालांकि उस दिन ब्रह्म मुहूर्त से ही मकर संक्रांति का स्नान-दान प्रारंभ हो जाता है और पूरे दिन तक चलता है. उस दिन ब्रह्म मुहूर्त 05:27 एएम से 06:21 एएम तक है. मकर संक्रांति वाले दिन वरीयान योग सुबह से रात 11:11 पीएम तक है.
रवि योग में मकर संक्रांति 2024-
इस साल मकर संक्रांति के अवसर पर रवि योग बन रहा है. रवि योग सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक है. उसके बाद अगले दिन सुबह 06 बजकर 10 मिनट से सुबह 07 बजकर 15 मिनट तक है. इस योग में स्नान, दान और सूर्य की पूजा करना बहुत ही कल्याणकारी होता है.
कैसे बनता है रवि योग?-
रवि योग का निर्माण तब होता है, जब चंद्रमा का नक्षत्र सूर्य के नक्षत्र से चौथे, छठे, नौवें, दसवें, तेरहवें या बीसवें होता है. कुंडली में रवि योग के कारण व्यक्ति का मान-सम्मान और प्रभाव बढ़ता है. वह उच्च पद प्राप्त कर सकता है. व्यक्ति दान और सहयोग भी करता है. रवि योग सभी दोषों को नष्ट करता है. इस योग में आप जो भी कार्य करते हैं, उसका शुभ फल प्राप्त होता है.
रवि योग में सूर्य पूजा होंगे 5 बड़े फायदे-
1. रवि योग में सूर्य पूजा करने से आपके जीवन के कष्ट दूर होने लगेंगे. सूर्य कृपा से आपकी आयु और सेहत में वृद्धि होगी. रोगों से मुक्ति मिल सकती है.
2. रवि योग के समय आप कोई कार्य करते हैं तो उसमें सफलता प्राप्ति की संभावना अधिक होती है. इस योग के कारण सभी दोष दूर होते हैं और कार्य सफल होते हैं.
3. रवि योग में भगवान भास्कर की पूजा करने से घर धन और धान्य से भरता है. मकर संक्रांति को सूर्य देव की कृपा से शनि महाराज का घर धन-धान्य से परिपूर्ण हो गया था.
4. सूर्य देव की पूजा रवि योग में करने से करियर में तरक्की के मार्ग प्रशस्त होते हैं. मकर संक्रांति को आप सूर्य देव से जुड़ी वस्तुओं गुड़, लाल वस्त्र, घी, तांबा आदि का दान करें.
5. रवि योग के शुभ फल को पाने के लिए अहंकार से दूर रहें. माता-पिता और बड़े-बुजुर्गों का अनादर न करें. नियम विरूद्ध कार्य न करें. अपने प्रभाव में वृद्धि के लिए सूर्य देव को पानी में लाल चंदन और लाल फूल डालकर अर्घ्य दें.
 
 
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