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आज विश्व के महान तबला वादक कांठे महाराज की जयंती

रायपुर:- भारत के प्रसिद्ध तबला वादकों में से एक कांठे महाराज की जयंती रविवार को है। वे विख्यात तबला वादक किशन महाराज के चाचा थे। कांठे महाराज का सम्बंध भारत के संगीत घरानों में से एक बनारस घराने से था। गौरतलब है कि कांठे महाराज का जन्म सन 1880 में कबीर चौराहा मोहल्ले, वाराणसी में हुआ था। पिता पंडित दिलीप मिश्र भी जाने-माने तबला वादक थे। इनकी आरंभिक संगीत शिक्षा बलदेव सहायजी से आरंभ हुई। कांठे महाराज को प्रथम संगीतज्ञ माना जाता है, जिन्होंने तबला वादन द्वारा स्तुति प्रस्तुत की थी। किशन महाराज का जन्म वर्ष 1923 में एक ऐसे परिवार में हुआ, जहाँ संगीत साधना परंपरा की थी।

 
बचपन में उन्होंने अपने पिता पंडित हरि महाराज से ही शास्त्रीय संगीत के गुर सीखे थे। अपने पिता के निधन के बाद उन्हें पारंगत बनाने की ज़िम्मेदारी उनके चाचा पंडित कांठे महाराज ने संभाली। लगभग 70 वर्ष तक कांठे महाराज ने सभी विख्यात गायकों एवं नर्तकों को अपने तबले पर संगति दी। सन 1954 में उन्होंने ढाई घंटे लगातार तबला बजाने का विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था। कांठे महाराज को सभी शैलियों में तबला वादन पर महारत प्राप्त थी, किंतु उनकी विशेषता बनारस बाज में थी। सन 1961 में कांठे महाराज को संगीत नाटक अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया।

 

 

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