रायपुर (झूठा-सच) : छत्तीसगढ़ में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत करवट लेने जा रही है इसमें भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सात बार के सांसद एवं महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैंस को एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में उतारने की तैयारी कर ली गई है क्योंकि भाजपा हर हर हाल में सत्ता में वापसी की कवायद में जुटी हुई है इस कवायद को अंजाम तक पहुंचाने के लिए संघ की महत्वपूर्ण भूमिका होने जा रही है वहीं दूसरी तरफ यह भी चर्चा है और विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि आज भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ के कई वरिष्ठ एवं शीर्षस्थ नेताओं को दिल्ली तलब किया गया था और उनकी लंबी चर्चा हुई है इस चर्चा में काफी महत्वपूर्ण बातों में छत्तीसगढ़ की वर्तमान स्थिति पर भी बातचीत हुई है ऐसा जानकारी में आ रहा है कि जिन नेताओं से चर्चा की गई है उनमें छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव डॉ रमन सिंह सरोज पांडे एक साथ कई प्रमुख नेता शामिल हैं जिन्हें चर्चा के लिए बुलाया गया था
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन से नाखुश है और इस बार कई दिग्गजों के टिकट काट दिए जाने की संख्या भी भारतीय जनता पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने स्पष्ट रूप से संकेत में दे दिए हैं ऐसे में कई उलटफेर के साथ भारतीय जनता पार्टी 2023 के चुनाव में उतरने की तैयारी शुरू कर दी है इसमें ऐसा कहा जा रहा है और विश्वस्त सूत्रों से भी जानकारी मिली है कि झारखंड त्रिपुरा और अब वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश भैंस को छत्तीसगढ़ की सक्रिय राजनीति में उतारकर चुनाव लड़ा जाएगा यह संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी वह किसी भी हालत में छत्तीसगढ़ की सत्ता में वापस लाना है संघ ने भी ऐसे संकेत दिए थे कि ऐसे नेताओं को फिर से सक्रिय किया जाए जो छत्तीसगढ़ में वापसी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं लिहाजा महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से मुक्त कर केंद्र केंद्रीय नेतृत्व राज्यपाल रमेश भैस को छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी की इकाई में प्रमुख पद देकर सक्रिय कर सकती है इस दृष्टि से यह चुनाव और भी दिलचस्प हो जाएगा जब रमेश बैस चुनावी गतिविधियों में तेजी से सक्रिय होंगे फिलहाल यह जानकारी मिली है कि केंद्रीय नेतृत्व ने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को तलब किया है और विस्तार से बातचीत की है सात बार के सांसद की लोकप्रियता भी छत्तीसगढ़ की कई सुदूर ग्रामीण अंचलों में रही है और नेताओं में भी अच्छी धमक मानी जाती है इस दृष्टि से रमेश बैंस काफी महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि जातिगत समीकरण की दृष्टि से भी राज्यपाल का कद काफी ऊंचा है और कई वरिष्ठ नेताओं में मजबूती से शिक्षा देने के लिए पर्याप्त होंगे क्योंकि चुनाव में पूरी ताकत से भाजपा ने रोक दिया है ऐसे में कई पुराने नेताओं को भी एकजुट करने की जरूरत है जिसमें राज्यपाल की भूमिका काफी इंपॉर्टेंट हो जाएगी पिछले दिनों मीडिया से चर्चा में विहि प प्रमुख रमेश भाई मोदी ने भी यह कह दिया था कि भाजपा छत्तीसगढ़ में वापसी कर सकती है 40 से 50 सीटों में भाजपा की वापसी निश्चित है क्योंकि संघ इस बार तेजी से कार्य कर रहा है साथी कार्यकर्ताओं को भी एकजुटता के साथ कार्य करने के पश्चात संकेत दे दिए गए हैं