हिंदुस्तान

बीजेपी में शामिल हो सकते हैं ED के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वरिष्ठ अधिकारी राजेश्वर सिंह जल्द ही बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. सूत्रों ने बताया है कि वे उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में भी मैदान में उतर सकते हैं. सिंह को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर जाना जाता है और 2जी स्पैक्ट्रम, कोयला घोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स, एयरसेल-मैक्सिस समेत कई मामलों में की जांच में शामिल रहे हैं. इन कई मामलों में कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं का भी नाम आया था.ट्विटर पर राजेश्वर सिंह की बहन और वकील आभा सिंह ने जानकारी दी है कि उनके भाई ने वॉलेंटियरी रिटायरमेंट लिया है. उन्होंने लिखा, ''देश की सेवा करने के लिए ईडी से जल्द रिटायरमेंट लेने के लिए मेरे भाई को बधाई. देश को आपकी जरूरत है.'' वर्तमान में लखनऊ में संयुक्त निदेशक के रूप में कार्यरत, राजेश्वर सिंह 2009 में उत्तर प्रदेश पुलिस से प्रतिनियुक्ति पर ईडी में शामिल हुए थे. उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के मूल निवासी राजेश्वर सिंह धनबाद में इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. उनके पास कानून और मानवाधिकार की डिग्री भी है. 

Congratulations to my brother #RajeshwarSingh of the #ED for opting for early retirement to serve the country. Nation needs you. pic.twitter.com/fBUXKCQNpG

— Abha Singh (@abhasinghlawyer) August 20, 2021

 

राजेश्वर सिंह लखनऊ से दिल्ली एनकाउंटर स्पेशिलिस्ट के तौर पर आए थे. राजेश्वर सिंह को तकरीबन 3 हजार करोड़ रुपये के असेट्स को सीज करने का श्रेय दिया जाता है. मनी लॉन्ड्रिंग के तहत सिंह द्वारा की जा रही जांच में ईडी ने 2जी मामलों में 223 करोड़, रेड्डी मामले में हजार करोड़, एयरसेल-मैक्सिस मामले से 750 करोड़, मधु कोड़ा मामले से तकरीबन 300 करोड़ की प्रॉपर्टी सीज की थी. सिंह ने ईडी में रहते हुए कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच की है. उन्होंने साल 2009 के बाद यूपीए सरकार से से जुड़े कई भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की थी. इन मामलों की वजह से कांग्रेस और उनके गठबंधन दलों को करारा झटका लगा था. जिन मामलों की जांच में वे शामिल रहे थे, उसमें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामला, कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला और कोयला खदान आवंटन घोटाला शामिल है. इनमें से हर मामले में, कांग्रेस या उसके सहयोगियों के शीर्ष नेता मुख्य आरोपी के रूप में सामने आए थे. वह उस टीम का भी हिस्सा थे, जिसने एयरसेल-मैक्सिस सौदे की जांच की थी, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के शामिल होने का आरोप लगा था |

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