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मनीषा कायंदे ने गिनाए "एक देश, एक चुनाव" के फायदे

मुंबई। शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने शुक्रवार को 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि 'एक देश, एक चुनाव' को लागू करने से समय और संसाधन दोनों की बचत होगी। उन्होंने कहा, “देश में "एक राष्ट्र, एक चुनाव" का विचार अब एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बन चुका है। जब से केंद्रीय कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। यह विचार देश की चुनाव प्रक्रिया को सरल और खर्च में कमी करने का प्रयास करता है। भारत जैसे बड़े देश में आए दिन कोई न कोई चुनाव होते रहते हैं। इन चुनावों के कारण आचार संहिता लागू होती है, जिससे काम में रुकावट आती है। जनता और सरकारी तंत्र पर वित्तीय बोझ भी पड़ता है। अगर इस प्रस्ताव को लागू किया जाता है, तो चुनावी प्रक्रिया को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकेगा, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी।”
उन्होंने कहा, “विपक्ष इस कदम का विरोध कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार हर मुद्दे पर सदन में चर्चा नहीं होने देती और सरकार के कदमों के खिलाफ प्रदर्शन करती है, जबकि उन्हें जनता के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। विपक्ष का यह भी कहना है कि "इंडिया ब्लॉक" के गठन का मूल उद्देश्य केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराना था। लेकिन, अब यह गठबंधन अपने अंदर नेतृत्व संकट का सामना कर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “ "इंडिया ब्लॉक" विभिन्न दलों का एक अस्थिर गठबंधन है, जो मोदी सरकार को चुनौती देने के मकसद से एकजुट हुआ था। हालांकि, अब गठबंधन के सदस्य आपस में मतभेदों का सामना कर रहे हैं, खासकर नेतृत्व के मुद्दे पर। ममता बनर्जी और शरद पवार जैसे नेता इस गठबंधन की अगुवाई करने के लिए तैयार हैं। लेकिन, सवाल यह उठता है कि क्या इस गठबंधन का कोई ठोस और स्थिर नेतृत्व हो सकता है। कांग्रेस मौजूदा समय में राहुल गांधी की कमजोर छवि की वजह से नेतत्व संकट का सामना कर रही है।”
उन्होंने लोकसभा में संविधान पर हो रही चर्चा को लेकर कहा, “संविधान पर हो रही चर्चा को लेकर भी विपक्ष सरकार पर सवाल उठा रहा है।”

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