VIDEO मुहर्रम : दो सदी से ताजियों का गवाह रहा है मोमीनपारा
20-Aug-2021 3:35:31 pm
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- शायरों की गली मोमीनपारा में सजता है ताजिया
- मुहर्रम शब्द "निषिद्ध " का प्रतिक हैं
- पुरानी बस्ती के बाद दूसरी पुरानी बस्तियों में से एक मोमीनपारा
झूठा-सच @वर्षा यादव. आज राजधानी रायपुर समेत देश में मुहर्रम मनाया जा रहा है। शहर के अलग-अलग हिस्सों से शिया समुदाय रंगबिरंगी लाइट से सजी तजियाओं का जुलुस निकालेंगे.बता दे इस साल मुहर्रम का इस्लामिक महीना 10 अगस्त से शुरू हुआ था। वहीँ आज मुहर्रम के दसवे दिन को अशुरा कहा जाता है। यह एक ऐसा इस्लामिक त्यौहार हैं जिसे मुस्लिम समाज के विशेषकर शिया समुदाय मातम के रूप में मनाते है. मुहर्रम में ताजिया का विशेष महत्व रहता है ये ताजिया हजरत इमाम हुसैन समेत कर्बला के 72 शहीदों की शाहदत को याद करते हुए मातमी जुलुस के साथ कर्बला ले जाया जाता है।
वहीँ राजधानी रायपुर की सबसे पुरानी गली मोमिनपारा को शायरों की गली भी कहा जाता हैं वहां पिछले दो दशकों से मुहर्रम में ताजियादारी की जाती हैं.इतना ही नहीं ताजिया बनाने की तैयारी रमजान के बाद शुरू कर दी जाती है। ताजिया बांस की लकड़ी ,थर्माकोल और रंग-बिरंगे कागज से सजाकर बनाया जाता है. वही मुहर्रम की दसवे तारीख को जौहर की नमाज के बाद शिया समुदाय ताजियादारी और मातमी जुलुस निकालकर करबालापारा की ओऱ बढ़ते हैं. वही सुन्नी समुदाय इस दिन रोजा रख इस दिन को हज़रत इमाम हुसैन की इबादत में बिताते हैं और....@देखिये पूरी खबर @झूठा-सच के युट्यूब चैनल में