रिजर्व बैंक ने अहम ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. शुक्रवार को रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने नई मौद्रिक नीति की घोषणा की. देश के सेंट्रल बैंक ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट को पुराने दर पर बरकरार रखा है.रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है, जबकि रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी रखा गया है. कमर्शियल बैंक जिस दर पर रिजर्व बैंक से लोन लेते हैं उसे रेपो रेट कहते हैं. जबकि रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं जिस दर पर रिजर्व बैंक व्यावसायिक बैंकों को अपने पास जमा राशि के लिए ब्याज देता है.
मई 2020 से देश में रेपो रेट 4 फीसदी बना हुआ है. रिजर्व बैंक के अनुसार, ऐसा इसलिए किया गया है ताकि कमर्शियल बैंक कम दर पर रिजर्व बैंक से लोन लेकर सस्ती दर पर ही उपभोक्ता को लोन दे सकें, ताकि देश में औद्योगिक-व्यावसायिक गतिविधियों को रफ्तार मिल सके.रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव से मुक्त हो रही है. उन्होंने कहा कि देश में मांग के परिदृश्य में सुधार हो रहा है लेकिन अभी और सुधार की जरूरत है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के प्रति चौकन्ना रहने की जरूरत है. आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान 9.5 फीसदी बरकरार रखा है.उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति कमेटी के अनुमानों के अनुसार ही जून में देश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ी हैं और अर्थव्यवस्था कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव से निकल रही है. |