हिंदुस्तान

बड़ा हादसा टला : हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिंग, सभी यात्री सुरक्षित

रुद्रप्रयाग केदारनाथ यात्रा रूट पर एक और बड़ा हादसा टल गया जब एक हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण सिरसी हेलीपैड से उड़ान भरते ही सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। यह हेलीकॉप्टर क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का था, जो यात्रियों को लेकर केदारनाथ की ओर रवाना हुआ था। गनीमत रही कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ और सभी यात्री एवं चालक दल पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने सिरसी हेलीपैड से केदारनाथ के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बाद पायलट को हेलीकॉप्टर में तकनीकी गड़बड़ी का आभास हुआ। सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, पायलट ने नजदीकी सड़क पर आपातकालीन लैंडिंग का निर्णय लिया। हेलीपैड से थोड़ी ही दूरी पर मौजूद सड़क पर हेलीकॉप्टर को सावधानीपूर्वक लैंड कराया गया।
हेलीकॉप्टर के अचानक नीचे उतरने की जानकारी मिलते ही स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों में हलचल मच गई। लेकिन जल्द ही राहत की सांस ली गई जब यह स्पष्ट हुआ कि कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ है। हेलीकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें पायलट समेत छह यात्री थे। सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और हवाई सुरक्षा संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे। हेलीपैड से तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को बुलाया गया ताकि हेलीकॉप्टर की जांच की जा सके और यह पता लगाया जा सके कि तकनीकी खराबी की वजह क्या थी। फिलहाल हेलीकॉप्टर को उड़ान के लिए अनुपयुक्त घोषित कर दिया गया है और उसे सड़क मार्ग से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हेलीकॉप्टर में सवार एक यात्री ने मीडिया को बताया, “हमने जैसे ही उड़ान भरी, हेलीकॉप्टर में कुछ अजीब आवाजें आने लगीं। पायलट ने बहुत ही धैर्य और समझदारी से हेलीकॉप्टर को नीचे उतार दिया। हम सभी बहुत डर गए थे, लेकिन भगवान का शुक्र है कि सब सुरक्षित हैं।”
क्रिस्टल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड ने बयान जारी करते हुए बताया कि घटना में किसी को भी चोट नहीं आई है और पायलट ने तय मानकों के अनुसार आपातकालीन लैंडिंग की। कंपनी ने घटना की जांच शुरू कर दी है और DGCA (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) को भी सूचित कर दिया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब केदारनाथ यात्रा के दौरान हेलीकॉप्टर सेवा में कोई तकनीकी गड़बड़ी सामने आई हो। बीते कुछ वर्षों में मौसम, तकनीकी खामी और कभी-कभी मानवीय चूक के चलते कई बार हेलीकॉप्टर उड़ानें बाधित हुई हैं या आपात स्थिति में लैंडिंग करानी पड़ी है। यही कारण है कि अब हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी निगरानी को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
जिला प्रशासन ने तत्काल इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग ने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सभी हेली सेवा कंपनियों को अलर्ट जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि DGCA की रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्रवाई तय की जाएगी।
हादसे के बाद कुछ समय के लिए यात्रा में रुकावट जरूर आई, लेकिन जल्द ही यात्रियों को अन्य हेलीकॉप्टर सेवाओं के माध्यम से गंतव्य तक भेजा गया। हालांकि, कुछ यात्रियों ने घटना के बाद हेलीकॉप्टर यात्रा से परहेज करने की इच्छा जताई और पैदल मार्ग से दर्शन के लिए रवाना हुए।
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर हुआ यह हेलीकॉप्टर हादसा भले ही एक बड़ा संकट बन सकता था, लेकिन पायलट की तत्परता और सूझबूझ ने इसे टलने दिया। इस घटना ने एक बार फिर हेली सेवाओं की सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं और जरूरत है कि हर उड़ान से पहले सभी तकनीकी पहलुओं की गहनता से जांच की जाए।

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