पनिका जाति को अनुसूचित जनजाति में जोड़ने के लिए समाज हुआ लामबंद
रायपुर@झूठा-सच:- प्रदेश के पनिका समाज के समस्त जिलास्तर के पदाधिकारीयों ने सामाजिक जनों का विकास, उत्थान व प्रगति को बढ़ावा देने के लिए और अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किये जाने के लिए मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. समाज के सचिव प्रकाश साकत ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं किसी भी जाति में फेरबदल अथवा हटाने का अधिकार भारतीय संसद को होता है। ऐसी विसंगति की वजह से प्रदेश की लाखों बेटियां जो मध्यप्रदेश से शिक्षा प्राप्त कर छत्तीसगढ़ राज्य में ब्याही जाती हैं व छत्तीसगढ़ की बेटियां मध्यप्रदेश में विवाह होकर जाती हैं। तब उनके जाति संबंधित प्रकरणों में अनेक तरह की कठिनाइयों का उन्हें सामना करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ पनिका समाज की यह मांग है कि वर्ष 1971 के पहले जिसे 8 दिसम्बर 1971 के बाद से अनुसूचित जनजाति की श्रेणी से हटाकर पिछड़ा वर्ग में जोड़ दिया गया है, जिसे अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में बहाल करने के लिए विधानसभा में विशेष प्रस्ताव लाकर उसे सर्वसम्मति से पारित कर केन्द्र सरकार को अतिशीघ्र भेजने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में पनिका समाज के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश, प्रदेश सचिव प्रकाश मानिकपुरी, मोनु साकत, सुरज साकत, इंद्रपाल पड़वार, लखन साकत, बलराम साकत, तीरथ पनेरिया, राजकुमार साकत, रामजी साकत, धनिराम साकत, रामप्रसाद पनिका, माया साकत, पुष्पा मोंगरे, प्रेमलता साकत, ताराबाई परेवा, सागर साकत, सुनिता साकत, गिरजा साकत, पुजा साकत, आरती साकत, भूमि साकत, अनिता सोनवानी आदि शामिल रहे।