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जिला व सत्र न्यायाधीश के सड़क हादसे में मौत, हत्या या दुर्घटना जांच में जुटी पुलिस...पढ़े पूरी खबर

 धनबाद :-  जिला व सत्र न्यायाधीश-8  उत्तम आनंद (52 वर्ष) को रणधीर वर्मा चौके के पास बुधवार की सुबह 5 बजे एक ऑटो चालक ने जान-बूझकर टक्कर मार दी. इससे मौके पर ही उनकी मौत हो गयी. न्यायाधीश रंजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे. उन्होंने कुछ दिनों पहले मामले के एक आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की थी. इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि न्यायाधीश की हत्या की गयी है. पुलिस मामले में हत्या या दुर्घटना की प्राथमिकी दर्ज करे, इसको लेकर उलझन में है.न्यायाधीश हर दिन तरह बुधवार को भी माॅर्निंग वॉक पर निकले थे. रणधीर वर्मा चौक के पास पीछे से जा रहे ऑटो ने उन्हें टक्कर मार दी. इससे वह सड़क पर गिर पड़े. वहां से गुजर रहे लोगों ने आनन-फानन में उन्हें शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) पहुंचाया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सुबह 7 बजे तक जब वह घर नहीं पहुंचे, तो उनके परिवार वालों ने खोज शुरू की. इसके बाद पता चला कि सड़क दुर्घटना के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां उनकी मौत हो गयी है. दुर्घटना की सूचना पर जिला के लगभग सभीधनबंद न्यायिक पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे. न्यायाधीश उत्तम आनंद ने 6 माह पूर्व ही धनबाद में योगदान दिया था. इससे पहले वह बोकारो जिला में पदास्थापित थे.

 

 


जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत हादसा है या हत्या इसको लेकर पुलिस उलझन में है. CCTV की जांच में साफ-साफ नजर आ रहा है कि न्यायाधीश रणधीर वर्मा चौक की ओर से हीरापुर सब स्टेशन की ओर आ रहे थे. वह सड़क के किनारे जॉगिंग कर रहे थे. उसी वक्त पीछे से आ रहा एक ऑटो बीच सड़क से हटकर किनारे न्यायाधीश की तरफ आया और पीछे से उन्हें टक्कर मार कर सीधा रास्ता पकड़ कर पुलिस लाइन की ओर भाग निकला दिवगंत न्यायाधीश उत्तम आनंद रंजय सिंह हत्याकांड की सुनवाई कर रहे थे. रंजय सिंह पूर्व झरिया विधायक संजीव सिंह के करीबी थे. इस मामले में अप्राथमिक अभियुक्त झरिया विधायक पूर्णिमा सिंह के देवर हर्ष सिंह हैं. इसके अलावा उन्होंने कुछ दिन पूर्व होटवार जेल में बंद अमन सिंह के गुर्गे रवि ठाकुर और अभिनव सिंह की जमानत याचिका खारिज की थी |
 

 

 

 

 

 

 

 

 

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