दुनिया-जगत

भारत को कार्बन उत्सर्जन में चीन-US जैसा कहना मंजूर नहीं : पीटर लिसे

  • यूरोपीय संसद के सदस्य का बड़ा बयान
दुबई। कार्बन उत्सर्जन कम करना पूरी दुनिया के सामने बड़ी चुनौती है। जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर लड़ाई और पर्यावरण बचाने के संघर्ष में भारत, अमेरिका और चीन जैसे देश अक्सर एक साथ खड़े दिखते हैं। हालांकि, कार्बन उत्सर्जन के मामले में भारत को चीन और अमेरिका जैसे देशों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। यह कहना है यूरोपीय संसद के वरिष्ठ सदस्य- पीटर लिसे का। उन्होंने कहा कि जिन देशों में उच्च प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन हो रहा है, ऐसे देशों की सूची में भारत को भी शामिल करना स्वीकार नहीं किया जा सकता। पीटर जर्मन राजनेता हैं।
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता (COP28) में अपनी बातें रखने के दौरान पीटर लिसे ने कहा, भारत में प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन 'बहुत कम' है, ऐसे में इस देश को अमेरिका और चीन जैसे देशों की सूची में शामिल किया जाना स्वीकार नहीं हो सकता। जर्मन राजनेता ने कहा, जब जर्मनी में लोगों के पास दो कारें हैं तो भारतीय लोगों को एक कार रखने में सक्षम होना चाहिए। गौरतलब है कि प्रति व्यक्ति उत्सर्जन कम होने के बावजूद जलवायु वार्ता के दौरान भारत को अमेरिका जैसे प्रमुख कार्बन उत्सर्जकों के साथ जोड़ने के ठोस प्रयास किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि हर किसी के लिए यह स्वीकार करना बहुत अहम है कि संयुक्त अरब अमीरात, चीन और अमेरिका का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन बहुत अलग है। विकसित देशों में जलवायु और पर्यावरण के परिदृश्य भारत से बहुत अलग हैं। उन्होंने कहा, यूरोप में कई लोग चीन और भारत को एक ही लीग में रखते हैं। ऐसा करना कभी-कभी खाड़ी देशों को भी पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इन देशों की तुलना में भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन बहुत कम है।
बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में वैज्ञानिकों की एक वैश्विक टीम ने रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार, भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पिछले साल लगभग पांच प्रतिशत बढ़ा है। प्रति व्यक्ति 2 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के बावजूद अभी भी यह वैश्विक औसत के आधे से भी कम है। वैज्ञानिकों ने कहा कि अमेरिका प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन चार्ट में शीर्ष पर है। यहां देश का प्रत्येक व्यक्ति 14.9 टन CO2 उत्सर्जित करता है। अमेरिका के बाद रूस (11.4), जापान (8.5), चीन (8), और यूरोपीय संघ (6.2) हैं। वैश्विक कार्बन उत्सर्जन औसत 4.7 टन रहा।
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भारत की तरक्की दुनिया को दिखाना जरूरी : एस. जयशंकर

  • दुबई में भारतीय छात्रों और युवाओं से भारतीय विदेश मंत्री
दुबई। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दुबई में भारतीय छात्रों और युवा उद्यमियों और नौकरीपेशा लोगों से मुलाकात की। इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि विदेश में रहने वाले भारतीयों से अपील की कि वह दुनिया के सामने देश की तरक्की वाली तस्वीर पेश करें और दुनिया को बताएं कि भारत किस तरह से आगे बढ़ रहा है और क्या बदलाव हो रहे हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आज विकसित भारत संकल्प यात्रा को संबोधित करेंगे। इस पहल के जरिए देशवासियों को पिछले 10 सालों में हुई तरक्की के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्हें समझाया जाएगा कि देश ने क्या प्रगति की है। जब हम विकसित भारत की बात करते हैं तो हम नए भारत के बारे में बात करते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि जब भी आप ये सब नारे सुनते हैं तो हो सकता है कि आप इसके लाभार्थी ना हों, यह फायदे असल में उन लोगों को मिलेंगे जो इसके असल में जरूरतमंद हैं, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। यह पहलू है चंद्र मिशन, सबसे तेजी से 5जी तकनीक को भारत में लागू करना, कोवैक्सिन यह भी विकसित भारत बना रहे हैं।'
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पाकिस्‍तानी नसरुल्ला और अरविंद में से किसी एक को चुनने पर फंसी अंजू

  • गोलमाल करते हुए दिया ये जवाब...
इस्लामाबाद/नई दिल्ली राजस्थान की रहने वाली अंजू अपने पति अरविंद और दो बच्चों को छोड़कर इस साल जुलाई में पाकिस्तान चली गई थी। अंजू ने अरविंद के साथ रिश्ते ठीक ना होने और अलग रहने की बात कही थी। अंजू की फेसबुक पर पाकिस्तान के नसरुल्ला से दोस्ती हुई और वह उससे मिलने निकल गई। एक महीने के वीजा पर गई अंजू करीब साढ़े चार महीने पाकिस्तान में रही। इस दौरान नसरुल्ला के साथ उसकी शादी का सर्टिफिकेट भी सामने आ गया। जिससे पता चला कि अंजू ने इस्लाम धर्म अपनाते हुए अपना नाम फातिमा रख लिया है और नसरुल्ला से शादी कर ली है। अंजू अब भारत लौटी है तो एक बार फिर अरविंद और नसरुल्ला के बीच फंसी नजर आ रही है। ऐसे में उससे सवाल किया जा रहा है कि वह किसके साथ रहेगी।
अंजू से इंटरव्यू के दौरान सवाल किया गया कि अगर अरविंद तैयार हो जाता है तो क्या वह फिर से अरविंद और बच्चों के साथ रहने लगेगी। अंजू ने इस पर कहा कि उसे आगे क्या करना है और किसके साथ रहना है इसका फैसला बच्चों से बात करने के बाद ही फाइनल करेगी। अंजू ने सीधे जवाब ना देते हुए कहा कि अरविंद के चाहने से कुछ नहीं होता है, उससे मेरे रिश्ते पहले से ही खराब हैं। जरूरी ये है कि मैं और मेरे बच्चे क्या चाहते हैं। बच्चों के अरविंद की तरफ जाने की बात पर अंजू ने कहा कि वो अपने बच्चों को अच्छे से जानती है कि वो किसकी तरफ जाएंगे।
अंजू का इशारा-नसरुल्ला के साथ ही रहेगी-
अंजू ने बार-बार अपने बच्चों और शादी को निजी मसला बताया लेकिन इशारे में ये भी साफ कर दिया कि वह नसरुल्ला के साथ ही रहेगी। साथ ही इस बात का भी भरोसा अंजू को है कि उसके बच्चे नसरुल्ला के साथ रहने के लिए राजी हो जाएंगे। अंजू ने कहा कि वो इस समय नसरुल्ला को साथ नहीं लाई क्योंकि उनको कुछ पता नहीं था कि उसके साथ कैसा बर्ताव हो लेकिन आने वाले दिनों में नसरुल्ला भी भारत आएगा। अंजू ने कहा नसरुल्ला से उसकी लगातार बात हो रही है और जैसे ही वह भारत आएगा तो बच्चों के साथ बैठकर भविष्य पर फैसला लेंगे।
अंजू ने ये भी बताया है कि बच्चों के साथ उसकी बातचीत हुई है और बच्चों को उससे कोई नाराजगी नहीं है। अंजू का कहना है कि उसके पाकिस्तान जाने से बच्चे के साथ रिश्ते पर कोई असर नहीं हुआ है लेकिन अभी परिवार के दूसरे लोगों की बात उससे नहीं हो रही है। हालांकि बच्चों से भी उसकी बात सिर्फ फोन पर ही हुई है। अंजू के भारतीय पति अरविंद ने उसको अब तक बच्चों से मिलने नहीं दिया है। अरविंद का कहना है कि बच्चे अंजू से मिलना ही नहीं चाहते हैं लेकिन अंजू बार बार दोहरा रही है कि बच्चे उससे बात कर रहे हैं। उनको कोई शिकायत नहीं है। अंजू फिलहाल अपने भविष्य के सभी प्लान बच्चों के ऊपर डाल रही है। अंजू का कहना है कि बच्चों से बातचीत के बाद ही वह आगे का फैसला लेगी।
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इज़रायल की सेना ने गाजा में दर्जनों फ़िलिस्तीनियों को किया गिरफ़्तार

गाजा। इज़रायली बलों ने उत्तरी गाजा शहर बेइत लाहिया में एक ऑपरेशन में दर्जनों फिलिस्तीनियों को गिरफ्तार किया। एक फिलिस्तीनी अधिकारी ने यह जानकारी दी. फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों ने सिन्हुआ को बताया कि इजरायली बलों ने बेत लाहिया में एक आवासीय क्षेत्र पर हमले में इन लोगों को पकड़ लिया।
स्थानीय गवाहों ने बताया कि इजरायली सैनिकों ने पूछताछ के दौरान जानबूझकर बंदियों के कपड़े उतार दिए।
इज़रायली सेना ने यह भी स्वीकार किया कि उसने गाजा पर आक्रमण के दौरान दर्जनों फिलिस्तीनी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।
एक अन्य घटनाक्रम में, इजरायली सेना ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि गाजा पट्टी में सभी टोही अभियानों के लिए जिम्मेदार हमास के सैन्य खुफिया प्रमुख अब्देलअज़ीज़ अल-रेंटिसी को इजरायली आतंकवादियों ने मार डाला था।
हमास ने अभी तक इजराइल के दावों पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
7 अक्टूबर को इजराइल पर हमास के अचानक हमले के जवाब में इजराइल ने गाजा पट्टी में बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले किए.
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बगदाद के ग्रीन जोन में रॉकेट दागे गए : इराक सुरक्षा अधिकारी

एक इराकी सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को भोर में कम से कम तीन रॉकेटों ने बगदाद के ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास को निशाना बनाया, जो सरकारी और राजनयिक भवनों वाले जिले के बाहरी इलाके में गिरे।
एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एएफपी को बताया कि अलार्म बज गए थे और अमेरिकी दूतावास और यूनियन III बेस के पास “संभावित प्रभाव की आवाजें” सुनी जा सकती थीं, जहां अंतरराष्ट्रीय जिहादी विरोधी गठबंधन के सैनिक तैनात हैं।
अक्टूबर की शुरुआत में इज़राइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से इराकी राजधानी में संयुक्त राज्य दूतावास के खिलाफ यह पहला कथित हमला है, जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ गया है और व्यापक संघर्ष की आशंका है।
अक्टूबर के मध्य से इराक के साथ-साथ सीरिया में भी अमेरिकी या गठबंधन बलों के खिलाफ ईरान समर्थक समूहों द्वारा दर्जनों रॉकेट या ड्रोन हमले हुए हैं।
इस्लामिक स्टेट समूह के पुनरुत्थान को रोकने के प्रयासों के तहत इराक में लगभग 2,500 अमेरिकी सैनिक और सीरिया में लगभग 900 अमेरिकी सैनिक हैं।
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ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने अर्नोल्ड डिक्स के प्रयासों पर टिप्पणी की

शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई संसद को संबोधित करते हुए, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स के असाधारण योगदान की सराहना की, जबकि भारत के उत्तराखंड में एक ध्वस्त पहाड़ी सुरंग में फंसे 41 निर्माण श्रमिकों के सफल बचाव में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी। राज्य।
अल्बानीज़ ने प्रोफेसर डिक्स के लिए गहरी प्रशंसा व्यक्त की, जो इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं, उन्होंने ऐसी गंभीर परिस्थितियों से निपटने में उनकी विशेषज्ञता पर जोर दिया।
“मैं वास्तव में एक महान ऑस्ट्रेलियाई, प्रोफेसर अर्नोल्ड डिक्स और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और भारत में हमारे महान मित्रों के बीच संबंधों को एक बार फिर से बेहतर बनाने के लिए जो किया है, उसकी सराहना करता हूं। आज, उनके और भारतीय अधिकारियों के साथ उनकी कड़ी मेहनत के कारण, 41 लोग जीवित, सुरक्षित और स्वतंत्र हैं। यह एक असाधारण कहानी है। दो सप्ताह से अधिक समय से, दुनिया उत्तरी भारत में एक ध्वस्त पहाड़ी सुरंग में फंसे इन 41 निर्माण श्रमिकों की चपेट में है, “ऑस्ट्रेलियाई संसद में अल्बानीज़ ने कहा।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने प्रोफेसर डिक्स के दावे का हवाला देते हुए बचाव अभियान की सावधानीपूर्वक और खतरनाक प्रकृति पर प्रकाश डाला कि एक गलत कदम से इसमें शामिल सभी लोगों के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते थे। उन्होंने आगे कहा, “जैसा कि हम अच्छी तरह से जानते हैं, यह ऐसी कहानी है जिसका अंत अक्सर त्रासदी में होता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। और यहीं प्रोफेसर डिक्स आते हैं।”
अंतर्निहित जोखिमों के बावजूद, प्रोफेसर डिक्स और उनकी टीम ने लोगों की जान बचाने के लिए एक “श्रमसाध्य प्रक्रिया” शुरू की, इस मिशन को डिक्स ने अपने शानदार करियर में सबसे कठिन बताया। ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री ने प्रोफेसर डिक्स के असाधारण समर्पण को याद किया, जिन्हें उनकी पत्नी से एक संदेश मिला था जिसमें उनसे आगे न बढ़ने का आग्रह किया गया था, फिर भी उन्होंने उन लोगों की सहायता करने के लिए ढही हुई सुरंग में प्रवेश किया, जिनसे वे कभी नहीं मिले थे।
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'अंतरराष्ट्रीय आपराधिक समूहों की गतिविधियों को दबाने में कुछ देशों की मिलीभगत', यूएन में रुचिरा कंबोज

न्यूयॉर्क। भारत आतंकवाद के बढ़ते खतरों को रोकने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है। यह बात संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने गुरुवार को कही। इसके साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे देशों के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया, जो आतंकवादियों को पनाह देना जारी रखे हैं।
राष्ट्र की मिलीभगत पर बात करने की जरूरत-
'अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध, बढ़ती चुनौतियां और नए खतरे' विषय पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की चर्चा में कंबोज ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा, 'हमें अंतरराष्ट्रीय आपराधिक समूहों की गतिविधियों को दबाने में बढ़ती राजनीतिक या राष्ट्र की मिलीभगत पर बात करने की जरूरत है। कुछ देश आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह देना जारी रखे है। इन लोगों न केवल गंभीर अपराध किए हैं, बल्कि जालसाजी और विरोधी-राज्य की मुद्रा के प्रसार, सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए हथियारों, ड्रग्स और अन्य साधनों की आपूर्ति जैसे माध्यमों से अपने विरोधी-राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुंचाना जारी रखा है।'
देशों की कार्रवाई को जवाबदेह ठहराया जाना-
रुचिरा कंबोज ने कहा कि ऐसे देशों की कार्रवाई को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ट्रिलियन डॉलर का सवाल शांति सुनिश्चित करना है। उन्होंने पूछा कि क्या हमारे पास वर्तमान समय और समकालीन वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व करने वाला शांति बुनियादी ढांचा है? या 2023 नया 1945 है?
कंबोज ने यूएनएससी की खुली बहस में कहा, 'मैं आश्वस्त करती हूं कि भारत अंतरराष्ट्रीय समुदायों को मजबूत करने व संगठित अपराध और आतंकवाद के बढ़ते खतरों को रोकने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध है।'
तत्काल कार्रवाई की जरूरत-
पिछले साल नई दिल्ली में 90वीं इंटरपोल महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियों को याद करते हुए कंबोज ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सामूहिक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने आगे कहा कि कई देश आपराधिक और आर्थिक अपराधियों को आर्थिक नागरिकता देते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे देशों को यूएनएससी के संबंधित प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों को पूरा करना चाहिए।
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अमेरिका सेना ने ऑस्प्रे एयरक्राफ्ट की उड़ानों पर लगाई रोक

  • हालिया हादसों के बाद लिया फैसला
वॉशिंगटन अमेरिकी सेना ने बुधवार को एलान किया है कि उसने अपने ऑस्प्रे वी-22 हेलीकॉप्टर्स की पूरी फ्लीट को ग्राउडेंड रखने का फैसला किया है। इसका मतलब है कि ऑस्प्रे वी-22 हेलीकॉप्टर्स की उड़ानों पर रोक लगा दी है। बता दें कि एक हफ्ते पहले ही जापान के तट पर ऑस्प्रे एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया था, जिसमें एयर फोर्स ऑपरेशंस कमांड सर्विस के आठ सदस्यों की मौत हो गई थी।
जापान के तट पर हुए हादसे के बाद हुई जांच के बाद अमेरिका की सेना, वायुसेना और नौसेना ने ऑस्प्रे एयरक्राफ्ट की सैंकड़ों विमानों वाली फ्लीट की उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल जापान के तट पर हुए हादसे की जांच में पता चला है कि विमान में तकनीकी खराबी के चलते यह हादसा हुआ और इसमें क्रू सदस्यों की कोई गलती नहीं थी। बता दें कि हाल के समय में ऑस्प्रे विमान कई हादसों के शिकार हो चुके हैं, जिसके बाद इन विमानों में सेफ्टी को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। हादसों के बाद जापान ने भी अपने 14  ऑस्प्रे विमानों की फ्लीट की उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया है। 
बता दें कि ऑस्प्रे विमानों के क्रैश होने की जांच अभी भी चल रही है लेकिन तब तक अमेरिकी सेना ने एहतियातन इन विमानों की उड़ानों पर रोक लगा दी है। अमेरिकी वायुसेना ने कहा है कि ऑस्प्रे विमानों की उड़ान पर रोक कब तक लागू रहेगी, इसकी जानकारी नहीं है लेकिन हादसों की जांच पूरी होने और विमानों में  संभावित तकनीकी खामी को दूर करने के बाद ही विमानों के फिर से संचालन का फैसला किया जाएगा। 
20 महीनों में कई हादसों का शिकार हो चुके हैं ऑस्प्रे विमान-
ऑस्प्रे एयरक्राफ्ट एक हेलीकॉप्टर की तरह उड़ान भरने और लैंड करने में सक्षम है लेकिन इसकी खास बात ये है कि यह एक विमान की तरह उड़ान के दौरान ही इसके प्रोपेलर और क्रूज तेजी से रोटेट करने में सक्षम है। अमेरिकी एयरफोर्स के स्पेशल ऑपरेशन कमांड के पास 51 ऑस्प्रे एयरक्राफ्ट हैं। वहीं यूएस मरीन कॉर्प्स के पास 400 से ज्यादा और यूएस नेवी ऐसे 27 विमानों का संचालन करती है। बीते 20 महीनों में ऑस्प्रे के चार विमान क्रैश हुए हैं, जिनमें 20 लोगों की मौत हुई है। 
 
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अमेरिकी संसद में पाकिस्तान को लेकर प्रस्ताव पेश

  • दी नसीहत- कानून का शासन कायम रखें
वॉशिंगटन। अमेरिका की संसद में पाकिस्तान के मुद्दे पर एक प्रस्ताव पेश किया गया है। इस प्रस्ताव में पाकिस्तान को नसीहत दी गई है कि पाकिस्तान में लोकतांत्रिक व्यवस्था, मानवाधिकारों और कानून का शासन रहे। बता दें कि यह प्रस्ताव ऐसे वक्त आया है, जब पाकिस्तान में जल्द ही आम चुनाव होने हैं। दरअसल पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टी पीटीआई का आरोप है कि उसे आम चुनाव में अन्य राजनीतिक पार्टियों के बराबर मौके नहीं दिए जा रहे हैं और उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश हो रही है।
प्रस्ताव में की गई ये मांग-
अमेरिका के सांसद मिच मैक्कॉर्मिक और सांसद डैन किल्डी ने यह प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में पाकिस्तान में लोकतंत्र का समर्थन किया गया है और साथ ही ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान के लोगों की इच्छा है कि मुक्त और निष्पक्ष चुनाव हो। इस प्रस्ताव में कहा गया है कि राष्ट्रपति बाइडन और विदेश मंत्री ब्लिंकन पाकिस्तान की सरकार के साथ मिलकर काम करें ताकि लोकतंत्र का शासन, कानून का शासन और प्रेस की स्वतंत्रता पाकिस्तान में सुनिश्चित हो सके। 
यह प्रस्ताव विदेश मामलों की समिति के पास भेजा गया है। प्रस्ताव में इस बात की भी निंदा की गई है कि पाकिस्तान के लोगों के लोकतंत्र में सहभाोगिता को दबाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उनका शोषण, डराया धमकाया जा रहा है। साथ ही पाकिस्तान में राजनीतिक, चुनावी और न्यायिक प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश की भी निंदा की गई है। बता दें कि पाकिस्तान में आगामी 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। 
 
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एपी अफ़्रीकी अमेरिकी अध्ययन पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया

एडवांस्ड प्लेसमेंट अफ्रीकन अमेरिकन स्टडीज पाठ्यक्रम जिसने कुछ रूढ़िवादी सांसदों के बीच विवाद को जन्म दिया था, उसे संशोधित किया गया है और बुधवार को कॉलेज बोर्ड द्वारा जारी किया गया। अद्यतन पाठ्यक्रम अब 2024-25 स्कूल वर्ष में लॉन्च करने के लिए तैयार है।
एडवांस्ड प्लेसमेंट प्रोग्राम में अफ्रीकन अमेरिकन स्टडीज के वरिष्ठ निदेशक और प्रोग्राम मैनेजर ब्रांडी वाटर्स ने एक बयान में कहा, “यह वह कोर्स है जो मैं चाहता था कि मैंने हाई स्कूल में किया होता।”
कॉलेज बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम को कई बार संशोधित किया क्योंकि यह कार्यक्रम स्कूलों में चलाया जा रहा था, और इस साल अप्रैल में पाठ्यक्रम में अंतिम बदलाव करने के लिए “क्षेत्र के भीतर आवाजों की विविधता को सुनने” का फैसला किया।
जब बुधवार को पूछा गया कि क्या ये संशोधन कुछ राज्य नेताओं की ओर से पाठ्यक्रम की आलोचना से प्रभावित हुए हैं, तो वाटर्स ने एबीसी न्यूज को बताया: “हम आशा करेंगे कि इस पाठ्यक्रम को लेने में रुचि रखने वाले प्रत्येक छात्र के पास इसका उपयोग हो। हम वास्तव में अनुमान नहीं लगा सकते कि क्या होगा कोई भी राज्य ऐसा करेगा।”
पाठ्यक्रम ने शुरू में “बहुत अधिक आवश्यक सामग्री को वैकल्पिक” के रूप में प्रस्तुत किया था, और संशोधन प्रक्रिया “क्षेत्र से इन मूलभूत दृष्टिकोणों को और भी अधिक” लेकर आई।
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रूसी सांसदों ने 17 मार्च 2024 को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान निर्धारित किया

रूसी सांसदों ने गुरुवार को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की तारीख 17 मार्च तय की, जिससे व्लादिमीर पुतिन कार्यालय में पांचवें कार्यकाल के करीब पहुंच गए।
71 वर्षीय पुतिन ने अभी तक फिर से चुनाव लड़ने के अपने इरादे की घोषणा नहीं की है, लेकिन तारीख तय हो जाने के बाद अब आने वाले दिनों में उनके ऐसा करने की व्यापक उम्मीद है।
उनके द्वारा किए गए संवैधानिक सुधारों के तहत, वह अपने वर्तमान कार्यकाल के अगले वर्ष समाप्त होने के बाद छह साल के दो और कार्यकाल मांगने के पात्र हैं।
रूस की राजनीतिक व्यवस्था पर कड़ा नियंत्रण स्थापित करने के बाद पुतिन की जीत लगभग तय है। प्रमुख आलोचक जो उन्हें मतपत्र पर चुनौती दे सकते थे, वे या तो जेल में हैं या विदेश में रह रहे हैं, और अधिकांश स्वतंत्र मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
ऐसा प्रतीत होता है कि न तो यूक्रेन में महंगा, लंबा सैन्य अभियान, और न ही पिछली गर्मियों में भाड़े के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन के असफल विद्रोह ने स्वतंत्र सर्वेक्षणकर्ताओं द्वारा रिपोर्ट की गई उनकी उच्च अनुमोदन रेटिंग को प्रभावित किया है।
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लियोनेल मेस्सी को ‘टाइम’ का वर्ष 2023 का एथलीट चुना गया

लंदन। अर्जेंटीना के कप्तान लियोनेल मेस्सी को रिकॉर्ड आठवीं बार बैलन डी’ओर जीतने और इंटर मियामी में अपने कदम के साथ अमेरिका में खेल की प्रोफ़ाइल को ऊंचा करने के बाद 2023 के लिए टाइम पत्रिका का एथलीट ऑफ द ईयर नामित किया गया है।
मेसी ने पिछले साल दिसंबर में फाइनल में गत चैंपियन फ्रांस को हराकर अर्जेंटीना को 36 साल में पहला विश्व कप खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
36 वर्षीय खिलाड़ी ने जब इस साल की शुरुआत में पेरिस सेंट जर्मेन छोड़ा था, तब उनके पास प्रस्तावों की कोई कमी नहीं थी और उन्होंने अपनी पूर्व टीम बार्सिलोना से जुड़े होने और सऊदी पक्ष अल-हिलाल में बड़ी रकम के साथ जुड़ने के बावजूद मेजर लीग सॉकर के इंटर मियामी के लिए साइन करना चुना। .
मेसी ने टाइम को बताया, “सच्चाई यह है कि सौभाग्य से, मेरे पास मेज पर कई विकल्प थे जो दिलचस्प थे, और मियामी आने का अंतिम निर्णय लेने से पहले मुझे उनका विश्लेषण करना पड़ा और सोचना पड़ा, यहां तक कि अपने परिवार के साथ उनका वजन भी करना पड़ा।”
मेस्सी ने मियामी में तत्काल प्रभाव डाला, सात लीग कप मैचों में 10 गोल किए और उन्हें टूर्नामेंट में जीत के लिए प्रेरित किया, जिसमें एमएलएस टीमों के साथ-साथ मैक्सिको की टीमें भी शामिल थीं। अमेरिका में अर्जेंटीना के आगमन ने भी पिच पर हलचल मचा दी, जिससे उन्हें खेलते हुए देखने के लिए मैच की तारीखों और टिकटों की खोज में भारी वृद्धि हुई है, साथ ही प्रशंसक उनकी आधिकारिक गुलाबी इंटर मियामी शर्ट भी खरीद रहे हैं।
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चीनी वैज्ञानिकों ने विकसित किया नया जीन एडिटिंग जैब

बीजिंग। चीन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने एक नया जीन एडिटिंग शॉट विकसित किया है जो चूहों में ऑटिज्म के लक्षणों का ‘उलटा’ अध्ययन करेगा।
ऑटिज्म, जिसे औपचारिक रूप से ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एएसडी) या ऑटिज्म स्पेक्ट्रम कंडीशन (एएससी) कहा जाता है, एक न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है जो सामाजिक संचार और सामाजिक संपर्क में कमी और व्यवहार, रुचियों या गतिविधियों के दोहराव या प्रतिबंधित पैटर्न की विशेषता है।
एएसडी को मुख्य रूप से MEF2C जीन में उत्परिवर्तन से जोड़ा गया है- ऐसी त्रुटियां जो मस्तिष्क में महत्वपूर्ण विकास प्रक्रियाओं में समस्याएं पैदा करती हैं।
शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और शंघाई में फुडन यूनिवर्सिटी की टीम ने MEF2C जीन में उत्परिवर्तन के साथ चूहों का निर्माण किया।
नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि MEF2C जीन में उत्परिवर्तन के कारण विकासात्मक कमी, भाषण समस्याएं, दोहराव वाले व्यवहार और मिर्गी-ऑटिज़्म से जुड़े लक्षण होते हैं। अध्ययन से पता चला कि आनुवंशिक विशेषता वाले जिन चूहों को टीका दिया गया, उनकी व्यवहारिक और सामाजिक समस्याएं पूरी तरह से उलट गईं।
इसके अलावा, अध्ययन से पता चला कि जिन नर चूहों में उत्परिवर्तन हुआ, उनके मस्तिष्क में MEF2C प्रोटीन का स्तर कम पाया गया, और उनमें ऐसे लक्षण थे जो एएसडी जैसी सक्रियता, सामाजिक संपर्क में समस्याएं और दोहराव वाले व्यवहार की नकल करते थे।
जीन संपादन प्रणाली को एडेनो-जुड़े वायरस वेक्टर के माध्यम से चूहों के मस्तिष्क में पहुंचाया गया – जो रक्त-मस्तिष्क बाधा से गुजरने में सक्षम था।
शोधकर्ताओं ने कहा, “इस उपचार ने मस्तिष्क के कई क्षेत्रों में MEF2C प्रोटीन के स्तर को सफलतापूर्वक बहाल कर दिया और MEF2C-उत्परिवर्ती चूहों में व्यवहार संबंधी असामान्यताओं को उलट दिया।”
जबकि अध्ययन चूहों पर केंद्रित था, यह सुझाव देता है कि शॉट का उपयोग एक दिन ‘संभवतः’ ऑटिज्म से पीड़ित मनुष्यों की मदद के लिए किया जा सकता है। टीम ने कहा, “हमारा काम इन विवो बेस-एडिटिंग प्रतिमान प्रस्तुत करता है जो मस्तिष्क में एकल-बेस आनुवंशिक उत्परिवर्तन को संभावित रूप से ठीक कर सकता है।”
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UK PM ने की ‘रेडिकल एक्शन’ की घोषणा

लंदन। यूनाइटेड किंगडम के प्रधान मंत्री, ऋषि सनक ने कुशल नौकरी में अर्जित न्यूनतम वेतन को एक तिहाई बढ़ाकर कानूनी रूप से आने वाले प्रवासियों की संख्या को कम करने की योजना की घोषणा की है। रिकॉर्ड शुद्ध प्रवासन आंकड़ों से निपटने के लिए पीएम को अपनी पार्टी के दबाव का सामना करने के बाद यह घोषणा की गई थी।
सरकार विदेशी कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन सीमा 26,200 पाउंड के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 38,700 पाउंड कर रही है। हालाँकि, स्वास्थ्य और सामाजिक कार्यकर्ताओं को इस उपाय से छूट दी गई है।
“आव्रजन बहुत अधिक है। आज हम इसे नीचे लाने के लिए कट्टरपंथी कार्रवाई कर रहे हैं, ”पीएम सुनक ने कहा।
“हमने अभी शुद्ध प्रवासन में अब तक की सबसे बड़ी कटौती की घोषणा की है। इतिहास में पहले किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया. लेकिन शुद्ध प्रवासन का स्तर बहुत ऊंचा है और इसे बदलना होगा। मैं इसे करने के लिए प्रतिबद्ध हूं,” पीएम ऋषि सुनक ने आगे कहा।
ऋषि सुनक ने यह कदम तब उठाया जब उनकी अपनी ही पार्टी ने अगले साल होने वाले चुनाव से पहले उनके रिकॉर्ड की आलोचना की, क्योंकि ओपिनियन पोल में लेबर पार्टी आगे चल रही है।
यूके में वार्षिक शुद्ध प्रवासन 2022 में 745,000 के रिकॉर्ड पर पहुंच गया। यूके में अधिकांश प्रवासी यूरोपीय संघ (ईयू) के बजाय भारत, नाइजीरिया और चीन से आते हैं।
सुनक सरकार ने विदेशी स्वास्थ्य कर्मियों को अपने परिवार के सदस्यों को वीजा पर लाने से रोकने के लिए अन्य उपाय भी पेश किए।
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हाफिज सईद के करीबी की कराची में गोली मारकर हत्या

  • 2015 उधमपुर आतंकी हमले का था मास्टरमाइंड
कराची। भारत के एक और वांटेड आतंकी की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। 2015 में जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) के काफिले पर हमले की साजिश रचने वाले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के आतंकवादी हंजला अदनान को कराची में अज्ञात बंदूकधारियों ने मार डाला।
आतंकवादी हंजला अदनान, 26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लश्कर प्रमुख हाफिज सईद का करीबी था। जानकारी के मुताबिक, अदनान को 2 और 3 दिसंबर की रात को उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी को पाकिस्तानी सेना गुप्त रूप से कराची के एक अस्पताल में ले गई। 5 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। हाल ही में हंजला अदनान ने अपना ऑपरेशन बेस रावलपिंडी से कराची ट्रांसफर किया था।
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नेतन्याहू ने इजरायली महिलाओं के खिलाफ हमास की यौन हिंसा पर वैश्विक चुप्पी की आलोचना की

इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दक्षिणी इज़राइल में 7 अक्टूबर के हमास हमले के दौरान इज़राइली महिलाओं पर क्रूर बलात्कार और यौन उत्पीड़न पर अपनी चुप्पी पर संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार समूहों और विश्व स्तर पर महिला अधिकार समूहों की आलोचना की।
मंगलवार देर रात एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इजराइल के प्रधानमंत्री ने मानवाधिकार संगठनों, महिला अधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र से पूछा कि क्या वे इसलिए चुप रहे क्योंकि यौन शोषण, बलात्कार और अंग-भंग करने वाली महिलाएं यहूदी महिलाएं थीं।
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि उन्होंने गाजा में महिला बंधकों के साथ दुर्व्यवहार की भयानक कहानियां सुनी हैं, और उन्होंने कहा कि हमास की कैद में बंधकों द्वारा झेले गए भयानक क्षणों को सुनने के बाद वह प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, “मैं सभी सभ्य नेताओं, सरकारों और राष्ट्रों से आग्रह करता हूं कि वे इजरायली महिलाओं पर इन अत्याचारों के खिलाफ बोलें।”
इज़राइल के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आईडीएफ दक्षिण गाजा में आगे बढ़ रहा है और कहा कि आने वाले दिनों में हमास को गोलाबारी का स्वाद और अधिक मिलेगा।

 

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G7 को दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया जैसी लोकतांत्रिक आर्थिक शक्तियों के समर्थन की आवश्यकता : FM

सियोल के शीर्ष राजनयिक ने बुधवार को दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे लोकतांत्रिक और उन्नत देशों से जी7 आर्थिक शक्तियों का समर्थन और सहयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
विदेश मंत्री पार्क जिन ने पूर्वोत्तर एशिया में विशेषज्ञता रखने वाले एक स्वतंत्र थिंक-टैंक एनईएआर फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में यह टिप्पणी की, जिसमें “उन्नत लोकतांत्रिक देशों” से अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया गया ताकि अंतर्राष्ट्रीय समाज स्वतंत्रता, लोकतंत्र की राह पर आगे बढ़े। और अन्य सार्वभौमिक मूल्य।
उन्होंने कहा, “अपने लॉन्च के बाद से, यूं सुक येओल सरकार ने उन्नत जी7 देशों के बराबर अपनी स्थिति और शक्ति के मामले में दुनिया के आठवें देश के रूप में अपनी अंतरराष्ट्रीय भूमिका और जिम्मेदारी का विस्तार किया है।”
उन्होंने कहा, “जी7 को दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की भागीदारी और समर्थन की आवश्यकता है, जिन्होंने ईमानदारी से लोकतंत्र को पूरा किया है और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में विकसित हुए हैं।”
योनहाप समाचार एजेंसी ने बताया कि जी7 में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल हैं।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दक्षिण कोरिया दुनिया भर में विकसित और विकासशील देशों के बीच एक “पुल” देश के रूप में आदर्श स्थिति में है।
उन्होंने कहा, “दक्षिण कोरिया ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ के साथ-साथ ग्लोबल ईस्ट और ग्लोबल वेस्ट के बीच एक पुल की भूमिका निभाने के लिए आदर्श स्थिति में है।”
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कृत्रिम रोशनियाँ पक्षियों को मौत की ओर ले जा रही हैं : अध्ययन

न्यूयॉर्क। एक नए अध्ययन से पता चला है कि शहरों में कृत्रिम रोशनी प्रवासी पक्षियों को आकर्षित कर रही है और उनकी मौत का खतरा पैदा कर रही है। अक्टूबर में शिकागो में एक रोशन कांच की इमारत से टकराने पर लगभग 1,000 पक्षी मारे गए। हालांकि नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, इस परिमाण की सामूहिक मौतें दुर्लभ हैं, लेकिन प्रकाश प्रदूषण प्रवासी पक्षियों के लिए एक गंभीर और बढ़ता हुआ- खतरा पैदा करता है।
वैज्ञानिकों ने अमेरिका में पक्षियों के रुकने के घनत्व को मैप करने के लिए मौसम रडार डेटा का उपयोग किया और पाया कि कृत्रिम प्रकाश इस बात का एक शीर्ष संकेतक है कि पक्षी कहाँ उतरेंगे।
कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर और मुख्य लेखक काइल हॉर्टन ने कहा, “शहर की रोशनी पक्षियों को पारिस्थितिक जाल में फंसाती है।”
ऐसी इमारतें जो टकराव का कारण बनती हैं, कम निवास स्थान, कम भोजन, और अधिक लोग और बिल्लियाँ शहरों को प्रवासी पक्षियों के लिए आदर्श विश्राम स्थल से कम बना सकती हैं।
“ये रुकने वाले स्थान ईंधन स्टेशन हैं। यदि आप एक क्रॉस-कंट्री यात्रा पर हैं और कोई ईंधन स्टेशन नहीं है, तो आप फंसे हुए हैं। यदि उनके पास ऊर्जा आपूर्ति के पुनर्निर्माण के लिए एक अच्छा स्थान नहीं है, तो प्रवासन हो सकता है’ ऐसा होता है,” हॉर्टन ने कहा।
यह अध्ययन निकटवर्ती अमेरिका में माइग्रेशन स्टॉपओवर हॉटस्पॉट के पहले महाद्वीप-व्यापी मानचित्र प्रदान करता है, और इन व्यापक पैमाने पर लेओवर पैटर्न को जानने से संरक्षण योजनाओं के विकास में मदद मिल सकती है।
“शहर प्रवासी पक्षियों के लिए कई जोखिम पैदा करते हैं। वे थके हुए पक्षियों को आराम करने और ईंधन भरने के लिए संसाधन भी प्रदान करते हैं। हमारा अध्ययन इस मायने में उल्लेखनीय है कि यह मौसम निगरानी रडार नेटवर्क से बड़े डेटा – और बहुत सारे प्रसंस्करण – को कई स्रोतों से बड़े डेटा के साथ जोड़ता है। सह-लेखक और मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ज्योफ हेनेब्री ने बताया, “अंतरिक्ष-जनित सेंसर पक्षियों के प्रवास पर शहरी क्षेत्रों के प्रभाव से संबंधित प्रमुख प्रश्नों का समाधान करेंगे।”
रोशनी चालू रखने के लिए सामाजिक दबाव हो सकता है, और कुछ लोगों को वे सौंदर्य की दृष्टि से सुखद लगते हैं। लेकिन प्रकाश प्रदूषण लोगों को नुकसान भी पहुंचाता है। यह मनुष्यों की सर्कैडियन लय को बाधित कर सकता है, जिससे अवसाद, अनिद्रा, हृदय रोग और कैंसर सहित स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
हॉर्टन ने कहा, “हम अक्सर प्रकाश के बारे में प्रदूषक के रूप में नहीं सोचते हैं, लेकिन यह प्रदूषण के सभी पहलुओं की जांच करता है।”पक्षियों के प्रवास की आदतों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता उन्हें प्रकाश प्रदूषण से बचाने में मदद करने के लिए एक अच्छी शुरुआत होगी।
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